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जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने हेतु टोरंटो प्रस्थान करने से पूर्व प्रधान मंत्री जी का वक्तव्य

जून 25, 2010

कनाडा के प्रधान मंत्री श्री स्टीफन हार्पर के निमंत्रण पर मैं टोरंटो में आयोजित किए जा रहे जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रस्थान कर रहा हूं।

टोरंटो शिखर सम्मेलन की विषय वस्तु "सुधार और नई शुरुआत” है। नवम्बर 2008 में वाशिंगटन में आयोजित पहले शिखर सम्मेलन के बाद जी-20 द्वारा की गई समन्वित नीतिगत कार्रवाईयों से न सिर्फ 1930 के दशक जैसी आर्थिक मंदी पर रोक लगाने में मदद मिली बल्कि इससे वैश्विक आर्थिक पुनरुत्थान की प्रक्रिया में योगदान भी मिला। यह जी-20 की सफलता का संकेत है। इसके साथ ही हमें इस बात के प्रति सजग रहना होगा कि अभी भी आर्थिक सुधार की प्रक्रिया कमजोर और असमान बनी हुई है। यूरो क्षेत्र में चिंता के नए संकेत उभरे हैं।

टोरंटो शिखर सम्मेलन की चुनौती तीन गुनी होगी- यह सुनिश्चित करना कि वैश्विक आर्थिक सुधार की प्रक्रिया स्थायी, संतुलित और सतत हो; विस्तृत राजकोषीय नीतियों से संबंधित बढ़ती चिंताओं के आलोक में निकास रणनीतियों का निर्माण करना; और शासन से जुड़े मध्यम और दीर्घावधिक मुद्दों पर विशेष बल देना। आज जब भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास हो रहा है और अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली के साथ इसका उत्तरोत्तर एकीकरण होता जा रहा है तो इन मामलों में हमारे प्रत्यक्ष हित में भी वृद्धि हो रही है।

हमारे महत्वाकांक्षी विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए आवश्यक है कि विश्व अर्थव्यवस्था में स्थायी और पूर्वानुमेय सुधार की प्रक्रिया जारी रहे। हमें निवेश और पूंजी के प्रवाहों के साथ-साथ ऐसे मुक्त और नियमों पर आधारित व्यापार प्रणाली की आवश्यकता है जो संरक्षणवादी प्रवृत्तियों के दबाव में न आए।

आशा है कि इस शिखर सम्मेलन में ठोस, सतत और संतुलित विकास की रूपरेखा का निर्माण करने पर गहन विचार-विमर्श किया जाएगा। भारत भी इन कार्रवाईयों में भाग लेगा तथा भावी वैश्विक आर्थिक एवं वित्तीय प्रणाली और वांछित वैश्विक विकास प्रक्रियाओं से अपनी आकांक्षाओं को प्रस्तुत करेगा।

हम जी-20 के भावी कार्याकलापों में विकास मुद्दों के महत्व पर विशेष बल देंगे।

कनाडा में अपने प्रवास के दौरान मैं वहां के प्रधान मंत्री श्री स्टीफन हार्पर के साथ द्विपक्षीय चर्चा में भी भाग लूंगा। कनाडा के साथ हमारे संबंध उत्तरोत्तर व्यापक बनते जा रहे हैं और दोनों ही पक्ष इस संबंध को नया जीवन और सक्रियता प्रदान करना चाहते हैं। भारत और कनाडा के मूल्य साझे हैं और हमारे समक्ष एक दूसरे के हित कल्याण एवं समृद्धि में योगदान करने के अनेक अवसर उपलब्ध हैं।

मुझे राष्ट्रपति श्री निकोलस सरकोजी, राष्ट्रपति श्री बराक ओबामा, प्रधान मंत्री श्री डेविड कैमरोन, प्रधान मंत्री श्री नाओतो कान के साथ अलग-अलग होने वाली बैठकों तथा ब्रिक नेताओं के साथ होने वाली बैठकों की प्रतीक्षा है।

नई दिल्ली
25 जून, 2010



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