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भारत-स्वीडन वर्चुअल शिखर सम्मलेन पर संयुक्त वक्तव्य

मार्च 05, 2021

1. भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा स्वीडन के प्रधानमंत्री स्टीफन लोफवेन ने 5 मार्च 2021 को वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान व्यापक विचार-विमर्श किया।

2. दोनों प्रधानमंत्रियों ने:

i.एम्स-जोधपुर में स्वीडन-इंडिया हेल्थ हब बनाने पर स्वागत किया।

ii.उद्योग पर नेतृत्व समूह की सदस्यता का विस्तार करने के लिए अपनी पहुंच जारी रखने पर सहमत हुए।

iii.इस बात पर सहमति व्यक्त की गई है कि आर्थिक, औद्योगिक तथा वैज्ञानिक सहयोग पर भारत-स्वीडिश संयुक्त आयोग अपनी अगली बैठक में नवाचार, स्वास्थ्य तथा हरित कार्यों में और सहयोग पर संयुक्त कार्य योजना तथा संयुक्त नवाचार भागीदारी के अंतर्गत प्रस्ताव पेश करेगा।

v.अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होने के स्वीडन के फैसले का स्वागत किया।

vi भारत-स्वीडन सहयोगी औद्योगिक अनुसंधान तथा विकास कार्यक्रम के अंतर्गत स्मार्ट तथा सतत शहरों, परिवहन प्रणाली, स्वच्छ प्रौद्योगिकियों तथा डिजिटलीकरण और इंटरनेट ऑफ थिंग्स पर दूसरे संयुक्त औद्योगिक अनुसंधान एवं विकास कार्य के शुभारंभ का स्वागत किया।

vi. स्मार्ट ग्रिड पर भारत-स्वीडन सहयोगी औद्योगिक अनुसंधान तथा विकास कार्यक्रम का स्वागत किया।

vii. विमानन ज्ञान आदान-प्रदान तथा तकनीकी हस्तांतरण कार्यक्रम पर समझौता ज्ञापन के प्रस्ताव का स्वागत किया।

viii. वित्तीय सेवाओं के बीच सहयोग पर सीमा पार भागीदारी बढ़ाने तथा ज्ञान साझा करने को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन के प्रस्ताव का स्वागत किया ।

3. यह बैठक दोनों नेताओं के बीच कई बातचीत का नवीनतम दौर था क्योंकि वे दोनों पहली बार 2014 में पद ग्रहण किये थे। उनकी बैठकों के अलावा स्वीडन तथा भारत ने 2015 तथा 2019 में पारस्परिक राजकीय दौरों का आदान-प्रदान किया।

4. दोनों प्रधानमंत्रियों ने कहा कि ये नियमित उच्चस्तरीय बातचीत एक करीबी द्विपक्षीय साझेदारी को गति प्रदान करती है ।

5. उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि भारत तथा स्वीडन के बीच पुराने घनिष्ठ संबंध लोकतंत्र के साझा मूल्यों, विधि का शासन, बहुलवाद, समानता, वाक् स्वतंत्रता तथा मानवाधिकारों के सम्मान पर आधारित हैं ।

6. शिखर सम्मेलन में जलवायु कार्रवाई, सतत विकास, लैंगिक समानता, आर्थिक विकास, अंतरराष्ट्रीय शांति तथा सुरक्षा, एक नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, आतंकवाद का मुकाबला करने तथा आपदा जुझारू बुनियादी ढांचे सहित पारस्परिक महत्व के क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों के साथ-साथ कोविड-19 महामारी के साथ-साथ क्षेत्रीय तथा वैश्विक मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय स्थिति तथा प्रतिक्रिया पर चर्चा करने का अवसर प्रदान किया गया।

नवाचार और क्लीनटेक के माध्यम से सतत विकास तथा जलवायु कार्रवाई

7.दोनों नेताओं ने कहा कि साझेदारी के प्रमुख क्षेत्रों नवाचार, स्वच्छ प्रौद्योगिकियों, व्यापार तथा अनुसंधान और विकास सहित निवेश के लिए हमारे लोगों के लिए एक और अधिक सतत भविष्य सक्षम हैं। दोनों देश जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक चुनौतियों के प्रति प्रतिक्रिया के समन्वय में भी सहयोग कर रहे हैं, जो ब्रिटेन तथा इटली के लिए एक सफल कॉप-26 के सह-मेजबान के रूप में उनके समर्थन को देखते हुए है।

