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प्रधान मंत्री डा. मनमोहन सिंह की यात्रा के दौरान जारी भारत-कनाडा संयुक्त वक्तव्य

जून 27, 2010

भारत के प्रधान मंत्री डा. मनमोहन सिंह ने कनाडा के प्रधान मंत्री श्री स्टीफन हार्पर के निमंत्रण पर 26 जून से 28 जून तक कनाडा का दौरा किया। इस यात्रा के दौरान प्रधान मंत्री श्री सिंह ने टोरंटो में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लिया और कनाडा के प्रधान मंत्री श्री हार्पर के साथ द्विपक्षीय चर्चा की।

द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति की समीक्षा करते हुए दोनों प्रधान मंत्रियों ने दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में किए जा रहे संवर्धित कार्यकलापों, यात्राओं तथा अन्य आदान-प्रदानों का स्वागत किया। उन्होंने भारत और कनाडा के बीच आर्थिक, राजनयिक, शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संबंधों को और व्यापक तथा गहन बनाने की अपनी इच्छा व्यक्त की।

दोनों प्रधान मंत्रियों ने 23 जून, 1985 को एयर इंडिया विमान 182 "कनिष्क” दुर्घटना की पच्चीसवीं वर्षगांठ पर सादगी से अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। इस दुर्घटना में 329 लोगों की मौत हो गई थी। उन्होंने आतंकवाद के सभी स्वरूपों और अभिव्यक्तियों की भर्त्सना की और आतंकवाद-का मुकाबला एवं सुरक्षा से जुड़े अन्य मामलों में बेहतर सहयोग करने हेतु अपनी-अपनी सरकारों को निदेश देने पर सहमति व्यक्त की।

अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद का मुकाबला करने में किए जा रहे वैश्विक सहयोग को गहन बनाने की आवश्यकता को दोहराते हुए उन्होंने संयुक्त राष्ट्र की रूपरेखा के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद से संबद्ध व्यापक अभिसमय को शीघ्रातिशीघ्र संपन्न और पारित किए जाने का आह्वान किया।

प्रधान मंत्री श्री सिंह और कनाडा के प्रधान मंत्री श्री हार्पर ने परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग में सहयोग किए जाने से संबद्ध करार पर हस्ताक्षर किए जाने का स्वागत किया जिससे दोनों देशों के बीच असैनिक परमाणु सहयोग को सुविधाजनक बनाने में सहायता मिलेगी। दोनों प्रधान मंत्रियों ने इस करार का अनुसमर्थन किए जाने और सभी शेष कार्यवाहियों को पूरा किए जाने के प्रति अपनी वचनबद्धता व्यक्त की जिससे कि शीघ्रातिशीघ्र इसका कार्यान्वयन सुनिश्चित हो सके। उन्होंने पारस्परिक रूप से लाभकारी असैनिक सहयोग और व्यापार की संभावनाओं का भी उल्लेख किया।

दोनों नेताओं ने विभिन्न गतिविधियों और संस्थागत रूपरेखाओं का विस्तार किए जाने के प्रति अपनी वचनबद्धता व्यक्त की जिससे कि अगले पांच वर्षों के दौरान द्विपक्षीय व्यापार में प्रतिवर्ष 15 बिलियन अमरीकी डालर की वृद्धि किए जाने के साझे लक्ष्य को प्राप्त करने में योगदान मिलेगा।

नवम्बर 2009 में प्रधान मंत्री श्री हार्पर की भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों ने भारत और कनाडा के बीच व्यापक आर्थिक भागीदारी करार संपन्न किए जाने की व्यवहार्यता का पता लगाने के लिए संयुक्त अध्ययन दल की स्थापना करने हेतु एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। दोनों प्रधान मंत्रियों ने उस रिपोर्ट को भी अंतिम रूप दिए जाने का स्वागत किया जिसमें संयुक्त अध्ययन दल ने इस प्रकार के करार के आधार पर प्राप्त किए जाने वाली उपलब्धियों का उल्लेख किया था। दोनों प्रधान मंत्रियों ने नोट किया कि दोनों देशों द्वारा इस रिपोर्ट की अनुसंशाओं की जांच की जाएगी और तत्काल अनुमोदन प्राप्त करने के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं की पहल की जाएगी।

हम इस कार्य को अक्टूबर माह के अंत तक पूरा करना चाहते हैं।

दोनों प्रधान मंत्रियों ने कनाडा के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मंत्री और भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री के बीच व्यापार और निवेश पर वार्षिक संवाद आयोजित किए जाने की अपनी वचनबद्धता की भी घोषणा की। उन्होंने इस वर्ष बाद में भारत-कनाडा मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोलमेज बैठक के आयोजन की संभावनाओं का भी स्वागत किया।

