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अफगानिस्तान की भागीदारी के साथ "भारत-मध्य एशिया" के विदेश मंत्रियों की पहली बैठक के परिणाम पर संयुक्त वक्तव्य

जनवरी 13, 2019

अफगानिस्तान की भागीदारी के साथ "भारत - मध्य एशिया" वार्ता की पहली मंत्री स्तरीय बैठक 13 जनवरी 2019को उज़्बेकिस्तान गणराज्य के समरकंद में हुई। इस बैठक में इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान, भारत गणराज्य, कजाकिस्तान गणराज्य, किर्गिज गणराज्य, तजाकिस्तान गणराज्य, तुर्कमेनिस्तान गणराज्य और उजबेकिस्तान गणराज्य के विदेश मंत्रियों ने भाग लिया।

दोनों पक्षों ने भारत और मध्य एशिया के बीच प्राचीन सभ्यता, सांस्कृतिक, व्यापार औरलोगों के आपसी संबंधों की चर्चा की तथा द्विपक्षीय और बहुपक्षीय प्रारूपों में भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच गतिशील और फलदायी मैत्रीपूर्ण संबंधों और पारस्परिक रूप से लाभप्रद सहयोग के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।

पक्षों ने सुरक्षा, स्थिरता और सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए सहयोग, आपसी समर्थन, प्रासंगिक मुद्दों पर संयुक्त समाधान की अपनी इच्छा की पुष्टि की। इस संदर्भ में, बैठक के प्रतिभागियों ने 15 मार्च, 2018 को अस्ताना में आयोजित मध्य एशिया के राष्ट्र-प्रमुखों की पहली कार्यात्मक (परामर्शात्मक) बैठक के सफल आयोजन का स्वागत किया।

सभी पक्षों ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में इसकी निंदा की और दुनिया के लोगों और अर्थव्यवस्थाओं के लिए खतरा उत्पन्न करने वाले आतंकवाद का मुकाबला करने में सहयोग करने के लिए सहमत हुए।

मंत्रियों ने उन परियोजनाओं के विकास और कार्यान्वयन के महत्व पर जोर दिया, जो समानता, पारस्परिक लाभ और उनके हितों का सम्मान करने के सिद्धांतों के आधार पर मध्य एशिया के देशों की आर्थिक वृद्धि की समस्याओं और मुद्दों का एक ठोस समाधान प्रदान करती हैं।

पक्षों ने मुक्त व्यापार के लिए अनुकूल परिस्थितियों को सुनिश्चित करने तथा आर्थिक सहयोग के विस्तार के लिए वास्तविक अवसर पैदा करने के लिए परस्पर सहयोग को मजबूत करने की इच्छा व्यक्त की।

विदेश मंत्रालयों के प्रमुखों ने उद्योग, ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी, फार्मास्यूटिकल्स और कृषि, शिक्षा एवं प्रशिक्षण के प्रमुख क्षेत्रों में निवेश, नवाचारों और प्रौद्योगिकियों को आकर्षित करने तथा आपसी व्यापार को बढ़ावा देने के अवसरों और सहयोग के क्षेत्रों पर चर्चा की।

पक्षों ने व्यवसाय समुदाय और व्यावसायिक संगठनों के बीच सीधे संपर्क के विकास को बढ़ावा देने औरकंपनियों तथा उद्यमों के बीच सहयोग के नए स्वरूपों में प्रवेश करने में अपनी तत्परता की पुष्टि की। उन्होंने छोटे और मध्यम आकार के व्यवसायों, स्टार्ट-अप, उद्यम व्यापार के स्तर पर सहयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर ध्यान दिया।

मंत्रियों ने नियमित आधार पर उद्योग-विशिष्ट व्यापार मंचों और अन्य पारस्परिक व्यापारिक आयोजनों के महत्व पर बल दिया।

विदेश मंत्रालयों के प्रमुखों ने विश्व स्तर पर मध्य एशियाई देशों की क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था, व्यापार के अवसरों और निवेश के माहौल और बाजार के आकर्षण को बेहतर बनाने के लिए ठोस प्रयासों के महत्व पर ध्यानदिया। मंत्रियों ने भारत और मध्य एशिया के देशों और शहरों के बीच प्रत्यक्ष रूप से लाभकारी आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को विस्तारित और स्थापित करने की आवश्यकता पर विशेष ध्यान दिया और इस दिशा में योगदान करने की इच्छा व्यक्त की।

मंत्रियों ने मध्य एशियाई देशों के पारगमन और परिवहन-संचार क्षमता के विकास, क्षेत्र की परिवहन और लॉजिस्टिक्स प्रणाली के सुधारमें और अधिक गहन सहयोग करने और क्षेत्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय परिवहन गलियारों के निर्माण के लिए संयुक्त पहलों को बढ़ावा देने में रुचि प्रदर्शित की।विशेष रूप से, प्रतिभागियों ने अंतर्राष्ट्रीय परिवहन और पारगमन गलियारा बनाने पर अश्गाबात समझौते में भारत के प्रवेश का स्वागत किया।

