महामहिम श्रीमती कोलिंदा ग्रैबर-केट्रोविच, क्रोएशिया गणराज्य की राष्ट्रपति,
क्रोएशियाई चैंबर ऑफ इकोनॉमी के अध्यक्ष श्री लुका बुरिलोविक
क्रोएशिया और भारत के व्यापार और उद्योग के प्रतिष्ठित प्रतिनिधि
देवियो और सज्जनों,
डोब्रो जूट्रो, सुप्रभात !
भारत - क्रोएशिया व्यापार मंच को संबोधित करते हुए मुझे हार्दिकप्रसन्नता हो रही है। मैं विशेष रूप से राष्ट्रपतिमहोदया को आज हमारे साथ उपस्थित रहने हेतु धन्यवाद देना चाहूंगा। हमारी संयुक्त उपस्थिति हमारे आर्थिक संबंधोंको घनिष्ठ बनाने की हमारी संयुक्त प्रतिबद्धता
को रेखांकित करती है।
मैं इस व्यवसायिक कार्यक्रम के आयोजन के लिए क्रोएशियाई चैम्बर ऑफ इकोनॉमी,एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया ऑफ इंडियन इंडस्ट्री कॉन्फेडरेशन और कॉन्फेडरेशन ऑफ चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीको धन्यवाद देना चाहूंगा। मैं दोनों देशों के उत्साही
उपस्थिति से प्रसन्न हूं;इसमें भाग लेने के लिए भारत से लगभग30 कंपनियों ने यात्रा की है।
देवियो और सज्जनों,
कल मेरी राष्ट्रपतिमहोदया तथा प्रधानमंत्री प्लेंकोविक के साथ बहुआयामी द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने पर सार्थक चर्चा हुई । दोनों पक्षों में व्यापार तथानिवेश की रूप रेखा के विस्तार तथा नई खोजों को स्थापित करने शोध एवं स्टार्टअप साझेदारी मेंं अपार संभावनाएं हैं
। इसके साथ ही हमें प्रोत्साहित और प्रेरित करने वाला हमारा व्यापारिक अतीत रहा है । यहाँ उपस्थित कई लोग 16 वीं शताब्दी में अस्तित्व में रहे डबरोवनिक और गोवा के बीच के फलते-फूलते व्यापारिक संपर्क से अवगत होंगे । महाद्वीपों और महासागरों के पार गोवा शिपिंग व्यापारमें
1000 से अधिक क्रोएशियाई व्यापारी रहे हैं ।डबरोवनिक के चर्च की प्रतिकृतिसंत ब्लेज चर्च गोवा में है जो उनकी उद्यमिता और समृद्धि का सबूत है।
भारत-क्रोएशियाव्यापार पारिस्थितिकी तंत्र को समृद्ध करने वाले कई और कारक भी रहे हैं। पिछले साल फीफाविश्व कप में क्रोएशियाई टीम के उत्कृष्ट प्रदर्शन के बाद भारत में क्रोएशिया की लोकप्रियता कई गुना बढ़ गई है। क्रोएशिया की प्राकृतिक सुंदरता और मैत्रीपूर्ण व्यवहार
का आकर्षण भी कम नहीं हैं, और भारतीय पर्यटकों नेबड़ी संख्या में इस खूबसूरत देश की यात्रा करना शुरू कर दिया है। ये आदान-प्रदान और आपसी समझ दो-तरफ़ा व्यापारिक सहयोग को बढ़ाने में सबसे उपयोगी होगा ।
देवियो और सज्जनों,
क्रोएशिया में भारत को संस्कृति और आध्यात्मिकता की भूमि के रूप में जाना जाता है। यह एक अच्छी स्थिति है, लेकिन आपकोनिर्माणाधीन नए भारत की आर्थिकऊर्जा, गतिशीलता और शक्ति का अनुभव करने की आवश्यकता है।दुनिया इस पर ध्यान दे रही है और आपको भी ऐसा करना चाहिए। 7% से
अधिक की वृद्धि के साथ भारत आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई प्रमुख अर्थव्यवस्था है ।वर्तमान मेंयह क्रय शक्ति के मामले में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी तथा संपूर्ण रूप से छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है । और 2025 तक यह 5ट्रिलियन-डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर
अग्रसर है ।आज आप भारत में एक बदला हुआ व्यापारिक माहौल पाएँगे,जिसका एक अच्छा सबूत यह है कि वर्ल्ड बैंक ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स की सूची में भारत ने पिछले चार वर्षों के दौरान 65 स्थानों की असाधारण छलांग लगाई है। परंपरा से हटकर नए गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स की
