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भारत-आइसलैण्ड बिजिनेस फोरम में राष्ट्रपति का सम्बोधन
सितम्बर 11, 2019
मैं अमेरिका में 9/11 आतंकी हमले के शिकार लोगों का स्मरण करते हुए अपना सम्बोधन प्रारम्भ करना चाहूँगा। इस अवसर पर हम सभी लोगों को अपनी शान्ति और समरसता को भंग करने वाली इन अमानवीय शक्तियों को रोकने का आह्वान करते हैं।
मुझे भारत-आइसलैण्ड बिजिनेस फोरम को सम्बोधित करते हुए हर्ष का अनुभव हो रहा है। मैं राष्ट्रपति जोनेसन की यहाँ गौरवमयी उपस्थिति पर उनका धन्यवाद करना चाहता हूँ। हमारी संयुक्त भागीदारी भारत-आइसलैण्ड के आर्थिक अनुबन्धों के प्रति हमारी गहन प्रतिबद्धता का सूचक है।
मैं भारत-आइसलैण्ड बिजिनेस एसोसिएशन, आइसलैण्डिक फेडरेशन ऑफ ट्रेड, आइसलैण्डिक-इण्डिया ट्रेड काउंसिल, प्रोमोट आइसलैण्ड, भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मण्डल तथा भारतीय उद्योग महासंघ का धन्यवाद करना चाहता हूँ जिन्होंने इस फोरम के आयोजन में अपना योगदान दिया। यहाँ पर भारत की 30 से अधिक कम्पनियाँ और आइसलैण्ड की अनेक कम्पनियाँ उपस्थित हैं। मैं इस उत्कृष्ट उपस्थिति पर अत्यन्त प्रसन्न हूँ।
कल राष्ट्रपति जोनेसन के साथ मेरी अनेक विषयों पर चर्चा हुई। हम अपने द्विपक्षीय सम्बन्ध, किसी विशिष्ट व्यापार तथा निवेश सम्बन्धों को आगे बढ़ाने तथा व्यापक बनाने पर सहमत हुए। जब आप भारत और आइसलैण्ड के विषय में सोचते हैं तो इसके बीच दूरी की कल्पना तुरन्त मस्तिष्क में आ जाती है। किन्तु नवीन युग की तकनीक, जलवायु अनुकूल समाधान तथा नीली अर्थव्यवस्था के विषय में सोचेंगे तो आपको पता चलेगा कि भारत और आइसलैण्ड कितने निकट हैं। स्थायित्व के प्रति भारत के विकास और प्रतिबद्धता और आइसलैण्ड की व्यापारिक शक्ति एक स्वाभाविक साझेदारी निर्मित करती है।
भूतापीय ऊर्जा, वर्तुलाकार अर्थव्यवस्था, वित्तीय सेवाओं, मत्स्य पालन, खाद्य प्रसंस्करण, जहाजरानी, पर्यटन तथा नवाचार आदि के क्षेत्र में आइसलैण्ड की क्षमता अद्वितीय है। यह हरित तकनीक का अग्रणी है चाहे वह कार्बन अभिग्रहण हो, ऊर्जा दक्ष भवन हो या अपशिष्ट-से-सम्पदा की परियोजनाएँ हों। इसकी आर्थिक सफलता एक ऐसी गाथा है जिसका अनुकरण अनेक लोग करना चाहेंगे। डिजिटल इण्डिया, स्मार्ट सिटी, स्वच्छ भारत तथा अगली पीढ़ी अवसंरचनात्मक परियोजनाओं जैसे भारत के रूपान्तरकार विकास कार्यक्रम आइसलैण्ड की कम्पनियों के लिए अनेक अवसर प्रस्तुत करते हैं। आइसलैण्ड तथा भारत के बीच अधिक गहन आर्थिक अन्तर्क्रिया की स्थिति के लिए कोई बाध्यता नहीं है।
भाइयो एवं बहनो,
