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उप राष्ट्रपति का भारत-पैराग्वे व्यापार मंच में मुख्य भाषण (07 मार्च, 2019)

मार्च 07, 2019

पैराग्वे की उद्योग और वाणिज्य मंत्री महामहिम सुश्री लिज़ क्रेमर
श्री के.जे. अल्फोंस, माननीय पर्यटन राज्य मंत्री, भारत सरकार,
श्री संजीव रंजन, पैराग्वे में भारत के राजदूत,
श्री राम कुमार कश्यप, संसद सदस्य (राज्य सभा),
पैराग्वे और भारत के व्यापार समुदायों के सदस्यगण,

सुप्रभात,

नमस्कार


इस समृद्ध सभा के बीच यहां आना मेरे लिए बहुत खुशी की बात है। मैं इस कार्यक्रम को आयोजित करने के लिए भारत के व्यापार मंडलों, फिक्की और सीआईआई एवं पैराग्वे के व्यापार मंडलों को धन्यवाद देना चाहता हूं। इस मंच से निकलने वाले विचार हमारे दोनों देशों में व्यापार के अवसरों को बढ़ाकर आर्थिक विकास का आधार बनेंगे। राजनीतिक और आर्थिक प्रगति एक साथ होती है।

लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई क्षेत्र भारत की ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा के लिए आवश्यक संसाधनों से समृद्ध है।

पैराग्वे लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई क्षेत्र में भारत का एक महत्वपूर्ण भागीदार है। हमारे द्विपक्षीय संबंध बहुत अच्छे हैं और कल बैठक में मैंने पैराग्वे के महामहिम राष्ट्रपति, महामहिम उप राष्ट्रपति और पैराग्वे सीनेट से उन तरीकों पर चर्चा की है जिसमें हम अपने व्यापार संबंधों को और मजबूत कर सकते हैं और व्यापार बढा सकते हैं।

हमारे दोनों देशों के बीच आर्थिक और व्यापार संबंधों में स्वागत योग्य वृद्धि हुई है। फिर भी इस संबंध को और मजबूत करने की प्रबल संभावना है। ऐसे कई क्षेत्र हैं जिनमें हमारे दोनों देश एक-दूसरे के पूरक हैं, जिन्हें पारस्परिक लाभ के लिए तलाशने की आवश्यकता है।

भारत को एलएसी प्राथमिकताओं और परियोजनाओं के साथ अधिक जुड़ने के लिए विभिन्न वैश्विक और क्षेत्रीय मंचों, बहुपक्षीय बैंकों आदि के माध्यम से एलएसी के साथ विनिर्माण, सेवाओं में अपनी ताकत का लाभ उठाने और अपने संपर्कों को मजबूत करनी चाहिए ।

भारत-पैराग्वे व्यापार फोरम का उद्देश्य नीति निर्माताओं, बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों और व्यवसाय से जुड़े लोगों को इस तरह के मंच प्रदान करना है ताकि वे इस क्षेत्र की चुनौतियों का सामना करने के लिए नई नीतिगत सोच और नवीन समाधानों को बढ़ावा दें।

भारतीय व्यापार समुदाय दक्षिण अमेरिका के केंद्र में पैराग्वे की भौगोलिक स्थिति अच्छी तरह से जानता है। पैराग्वे लैटिन अमेरिकी क्षेत्र में भारत का 10 वां अग्रणी व्यापारिक भागीदार है। पैराग्वे भारत के लिए वनस्पति तेल का एक प्रमुख स्रोत है।

2017-18 में, भारत और पैराग्वे के बीच द्विपक्षीय व्यापार लगभग 20 प्रतिशत बढ़कर 335 मिलियन यूएस डॉलर हो गया। इस अवधि के दौरान, पैराग्वे से भारत का आयात यूएस 167 मिलियन मिलियन यूएस डॉलर तक पहुंच गया, जबकि भारत से पैराग्वे निर्यात में पिछले वर्ष की तुलना में 35 प्रतिशत वृद्धि दर्ज करने के साथ ही यह मिलियन यूएस डॉलर तक पहुंच गया।

मेरा मानना है कि भारतीय कंपनियों के लिए पैराग्वे में निवेश के लिए, विशेष रूप से ऑटोमोबाइल, फार्मास्यूटिकल्स और इंजीनियरिंग सामान में काफी गुंजाइश है। कृषि में अपनी शक्ति को देखते हुए, पैराग्वे कृषि उत्पादों के स्रोत के रूप में भारत के लिए एक महत्वपूर्ण भागीदार बन सकता है।

दूसरी ओर, भारतीय कंपनियों द्वारा विकसित खेति से संबंधित मशीनरी और उपकरण पैराग्वे के लिए लाभकारी हो सकते हैं। पैराग्वे अक्षय ऊर्जा के निर्यात में विश्व में अग्रणी है और इस प्रकार यह छोटे और मध्यम आकार के ऊर्जा उत्पादन के घटकों के क्षेत्र में भारतीय निवेशकों को अवसर प्रदान करता है।

