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क्रोएशिया के राजकीय दौरे के दौरान ज़ाग्रेब विश्वविद्यालय में राष्ट्रपति का संबोधन

मार्च 27, 2019

डॉ. दामिर बोरस, ज़ाग्रेब विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव
संकायों के अध्यक्ष और प्रोफेसर,
राजनयिक दूतवर्ग के सदस्य
प्रिय छात्रों,

दोबरे उत्रो सुप्रभात!!


विचार और ज्ञान के इस ऐतिहासिक केन्द्र, जगरेब विश्वविद्यालय में होना मेरे लिए सौभाग़्य की बात है, जो इस वर्ष अपनी 350वीं वर्षगांठ मना रहा है। भारत के दूसरे राष्ट्रपति और मेरे महान पूर्ववर्ती डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अक्टूबर 1965 में इस विश्वविद्यालय का दौरा किया था। मैं डॉ. बोरास और विश्वविद्यालय को धन्यवाद देता हूं कि एक बार फिर आपके लिए भारत का संदेश लेकर आने का अवसर प्राप्त हुआ।

ज़गरेब विश्वविद्यालय ज्ञानार्जन और छात्रवृत्ति के लिए एक केंद्र के रूप में प्रसिद्ध है। हम भारत में इस विश्वविद्यालय और विशेष रूप से मानविकी और सामाजिक विज्ञान संकाय के साथ एक विशेष संबंध रखते हैं, जो भारतीय विद्या विभाग का संचालन करता है। भारत के अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए इस विभाग ने जो गहन कार्य किया है, वह अमूल्य है। हमारी भाषाओं, भारतीयता की समझ, हमारी परंपराओं और हमारी संस्कृतियों के अध्ययन की परंपरा ने दोनों देशों को वैचारिक रूप से निकट किया है। कई उद्यमों में हमें आपके साथ भागीदारी करने का सौभाग्य मिला है। कल हमने संस्कृत चेयर लॉन्च किया और हिंदी चेयर का नवीनीकरण किया। ये हमारे संपर्क और सहयोग को एक बार फिर से गहरा करेंगे।

भारत में, हमें नालंदा जैसे प्राचीन विश्वविद्यालयों की विरासत पर गर्व है, जो 5वीं से 12वीं शताब्दी तक फली-फूली। इसके चरम पर 10000 से अधिक छात्रों ने इसके परिसर में विभिन्न प्रकार के विषयों का अध्ययन किया। हमारे कई आधुनिक विश्वविद्यालयों की स्थापना भारत की तकनीकी प्रगति को मजबूत करने के सिद्धांतों पर की गई थी। इसने भारत में और भारतीयों द्वारा दुनिया भर में तकनीकी सीमाओं के विस्तार में अमूल्य योगदान दिया है।

देवियो और सज्जनों,

भारतीय विद्या का अध्ययन भारत और क्रोएशिया के बीच संबंधों के उस लंबे इतिहास का सिर्फ एक तत्व है, जिसकी शुरुआत एक ऐसे समय में हुई थी जब हम दोनों देश में आज की तरह राजनैतिक संस्थाएँ नहीं थीं। हम 16 वीं शताब्दी के शुरुआती दिनों में ही व्यापारियों के रूप में, खोजकर्ताओं के रूप में और अध्येताओं के रूप में भारत में आने वाले क्रोएशियाई लोगों से अवगत हैं। मैं समझता हूं कि आपके एक नेता, स्टेप्पेन रैडिक, महात्मा गांधी से बहुत प्रभावित थे। इस वर्ष, हम अपने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जंयती मना रहे हैं। उसके लिए ज्ञान और शिक्षा का अर्थ मानवता की एकता को समझना और सत्य की शक्ति का दोहन करना था। 2 अक्टूबर को आपकी ऐतिहासिक राजधानी में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा। मुझे उम्मीद है कि आप उनकी विरासत को याद करने के लिए और उनके सार्वभौमिक मूल्यों को आत्मसात करने के लिए समारोह में शामिल होंगे।

हमारे प्रख्यात कवि और पहले गैर-पश्चिमी नोबेल पुरस्कार विजेता, रवींद्रनाथ टैगोर ने 1926 में जगरेब का दौरा किया था। उनके व्याख्यानों का क्रोएशिया के बुद्धिजीवी समुदाय पर गहरा असर पड़ा। मुझे यह ज्ञात है कि भारतीय कवियों में टैगोर की रचनाएं क्रोएशिया में सबसे अधिक अनुदित हुई हैं और आपके मूल के लेखक इवाना मजूरनिक की रचनाएँ बंगाली और हिंदी सहित कई भारतीय भाषाओं में प्रकाशित हुई हैं। ये सही मायने में राष्ट्रीय सीमाओं के बधाओं से परे लोगों को एक-दूसरे से जोड़ने का कार्य करती है। भारतीय अध्यात्म, संगीत, योग और आयुर्वेद में रुचि रखने वाले इतने सारे क्रोएशियाई संघों को देख हमें अत्यंत हर्ष का बोध होता है। इस देश में बौद्धिक जिज्ञासा और इच्छुकता अन्य देशों की तुलना में कम नहीं है।

