This page uses Javascript. Your browser either doesn't support Javascript or you have it turned off. To see this page as it is meant to appear please use a Javascript enabled browser.
This website uses Javascript
This website uses Javascript
This website uses Javascript
This website uses Javascript
This website uses Javascript
Ministry of External Affairs
साइटमैप
संपर्क
प्रतिक्रिया
इंट्रानेट
मीडिया लॉगिन
मुख्य सामग्री पर जाएं
स्क्रीन रीडर का उपयोग
Please select Language
English
हिन्दी
विदेश मंत्रालय
भारत सरकार
व्हाट्स न्यू
Search
java script is required for this page
मुख पृष्ठ
हमारे बारे में
प्रोफाइल
विदेश मंत्रालय संगठन
हमारे साथ इंटर्नशिप
तोशाखाना में प्राप्त उपहारों का प्रकटीकरण
भारतीय विदेश सेवा के अधिकारियों की अचल संपत्ति विवरणियां
यात्रायें
जावक यात्रायें
राष्ट्रपति की यात्रायें
उपराष्ट्रपति की यात्रायें
प्रधान मंत्री की यात्रायें
विदेश मंत्री की यात्रायें
आवक यात्रायें
आभासी बैठकें
मीडिया सेंटर
प्रवक्ता कार्यालय
कार्मिक
विदेशी संचार माध्यम की सुगमता
संचार माध्यम प्रत्यायन
भारत में वृत्तचित्र फिल्माँकन
विदेश मंत्रालय का मीडिया अभियान
भाषण और वक्तव्य
प्रेस विज्ञप्तियाँ
द्विपक्षीय / बहुपक्षीय प्रलेख
मीडिया के प्रश्नों पर प्रतिक्रिया
प्रेस वार्ता
फोटो गैलरी
मीडिया परामर्शी
साक्षात्कार
संसदीय प्रश्न एवं उत्तर
लोक सभा
राज्य सभा
प्रकाशन
भारत में व्यवसाय
वार्षिक रिपोर्ट
विदेश मंत्रालय
अन्य कार्यालय
अन्य प्रकाशन
ओआईए प्रकाशन
प्रलेख
आर्किव्स
एन.ए.आई. आर्किव्स
कांसुलर सर्विसेज
कांसुलर सर्विसेज
कांसुलर सर्विसेज के लिए गाइड
अभिप्रमाणन / अपौस्टिल
अविवाहित / एकल स्थिति प्रमाणपत्र
नोरी
कॉन्सुलर एक्सेस
सजा प्राप्त व्यक्तियों का स्थानांतरण
पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (MLAT)
पासपोर्ट सेवाएं
वीजा सेवाएं
ऑनलाइन भारतीय वीजा
राजनयिक / आधिकारिक वीजा
ई-वीजा
सत्यापित करें विदेश वीजा/ परमिट/ सी डी सी
भारतीय नागरिकों के लिए वीजा सुविधा (साधारण पासपोर्ट)
वीजा समझौता
वीजा छूट समझौतें
वीज़ा सुविधा समझौते
एफआरआरओ द्वारा प्रदत्त वीज़ा सेवाएँ
एफआरआरओ पंजीकरण औपचारिकताओं के लिए चेकलिस्ट
आउटसोर्स सीपीवी सेवाएं
प्रवासी और प्रवास के मुद्दे
डायस्पोरा एंगेजमेंट
प्रवासी भारतीय नागरिकता स्कीम
भारत जानों कार्यक्रम
गोवा को जानें कार्यक्रम
भारतीय मूल के बालकों के लिए छात्रवृत्ति कार्यक्रम
प्रवासी भारतीय केन्द्र
भारत को जनीये ऑनलाइन क्विज (बीकेजे)
छात्र पंजीकरण पोर्टल
भारतीय नागरिकों के वैवाहिक मुद्दे विदेशी भारतीयों से शादी करके
विदेशी नियोजन
विदेशी मतदाता
विदेशी / एनआरआई मतदाता के रूप में नामांकन कैसे करें
राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल
विदेशी मतदाता के लिए ब्रोशर
कार्यरत मतदाताओं के लिए ब्रोशर
कल्याण
ओडब्लूआरसी, एमआरसी और पीबीएसके
मुआवजे का दावा
भारतीय समुदाय कल्याण निधि
विदेश में स्थित भारतीय मिशन / पोस्ट में पंजीकृत संगठनों / गैर सरकारी संगठनों का विवरण
विदेश में भारतीय छात्र
संवाद और समझौतों
बहुपक्षीय सहयोग
मॉडल अनुबंध
अधिसूचना
सामाजिक सुरक्षा समझौतों
श्रम गतिशीलता भागीदारी (एलएमपीए)
समझौता ज्ञापन (एमओयू)
स्वायत्त निकायों
प्रवासन के लिए भारत केंद्र (आईसीएम)
प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार (पीबीएसए)
प्रवासी भारतीय दिवस
