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भारत-स्लोवेनिया बिजिनेस फोरम में राष्ट्रपति का सम्बोधन
सितम्बर 17, 2019
मुझे स्लोवेनिया-भारत बिजिनेस फोरम को सम्बोधित करते हुए प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। मैं राष्ट्रपति पाहोर को उनकी यहाँ की उपस्थिति तथा स्लोवेनिया-भारत आर्थिक समझौतों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता के लिए धन्यवाद देता हूँ।
मैं इस व्यापारिक समारोह के आयोजन के लिए स्लोवेनियन चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री, भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मण्डल, भारतीय उद्योग परिसंघ तथा भारतीय व्यापारी मण्डल को भी धन्यवाद देना चाहता हूँ। इस दौरे पर मेरे साथ 20 भारतीय कम्पनियाँ आई हैं। मुझे ज्ञात है कि उन्होंने अपने समकक्षों के साथ सार्थक व्यापारिक परिचर्चा की है।
भाइयो और बहनो,
भारत को स्लोवेनिया में संस्कृति तथा आध्यात्मिक भूमि के रूप में जाना जाता है। वे अपनी जगह सही हो सकते हैं किन्तु इस धारणा की पुष्टि के लिए आपको नये भारत की आर्थिक ऊर्जा तथा गतिशीलता का अनुभव करने की आवश्यकता है। आज भारत विश्व की सबसे तेज उभरती हुई अर्थव्यवस्था है। हमने 2025 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का देश बनने का लक्ष्य रखा है। आपको भारत में एक परिवर्तित व्यापारिक परिवेश मिलेगा, जिसका एक उत्तम उदाहरण गत पाँच वर्षों के दौरान विश्व बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजिनेस (व्यापार करने में सुगमता) की श्रेणी में 65 स्थान की असाधारण छलांग लगाने से प्राप्त हो जाता है। माल एवं सेवा कर के अद्वितीय प्रचलन ने 1.3 बिलियन जनसंख्या वाले भारत को अपने इतिहास में प्रथम बार एक, एक कर और एक बाजार के रूप में परिवर्तित कर दिया।
हम अपने युवाओं की पूर्ण क्षमता का उपयोग करने के लिए भी प्रयासरत हैं। हमारे पास विश्व का तीसरा सबसे बड़ा मानव संसाधन है। हमारे स्किल इण्डिया और स्टार्ट-अप इण्डिया कार्यक्रम उद्यमिता और उपक्रम की एक नई लहर उत्पन्न कर रहे हैं। आज हमारे यहाँ विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप संजाल है जिसमें 21,000 से अधिक स्टार्ट-अप प्रतिस्पर्द्धा करते हुए नये उत्पादों और सेवाओं का सृजन कर रहे हैं। हमारे 30 यूनिकॉर्न (1 बिलियन डॉलर के बाजारी मूल्य के उपक्रम) हैं जिनका मूल्य 90 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है।
हमारा अवसंरचनात्मक परिदृश्य द्रुत गति से प्रगतिशील है। हाई स्पीड रेलवे से लेकर देशव्यापी राजमार्गों तक अगली पीढ़ी की परियोजनाएँ तेजी से चल रही हैं। डिजिटल कनेक्टिविटी से ई-वाणिज्य, ई-सेवाओं तथा फिनटेक (कम्प्यूटर साहाय्यित वित्त प्रणाली) क्षेत्र को पर्याप्त शक्ति मिली है। भारत का रूपे भुगतान कार्ड अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में गहरी पैठ बना रहा है। अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार समुदाय ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हेतु भारत को सर्वाधिक वरीय देश मानकर इन परिवर्तनों के प्रति अपना दृढ़ विश्वास प्रकट किया है। 2018-19 में हमें 44.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त हुआ है। भारतीय उद्योग व्यापार, प्रत्यक्ष निवेश या संयुक्त सहयोग आदि के माध्यम से विश्व में अपना स्थान बना रहा है। हम दोनों देशों के पास अपनी आर्थिक क्षमताएँ हैं और हम पारस्परिक विकास तथा समृद्धि के लिए एक-दूसरे का पूरक बन सकते हैं।
भाइयो और बहनो,
आज आपने सार्थक परिचर्चा की है। इसे व्यापार तथा निवेश में वृद्धि होगी और नवाचार, अनुसन्धान तथा स्टार्ट-अप की स्थापना हेतु साझेदारियाँ निर्मित होंगी। मैं उत्साहित हूँ कि गत वर्ष द्विपक्षीय व्यापार में 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई। किन्तु यह आशा के स्तर से अब भी कम है। हमें अपने व्यापारिक क्षेत्रों का विस्तार करना होगा। मुझे आशा है कि हमारे व्यापारिक साझेदार बड़ी उत्सुकता से देख रहे हैं कि किस प्रकार कोपर के पत्तन का उपयोग द्विपक्षीय व्यापार की वृद्धि में किया जा सकता है। साथ ही द्विपक्षीय निवेश की दिशा में भी हमें प्रगति करने की आवश्यकता है।