हमारे सांस्कृतिक संबंध हमारे लिए अत्यंत गर्व का विषय हैं। उक्त सुदृढ़ नींव पर, हमें अब एक नए युग की साझेदारी, आर्थिक सहक्रियाओं में एक साझेदारी, भू-राजनीतिक वास्तविकताओं में, प्रौद्योगिकी और नवाचार में, स्थिरता और चौथी औद्योगिक क्रांति में तथा दो देशों की शक्तियों और प्राथमिकताओं का निर्माण करना होगा।

देवियों और सज्जनों,

स्थिर और समृद्ध लोकतंत्र के लिए क्रोएशिया की प्रगति वास्तव में प्रेरणादायक है। यूरोपीय संघ के सदस्य के रूप में आपकी यात्रा, भारत के लिए एक प्रमुख वैश्विक भागीदार, आपके लिए एक नए युग का आरंभ है और हम इस दिशा में आपके सफलता की कामना करते हैं। हम सभी एकजुट होकर सुदृढ़ यूरोप के साथ बेहतर परिणाम प्राप्त करेंगे। अतः हमें एक ऐसे संगठन की आवश्यकता है जो बहु-ध्रुवीय विश्व उत्थान के लिए बहु-ध्रुवीय विश्व को आगे बढ़ाए, वैश्विक शासन को मजबूत करे और अंतर्राष्ट्रीय कानूनों और विनियमों का अनुपालन सुनिश्चित करे।

क्रोएशिया में एक प्रचलित कहावत है, "नेमा क्रुहा बेज़ मोटिक" अर्थात् - फावड़ा उठाए बिना रोटी नहीं मिलती है। और आप निश्चित रूप से भविष्य की नयी रुप-रेखा तैयार करने के लिए कठोर परिश्रम कर रहे हैं। आपके द्वारा फीफा फुटबॉल वर्ल्ड कप के दौरान मैदान पर अपने कौशल और भावना का किए गए प्रदर्शन के लिए पूरी दुनिया ने आपकी प्रशंसा की है। यह न केवल आपकी खेल की उत्कृष्टता को दर्शाता है बल्कि उसे प्राप्त करने और सफल होने के लिए आपके साहसिक आत्मविश्वास को भी दर्शाता है।

हमारी ओर से भारत में हालिया परिवर्तन हमारे आर्थिक विकास और समाज के उत्थान के लिए बेहद परिवर्तनकारी रहे हैं। एक नए भारत का निर्माण करना है अर्थात् एक ऐसा भारत जो आकांक्षी है; जो विश्व स्तर पर जुड़ा हुआ है; जो वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहा है; वैश्विक चुनौतियों के समाधान खोजने के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का नेतृत्व करने के लिए तैयार है - चाहे वह जलवायु परिवर्तन हो या आतंकवाद के खतरे से निपटने के लिए एक नई वैश्विक वास्तुकला का निर्माण करना हो।

प्रौद्योगिकी एकीकरण हमारी राष्ट्रीय विकास नीति का एक प्रमुख घटक रहा है। हमारे पास वर्तमान में हासिल की गई सफलताओं के बारे में चर्चा करने के लिए बहुत कुछ है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने एक ही बार में 104 उपग्रहों को लॉन्च किया जो विश्व के लिए अदभूत कारनामा है। हमारा देश एकमात्र ऐसा देश हैं जिसने अपने पहले प्रयास में ही मंगल ग्रह पर सफलतापूर्वक एक मिशन आरंभ किया और इसकी लागत भी सबसे कम है। उक्त विषय को हॉलीवुड द्वारा अंतरिक्ष विज्ञान-फिक्शन फिल्म बनाने में कहानी के तौर शामिल किया गया है! अतः हमारा अगला लक्ष्य, देश की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के अवसर पर अर्थात् 2022 में मानवयुक्त अंतरिक्ष अभियान आरंभ करने का है।

हमारी बायोमेट्रिक्स-आधारित विशिष्ट पहचान संख्या प्रणाली, आधार संभवतः दुनिया की सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी परियोजना है और यह हमारी विशाल भू-खंड पर 1.2 बिलियन लोगों तक पहुंच बना चुकी है। मोबाइल फोन और बैंक खातों के साथ इसे जोड़कर या लिंक करके भारत में एक डिजिटल क्रांति ला दी है।