शुरूआत ने1.3 बिलियन जनसंख्या वाले भारत देश को इतिहास में पहली बार एक बाजार में बदल दिया है।
उक्त विकास के साथ ही साथ, हम इक्विटी का संयोजन महिलाओं को सशक्त बनाने तथानींव के सबसे निचले हिस्से के लोगों की प्रगति और समृद्धि के लिएकर रहे हैं। हमारी वित्तीय समावेशन कार्यक्रम जन-धनयोजना के तहत 330 मिलियन से भी अधिक बैंक खातें गरीबों और जरूरतमंदों के लिए
खोला गया।विश्वकी सबसे बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य बीमा योजनाआयुष्मान भारत को असाधारण सफलता प्राप्त हुई है।
हम अपने युवाओं में व्याप्त क्षमता का एहसास कराने हेतु अपने सुधारों को तैयार करने की दिशा में काम कर रहे हैं।भारत में 25 वर्ष से कम आयु की लगभग आधी आबादी के साथ एक विशिष्ट अनुकूल जनसांख्यिकी है।हमारा कौशल भारत और स्टार्ट-अप इंडिया कार्यक्रम उद्यमिता और उद्यम
की एक नई लहर व उर्जाका संचार कर रहा है।भारत,एकतरफा सफलता की सबसे अधिक संख्या के साथ, विश्व में स्टार्ट-अप का दूसरा सबसे बड़ा नेटवर्क है।
भारत अपने सॉफ्टवेयर कौशल के लिए जाना जाता है।अतःआने वाली पीढ़ी के अवसंरचना के माध्यम से हमारे राष्ट्र के "हार्डवेयर" को बेहतर बनाने हेतु निम्न कार्य,अर्थात् चाहे वह 100 स्मार्ट शहरों का निर्माण, हाई-स्पीड ट्रेन कॉरिडोर का निर्माण, हवाई अड्डे का निर्माण, राजमार्ग
या राष्ट्रव्यापी ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी का निर्माण हो, प्रगति पर है।
देवियो और सज्जनों,
भारत तेजी से और बहुत ही तेजी सेपरिवर्तित हो रहा है।अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समुदाय ने नए निवेशों के साथ इन परिवर्तनों को आशवस्त किया है।पिछले वित्तीय वर्ष के दौरानहमें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के तौर पर 62 बिलियन अमेरिकी डॉलर प्राप्त हुएहैं।भारतीय उद्योग भी दुनिया
भर में व्यापार, प्रत्यक्ष निवेश या संयुक्त सहयोग के माध्यम से अपनी पहुंच बना रही है।लेकिन ज्यादातर समय होने वाले भारी बदलाव या उनके साथ होने वाली गतिशीलता पर पकड़ नहीं रख पाती है।मैं आपको आमंत्रित करता हूं कि आप स्वयं के विकास लिए इसमें भाग लें और अनुभव करें
कि हम अपने लिए और दुनिया के लिए क्या कर रहे हैं?हम क्रोएशिया को हमारा पार्टनर(भागीदार) बनाने और भारत द्वारा प्रस्तुत अवसरों का लाभ उठाने के लिए आह्वान करते हैं।
मुझे यह बातप्रोत्साहित करता है कि पिछले दशक के दौरान हमारा द्विपक्षीय व्यापार दोगुना हो गया हैऔर दोनों दिशाओं में कुछ निवेश किए गए हैं।हालाँकि, हम जानते हैं कि हमारा द्विपक्षीय व्यापार और निवेश प्रवाह अभी भी सामान्य ही है।क्रोएशिया के लिएभारतीय की समृद्धि के
कुछेक नाम अर्थात् सूचना प्रौद्योगिकी, औषधीय (फार्मास्यूटिकल्स), डिजिटल अर्थव्यवस्था, नवीकरणीय ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा, अवसंरचना, रक्षा और पर्यटन क्षेत्रों में दोनों ओर से संबंध कायम करने का अवसर प्रस्तुत करती है।
हम चाहते हैं कि क्रोएशिया हमारे प्रमुख कार्यक्रमों- मेक इन इंडिया, स्वच्छ भारत, स्टार्ट-अप इंडिया और डिजिटल इंडिया में हमारे साथ सहयोग करें।हम क्रोएशिया से पर्यटन और शहरी अवसंरचनाके क्षेत्रों में भी सीखने के इच्छुक हैं।