विदेश मंत्रालयों के प्रमुखों ने मध्य एशिया के देशों और भारत के बीच व्यापार संबंधों को विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया, बातचीत के बहुपक्षीय तंत्र के मुद्दे पर विचार करने की वांछनीयता पर ध्यान दिया।

मंत्रियों ने मध्य एशिया के देशों और भारत के बीच आपसी पर्यटन प्रवाह को बढ़ाने, पर्यटन बुनियादी ढांचे के विकास के लिए अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण करने की प्रतिबद्धता पर बल दिया।पक्षों ने मध्य एशिया के देशों में क्षेत्रीय पर्यटन मार्गों को बनाने और संयुक्त पर्यटन के महत्व पर ध्यान दिया।

दोनों पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव ए/आरईएस/73/128 «शिक्षा और धार्मिक सहिष्णुता» के कार्यान्वयन के ढांचे में संस्कृति, विज्ञान और शिक्षा तथाखेल के क्षेत्र में संयुक्त युवा परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर विशेष ध्यान दिया।

मंत्रियों ने संयुक्त परियोजनाओं को लागू करने के साथ-साथ सांस्कृतिक, वैज्ञानिक, शैक्षिक, चिकित्सा और सूचना क्षेत्रों में द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग को गहरा करने के साथ ही लोगों-से-लोगों की कूटनीति के ढांचे, विशेषज्ञ-विश्लेषणात्मक और सार्वजनिक दायरों तथामास मीडियाकी चर्चाओं में सांस्कृतिक और मानवीय आदान-प्रदान को बढ़ाने में रुचि व्यक्त की।पक्षों ने संयुक्त सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक स्मारकों के संरक्षण और अध्ययन में सहभागिता को प्राथमिकता दी।

विदेश मंत्रालयों के प्रमुखों ने बहुपक्षीय मंचों और संगठनों में आगे सहयोग करने के लिए अपनी तत्परता की पुष्टि की, जिसमें पदों का समन्वय, सूचना का आदान-प्रदान, उम्मीदवारों का परस्पर समर्थन शामिल है।

मंत्रियों ने क्षेत्रीय सहयोग, माल और ऊर्जा के पारगमन के लिए स्थल मार्ग की कड़ी के रूप में "भारत-मध्य एशिया" वार्ता की पहली बैठक में अफगानिस्तान की भागीदारी का स्वागत कियाऔर शांति, सुरक्षा, अफगानिस्तान की स्थिरता के लिएअफगान-नेतृत्व, अफगान के स्वामित्व वाली समावेशी शांति प्रक्रिया और मेल-मिलाप को बढ़ावा देने तथा संयुक्त बुनियादी ढाँचे, पारगमन और परिवहन, क्षेत्रीय सहयोग और निवेश परियोजनाओं सहित ऊर्जा परियोजनाओं के कार्यान्वयन के माध्यम से अफगानिस्तान के आर्थिक पुनर्निर्माण में सहायता करने के लिए मध्य एशियाई देशों और भारत के लिए समर्थन और प्रतिबद्धता व्यक्त की।

विदेश मंत्रालयों के प्रमुखों ने अफगानी महिलाओं को देश के सार्वजनिक जीवन में भाग लेने के लिए अफगानिस्तान में स्थायी आर्थिक विकास के महत्व पर ध्यानदिया और मध्य एशिया के देशों में इस मुद्दे पर मंचों और सम्मेलनों के सफल आयोजन का स्वागत किया।

मंत्रियों ने नवंबर 2017 में अफगानिस्तान पर अश्गाबात में आयोजित (रेका VII) सातवें क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग सम्मेलन के परिणामों परध्यान दियाऔर 2019 की दूसरी छमाही में ताशकंद में अफगानिस्तान पर आठवें क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग सम्मेलन (रेका VIII) की तैयारी में सहयोग करने की अपनी इच्छा की पुष्टि की।

प्रतिभागियों ने अफगानिस्तान के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों, शैक्षिक और अनुसंधान परियोजनाओं के कार्यान्वयन में संयुक्त पहल के लिए महत्वपूर्ण संभावनाओं पर ध्यान आकर्षित किया और अंतर्राष्ट्रीय युवा मंचों, त्योहारों, प्रतियोगिताओं, वैज्ञानिक सम्मेलनों, प्रदर्शनियों और अन्य संयुक्त कार्यक्रमों में अफगान पक्ष की भागीदारी को बढ़ावा देने की अपनी इच्छा व्यक्त की।

दोनों पक्षों ने समरकंद में बैठक के सफल आयोजन पर संतोष व्यक्त किया और इसके आयोजन के लिए उज़्बेकिस्तान गणराज्य के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त की।

प्रतिभागियों ने अफगानिस्तान की भागीदारी के साथ नियमित आधार पर विदेश मंत्रियों के स्तर पर "भारत - मध्य एशिया" वार्ता जारी रखने के लिए सहमति व्यक्त की और 2020 में इस प्रारूप में नई दिल्ली में बैठक करनेपर सहमति दी।

उज़्बेकिस्तान
13 जनवरी, 2019



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