भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडु दो देशों की राज्य यात्रा पर हैं। उनके साथ उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल में श्री संजीव कुमार बालियान, माननीय पशुपालन, मत्स्य पालन और डेयरी राज्य मंत्री, श्री रामविचर नेतम, माननीय संसद सदस्य और भारत सरकार के वरिष्ठ
अधिकारी शामिल हैं।
माननीय उपराष्ट्रपति कल शाम कोमोरोस की राजधानी मोरोनी पहुंचे। उनके वहां पहुँचने पर कोमोरोस संघ के राष्ट्रपति महामहिम श्री अजाली आसुमानी और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने उनका स्वागत किया गया। होटल जाने के रस्ते में उनका औपचारिक और भव्य
स्वागत किया गया।
माननीय उपराष्ट्रपति की कोमोरोस की भारत की पहली उच्च स्तरीय यात्रा है।
कल शाम माननीय उपराष्ट्रपति ने भारतीय समुदाय को संबोधित किया, जहां उनके भाषण का व्यापक रूप से उत्साह के साथ स्वागत किया गया। कोमोरोस में लगभग 250 पीआईओ और एनआरआई का एक छोटा लेकिन जीवंत भारतीय समुदाय है।
आज प्रातः दोनों राजनेताओं ने राष्ट्रपति भवन में प्रतिनिधिमंडल स्तर पर आधिकारिक विचार-विमर्श के साथ-साथ एक एकांतिक वार्ता भी की। मंत्रिमंडल के कई मंत्री उपस्थित थे। यह चर्चा एक असाधारण सौहार्द और मैत्रीपूर्ण वातावरण में आयोजित हुई।
महामहिम राष्ट्रपति अज़ली असुमानी ने माननीय उपराष्ट्रपति का भव्य स्वागत किया और इस यात्रा के लिए उनकी अत्यंत सराहना की। उन्होंने दोनों देशों के बीच गहरे रिश्तो का उल्लेख किया जिसके कारण हिंद महासागर में हमारे घनिष्ठ संबंध हैं। उन्होंने 20वीं सदी में विश्व को
दिशा देने में महात्मा गांधी के योगदान का स्मरण किया। उन्होंने यह भी घोषणा की कि कोमोरोस 150वीं जयंती के अवसर पर महात्मा गांधी के सम्मान में एक विशेष डाक टिकट जारी करेगा। उन्होंने विशेष रूप से हिंद महासागर क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए भारत-कोमोरोस द्विपक्षीय
सहयोग के महत्व पर जोर दिया।।
महामहिम राष्ट्रपति आसुमानी ने विशेष रूप से स्वास्थ्य, रक्षा, संस्कृति, विदेश कार्यालय परामर्श आदि क्षेत्रों में हस्ताक्षरित विभिन्न समझौतों पर अपनी खुशी व्यक्त की। उन्होंने अपने 2030 विजन और कोमोरोस को उभरती अर्थव्यवस्था में बदलने के कार्यक्रम का उल्लेख किया।
कोमोरोस के विदेश मंत्री ने आतंकवाद, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार, एसडीजी के कार्यान्वयन, हिंद महासागर क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता, गरीबी उन्मूलन, जलवायु परिवर्तन आदि में भारत के साथ काम करने की वचनबद्धता पर बल दिया। उन्होंने भारत की तकनीकी
विशेषज्ञता और अनुभव को निरंतर समर्थन देने और साझा करने का अनुरोध किया। अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के सह-संस्थापक के रूप में, कोमोरोस सौर परियोजनाओं के लिए भारत से सहयोग के लिए आशा करेगा। कोमोरोस ने भी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की सदस्यता के लिए
अपना समर्थन व्यक्त किया।
माननीय उपराष्ट्रपति ने ऐतिहासिक और घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंधों और दोनों देशों के सामने आ रही इसी प्रकार की चुनौतियों को दोहराया। उन्होंने पिछले वर्ष मार्च में आईएसए के संस्थापना सम्मेलन में कोमोरोस के राष्ट्रपति की सफल यात्रा और कोमोरोस से भारत की अन्य यात्राओं
का स्मरण किया। उन्होंने विभिन्न अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की उम्मीदवारी के लिए लगातार समर्थन के लिए कोमोरोस का धन्यवाद किया।