स्लोवेनिया के पास उच्च-तकनीक, अनुसन्धान, नवाचार, स्मार्ट समाधान तथा लघु-पैमाने के परिष्कृत विनिर्माण की क्षमता है। स्लोवेनियन स्मार्ट स्पेसिलाइजेशन स्ट्रेटेजी तथा भारतीय विकास एक नव-युगीन साझेदारी के लिए बने हैं। हम अपने अग्रणी कार्यक्रमों जैसे मेक इन इण्डिया, स्वच्छ भारत, स्टार्ट-अप इण्डिया तथा डिजिटल इण्डिया आदि में स्लोवेनिया का सहयोग चाहते हैं। हम पर्यावरणीय क्षेत्र में स्लोवेनियाई विशेषज्ञता का उपयोग करना चाहते हैं। कुछ स्लोवेनियाई कम्पनियों ने हमारे स्वच्छ गंगा कार्यक्रम में अभूतपूर्व कार्य किया है। मुझे आशा है कि इसमें कुछ अन्य कम्पनियाँ भी सहयोग करने वाली हैं। हम नगरीय अवसंरचना तथा अपशिष्ट प्रबन्धन के क्षेत्र में स्लोवेनिया से बहुत कुछ सीखने के इच्छुक हैं।
नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में भी अनेक अवसर हैं। भारत में हमने 2022 तक 175 गीगा वाट नवीकरणीय ऊर्जा के उत्पादन का लक्ष्य रखा है। हमारे पास 2020 तक 6 से 7 मिलियन इलेक्ट्रिक तथा हाइब्रिड वाहनों के प्रचालन की एक महत्त्वकांक्षी योजना भी है। मैं इन क्षेत्रों में स्लोवेनियाई कम्पनियों को अपना साझेदार बनने का आह्वान करता हूँ। रक्षा क्षेत्र भी सहयोग का एक महत्त्वपूर्ण क्षेत्र हो सकता है। स्लोवेनियाई कम्पनी पिपिस्ट्रेल ने भारत को प्रशिक्षक एयरक्राफ्ट के एक फ्लीट (दल) की सफलतापूर्वक आपूर्ति की है। हमारी रक्षा आवश्यकताएँ बहुत अधिक हैं और स्लोवेनियाई कम्पनियाँ भारत में इनके निर्माण के अवसर का लाभ उठा सकती हैं। हमारी कम्पनियाँ भी जहाजरानी, इलेक्ट्रॉनिक डिजाइनिंग, अभियान्त्रिकी, खाद्य प्रसंस्करण तथा विधिक सेवाओं के क्षेत्र में आपसे साझेदारी करने के लिए उत्सुक हैं।
मनोरंजन तथा पर्यटन भी सहयोग का एक अन्य उभरता हुआ क्षेत्र है। अनेक भारतीय फिल्म निर्माता इस सुन्दर देश में शूटिंग करने की रुचि प्रदर्शित कर रहे हैं। भारतीय पर्यटकों ने भी भारी संख्या में स्लोवेनिया का भ्रमण करना प्रारम्भ किया है। हमें अपनी जनता के पारस्परिक सम्पर्क में वृद्धि के लिए तथा व्यापार हेतु सहायक परिवेश सृजित करने के लिए सरलीकृत वीजा प्रक्रियाओं के माध्यम से गतिशीलता को सुगम करने की आवश्यकता है। हमारी ओर से हमने ई-वीजा सुविधा का विस्तार किया है और स्लोवेनिया को पंचवर्षीय बहुप्रवेशी व्यापारिक वीजा का प्रावधान किया है।
आईटी, फार्मा, बायो-तकनीक, स्वास्थ्य सुविधाओं, आटोमोबाइल, आयुर्वेद, ऊर्जा तथा अवसंरचना के क्षेत्र में भारतीय विशेषज्ञता का उपयोग स्लोवेनिया अपने विकास के लिए कर सकता है। भारत तकनीक केन्द्रित क्षेत्रों में कुशल संसाधन उपलब्ध कराकर भी स्लोवेनिया के विकास में साझीदार हो सकता है।
हमने इस क्षेत्र में व्यापार के उपागम पर ध्यान केन्द्रित किया है। हम अपने व्यापारिक सहयोग को प्रगाढ़ करने के लिए वार्षिक रूप से भारत-यूरोप 29 बिजिनेस फोरम का आयोजन करते हैं। मैं 20 और 21 नवम्बर, 2019 को नई दिल्ली में आयोजित होने वाले इस फोरम के पाँचवें संस्करण में शामिल होने के लिए स्लोवेनिया को उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमण्डल भेजने का निमन्त्रण देता हूँ।
भाइयो और बहनो,
हम दोनों देशों के व्यापार मण्डलों तथा उद्योग समूहों से घनिष्ठ रूप से मिलकर कार्य करने का निवेदन करता हूँ तथा प्रोत्साहन देता हूँ। सरकारों के रूप में हम व्यापार को सुविधा प्रदान कर सकते हैं किन्तु आपको व्यापारिक साझेदारियाँ की ओर अग्रसर होना पड़ेगा। मैं इस प्रयास में आपको शुभकामनाएँ देता हूँ। मैं आज के इस फोरम की सफलता के लिए एक बार पुन: सभी हितधारकों को धन्यवाद देता हूँ।
हवालालेपा, धन्यवाद
ल्युब्ल्याना
17 सितम्बर, 2019
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