मुझे विश्वास है कि पैराग्वे चूना पत्थर और जिप्सम की उच्च गुणवत्ता वाली खानों को अत्यधिक किफायती कीमतों पर बिजली उपलब्ध कराने से भारतीय सीमेंट और उर्वरक उद्योगों के लिए एक आकर्षण होगा।

भारतीय फार्मास्युटिकल उत्पाद अपनी उच्च गुणवत्ता और किफायती कीमतों के लिए विश्वविख्यात हैं । वे विश्व स्तरीय उत्पाद हैं जिन्हें यूएस-फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन और यूरोपीयन डायरेक्टोरेट फॉर द क्वालिटी ऑफ मेडिसिन जैसी एजेंसियों द्वारा अनुमोदित किया गया है। फार्मा सेक्टर में भारत-पैराग्वे के संयुक्त उपक्रम से पैराग्वे के उपभोक्ताओं को बहुत लाभ हो सकता है। क्षेत्र के अन्य देशों में निर्यात के बारे में भी सोचा जा सकता है।

व्यापार- और निवेश-संवर्धन और भारत से पैराग्वे और भारत-एलएसी कॉन्क्लेव के लिए भारत और एलएसी क्षेत्र में आयोजित एलएसी सम्मेलन में स्काउटिंग के दौरे और एलएसी क्षेत्र ने दोनों पक्षों के व्यापारियों के लिए नए अवसरों के लिए मंच प्रदान किए हैं।

2008 के बाद से मर्कोसर और भारत के बीच व्यापार प्रवाह में 252% बढ़त हुई है। भारत मौजूदा पीटीए के विस्तार के माध्यम से पैराग्वे के साथ व्यापार में विविधता लाने के लिए उत्सुक है। पीटीए के तहत वस्तुओं की सूची के विस्तार में तेजी लाने के लिए हम मर्कोसर के सक्रिय सदस्यों में से एक के रूप में पैराग्वे को देखते हैं। भारत में अपनी निर्यात शक्ति जैसे इंजीनियरिंग सामान और मशीनरी, ऑटो वाहन, कपड़ा, फार्मा, और चमड़े के उत्पादों और जूते के क्षेत्र में रियायतें इन क्षेत्रों में मर्कोसर देशों में बाजार तक पहुंच बनाएंगी। इस संदर्भ में प्रस्तावित वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जल्द बातचीत से दोनों पक्षों के व्यापारियों को जल्दी निर्णय लेने में मदद मिलेगी।

मर्कोसर और प्रशांत गठबंधन का संभावित एकीकरण एक स्वागत योग्य संकेत है, जो इस क्षेत्र के भीतर और भारत के लिए अधिक से अधिक अवसर लाएगा, जिससे प्रत्येक देश को बाजार पहुंच बढ़ेगी।

हमारे कारोबारियों के लिए वीजा सुविधा का उदारीकरण यात्रा को आसान बनाएगा जो व्यापार पर प्रत्यक्ष प्रभाव डालेगा। भारत पैराग्वे सहित सभी लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई देशों में ई-वीजा सुविधाओं का उपलब्ध कराता है।

बहनों और भाइयों, विशिष्ट क्षेत्रों में मौजूद पूरकताओं और अवसरों पर काम करने के अलावा, मेरा विश्वास दोनों देशों में निर्मित व्यापार और निवेश-अनुकूल वातावरण में भी है।

मुझे यह जानकर खुशी हुई कि पिछले दस वर्षों में पैराग्वे ने मजबूत और स्थिर वृहद आर्थिक नीतियों का प्रदर्शन किया है जिससे आर्थिक कार्य-निष्पादन को मजबूत हुआ है। परिणामस्वरूप, 2013 और 2018 के बीच पैराग्वे की अर्थव्यवस्था में औसतन 4.28 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से वृद्धि हुई है। पैराग्वे उन कुछ लैटिन अमेरिकी देशों में से एक है जो तीन मुख्य रेटिंग एजेंसियों (यानी मूडीज, स्टैंडर्ड एंड पूअर्स और फिच) द्वारा स्थिर जोखिम वरीयता बनाए हुए है।

बहनों और भाइयों,

मुझे आपको यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि आज 1.25 बिलियन लोगों का देश भारत एक महान परिवर्तन से गुजर रहा है।

भारत अवसरों के देश के रूप में उभरा है, एक ऐसा देश जो विभिन्न तरीकों से अपने शासन को बदल रहा है।

