महामहिम प्रधान मंत्री स्टीफन हार्पर,
मादाम लाउरिन हार्पर,
महानुभाव, विशिष्ट अतिथिगण,
आज इस शाम यहां उपस्थित होना मेरी पत्नी और मेरे लिए अपार सम्मान की बात है। इस शानदार रात्रिभोज पर आमंत्रित करने के लिए हम प्रधान मंत्री श्री हार्पर और मादाम हार्पर के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं। इस महान देश की सरकार और जनता द्वारा प्रदर्शित सौहार्द
एवं प्रदत्त आतिथ्य सत्कार से हम वास्तव में अभिभूत है।
मैं आपमें से प्रत्येक को भारत की जनता की शुभकामनाएं संप्रेषित करता हूँ।
भारत और कनाडा में कई समानताएं हैं। हम भूगोल के आधार पर अलग परन्तु मूल्यों के आधार पर एक हैं।
हमारे दोनों ही देश अपनी आजादी, अपने लोकतांत्रिक जीवन तथा बहुलवाद और सहिष्णुता की अपनी भावना को संजोकर रखना चाहते हैं।, मुझे इस बात की जानकारी है कि यह खूबसूरत शहर टोरंटो,जो प्रधान मंत्री श्री हार्पर का जन्म स्थान भी है, दोनों राष्ट्रों को परिभाषित करने
वाली जीवन्तता, ऊर्जा और विविधता का मूर्त रूप है। आज से 37 वर्ष पूर्व कनाडा की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए प्रधान मंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने कहा था कि कनाडाई जनता की सर्वप्रमुख उपलब्धि उनके द्वारा प्राप्त उच्च आर्थिक मानदण्ड नहीं बल्कि
''यह तथ्य है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय कनाडा को मित्रों के देश और अंतर्राष्ट्रीय सामंजस्य एवं शांति के एक कारक के रूप में देखता है।
कनाडा के लोग व्यापक उदार जीवन दर्शन में विश्वास करते हैं। उन्होंने शांति और जातीय न्याय के लिए लड़ाई की है।''
ये शब्द आज भी सत्य हैं और मैं इनका पूर्ण समर्थन करता हूँ।
पिछले वर्षों के दौरान कनाडा ने इन मूल्यों को और संवर्धित किया है और यह उन सभी देशों के लिए आशा की किरण बना गया है, जो न्याय और अवसरों की समानता में विश्वास करते हैं। वैश्विक मामलों में कनाडा की प्रभावशाली भूमिका है। यह भूमिका अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं स्थिरता
के अनुरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, मानवाधिकारों तथा विधिसम्मत शासन के संवर्धन एवं संरक्षण से संबंधित हैं।
जी-20 को उत्कृष्ट नेतृत्व प्रदान करने के लिए मैं प्रधान मंत्री श्री हार्पर को बधाई देता हूँ। इस शिखर सम्मेलन की सफलता प्रधान मंत्री श्री हार्पर और उनकी टीम के उत्कृष्ट बौद्धिक एवं संगठनात्मक कौशलों को एक श्रद्धांजलि है।
वैश्विक आर्थिक संकट के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था ने लोचनीयता का प्रदर्शन किया है और अब यह 8 से 9 प्रतिशत की वार्षिक विकास दर पर वापस आने के लिए तैयार है। हमारा उद्देश्य इससे भी ऊंचा है और हम इस बात के प्रति आश्वस्त हैं कि हमारे पास इस प्रकार का उत्कृष्ट
परिणाम प्राप्त करने के लिए अनुकूल स्थितियां मौजूद हैं।
लोकतांत्रिक रूपरेखा के भीतर भारत जैसे विशाल देश में सामाजिक-आर्थिक बदलाव के शेष विश्व पर असीम प्रभाव होंगे। भारत एक ऐसे बाह्य परिवेश की आकांक्षा रखता है, जो शांतिपूर्ण हो और हमारे विकासात्मक लक्ष्यों को प्राप्त करने के संदर्भ में अनुकूल हो। इसी रूपरेखा