आइसलैण्ड की भाँति भारतीय आर्थिक परिदृश्य भी प्रोत्साहनकारी है। आज भारत विश्व की छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। 2025 तक हमने पाँच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य निर्धारित किया है। हम केवल तेजी से बढ़ती हुई प्रमुख अर्थव्यवस्था वाले देश ही नहीं हैं बल्कि हम वैश्विक विकास के अग्रणी इंजन भी बन गये हैं। हम अपनी अर्थव्यवस्था को और अधिक सुधारने तथा व्यापार हेतु इसे अत्यधिक अनुकूल बनाने के लिए भी प्रतिबद्ध हैं। गत पाँच वर्षों में इस सम्बन्ध में अपने सतत प्रयासों के कारण भारत विश्व बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजिनेस इंडेक्स (कार्य करने की सरलता का सूचकांक) पर भारी छलांग लगाते हुए 65वें स्थान पर पहुँच गया है। हम लॉजिस्टिक्स परफॉर्मेंस इण्डेक्स में भी 44वें स्थान पर पहुँच गये हैं। हमारे बुनियादी सुधार, मानव एवं सेवा कर के प्रावधान ने भारत को इसके इतिहास में प्रथम बार एकल कर बाजार में परिवर्तित कर दिया। अपनी नीतियों के परिणामस्वरूप हमने वित्त वर्ष 2018-19 में एफडीआई के रूप में 44.3 बिलियन डॉलर का प्रभावकारी निवेश आकर्षित किया है। भारत तेजी से विकास कर रहा है और स्वयं को तेजी से रूपान्तरित कर रहा है।
जैसा कि मैंने पहले कहा, भारत का विकास तथा आइसलैण्ड की कर्मस्थिति की क्षमताएँ एक-दूसरे की पूरक हैं। व्यापार, निवेश, अनुसन्धान तथा नवाचारी सेवाओं जैसे अनेक क्षेत्रों में आर्थिक साझेदारी में वृद्धि करने के अनेक अवसर हैं। हमारे द्विपक्षीय व्यापारिक आंकड़े सन्तोषजनक हैं। किन्तु भारतीय बाजार तथा आइसलैण्ड की व्यापारिक शक्ति इसमें पर्याप्त वृद्धि कर सकती है। आइसलैण्ड निर्मित माल, फल तथा सब्जियाँ, टेक्सटाइल, रसायन एवं इंजीनियरिंग माल भारत से आयात करने पर विचार कर सकता है। भारतीय फार्मा उद्योग में काफी कुछ देने की सम्भावनाएँ हैं। जेनेरिक दवाओं में विश्व का प्रत्येक 5वां टेबलेट, कैप्सूल तथा इंजेक्शन भारत में निर्मित किया जाता है। आइसलैण्ड ने जीनोमिक्स, आनुवंशिकी तथा जैव तकनीक में प्रगति की है। इसके पास चिकित्सा उपकरण के क्षेत्र में अनेक महत्त्वपूर्ण तकनीकें हैं। फार्मा, स्वास्थ्य सुविधा तथा बायोटेक क्षेत्र में अनेक ऐसे कार्य हैं जो भारत तथा आइसलैण्ड के पारस्परिक सहयोग से सम्पन्न हो सकते हैं। वित्त, आतिथ्य तथा पर्यटन सेवाएँ भी पर्याप्त अवसर प्रदान करने वाली हैं।
खाद्य उद्योग सहयोग का एक अन्य क्षेत्र है। भारत विश्व का दूसरा सबसे बड़ा खाद्यान्न उत्पादक देश है। हमें अपने खाद्यान्न के प्रसंस्करण तथा इसके विपणन हेतु आधुनिक लॉजिस्टिक शृंखला के लिए तकनीक तथा निवेश के सहयोग की आवश्यकता है। हम आइसलैण्ड के मत्स्य स्टॉक तथा सौन्दर्य प्रसाधन के लिए मछली की त्वचा के चमड़े जैसे नवाचारी मत्स्य उत्पादों के स्थायी प्रबन्धन प्रणाली से कुछ सीखने के उत्सुक हैं। हम 2022 तक अपनी कृषि आय दोगुनी करने के प्रयासों में आइसलैण्ड को एक महत्त्वपूर्ण भागीदार मानते हैं।