संपर्क करें
अभिलेख
विदेशी भारतीयों की आबादी
प्राय: पूछे जाने वाले प्रश्न
लोक राजनय
विशिष्ट व्याख्यान
वृत्तचित्र
भारत परिप्रेक्ष्य
ई-नागरिक / निविदाएं
निविदाएं / अधिसूचनाएं
परिपत्र/अधिसूचना/रिक्तियाँ
विजिलेंस
लोग कंप्लेंट
अखंडता संधि
पीआईडीपीआई
शिकायत समिति
अधिनियम, कानून और नियम
विदेश मंत्रालय खाता
बजट
नागरिक अधिकार पत्र
सलाहकार
यात्रा सलाहकार
उपयोगी लिंक्स
भारत के राष्ट्रपति
भारत के उपराष्ट्रपति
भारत के प्रधानमंत्री
भारतीय संसद
संयुक्त राष्ट्र में हिंदी
संयुक्त राष्ट्र समाचार
प्रोटोकॉल प्रभाग
भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद
सुषमा स्वराज इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेन सर्विस
विदेश मंत्रालय की मासिक प्रमुख उपलब्धियां
कोविड-19 अपडेट्स
महत्वपूर्ण लिंक
अन्य लिंक्स
व्यापार में भारत
भारतीय मिशन
सूचना का अधिकार
यात्रायें
मुख पृष्ठ
›
यात्रायें
›
जावक यात्रायें
›
यात्रा विवरण
Detail
जी-20 शिखर-सम्मेलन के दौरान ब्रिक्स नेताओं की औपचारिक बैठक के बारे में मीडिया वक्तव्य
नवम्बर 30, 2018
हम ब्राजील संघीय गणराज्य, रूसी परिसंघ, भारत गणराज्य, चीन लोकवादी गणतंत्र और दक्षिण अफ्रीका गणतंत्र के राष्ट्र और सरकार प्रमुखों ने ब्यूनर्स आयर्स, अर्जेंटीना में आयोजित जी-20 के दौरान ब्रिक्स नेताओं की वार्षिक औपचारिक बैठक के लिए 30 नवम्बर, 2018 को एक बैठक का आयोजन किया। हमने 2018 में जी-20 के लिए अर्जेंटीना की अध्यक्षता को बधाई और उसके प्रति सहयोग दिया तथा हमें प्रदान किए गए सत्कार के लिए आभार व्यक्त किया।
हमने अंतर्राष्ट्रीय राजनीतिक, सुरक्षा और वैश्विक आर्थिक-वित्तीय मुद्दों तथा संधारणीय विकास के समक्ष आ रही चुनौतियों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। हमने स्वयं को शांति और स्थायित्वपूर्ण विश्व के प्रति तथा अंतर्राष्ट्रीय विधि के लिए सम्मान लोकतंत्र के संवर्धन और विधि के नियम के प्रति पुन: प्रतिबद्ध किया। हम बहुराष्ट्रवाद को सुदृढ़ बनाने तथा एक उचित, न्यायसंगत, समानतावादी, लोकतांत्रिक और प्रतिनिधिकारी अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं।
हम निरंतर हो रहे आतंकवादी हमलों जिसमें कुछ ब्रिक्स देशों के विरुद्ध हुए हमले भी शामिल हैं, की निंदा करते हैं। हम आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में भर्त्सना करते हैं चाहे वह कहीं भी किया गया हो और किसी के भी द्वारा किया गया हो। हम एक सुदृढ़ अंतर्राष्ट्रीय विधिक आधार पर संयुक्त राष्ट्र के तत्वावधान में आतंकवाद का सामना करने के लिए सतत् प्रयासों को किए जाने का आग्रह करते हैं। हम सभी राष्ट्रों का आह्वान करते हैं कि वे आतंकवाद का सामना करने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाएं जिसमें जोहान्सबर्ग घोषणा में पहचाने गए सभी अवयव शामिल हों।
हम पारदर्शी, भेदभावहित, मुक्त और अंतर्वेशी व्यापार सुनिश्चित करने के लिए डब्ल्यूटीओ में प्रतिपादित नियम-आधारित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के लिए अपने पूर्ण सहयोग की पुन: पुष्टि करते हैं। हम डब्ल्यूटीओ के कार्यकरण में सुधार करने के लिए अन्य डब्ल्यूटीओ सदस्यों के साथ मुक्त और परिणामोन्मुखी चर्चाएं आयोजित करने के लिए अपनी साझी स्वीकार्यता अभिव्यक्त करती हैं।
