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प्रथम भारत-मध्य एशिया वार्ता के बाद विदेश मंत्री द्वारा प्रेस वक्तव्य

जनवरी 13, 2019

महामहिम, अब्दुलअज़ीज़ खफीज़ोविच कामिलोव,
उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्री,
मेजबान और भारत- मध्य एशिया वार्ता के सह-अध्यक्ष ।
मध्य एशिया और अफगानिस्तान के महानुभाव एवं सहयोगी।
मीडिया के मित्र।


अफगानिस्तान की भागीदारी के साथ, ऐतिहासिक प्रथम भारत-मध्य एशिया वार्ता में, समरकंद में उपस्थित होना मुझे अपार खुशी देता है।

मैं इस वार्ता की मेजबानी के लिए उज्बेकिस्तान सरकार और मेरे सहयोगियों, मध्य एशिया और अफगानिस्तान के विदेश मंत्रियों की इस वार्ता में भाग लेने के लिए आभारी हूं। आज भारत और मध्य एशिया के संबंधों में एक नए युग की शुरुआत का प्रारंभ बिंदु है।

हमारे संवाद ने भारत, मध्य एशिया और अफगानिस्तान के लोगों के बीच सदियों पुराने संबंधों की पुष्टि की है। हम एक दूसरे के साथ सहज हैं और स्वाभाविक साझेदार हैं।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में सभी पांच मध्य एशिया के देशों की यात्रा की, एक भारतीय नेता द्वारा पहली यात्रा, जिसमें जोर दिया गया कि भारत के लिए मध्य एशिया का क्या महत्व है।

इस यात्रा ने पांच मध्य एशियाई देशों में से प्रत्येक के साथ द्विपक्षीय रूप से महत्वपूर्ण परिणाम प्राप्त किए, लेकिन हमें यह भी सोचने पर मजबूर कर दिया कि हम भारत और मध्य एशिया के बीच आर्थिक भागीदारी और विकास साझेदारी को बढ़ाने के लिए और अधिक क्या कर सकते हैं।

अब हम इन मजबूत बुनियादों पर एक आधुनिक और व्यापक साझेदारी का निर्माण करना चाहते हैं।

हमारे पास मध्य एशियाई क्षेत्र के साथ भारत के संबंधों के समग्र पहलुओं पर समीक्षा करने का अवसर था और हमारे संविद को सशक्त करने के तरीकों पर व्यापक चर्चा हुई।

विकास साझेदारी भारत के अन्य देशों के साथ जुड़ाव का एक महत्वपूर्ण घटक बनकर उभरा है। आज, मैंने इस साझेदारी को मध्य एशिया में भी विस्तारित करने की पेशकश की, जहां हम अपने लाइन्स ऑफ क्रेडिट एवं बायर्स क्रेडिट के तहत, ठोस परियोजनाएं, अन्यवस्तुषु और अपनी विशेषज्ञता साझा करके अपने देशों को करीब ला सकते हैं।

इस संबंध में, भारत, भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच इस विकास साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए "भारत-मध्य एशिया विकास समूह" की स्थापना का प्रस्ताव करता है। इस G2G समूह में हमारे सभी देशों को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। इस समूह को ठोस प्रस्तावों के साथ आने का अनुरोध किया जाएगा।

मित्रों,

जैसा कि आप जानते हैं, भारत, ईरान और अफगानिस्तान के संयुक्त प्रयासों ने ईरान में चाबहार बंदरगाह के विकास को अफगानिस्तान और मध्य एशिया के लिए संभावित रूप से जोड़ने के लिए एक व्यवहार्य मार्ग के रूप में विकसित किया है।

इस संदर्भ में, हम 26 फरवरी, 2019 को चाबहार में आगामी चाबहार दिवस अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में मध्य एशियाई देशों की भागीदारी देखकर हर्षित होंगे। भारत ने मध्य एशिया के उम्मीदवारों के लिए क्षमता निर्माण के लिए हमारे सांस्कृतिक सहयोग और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ाने की दिशा में कई प्रस्ताव रखे हैं।

हम "भारत - मध्य एशिया वार्ता" की पहली बैठक में अफगानिस्तान की भागीदारी का स्वागत करते हैं।

भारत, इस वार्ता के माध्यम से, अफगानिस्तान की शांति, सुरक्षा और स्थिरता के लिए अपना समर्थन और प्रतिबद्धता दोहराता है; समावेशी अफगान के नेतृत्व वाली, अफगान के स्वामित्व वाली और अफगान नियंत्रित शांति और सुलह प्रक्रिया को बढ़ावा देने और अफगानिस्तान के आर्थिक पुनर्निर्माण में सहायता करने के लिए।

मित्रों,

मैंने विशेष रूप से बताया कि आतंकवाद से पीड़ित देश में कोई भी व्यावसायिक विकास और कोई भी निवेश नहीं हो सकता है। हमारे क्षेत्र में व्यापार के विकास को बढ़ावा देने के लिए, हम आतंकवाद के संकट से एक साथ लड़ने के लिए सहमत हुए।

भारत 2020 में भारत में विदेश मंत्रियों के स्तर पर अफगानिस्तान की भागीदारी के साथ अगले भारत-मध्य एशिया वार्ता की मेजबानी करके हर्षित होगा।

हमारे उदार आतिथ्य और समरकंद में इस बैठक के लिए बेहतरीन व्यवस्था के लिए मैं अपने सम्मानित सहयोगी, उजबेकिस्तान के विदेश मंत्री और उजबेकिस्तान सरकार के प्रति अपनी गहरी कृतज्ञता व्यक्त करना चाहती हूं।

धन्यवाद।

उज़्बेकिस्तान
जनवरी 13, 2019



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