राष्ट्रपति ओबामा: अपने मित्र, प्रधान मंत्री श्री सिंह से एक बार पुन: मिलने का अवसर पाकर मुझे अपार हर्ष हो रहा है। जैसा कि मैंने पहले कहा और मेरा अभी भी यही मानना है कि प्रधान मंत्री श्री सिंह ने न सिर्फ भारत अपितु संपूर्ण विश्व को जो नेतृत्व प्रदान किया
है उससे हमें अनेक कठिनाइयों से उबरने में मदद मिली है।
मैं आपको बताना चाहता हूँ कि जी-20 शिखर सम्मेलन में जब प्रधान मंत्री श्री सिंह बोलते हैं, तो उन्हें ध्यान से सुना जाता है क्योंकि उन्हें आर्थिक मुद्दों की गहन जानकारी है और वे इस बात को समझते हैं कि आज जब भारत न सिर्फ क्षेत्रीय बल्कि वैश्विक स्तर पर
एक ताकत बनकर उभर रहा है,
तो शांति और समृद्धि से जुड़े मुद्दों पर विश्व समुदाय के साथ मिलकर कार्य करने की इसकी महती जिम्मेदारी है।
पिछली बार जब प्रधान मंत्री श्री सिंह ने संयुक्त राज्य अमरीका का दौरा किया था तब हमने एक सामरिक भागीदारी की स्थापना की थी जिसमें सर्वोच्च स्तर पर हमारे मंत्री शामिल हैं। इन्हें व्यावसायिक संबंधों, प्रतिरक्षा संबंधों तथा जलवायु परिवर्तन जैसे महत्वपूर्ण
बहुपक्षीय मुद्दों पर समन्वय स्थापित करने का कार्य सौंपा गया है। इसी के परिणामस्वरूप अनुवर्ती कार्रवाइयों के लिए तथा अमरीकी विदेश मंत्री श्री क्लिंटन के साथ उच्चस्तरीय संवाद के लिए भारत के विदेश मंत्री श्री कृष्णा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने
वाशिंगटन का दौरा किया।
मुझे भी उस संवाद में भाग लेने का अवसर मिला था।
हम यह भी सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सरकार से सरकार के बीच स्थापित संपर्कों के अतिरिक्त हम लोगों से लोगों के बीच संपर्कों को भी बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं। इसी क्रम में भारतीय-अमरीकी मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के एक सम्मेलन का आयोजन किया गया। हम
इस बात पर नजर रखना जारी रखेंगे कि हमारे व्यवसायी किस प्रकार मिलजुलकर कार्य करते हैं। तदुपरान्त हम संयुक्त राज्य अमरीका और भारत के बीच विद्यमान संबंधों में सुधार लाने के लिए उनकी अनुशंसाओं का उपयोग करेंगे।
मैंने अपनी ओर से तथा मिशेल की ओर से भारत यात्रा के निमंत्रण को सहर्ष स्वीकार किया है। यह एक ऐसी यात्रा है जिसकी मुझे प्रतीक्षा रहेगी और मैं जानता हूँ कि प्रधान मंत्री जी और उनकी भद्र पत्नी हमारा भव्य आतिथ्य सत्कार करेंगी। हम वर्तमान में और पूर्व में
भारत द्वारा विश्व को दिए गए सांस्कृतिक, राजनैतिक तथा सामाजिक एवं आर्थिक संदेश के प्रति भी उत्सुक हैं।
अत: प्रधान मंत्री महोदय, आपकी मैत्री के लिए धन्यवाद और मुझे आगामी महीनों में आपके साथ मिलकर कार्य करने की प्रतीक्षा रहेगी। मैं समझता हूँ कि भारत में हमारा हमारा प्रवास अत्यंत ही उपयोगी होगा।
प्रधान मंत्री: राष्ट्रपति महोदय, सौहार्दपूर्ण शब्दों के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। मैं इस बात की पुष्टि करता हूँ कि भारत संयुक्त राज्य अमरीका के साथ अपने संबंधों को सर्वाधिक महत्वपूर्ण मानता है। अमरीका के साथ
हमारी सतत भागीदारी है।
राष्ट्रपति महोदय हमारा साझा प्रयास इस सामरिक भागीदारी को नया बल, नया अर्थ और महत्व देने का है। राष्ट्रपति महोदय, इस वैश्विक प्रयास में आपके साथ सहयोजित होना वास्तव में हमारे लिए विशेषाधिकार की बात है।
राष्ट्रपति महोदय, आप विश्व की करोड़ों जनता के लिए एक रोल मॉडल हैं। आपके जीवन का इतिहास एक ऐसा इतिहास है, जो करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। यह इस बात का ज्वलन्त उदाहरण है कि किस प्रकार कोई व्यक्ति सादगी, कठोर परिश्रम और मूल्यों के प्रति
वचनबद्धता के आधार पर इतना ऊंचा उठ सकता है।
राष्ट्रपति महोदय, आपकी मैत्री मेरे लिए विशेषाधिकार की बात है और यह मैत्री मुझे जीवन भर प्रिय रहेगी।
पिछले वर्ष आपने मेरी पत्नी और मेरे लिए जिस रात्रिभोज का आयोजन किया था, वह हम दोनों के लिए अविस्मरणीय शाम थी। मुझे इसी वर्ष बाद में आपकी, प्रथम महिला की और आपके बच्चों की भारत यात्रा की प्रतीक्षा रहेगी। राष्ट्रपति महोदय,भारत में सौहार्दपूर्ण स्वागत आपकी
प्रतीक्षा कर रहा है। मेरा पक्के तौर पर मानना है कि भारत की विविधता और भारत की जटिलता के संदर्भ में आपकी यह यात्रा अत्यंत ही उपयोगी और सुखद होगी।
भारत में हम घोर गरीबी, अज्ञानता और बीमारी से लड़ने का प्रयास कर रहे हैं जिसने अभी भी हमारी लाखों जनता को अपने चंगुल में जकड़ रखा है।
हमारी साझी इच्छा है कि हम अपने जीवन काल में ही इस त्रासदी को दूर भगाने के लिए मिलकर कार्य करें। इस प्रयास में संयुक्त राज्य अमरीका का समर्थन हमारे लिए अत्ंयत महत्वपूर्ण है। सामाजिक न्याय के प्रति आपकी निजी वचनबद्धता को हम नहीं भूल सकते।
मुझे अपने देश में आपका और आपके परिवार का स्वागत करने की प्रतीक्षा है जिससे कि आप स्वयं ही देख सकें कि हम क्या करने का प्रयास कर रहे हैं
और विधिसम्मत शासन तथा मौलिक आजादी के प्रति लोकतांत्रिक वचनबद्धता की रूपरेखा में सामाजिक एवं आर्थिक परिवर्तन को प्रबंधित करने में कितनी कठिनाइयां हैं। मैं समझता हूँ कि भारत इन्हीं लक्ष्यों को प्राप्त करने का प्रयास कर रहा है।
इस प्रयास में हम आपकी सक्रिय भागीदारी चाहते हैं। आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
राष्ट्रपति ओबामा: आप सबको धन्यवाद।
टोरंटो
27 जून, 2010