8. दोनों प्रधानमंत्रियों ने पेरिस समझौते में अमेरिका के फिर से प्रवेश का स्वागत किया जो कॉप-26 से पहले वैश्विक जलवायु कार्रवाई को नई गति देता है। उन्होंने पेरिस समझौते के लक्ष्यों के पूर्ण तथा प्रभावी कार्यान्वयन की दिशा में वैश्विक सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता को स्वीकार किया ।

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन


9. प्रधानमंत्री लोफवेन ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होने के स्वीडन के फैसले की घोषणा की। प्रधानमंत्री मोदी ने इस फैसले का स्वागत किया और कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा तथा स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में स्वीडन की विशेषज्ञता तथा अनुभव जलवायु परिवर्तन से संबंधित चुनौतियों का सामना करने के लिए आईएसए तथा हमारे सामूहिक प्रयासों में महत्वपूर्ण योगदान देगा ।

उद्योग परिवर्तन पर नेतृत्व समूह (लीडइट)

10. भारत तथा स्वीडन में पर्यावरण के मुद्दों पर सहयोग करने की लंबी परंपरा है। प्रधानमंत्रियों ने सितंबर 2019 में यूएनएसजी क्लाइमेट एक्शन शिखर सम्मलेन के दौरान प्रधानमंत्रियों द्वारा शुरू किए गए उद्योग परिवर्तन पर नेतृत्व समूह (सीसेआईटी) संयुक्त वैश्विक पहल के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। लीडइट वर्तमान में 29 सदस्य राष्ट्रों तथा उद्योग है जो पेरिस समझौते के लक्ष्यों के अनुरूप कम कार्बन उत्सर्जन के लिए सभी उद्योग क्षेत्रों में परिवर्तन को तेज करने की दिशा में कार्य करते हैं, तथा 2050 तक शुद्ध शूंय कार्बन उत्सर्जन तक पहुंचने के प्रयासों को भी आगे बढ़ाते हैं। दोनों प्रधानमंत्रियों ने समूह को कम कार्बन स्टील, सीमेंट तथा कंक्रीट उद्योग बनाने के लिए रणनीति विकसित करने के लिए भी आमंत्रित किया। वे इस बात पर सहमत थे कि पर्यावरण मंत्री इस बात का पता लगा सकते हैं कि समूह में कार्य को और भी सशक्त बनाया जाए।

विज्ञान, प्रौद्योगिकी तथा नवाचार

11. प्रधानमंत्री मोदी की 2018 में स्वीडन यात्रा के दौरान दोनों देशों द्वारा स्थापित सफल संयुक्त कार्य योजना तथा संयुक्त नवाचार साझेदारी के अंतर्गत भारत-स्वीडिश सहयोग को गहरा करने पर सहमत हुए।

12.प्रधानमंत्रियों ने कहा कि "अधिक सतत भविष्य के लिए नवाचार" भारत-स्वीडन साझेदारी के मूल में है ।

13. 2019 की आधिकारिक यात्रा के दौरान उच्च स्तरीय नवाचार वार्ता की शुरुआत को याद करते हुए, प्रधानमंत्रियों ने स्वीडिश तथा भारतीय एजेंसियों द्वारा सह-वित्त पोषित अनुसंधान तथा विकास परियोजनाओं की विस्तृत श्रृंखला का उल्लेख किया। उन्होंने 2021 के दौरान स्वास्थ्य तथा जीवन विज्ञान तथा कचरे से धन के विषयों सहित चक्रीय अर्थव्यवस्था पर द्विपक्षीय अनुसंधान तथा नवाचार को बढ़ाने की महत्वाकांक्षा की पुष्टि की। प्रधानमंत्री ने हाइड्रोजन अनुसंधान तथा उनके संभावित अनुप्रयोगों में प्रगति का उल्लेख किया, अर्थात ऊर्जा तथा अन्य प्रमुख उद्योगों में ।

14. उन्होंने दोनों देशों के परिवहन मंत्रियों की उपस्थिति में स्टॉकहोम में फरवरी 2020 में शुरू किए गए स्वीडन-भारत परिवहन नवाचार तथा सुरक्षा भागीदारी (SITIS) द्वारा किए गए कार्यों को भी मान्यता दी ।