डब्ल्यूटीओ की भावना और नियम एकपक्षीय और संरक्षणवादी उपायों का निवारण करते हैं। हम सभी सदस्यों से आह्वान करते हैं कि वे ऐसे डब्ल्यूटीओ असंगत उपायों का विरोध करें, डब्ल्यूटीओ में की गई उनकी प्रतिबद्धताओं पर अटल रहें तथा ऐसे भेदभाव और निर्बंधनकारी प्रकृति के उपायों को वापस लें।
हम वर्तमान और भावी चुनौतियों का सामना करने के लिए डब्ल्यूटीओ की प्रासंगिकता और प्रभावकारिता में वृद्धि करने के उद्देश्य से उसमें सुधार लाने के प्रति किए जाने वाले कार्य का समर्थन करते हैं। इस कार्य में डब्ल्यूटीओ के केन्द्रीय मूल्य और आधारभूत सिद्धांतों को परिरक्षित किया जाना चाहिए विशेष रूप से वे, जो विकासशील सदस्य हैं।
डब्ल्यूटीओ का विवाद निपटान तंत्र इसके समुचित कार्यकरण के लिए अनिवार्य है। इसका कार्यकुशल कार्यकरण सदस्यों में डब्ल्यूटीओ के साथ भावी वार्ताएं करने के लिए अपेक्षित आत्मविश्वास प्रदान करेगा। अत: हमें यह आग्रह करते हैं कि अपीलीय निकाय चयन प्रक्रिया डब्ल्यूटीओ विवाद निपटान प्रणाली के स्थिर और प्रभावी कार्यकरण के लिए एक अनिवार्य पूर्वापेक्षा के रूप में तत्काल ही प्रारंभ की जाए।
हम हमारे संचार और सहयोग में संवृद्धि करने तथा अन्य सदस्यों के साथ संयुक्त रूप से और उनके साथ सहयोग करते हुए कार्य करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुन:पुष्टि करते हैं ताकि डब्ल्यूटीओ बदले हुए समय के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सके, अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में सभी देशों के अंतर्वेशी विकास और प्रतिभागिता को प्रोत्साहित कर सके तथा वैश्विक आर्थिक शासन में एक अर्थपूर्ण भूमिका निभा सके।
हम उचित और संधारणीय विकास के लिए सर्वसम्मति तैयार करने के विषय तथा कार्य के भविष्य, विकास के लिए अवसंरचना और संघारणीय भविष्य के लिए खाद्य सुरक्षा पर इसके ध्यान-केन्द्रण के लिए अर्जेंटीना की जी-20 अध्यक्षता का स्वागत करते हैं।
हम विकास के लिए अवसंरचना के महत्व को पहचानते हैं तथा वैश्विक अवसंरचना की खामियों को दूर करके और साथ ही नए विकास बैंक सहित राष्ट्रीय और सामूहिक पहलों के माध्यम से संधारणीय और आपदा-निवारक अवसंरचना के लिए संसाधन जुटाकर योगदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
हम एक सुदृढ़ वैश्विक वित्तीय सुरक्षा नेट की हिमायत करते हैं जिसमें पर्याप्त संसाधन, कोटा-आधारित अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा निधि (आईएमएफ) उसके केन्द्र में विद्यमान हो। इस प्रयोजनार्थ हम आईएमएफ की कोटा की 15वीं आम समीक्षा के निष्कर्ष के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि करते हैं जिसमें एक नया कोटा सूत्र शामिल हो, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि गतिशील उभरने वाली और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं की आवाज को सुना जा सके जिससे वे विश्व अर्थव्यवस्था में अपने सापेक्षी योगदान को प्रतिबिंबित कर सके तथा अल्पविकसित देशों की बात को भी संरक्षण 2019 की वसंत ऋतु की बैठकों और अधिक से अधिक 2019 की वार्षिक बैठकों तक अवश्य प्राप्त हो जाए।
हम संधारणीय विकास तथा संधारणीय विकास लक्ष्यों के लिए 2030 एजेंडे के क्रियान्वयन के लिए अपनी प्रतिबद्धता पुन: प्रवर्तित करते हैं जो 2030 तक गरीबी का उन्मूलन करने के अपने अंतिम लक्ष्य के प्रति एक संतुलित और एकीकृत तरीके से अपने तीन आयामों-आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय, में औचित्यपूर्ण, अंतर्वेशी, मुक्त, चहुंमुखी अभिनवता-चालित और संधारणीय विकास उपलब्ध कराएगा। हम विकसित देशों से आग्रह करते हैं कि वे अपनी ओडीए प्रतिबद्धताओं का समय पर पालन करें तथा अदिस अबाबा कार्यवाही एजेंडे के अनुरूप विकासशील देशों को अतिरिक्त विकास संसाधन कराएं।