माननीय उपराष्ट्रपति ने इस बात पर जोर दिया कि हमारी समुद्री सुरक्षा आपस में जुड़ी हुई है और हिंद महासागर में सहयोगात्मक सुरक्षा संरचना के लिए प्रधानमंत्री मोदी के दृष्टिकोण को दोहराया। दोनों पक्षों ने रक्षा सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। भारत ने
कोमोरोस को इंटरसेप्टर नौकाओं के लिए 2 मिलियन अमरीकी डालर और उच्च गति इंटरसेप्टर नौकाओं की खरीद के लिए 20 मिलियन अमरीकी डालर की अनुदान राशि देने की भी घोषणा की।
दोनों पक्षों ने सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद से लड़ने की शपथ ली। इस संदर्भ में, माननीय उपराष्ट्रपति ने इस वर्ष फरवरी में पुलवामा में भारतीय सुरक्षा बलों पर आतंकी हमलों की निंदा करने के लिए कोमोरोस को धन्यवाद दिया।
माननीय उप-राष्ट्रपति ने कोमोरोस के साथ हमारे विकास अनुभव, विशेषज्ञता और भागीदारी को साझा करने की भारत की इच्छा भी व्यक्त की। इस संदर्भ में उन्होंने मोरोनी में 18 मेगावाट के विद्युत संयंत्र की स्थापना के लिए भारत द्वारा 41.6 मिलियन अमरीकी डालर और व्यावसायिक
प्रशिक्षण केन्द्र के लिए एक अन्य लाइन ऑफ़ क्रेडिट अनुदान सहायता प्रदान को दोहराया। उन्होंने सौर ऊर्जा परियोजनाओं, क्षमता निर्माण, विशेष रूप से आईटीईसी और आईसीसीआर के तहत हमारे विकास सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए भारत की तत्परता का संकेत दिया और भारत द्वारा अफ्रीका
में इस महीने के 7 अक्टूबर विदेश मंत्री द्वारा शुरू की गई ई-वीबीएबी टेली-एजुकेशन और टेली-मेडिसिन पैन-अफ्रीका परियोजना पर हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन पर अपनी खुशी व्यक्त की।
भारत ने एक मिलियन अमरीकी डॉलर मूल्य की दवाओं, एक मिलियन अमरीकी डालर के परिवहन वाहनों और 1000 मीट्रिक टन चावल भी उपहार में देने की घोषणा की। कला और संस्कृति पर एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए। दोनों पक्षों ने नोट किया कि भारत कोमोरोस का दूसरा सबसे बड़ा
व्यापार भागीदार है और उन्होंने भारतीय कंपनियों द्वारा अधिक निवेश करने और व्यापार संबंधों को बढ़ाने का स्वागत किया।
स्वास्थ्य सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए गए और दोनों पक्षों ने नोट किया कि अनेक कोमोरियनों ने चिकित्सा उपचार के लिए भारत को चुना है। माननीय उपराष्ट्रपति ने कोमोरोस में भारतीय समुदाय के कल्याण की देखभाल करने के लिए महामहिम राष्ट्रपति आसुमानी का
धन्यवाद किया और कोमोरियन अर्थव्यवस्था और समाज में महत्वपूर्ण योगदान के लिए भारतीय समुदाय की सराहना की।
एक अनूठे सम्मान में महामहिम राष्ट्रपति आसोमनी ने माननीय उपराष्ट्रपति को कोमोरोस के सर्वोच्च सम्मान 'कमांडर ऑफ़ आर्डर ऑफ़ दी ग्रीन क्रेसेंट ऑफ़ कोमोरोस' प्रदान किया। माननीय उपराष्ट्रपति ने भारत के 1.3 अरब लोगों की ओर से इस सम्मान को स्वीकार किया और भारत-कोमोरोस
मित्रता के प्रतीक के रूप में, हिंद महासागर को 'मित्रता का सागर' कहा।
महामहिम राष्ट्रपति आसुमानी ने माननीय उपराष्ट्रपति के सम्मान में एक भोज का आयोजन किया। आज दोपहर बाद एक और अनूठा कार्यक्रम है जिसमे माननीय उपराष्ट्रपति कोमोरोस की नेशनल एसेम्बली को संबोधित करेंगे। यह पहली बार होगा कि कोमोरोस की संसद को संबोधित करने के लिए भारत
के किसी उच्च पदस्थ व्यक्ति को आमंत्रित किया गया है।
कल माननीय उपराष्ट्रपति और प्रतिनिधिमंडल अफ्रीका की अपनी यात्रा के दूसरे चरण में सिएरा लियोन के लिए रवाना होंगे।