व्यापार तथा निवेश

15. प्रधानमंत्रियों ने व्यापार तथा निवेश संबंधों के महत्व पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उच्च स्तरीय भारत स्वीडन व्यापार गोल-मेज़ (आईएसबीएलआरटी), इन्वेस्ट इंडिया, स्वीडिश चैंबर ऑफ कॉमर्स तथा बिजनेस स्वीडन इन संपर्कों को बढ़ावा देने में उपयोगी योगदान दे रहे हैं।

16. दोनों नेताओं ने स्वीडन में भारत और भारतीय फर्मों में स्वीडिश फर्मों की उपस्थिति में लगातार वृद्धि का भी स्वागत किया। इस संबंध में उन्होंने कुछ प्रमुख स्वीडिश फर्मों द्वारा भारत में और निवेश करने के लिए हाल की घोषणाओं का स्वागत किया, अर्थात आईकेइए, एच एंड एम तथा ऑटोलिव।

स्वास्थ्य देखभाल तथा जीवन विज्ञान

17. प्रधानमंत्रियों ने स्वास्थ्य पर समझौता ज्ञापन के अंतर्गत पुराने सहयोगों की सराहना की जो की वर्तमान महामारी के दौरान भी जारी रहा। उन्होंने बुजुर्गों की देखभाल, संक्रमण नियंत्रण, डिजिटलीकरण, गैर-संचारी रोगों तथा स्टार्ट-अप जैसे विषयगत क्षेत्रों पर द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की ।

18. दोनों प्रधानमंत्रियों ने एम्स-जोधपुर में स्वीडन-इंडिया हेल्थ हब बनाने का स्वागत किया। वे इस बात पर सहमत थे कि दोनों देशों के संबंधित स्वास्थ्य मंत्री यह पता लगा सकते हैं कि इस दृष्टिकोण को कैसे साकार किया जा सकता है ।

ध्रुवीय अनुसंधान, आर्कटिक परिषद तथा अंतरिक्ष

19. प्रधानमंत्रियों ने ध्रुवीय अनुसंधान परियोजनाओं तथा ध्रुवीय अभियानों में भागीदारी जैसे ध्रुवीय अनुसंधान में वैज्ञानिक सहयोग के विशिष्ट क्षेत्रों की पहचान करने में हुई प्रगति का स्वागत किया। भारत के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय तथा स्वीडिश ध्रुवीय अनुसंधान सचिवालय के अंतर्गत नेशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओशियन रिसर्च (एनसीपीएके) इस सहयोग को आगे ले जाएंगे। उन्होंने वैश्विक पर्यावरण संरक्षण तथा जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए आर्कटिक परिषद के ढांचे के अंतर्गत अपने सहयोग को और तीव्र करने पर सहमति व्यक्त की ।

20. दोनों नेताओं ने भारतीय और स्वीडिश अंतरिक्ष कर्ताओं को भविष्य के सहयोग के लिए विशिष्ट क्षेत्रों की पहचान करने तथा सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों के संगठनों के बीच पारस्परिक रूप से लाभप्रद साझेदारी की तलाश करने के लिए प्रोत्साहित किया ।रक्षा तथा सुरक्षा

21. दोनों नेताओं ने कहा कि रक्षा तथा सुरक्षा भारत तथा स्वीडन के बीच पुराने सहयोग का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, जिसमें बढ़ी हुई गतिविधियों की काफी गुंजाइश है। स्वीडिश तथा भारतीय भागीदारों के बीच कई प्रौद्योगिकियां, विनिर्माण तथा अनुसंधान एवं विकास साझेदारियां हैं।

22. नेताओं ने सभी रक्षा क्षेत्रों में व्यापक साझेदारी को सक्षम करने के लिए वर्गीकृत सूचनाओं के आदान-प्रदान तथा पारस्परिक संरक्षण पर 2019 में सामान्य सुरक्षा समझौते को अंतिम रूप देने का भी स्वागत किया ।

23.प्रधानमंत्री मोदी ने स्वीडन की रक्षा फर्मों को विशेष रूप से तमिलनाडु तथा उत्तर प्रदेश के दो रक्षा उत्पादन कॉरिडोर में मेक इन इंडिया कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया ।