के अंतर्गत अब हम भारत और कनाडा के बीच मिलकर कार्य करने की असीम संभावनाएं देख रहे हैं जिससे कि दोनों ही देशों के लिए बेहतर भविष्य का निर्माण किया जा सके।
हाल के वर्षों में क्यूबेक और ओंटारियो के प्रधान मंत्रियों ने भारत का दौरा किया है। मोनीटोबा और सस्काचेवान जैसे अन्य कनाडाई प्रान्तों ने भी भारत के साथ व्यावसायिक संपर्कों को बढ़ावा देने में अपनी रुचि का प्रदर्शन किया है। कनाडा ने भारत में नए व्यापार
कार्यालय भी खोले हैं।
दूर संचार, पर्यावरण, ऊर्जा, वित्तीय सेवाएं और परिवहन इत्यादि जैसे क्षेत्रों में बड़ी संख्या में कनाडाई निवेशक भारत आ रहे हैं। पिछले दशक के दौरान कनाडा में किए जाने वाले भारतीय निवेश में भी दस गुना वृद्धि हुई है। ये सब अत्यंत उत्साहवर्धक संकेत हैं। प्रधान
मंत्री श्री हार्पर और मैंने शिक्षा क्षेत्र की पहचान उच्च प्राथमिकता के क्षेत्र के रूप में की है।
भारत में भी हमने एक बड़े शैक्षिक एवं कौशल विकास कार्यक्रम की शुरुआत की है। कनाडाई विश्वविद्यालय और शैक्षिक संस्थान अपनी उत्कृष्टता एवं विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रसिद्ध हैं। हमें आधुनिकतम प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में सहयोग करते हुए
21वीं सदी की ज्ञान अर्थव्यवस्था का निर्माण करना चाहिए।
संपूर्ण विश्व से आए लोगों का स्वागत और समावेश करना कनाडा की सबसे महान क्षमताओं में से एक है। आज कनाडा में भारतीय मूल के लोगों की संख्या लगभग 1.1 मिलियन है।
यह समुदाय हमारे दोनों देशों के बीच एक सेतु का कार्य करता है और अत्यंत कठिन परिस्थितियों में भी ठोस और अटूट बना रहा है। उनकी सामाजिक एवं आर्थिक प्रगति के लिए उन्हें जो अवसर प्रदान किया गया है, हम उसकी सराहना करते हैं।
मैं आज यहां उन लोगों की उपस्थिति को विशेष रूप से स्वीकार करता हूँ और कनाडा के नागरिकों के रूप में उनके लिए अपार सफलता की कामना करता हूँ।
मुझे इस बात की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत और कनाडा के बीच घनिष्ठ सांस्कृतिक संपर्कों को बढ़ावा देने के लिए हम वर्ष 2011 में कनाडा में एक वर्ष तक चलने वाले भारत महोत्सव का आयोजन करने जा रहे हैं।
इस महोत्सव के जरिए भारत की समृद्ध संस्कृति और कलात्मक विरासत को प्रदर्शित किया जाएगा तथा बेहतर पर्यटन एवं यात्रा को बढ़ावा दिया जा सकेगा।
विशिष्ट अतिथिगण,
भारत और कनाडा की जनता के बीच एक दूसरे के लिए स्वाभाविक सहानुभूति का भाव है। आइए, इस आधारशिला का लाभ लेते हुए हम एक ऐसे न्यायसंगत, उपयुक्त एवं न्यायोचित विश्व का सृजन करें जिसमें मानव सम्मान की भी सुरक्षा हो।
एक बार पुन: मैं प्रधान मंत्री तथा मादाम हार्पर को उनके द्वारा प्रदत्त आतिथ्य सत्कार के लिए तथा इस शाम अपनी उपस्थिति से हमें सम्मानित करने के लिए अन्य विशिष्ट अतिथियों को धन्यवाद देता हूँ।
आप सबका धन्यवाद।
टोरंटो
27 जून, 2010