वैश्विक आर्थिक विस्तार जारी है, लेकिन यह कम संतुलित है और इसके नकारात्मक जोखिमों में वृद्धि हो गई है। हमें इस बात की चिंता है कि प्रमुख विकसित अर्थव्यवस्थाओं से नीतिगत सामान्यीकरण द्वारा नकारात्मक अधिशेष को हाल ही में कुछ उभरती हुई बाजार अर्थव्यवस्थाओं में अस्थिरता का एक महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में देखा गया है। हम इन सभी अर्थव्यवस्थाओं का आह्वान करते हैं कि वे अपने नीतिगत वार्तालाप और समन्वय को सुदृढ़ बनाएं तथा उन्हें जी-20 और अन्य मंचों की भावना के अनुरूप ढाले ताकि विस्तार के जोखिमों से बचा जा सके।
जलवायु परिवर्तन के बारे में, हम स्वयं को यूएनएफसीसीसी के सिद्धांतों के अंतर्गत अंगीकृत किए गए पेरिस करार के पूर्ण क्रियान्वयन के प्रति पुन: प्रतिबद्ध करते हैं जिसमें साझे परंतु विभेदीकृत उत्तरदायित्वों और संबंधित क्षमताओं के सिद्धांत भी शामिल हैं तथा विकसित देशों से आग्रह करते हैं कि वे विकासशील देशों को न्यूनीकरण और अनुकलन में अपनी क्षमता में वृद्धि करने के लिए वितीय, प्रौद्योगिकीय और क्षमता निर्माण संबंधी सहायता प्रदान करें। हम सभी देशों का आह्वान करते हैं की वे सीओपी-24 के दौरान पेरिस करार कार्य कार्यक्रम के अंतर्गत संतुलित परिणाम हासिल करें जो पेरिस करार के प्रचालन और क्रियान्वयन को समर्थ बनाते हैं। हम हरित जलवायु निधि के लिए एक सफल और महत्वाकांक्षी प्रथम आपूरण प्रक्रिया संचालित करने के महत्व और तात्कालिक पर बल प्रदान करते हैं।
हम 25-27 जुलाई, 2018 को जोहान्सबर्ग में आयोजित 10वें ब्रिक्स शिखर-सम्मेलन की सफलता के लिए दक्षिण अफ्रीका के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हैं तथा हमारे लोगों के लाभ के लिए हमारी रणनीतिक भागीदारी और अधिक आगे ले जाने के लिए स्वयं को प्रतिबद्ध करते हैं। हम दक्षिण अफ्रीका की अध्यक्षता के अंतर्गत आर्थिक, शांति और सुरक्षा तथा लोगों का लोगों के साथ विचार-विनियम के क्षेत्रों में ब्रिक्स सहयोग की उपलब्धियों पर संतोष व्यक्त करते हैं जिसमें नई औद्योगिक क्रांति पर ब्रिक्स भागीदारी (पार्ट-एनआईआई), ब्रिक्स टीकाकरण अनुसंधान और विकास केन्द्र, ब्रिक्स, ऊर्जा अनुसंधान सहयोग मंच तथा साओ पोलों में नए विकास बैंक का अमरीकी क्षेत्रीय कार्यालय भी शामिल है। हम जोहानेसबर्ग शिखर-सम्मेलन तथा पूर्व शिखर-सम्मेलनों के परिणामों को पूर्णत: क्रियान्वित करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुन: पुष्टि करते हैं।
हम ब्राजील में 2015 में आयोजित किए जाने वाले 11वें ब्रिक्स शिखर-सम्मेलन की प्रतीक्षा कर रहे हैं तथा हम भावी ब्रिक्स अध्यक्ष के रूप में ब्राजील के प्रति अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करेंगे।
ब्यूनस आयर्स
30 नवम्बर, 2018
java script is required for this page
पेज की प्रतिक्रिया
क्या आप इस जानकारी को उपयोगी पाते हैं?
नाम
*
ई - मेल
*
आपकी प्रतिक्रिया लिखें
*
सत्यापन कोड
*
java script is required for this page
java script is required for this page
This website uses Javascript
टिप्पणियाँ
टिप्पणी पोस्ट करें
नाम
*
ई - मेल
*
आपकी टिप्पणी लिखें
*
सत्यापन कोड
*
java script is required for this page
Go to Navigation