परिणाम अब एक उद्देश्यपरक दर्शक के लिए परिणाम स्पष्ट हैं।

मुझे हाल ही में प्रकाशित विश्व बैंक की रिपोर्ट ‘डूइंग बिजनेस 2019’ के हवाले से कहा गया है," भारत, जो लगातार दूसरे वर्ष भी एक शीर्ष सुधारक है, जिसने पिछले वर्ष में छह सुधार लागू किए और वैश्विक रैंकिंग में 77 वें स्थान पर बढ़त बनाई । भारत अब इस क्षेत्र की शीर्ष अर्थव्यवस्था है …। कई अनुप्रयोग रूपों और वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की शुरूआत के माध्यम से कोई भी व्यवसाय शुरू करना आसान बन गया था।

”भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 2019-20 के दौरान 7.5 प्रतिशत बढ़ने की आशा है। आर्थिक परिदृश्य में सुधार के साथ, अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न निवेश हुए हैं। भारत ने 2018 में 38 बिलियन अमरीकी डालर के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्रवाह को आकर्षित किया और इस अवधि में दुनिया की शीर्ष 10 मेजबान अर्थव्यवस्थाओं में स्थान बनाने में कामयाब रहा, जिसने इस अवधि के दौरान सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश प्राप्त किया है।

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग के मामले में, भारत ने पिछले दो वर्षों में 53वें स्थान पर और पिछले चार वर्षों में 65 स्थान पर अपनी वरीयता में सुधार किया है और अब 190 में से 77वें स्थान पर है।

अनेक अंतरराष्ट्रीय कंपनियां मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसी विभिन्न सरकारी पहलों के कारण भारत में अपनी सुविधाएं स्थापित कर रही हैं। हमारे भारत के माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी ने भारतीय अर्थव्यवस्था के विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मेक इन इंडिया पहल शुरू की है।

डिजिटल संपर्क, परिवर्तनकारी आर्थिक सुधार, अनुकूल जनसांख्यिकी और व्यावसायिक स्टार्ट-अप तंत्र की देशव्यापी उन्नति से भारत को तीसरी सबसे बड़ी उपभोक्ता अर्थव्यवस्था होने की आशा है, क्योंकि इसकी खपत 2025 तक 4 ट्रिलियन यूएस डॉलर तक हो सकती है, जो उपभोक्ता व्यवहार और व्यय तरीके में बदलाव के कारण है । हमने 100 स्मार्ट शहरों, 7 हाई-स्पीड ट्रेन कॉरिडोर और राष्ट्रव्यापी ब्रॉड-बैंड कनेक्टिविटी सहित आधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए काम शुरू किया है।

वस्तु एवं सेवा कर की शुरूआत जैसे परिवर्तनकारी सुधारों ने 1.3 बिलियन की जनसंख्या वाले भारत को अपने इतिहास में पहली बार एक राष्ट्र, एक कर, एक बाजार बना दिया है।

भारत भी ध्यानपूर्वक विकास को इक्विटी के साथ संयोजित करने का प्रयास कर रहा है। हमारे वित्तीय समावेशन कार्यक्रम जन धन योजना के अंतर्गत 340 मिलियन बैंक खाते गरीबों और जरूरतमंदों के लिए खोले गए हैं। सूक्ष्म-ऋण योजना ‘मुद्रा’ के तहत 90 मिलियन अमेरिकी डॉलर के 128 मिलियन ऋण वितरित किए गए हैं। इन लाभार्थियों में से 74% महिलाएं हैं! इन पहलों ने सूक्ष्म उद्यमों, उद्यमिता और स्वरोजगार की वृद्धि को एक नई गति प्रदान की है।

इसलिये बहनों और भाइयों,

भारत-पैराग्वे व्यापार संबंधों को गहरा करने की अच्छी संभावना है।

मैं एक-दूसरे के साथ व्यापार और प्रौद्योगिकी सहयोग के लिए भारतीय और पैराग्वे के व्यवसायियों को आमंत्रित करता हूं। मैं पैराग्वे के व्यवसायी पुरुष और महिलाओं से भी आग्रह करता हूं कि वे देश में पहली बार बड़े परिवर्तन का अनुभव करने के लिए भारत आएं, 'मेक इन इंडिया' 'डिजिटल इंडिया' और 'स्किल इंडिया' जैसे हमारे कार्यक्रमों की उपलब्धियों को देखें और भविष्य के उन अवसरों की तलाश करें जो आजतक नहीं पहचाने गए हैं ताकि व्यापार और निवेश क्षेत्रों में हमारे संबंध मजबूत हो सकें । भविष्य की कुंजी नए तालमेल का विकास है।

मैं हमारी साझेदारी के भविष्य को लेकर बेहद आशान्वित हूं। मुझे आशा है कि यह मंच इस साझेदारी को एक नई गति प्रदान करेगा और अपने प्रयासों में आप सभी की सफलता की कामना करता हूँ।

धन्यवाद

डिस्क्लेमर: यह भाषण का तैयार किया गया पाठ है। कृपया भाषण की जाँच करें।



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