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स्लोवेनिया के राजकीय दौरे के दौरान राष्ट्रपति का प्रेस वक्तव्य

सितम्बर 16, 2019

अध्यक्ष महोदय, मैं आपके गर्मजोशी भरे विशेष स्वागत के लिए धन्यवाद देता हूं। भारत से स्लोवेनिया का पहला राजकीय दौरा करने के लिए मैं सम्मानित महसूस कर रहा हूँ। आपके देश की खूबसूरती और आपकी दोस्ती की गर्माहट ने इसे और भी खास बना दिया है।

स्लोवेनिया और भारत के बीच के ऐतिहासिक संबंध गहरे सांस्कृतिक जुड़ाव और साझा लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित हैं। राष्ट्रपति पाहोर और मैंने आज व्यापक विषयों पर विचार-विमर्श किया। हमने अपने द्विपक्षीय संबंधों को और विस्तारित करने और अपनी वैश्विक भागीदारी को प्रगाढ़ करने की प्रतिबद्धता जताई।

अध्यक्ष महोदय, हम स्लोवेनिया द्वारा किए गए तकनीकी विकास से प्रभावित हैं। हम इस बात की भी तहे दिल से सराहना करते हैं कि स्लोवेनिया ने अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में अपने लिए एक जगह बनाई है और अपनी भाषा व संस्कृति को गर्व से संजो कर रखा है। आपका देश पर्यावरण और जंगल के संरक्षण में अग्रणी है। आपकी ताकत और भारत की परिवर्तनकारी वृद्धि को देखते हुए, ऐसा बहुत कुछ है जो हम अपनी आर्थिक साझेदारी को बढ़ाने के लिए मिलकर कर सकते हैं। भारत का लक्ष्य 2025 तक 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनने का है। हम अपनी तीव्र वृद्धि को बनाए रखने के लिए आपकी उच्चस्तरीय प्रौद्योगिकी, स्थायी कार्य व्यवसायों और अनुसंधान, ज्ञान और नवाचार क्षमताओं का लाभ उठाने के इच्छुक हैं। हमारे स्मार्ट सिटी, स्टार्ट-अप इंडिया, नदियों का जीर्णोद्धार कार्यक्रम तथा मेक इन इंडिया जैसे कदम स्लोवेनियाई कंपनियों को व्यापार के पर्याप्त अवसर प्रदान करते हैं। हम अपनी रक्षा और जल साझेदारी में पहले ही प्रगति कर चुके हैं।

देवियों और सज्जनों,

राष्ट्रपति पाहोर और मैंने स्लोवेनिया-भारत के आर्थिक संबंधों में नई ऊर्जा, नया फोकस लाने के लिए प्रतिबद्धता जताई। इस यात्रा में, मेरे साथ विभिन्न क्षेत्रों की 20 भारतीय कंपनियां भी हैं। मैं राष्ट्रपति पाहोर के साथ आज स्लोवेनिया-भारत व्यापार मंच को संबोधित करने के लिए उत्सुक हूं।

राष्ट्रपति पाहोर और मैंने हमारे लोगों के बीच के संबंधों और सांस्कृतिक जुड़ाव पर संतोष व्यक्त किया। इस वर्ष हम महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मना रहे हैं। हम इस देश में महात्मा गांधी की विरासत को जीवित रखने के लिए स्लोवेनियाई लोगों के आभारी हैं। मैंने महात्मा गांधी के जीवन को सम्मान देने के लिए स्लोवेनियाई सरकार द्वारा इस महीने के अंत में एक डाक टिकट जारी करने के लिए राष्ट्रपति पाहोर को धन्यवाद दिया।

आज, हमने निवेश, खेल, संस्कृति, नदियों के जीर्णोद्धार (स्वच्छ गंगा मिशन), विज्ञान-प्रौद्योगिकी और मानकों के क्षेत्र में सहयोग के सात समझौता ज्ञापनों और कार्यक्रमों पर हस्ताक्षर किए हैं। ये हमारे आर्थिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करेंगे।

राष्ट्रपति पाहोर ने उल्लेख किया कि स्लोवेनिया भारतीय पर्यटकों और फिल्म निर्माताओं के लिए एक पसंदीदा स्थान बन गया है। अपनी ओर से, मैंने संदेश दिया कि भारत स्लोवेनिया के अधिक से अधिक पर्यटकों की मेजबानी करना चाहता है। मैं समझता हूं कि स्लोवेनिया में योग, आयुर्वेद तथा भारतीय भाषा, संस्कृति और दर्शन की मजबूत जड़ें हैं। हमने अपने घनिष्ठ सांस्कृतिक संबंधों को आगे बढ़ाने पर चर्चा की। मैंने संयुक्त राष्ट्र द्वारा 20 मई को विश्व मधुमक्खी दिवस घोषित किये जाने पर राष्ट्रपति पाहोर को बधाई दी। इस पर्यावरण अनुकूल प्रस्ताव को वैश्विक मान्यता दिलाने के लिए भारत को संयुक्त राष्ट्र में स्लोवेनियाई प्रस्ताव का सह-प्रायोजक बनने का विशेषाधिकार मिला था।

राष्ट्रपति पाहोर और मैंने हमारी वैश्विक साझेदारी को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता जताई। हम इस बात पर सहमत हुए कि दोनों देशों को बहुपक्षवाद में सुधार और मजबूती के लिए मिलकर काम करना चाहिए और बहु-ध्रुवीय दुनिया को बढ़ावा देना चाहिए। मैंने सीमा पार आतंकवाद से लड़ने और इस संबंध में भारत की प्रमुख चिंताओं को लेकर उनके समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। हम इस बात पर भी सहमत हुए कि आतंकवाद आज मानवता के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है और दुनिया को इन बुरी ताकतों को हराने के लिए एकजुट होना चाहिए।

मैंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए स्लोवेनिया के समर्थन के लिए राष्ट्रपति पाहोर को धन्यवाद दिया और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता के लिए उनके निरंतर समर्थन की मांग की। हमने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वैश्विक कार्रवाई को मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को फिर से दोहराया। इस संदर्भ में, मैंने स्लोवेनिया को स्वच्छ ऊर्जा मार्गों को बढ़ावा देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।

मैंने भारत आने के लिए राष्ट्रपति पाहोर को ह्रदय से आमंत्रित किया और उन्होंने मेरे निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है। मैं एक बार फिर उनकी गर्मजोशी और दोस्ती के लिए धन्यवाद देता हूं। मुझे विश्वास है कि स्लोवेनिया का मेरा यह ऐतिहासिक राजकीय दौरा भारत-स्लोवेनिया संबंधों में एक नया उत्साह लाएगा।

धन्यवाद!
ल्युब्ल्याना
सितंबर 16, 2019



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