कैलाश मानसरोवर यात्रा (नेपाल के रास्ते) नेपालगंज-सिमिकोट-हिलसा मार्ग पर हाल ही में खराब मौसम के मद्देनजर और परिणामस्वरूप एक सप्ताह से अधिक समय से तीर्थयात्रियों के फंसे होने के कारण, भावी तीर्थयात्रियों को निम्नलिखित विवरण का ध्यान रखना चाहिए।
1. सभी संभावित तीर्थयात्रियों / राज्य सरकारों / टूर एजेंसियों को https://www.mea.gov.in/advisories-details.htm?25/Advisory for Kailash Mansarovar Yatra via Nepal पर दिए गए मंत्रालय के स्थायी परामर्श के साथ खुद को अवगत कराना चाहिए और इस पर सच्ची भावना से अमल
करना चाहिये।
2. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि नेपाल में सिमिकोट और हिलसा अशक्त बुनियादी ढाँचे वाले स्थान हैं जहां चिकित्सा सुविधाओं / आरामदायक बोर्डिंग और लॉजिंग सुविधाओं की अत्यंत कमी इस प्रकार, तीर्थयात्रियों को यात्रा शुरू करने से पहले स्वयं की चिकित्सकीय जांच करवानी चाहिए
और साथ ही एक महीने तक की दवा भी साथ ले जाएं।
3. सभी संभावित तीर्थयात्रियों को यह ध्यान देना चाहिए कि सिमिकोट और हिल्सा केवल वायु-मार्ग (छोटे विमान / हेलीकॉप्टर) द्वारा दुनिया के बाकी हिस्सों से जुड़े हैं। इन स्थानों पर और बाहर आने-जाने का और कोई दूसरा मार्ग नहीं है। इसके अलावा, ये छोटे विमान / हेलीकॉप्टर
तभी परिचालन कर सकते हैं जब इन स्थानों और उनके आस-पास के क्षेत्रों में मौसम बिल्कुल साफ हो, क्योंकि भू-भाग और मार्ग बेहद खतरनाक हैं। इस प्रकार खराब मौसम में, यात्रा के विभिन्न चरणों में तीर्थयात्रियों के फंसे होने की बहुत अधिक संभावना है।
विदेश मंत्रालय
नई दिल्ली
जुलाई 05, 2018