भारतीय आईटी क्षेत्र में क्रोएशिया के लिए बहुत संभावनाएं है।हमारी सबसे बड़ी आईटी कंपनियों में से इंफोसिसक्रोएशिया में पहले से ही मौजूद हैजैसे एक बड़ी औषधीय कंपनी, एसीजी समूह क्रोएशिया में है।भारतीय फार्मास्यूटिकल्स (औषधीय) उद्योग आयतन (वॉल्यूम) के मामले में
दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा और जेनेरिक दवाओं का सबसे बड़ा प्रदाता है।वे कम लागत पर सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली के लिए गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा, दवाइयां और चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराने में क्रोएशिया की भागीदारी कर सकते हैं।चिकित्सा और कल्याण पर्यटन को बढ़ावा
देने की भी संभावनाएं हैं।
रक्षा क्षेत्र हमारे दोनों देशों के बीच सहयोग का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र हो सकता है।हमारी रक्षा आवश्यकताएं बहुत अधिक हैं औरमैं अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए क्रोएशियाई कंपनियों को हमारा भागीदार बनाने हेतु आमंत्रित करता हूं। इसके अलावा,अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र
में भी अवसर हैं। भारत में, हमने 2022 तक 100 गीगावाट सौर उर्जा सहित 175 गीगावाट की अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है।मुझे यह जानकारी दी गई है कि भारतीय कंपनी, ग्रीन ओरिएंट पावर ने सिबेनिक के पास विंड फार्म में निवेश किया है।मनोरंजन, आर्थिक
सहभागिता की दिशा में बढ़ता हुआ एक और क्षेत्र है। कई भारतीय फिल्म निर्माता भी अब इस खूबसूरत देश में फिल्मों की शूटिंग के लिए दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
सेवा क्षेत्र, भारत और क्रोएशिया दोनों की अर्थव्यवस्थाओं में महत्वपूर्ण योगदान करती है।हमें इस क्षेत्र में सहयोग को और भी समृद्ध करने के तरीकों पर ध्यान देना चाहिए।भारत सूचना प्रौद्योगिकी, निर्माण, आतिथ्य और स्वास्थ्य क्षेत्रों में कुशल श्रमशक्ति प्रदान करके
क्रोएशिया के विकास में भी भागीदार हो सकता है।
देवियों और सज्जनों,
हमारे द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों में बहुत सारी संभावनाएं है।मैं भारतीय और क्रोएशियाई व्यवसायिकों को व्यापार, प्रौद्योगिकी और निवेश सहयोग के लिए एक-दूसरे के साथ साझेदारी करने हेतु आमंत्रित करता हूं।आज की वैश्वीकृत विश्व में, हम केवल निर्यात और आयात के संदर्भ
में नहीं सोच सकते हैं, हमें अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए अपने मूल्य और आपूर्ति श्रृंखला को एकीकृत करने पर भी ध्यान देना चाहिए।मुझे इस विषय पर हर्ष है कि भारत-क्रोएशिया व्यापार परिषद की स्थापना की गई है।हमें इसे सक्रिय व उर्जावान करने और सहयोग के नए क्षेत्रों
की पहचान करने में इसकी सहायता लेने की आवश्यकता है।सरकारके तौर पर हम व्यवसाय के लिए सूत्रधार तो हो सकते हैं लेकिन आप अधि-आर्थिक जुड़ाव के प्रमुख लीडर हैं। मैं इस कार्यव क्षेत्र में प्रगति के लिए आपको शुभकामनाएं देता हूं।
मैं, आज के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए, एक बार पुनः सभी हितधारकों को धन्यवाद ज्ञापित करता हूं।साथ ही, राष्ट्रपति महोदया की गरिमामयी उपस्थिति तथा भारत-क्रोएशिया के व्यापारिक संबंधों को समृद्ध करनेतथा उनकी प्रतिबद्धता के लिए मैं, उनकी हार्दिक प्रशंसा करता हूँ।
ह्वाला!
धन्यावाद,
ज़ागरेब
मार्च 27, 2019