मैं, हमारे देश में उपलब्ध विश्व स्तर के उच्च शिक्षा संस्थानों को धन्यवाद देता हूँ। हमारे पास दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी वैज्ञानिक और तकनीकी जनशक्ति समुदाय है। साथ ही, देश में मौजूद 162 विश्वविद्यालय वार्षिक तौर पर 4000 से अधिक डॉक्टरेट की डिग्री प्रदान करते हैं। सूचना प्रौद्योगिकी में भारत का कौशल सर्वविदित है। मुझे अत्यंत हर्ष है कि हमारी एक बड़ी आईटी कंपनी क्रोएशिया में लगभग पूरी तरह से क्रोएशियाई कर्मचारियों के साथ एक कार्यालय का संचालन करती है। भारत में एक संपन्न अनुसंधान और विकास सेवा बाजार है जिसका बाजार 2020 तक 38 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है। वैश्विक अनुसंधान और विकास व्यय के मामले में शीर्ष 1000 कंपनियों में से एक तिहाई कंपनियों का केंद्र अब भारत में हैं। डिजिटल राजमार्ग के चारों ओर फैली और कृत्रिम बुद्धिमत्ता से संचालित ज्ञान अर्थव्यवस्था में हमारे अनुसंधान-प्रयोगशालाओं को एक साथ लाने, हमारे उद्यमियों को एक साथ लाने और हमारे लोगों के लिए स्वास्थ्य और कल्याण के नए समाधान लाने की अपार संभावनाएं है।

देवियों और सज्जनों,

जनसांख्यिकी वर्तमान समय में भारत में एक और महत्वपूर्ण तत्व है। संभवतः हम दुनिया के सबसे अधिक युवा देश अर्थात् हमारी आधी जनसंख्या 25 साल से कम उम्र की है और जनसंख्या की लगभग दो-तिहाई भाग कामकाजी आयु वर्ग की है। वे विशेष रूप से प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भारत की स्टार्ट-अप संस्कृति का नेतृत्व कर रहे हैं। हम अमेरिका और चीन को एकसाथ पीछे छोड़ते हुए विश्व में मोबाइल डेटा के सबसे बड़े उपभोक्ता हैं। हमारे पास विश्व का दूसरा सबसे बड़ा इंटरनेट बेस भी है। आने वाले दशकों में, भारत के युवा कठिनतम चुनौतियों का सामना करने के लिए मानवता को समृद्ध करने में सबसे आगे होंगे। क्रोएशिया में एक कहावत है कि जिसे मैं यहां रख रहा हूँ - "ना म्लादिमा स्वीजेट ओस्टजे" – अर्थात् यह दुनिया युवाओं पर टिकी हुई है।

आर्थिक रूप से, हम दशकों से 7% और उससे अधिक की विकास दर प्राप्त कर विश्व में सबसे तेजी से बढ़ती हुई बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। उक्त विकास के माध्यम से लाखों लोगों को गरीबी से मुक्त किया है। साथ ही, इसने हमें विकास के हितों को साझा करने की अनुमति दी है। हमारे आर्थिक सूचक सुदृढ़ हैं और हमें विश्वास है कि भारत आने वाले समय में भविष्य के लिए वैश्विक आर्थिक विकास हेतु एक माध्यम बना रहेगा।

साथ ही, हमारे सकल प्रयासों में, हम भारत के मूलतत्वों अर्थात् बहुलवाद और अद्वितीय विविधता, लोकतंत्र की, कानून के शासन की, मानवाधिकारों को कायम रखने की, आतंकवाद और हिंसा के विरुद्ध आवाज उठाने की, विश्व के साथ मैत्रीपूर्ण पहल करने की, को नहीं भूले हैं। सामाजिक और आर्थिक विकास की दिशा में हमारी यात्रा में कई चुनौतियां हैं, लेकिन हम आश्वस्त हैं कि हम सही पथ पर अग्रसर हैं।

देवियों और सज्जनों,

जैसा कि मैंने उल्लेखित किया है कि अब आपके सामने एक नया भारत है। संयोगवश क्रोएशिया भी विश्व में अपनी पहुंच बना रहा है। इस पटल पर ऐसा बहुत कुछ है जिसे हम मिलकर एक साथ कर सकते हैं। मेरी यात्रा, भारत के राष्ट्रपति द्वारा की गई पहली बार क्रोएशिया की यात्रा, हमारी मित्रता की प्रगाढता के संबंध में पुष्टिकरण है और यह भारत से बाहर उद्यम करने के लिए क्रोएशियाई, विशेष रूप से इसके युवाओं को आमंत्रित करना है। मैं, आपको इस नए भारत की आशाओं का, अवसरों का, भरोसे का, अन्वेषण करने और एक नया अनुभव प्राप्त करने हेतु आमंत्रित करता हूँ।

हवाला!
धन्यवाद।

ज़ाग्रेब 
27 मार्च, 2019


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