दोनों प्रधान मंत्रियों को सामाजिक सुरक्षा करार पर शीघ्रातिशीघ्र हस्ताक्षर किए जाने और इसका अनुसमर्थन एवं कार्यान्वयन किए जाने की प्रतीक्षा है। उन्होंने नोट किया कि विदेशी निवेश संवर्धन एवं संरक्षण करार पर बातचीत की जा रही है और इसे शीघ्र संपन्न किया जाना चाहिए।

इन दोनों करारों से दोनों देशों के बीच वाणिज्यिक एवं आर्थिक कार्यकलापों के संवर्धन में खासा योगदान मिलेगा।

दोनों प्रधान मंत्रियों ने भूविज्ञान एवं खनन क्षेत्र में समझौता ज्ञापन संपन्न किए जाने का स्वागत किया। दोनों नेता प्राकृतिक संसाधनों एवं अवसंरचना क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग, व्यापार और निवेश की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए परिवहन क्षेत्र में एक समझौता ज्ञापन संपन्न करना चाहते हैं।

कृषि और कृषि-खाद्य क्षेत्र में सहयोग हमारे संवर्धित कार्यकलापों का एक अन्य महत्पूर्ण क्षेत्र है और दोनों नेता जनवरी 2009 में संपन्न समझौता ज्ञापन के तहत निर्धारित परियोजनाओं का प्रगतिशील कार्यान्वयन चाहते हैं।

दोनों प्रधान मंत्रियों ने इस बात को स्वीकार किया कि हमारे संबंधों की ताकत दोनों देशों के लोगों के बीच विद्यमान जीवंत एवं चिरकालिक संबंधों में सन्निहित हैं। इस संदर्भ में उन्होंने शिक्षा, शैक्षिक संबंध, कला, संस्कृति, खेल और पर्यटन सहित अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में संपर्कों के विस्तार को बढ़ावा देने पर अपनी सहमति व्यक्त की।

दोनों देशों के उच्च शिक्षा के विभिन्न संस्थानों के बीच आदान-प्रदान और सहयोग की प्रक्रिया में प्राप्त गतिशीलता का और संवर्धन करने के उद्देश्य से दोनों प्रधान मंत्रियों ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने का स्वागत किया। इस समझौता ज्ञापन से दोनों देशों के उच्च शिक्षा के संस्थानों के बीच शैक्षिक आदान-प्रदान, भागीदारियों और आवाजाही का मार्ग प्रशस्त होगा।

दोनों प्रधान मंत्रियों ने भारतीय एवं कनाडाई विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों को जोड़े जाने से संबंधित पहल पर गौर किया। इसमें कनाडा के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पाठ्यचर्या विकास और, भारतीय अध्ययन पीठों तथा केंद्रों का सृजन किया जाना शामिल है। इस संदर्भ में कार्लटन विश्वविद्यालय और मैकगिल विश्वविद्यालय में स्थापित किए जाने वाले केंद्रों का उल्लेख किया जा सकता है।

उन्होंने वर्ष 2011 में कनाडा में भारत महोत्सव आयोजित किए जाने की पहल का भी स्वागत किया। भारत महोत्सव में मंचीय कलाओं, प्रदर्शनियों, फिल्म महोत्सवों, खाद्य महोत्सवों इत्यादि के जरिए भारतीय संस्कृति के विविधतापूर्ण स्वरूप को प्रदर्शित किया जाएगा।

इसके अतिरिक्त कनाडा की नेशनल गैलरी से इन्विट आर्ट की उत्कृष्ट कलाकृतियों का प्रदर्शन इसी वर्ष नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय संग्रहालय में किया जाएगा। उन्हें अक्तूबर 2010 में भारत में आयोजित किए जा रहे राष्ट्रमंडल खेलों की भी प्रतीक्षा है। इन क्षेत्रों में और सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से दोनों प्रधान मंत्रियों ने सांस्कृतिक सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन संपन्न किए जाने का स्वागत किया।

इस संयुक्त वक्तव्य में किए गए उल्लेख के अनुसार निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दोनों नेताओं ने राजनैतिक कार्यकलापों और अपने अधिकारियों के बीच नियमित उच्च स्तरीय यात्राओं की प्रक्रिया को कायम रखने की पुष्टि की।

वार्षिक भारत-कनाडा विदेश नीति परामर्श, सामरिक संवाद, व्यापार नीति विचार-विमर्श, आतंकवाद का मुकाबला करने से संबद्ध संयुक्त कार्यकारी दल, कृषि से संबद्ध कार्यकारी दल, संयुक्त विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी सहयोग समिति, पर्यावरण मंच तथा ऊर्जा मंच जैसे मौजूदा तंत्रों के कार्यकलापों के आधार पर उन्होंने दोनों सरकारों के मंत्रालयों और विभागों के बीच नीतिगत आदान-प्रदान को बढ़ावा दिए जाने पर भी अपनी सहमति व्यक्त की।

ओटावा, ओंटारिओ
27 जून, 2010



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