भाइयो और बहनो,
भारत के विकास से अवसंरचना, स्टार्ट-अप तथा डिजिटल क्षेत्रों में अनेक अवसर सृजित हो रहे हैं। स्मार्ट सिटी, हरित भवन, विमानपत्तन, एक्सप्रेसवे, हाईस्पीड रेलवे तथा बन्दरगाह भारत के परिदृश्य को तेजी से बदल रहे हैं। हमारा डिजिटल इण्डिया कार्यक्रम तेजी से आगे बढ़ रहा है। एक बिलियन से अधिक लोगों को डिजिटल पहचान उपलब्ध कराई गयी है। प्रत्येक गाँव तथा प्रत्येक टोले में ब्रॉडबैण्ड कनेक्टिविटी पहुँच रही है। विश्व में सबसे सस्ते डाटा मूल्य के साथ बैंकिंग से लेकर नगरीय प्रलेखन जैसी सार्वजनिक सेवाओं को डिजिटल आई-वे माध्यम से प्रदान किया जा रहा है। भारत आईटी सेवाओं में विश्व में अग्रणी है और इसके लिए आइसलैण्ड डाटा केन्द्रों की स्थापना के लिए वरीय है। दोनों के पक्षों के पास डिजिटल क्षेत्र तथा अगली पीढ़ी की अवसंरचनात्मक परियोजनाओं के लिए साझेदारी के अनेक अवसर हैं।
आइसलैण्ड भूतापीय एवं जलविद्युत जैसी नवीकरणीय ऊर्जा के लिए प्रसिद्ध है। इस क्षेत्र में भी सहगोय के लिए अवसर हैं। भारत ने स्वयं 2022 तक नवीकरणीय ऊर्जा के 175 गीगा वाट उत्पादन क्षमता की स्थापना करने का लक्ष्य रखा है जिससे यह 2030 तक अपनी कुल ऊर्जा आवश्यकताओं का 40% नवीकरणीय ऊर्जा से प्राप्त करेगा। नवीकरणीय ऊर्जा के प्रति अपनी निरन्तर प्रतिबद्धता में भारत भी निकट भविष्य में भूतापीय ऊर्जा के उपयोग की ओर कदम बढ़ायेगा। हमारे पास पवन टरबाइन के निर्माण के लिए एक गतिशील घरेलू उद्योग है। हमारी कम्पनियाँ पवन ऊर्जा के दोहन के लिए आइसलैण्ड के साथ कार्य करने के लिए तैयार हैं।
भाइयो और बहनो,
हमने वर्तमान के विषय में बात की। अब हम भविष्य की भी चर्चा करेंगे। आइसलैण्ड की तकनीकी प्रगति तथा भारत का वैज्ञानिक कौशल चौथी औद्योगिक क्रान्ति तथा मशीनी-बौद्धिक युग की ओर ले जाने में एक-दूसरे की सहायता कर सकते हैं। रोबोटिक्स, पारिस्थितकी तथा समुद्री कचरे पर कार्यरत हमारे स्टार्ट-अप आइसलैण्ड, भारत अथवा विश्व के किसी अन्य भाग में हमारे भावी सहयोग के सम्भावित कारक हो सकते हैं।
भाइयो और बहनो,
मैंने उन कुछ क्षेत्रों का उल्लेख किया है जहाँ हमारे आर्थिक सहयोग की अधिक सम्भावनाएँ हैं। जब आप एक साथ मिलकर मेज पर बैठेंगे और एक-दूसरे से वार्ता करेंगे तो सम्भावित व्यापारिक साझेदार तथा मित्र के रूप में उनमें से अनेक लोगों से परिचित हो सकेंगे। और जब आप ऐसा करें तो आपको आइसलैण्ड के ग्लेशियरों के सौन्दर्य की गाथाएँ तथा बॉलीवुड के आकर्षण की कहानियाँ भी साझा करनी चाहिए। व्यापार तभी फलित और पुष्पित होता है जब उनमें गर्मजोशी और मित्रता हो! मैं आप सभी को व्यापारिक मैत्री के इस महत्त्वपूर्ण दिन की शुभकामना देता हूँ।
तकफिरिर!
धन्यवाद!
रेकजाविक
सितम्बर 11, 2019
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