सामरिक तथा सुरक्षा वार्ता

24. दोनों प्रधानमंत्रियों ने साइबर सुरक्षा सहित पारस्परिक रणनीतिक हितों के मुद्दों पर गहरा जुड़ाव के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों तथा राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालयों के बीच रणनीतिक वार्ता जारी रखने की जरूरत को स्वीकार किया ।

कोरोनावायरस वैश्विक महामारी से मुकाबला

25. दोनों नेताओं ने महामारी से लड़ने के प्रयासों के लिए विश्व भर के स्वास्थ्य कर्मियों की प्रशंसा की। उन्होंने टीकों के तेजी से, किफायती तथा समान वैश्विक वितरण की आवश्यकता पर बल दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत ने कोवैक्स के माध्यम से 50 से अधिक देशों को 48 मिलियन से अधिक खुराक प्रदान की है। प्रधानमंत्री लोफवेन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन ढांचे के अंतर्गत स्वास्थ्य पहल के लिए व्यापार और कोवैक्स में इसके उदार योगदान के साथ स्वीडन के कार्य पर जोर दिया।

भारत-यूरोपीय संघ/भारत-नॉर्डिक साझेदारियां

26. दोनों नेताओं ने कहा कि भारत तथा यूरोपीय संघ एक दूसरे के लिए मूल्यवान भागीदार हैं। उन्होंने मई 2021 में पुर्तगाल में आगामी भारत-यूरोपीय संघ +27 नेताओं की बैठक का स्वागत किया जो भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक साझेदारी के लिए एक नया मील का पत्थर होगा। दोनों नेता व्यापार तथा निवेश समझौतों को समाप्त करने के लिए चर्चाओं में प्रगति के माध्यम से भारत-यूरोपीय संघ की आर्थिक साझेदारी को बढ़ाने के लिए तत्पर हैं ।

27. प्रधानमंत्री मोदी ने 2018 में पहली बार भारत नॉर्डिक शिखर सम्मेलन की सह-मेजबानी के लिए प्रधानमंत्री लोफवेन को धन्यवाद दिया तथा इस परिवेश में बातचीत करने के लिए भविष्य के अवसरों की प्रतीक्षा की। दोनों नेताओं ने कहा कि भारत तथा नॉर्डिक देश जलवायु परिवर्तन, सतत विकास तथा वैश्विक शासन में सुधार जैसी कई वैश्विक चुनौतियों के समान सैद्धांतिक दृष्टिकोण साझा करते हैं ।

बहुपक्षीय सहयोग

28. प्रधानमंत्री लोफवेन ने भारत को 2021-2022 के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के निर्वाचित सदस्य के रूप में अपने आठवें कार्यकाल पर बधाई दी। दोनों प्रधानमंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में तत्काल सुधार के महत्व की पुष्टि की, जिसमें न केवल बहुपक्षीयता की विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए बल्कि मानवता के सामने आने वाली कई गंभीर साझा चुनौतियों को पूरा करने के लिए इसका विस्तार शामिल है। प्रधानमंत्री मोदी ने सुधार तथा विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए स्वीडन के समर्थन के लिए प्रधानमंत्री लोफवेन को धन्यवाद दिया।

29. दोनों प्रधानमंत्रियों ने बहुपक्षीयता तथा शांति और सुरक्षा के प्रति अपनी मजबूत प्रतिबद्धता दोहराई। दोनों नेताओं ने माना कि जिस तरह से संयुक्त राष्ट्र संघ में कई विचार-विमर्श और फैसले किए जाते हैं, उसमें कहीं ज्यादा पारदर्शिता तथा जवाबदेही की जरूरत है। उन्होंने अधिक लोकतंत्र, पारदर्शिता तथा निष्पक्षता की दिशा में वैश्विक शासन संरचनाओं में व्यापक सुधार की आवश्यकता तथा समकालीन वास्तविकताओं को बेहतर बनाने की भी पुष्टि की ।

30. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओएससीई की अध्यक्षता संभालने पर स्वीडन को बधाई दी।

31.दोनों प्रधानमंत्रियों ने इस वर्ष के अंत में आयोजित होने वाले अगले भारत-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन के दौरान अपनी चर्चा जारी रखने पर सहमति व्यक्त की ।

 

नई दिल्ली
मार्च 05, 2021


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