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प्रधानमंत्री की सिंगापुर यात्रा (14-15 नवंबर, 2018)

नवम्बर 12, 2018

1. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी सिंगापुर गणराज्य के प्रधानमंत्री श्री ली सीन लूंग के निमंत्रण पर 14-15 नवंबर 2018 को सिंगापुर की यात्रा करेंगे, जिसके दौरान वे आसियान-भारत नाश्ता सम्मेलन, 13वें पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन (ई.ए.एस.) और क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आर.सी.ई.पी.) शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। आसियान के वर्तमान अध्यक्ष के तौर पर सिंगापुर इन शिखर सम्मेलनों की मेज़बानी कर रहा है।

2. नवंबर 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 12वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन और म्यांमार में हुए 9वें ई.ए.एस. में की गई "पूर्वोनमुख कार्य नीति" की घोषणा के बाद से सिंगापूर-भारत संबंधों को नई गति मिली है। जनवरी 2018 में भारत ने संवाद साझेदारी के 25 साल, शिखर स्तरीय बातचीत के 15 साल और सामरिक साझेदारी के 5 साल पूरे होने का जश्न मनाने हेतु आसियान -भारत स्मारक शिखर सम्मेलन की मेज़बानी की. अभूतपूर्व कदम के तौर पर सभी दस आसियान नेताओं ने स्मारक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के अलावा गणतंत्र दिवस समारोहों में मुख्य अतिथि के तौर पर भाग लिया। शिखर सम्मेलन के दौरान नेताओं ने आसियान-भारत सहयोग की समीक्षा की और दिल्ली घोषणा को अंगीकृत किया। सिंगापुर में होने वाले आसियान-भारत नाश्ता सम्मेलन से इन संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा करने का अवसर मिलेगा।

3. नेताओं की अगुवाई में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन भारत-प्रशांत क्षेत्र में दस प्रमुख एशियाई सदस्य देशों (यानी ब्रुनेई दारुसलाम, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओ पीडीआर, मलेशिया, म्यांमार, सिंगापुर, थाईलैंड, फिलीपींस और वियतनाम) और इसके आठ संवाद साझेदारों - भारत, चीन, जापान, कोरिया गणराज्य, ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस का मंच है. 2005 में हुई इसकी स्थापना के बाद से इसने भारत-प्रशांत क्षेत्र में राजनीतिक, सुरक्षा और आर्थिक घटनाक्रम की समीक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मौजूदा सम्मलेन प्रधानमंत्री का ई.ए.एस. के साथ पांचवां वार्तालाप होगा। 13वें ई.ए.एस. के दौरान रिट्रीट सत्रों और पूर्ण सत्रों में प्रधानमंत्री आई.सी.टी., स्मार्ट शहरों, समुद्री सहयोग, शिक्षा, वित्त, खाद्य सुरक्षा, पर्यावरण और ऊर्जा जैसे अंतर्राष्ट्रीय विकास संबंधी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए अन्य नेताओं से मिलेंगे। वे पारस्परिक हित के वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचार विमर्श करेंगे।

4. आर.सी.ई.पी. को अंतिम रूप देने के लिए चल रहे मौजूदा वार्तालाप में हुई प्रगति की समीक्षा करने के लिए प्रधानमंत्री आर.सी.ई.पी. शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। यहां यह बात उल्लेखनीय है कि आर.सी.ई.पी. प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौता है, जिसके लिए वर्तमान में 16 देशों - दस आसियान सदस्य देश, भारत, ऑस्ट्रेलिया, चीन, जापान, न्यूज़ीलैंड और कोरिया गणराज्य - के बीच बातचीत चल रही है। अंतिम रूप मिलने के बाद इस समझौते में विश्व की आबादी का 45%, वैश्विक व्यापार का 40% और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 34% भाग, जोकि 21.3 खरब अमेरिकी डालर के बराबर है, शामिल होगा। 2012 में वार्तालाप शुरू होने के बाद से विशेषज्ञ स्तर पर हुए 24 वार्ता के दौर और 12 मंत्रिस्तरीय सत्रों में काफी प्रगति हुई है। भारत इन वार्ताओं के भविष्योन्मुखी और संतुलित परिणाम के प्रति कटिबद्ध है, जिसके परिणामस्वरूप आधुनिक, व्यापक, उच्च गुणवत्ता वाली परस्पर लाभकारी आर्थिक साझेदारी स्थापित हो सके।

5. इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे। इन शिखर सम्मेलनों से परे प्रधानमंत्री अन्य नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे।

6. 14 नवंबर को प्रधानमंत्री फिनटेक महोत्सव में मुख्य अभिभाषण देंगे और वे ऐसा करने वाले प्रथम शासनाध्यक्ष होंगे। यह महोत्सव, जिसका अब तीसरा संस्करण हो रहा है, वित्तीय प्रौद्योगिकी पर केंद्रित सर्वाधिक बड़े इवेंट में से एक है और इसमें भारतीय कंपनियों भागीदारी भी रहेगी। उसी दिन प्रधानमंत्री अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (ए.आई.सी.टी.ई.) और सिंगापुर की नान्यांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी (एन.टी.यू.) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित भारत-सिंगापुर हैकथॉन के विजेताओं और प्रतिभागियों को सम्मानित करेंगे।

पृष्ठभूमि

भारत-आसियान: रणनीतिक साझेदार के रूप में भारत और आसियान के बीच गहरे व्यापारिक और आर्थिक संबंध हैं। 2017-18 में भारत और आसियान के बीच का व्यापार 81.33 अरब अमेरिकी डॉलर के बराबर था, जो भारत के कुल व्यापार का 10.58% भाग था। आसियान देशों को किया गया निर्यात हमारे कुल निर्यात का 11.28% है।

भारत और आसियान के बीच विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित और विभिन्न स्तरों पर कार्यरत 30 वार्ता तंत्र हैं, जिनके बीच नियमित वार्तालाप होता है। इनमें विदेश मामलों, रक्षा, वाणिज्य, कृषि, पर्यावरण, नवीकरणीय ऊर्जा और दूरसंचार पर केंद्रित एक शिखर सम्मेलन और 7 मंत्रिस्तरीय बैठकें शामिल हैं। विदेश राज्य मंत्री (सेवानिवृत्त) श्री वी के सिंह ने अगस्त 2018 में सिंगापुर में हुईं आसियान-भारत विदेश मंत्री और 8वीं ई.ए.एस. विदेश मंत्री बैठकों में भाग लिया। केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री और नागरिक उड्डयन मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने सितंबर 2018 में 6वीं आर.सी.ई.पी. व्यापार मंत्री और 6वीं पूर्व-एशिया आर्थिक मंत्री बैठकों (ई.ए.एस.-ई.एम.एम.) में भाग लिया। रक्षा मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 19 और 20 अक्टूबर, 2018 को सिंगापुर में आयोजित 5वीं ए.डी.एम.एम.-प्लस बैठक में भाग लिया। पर्यटन राज्य मंत्री श्री के जे अल्फोंस ने जनवरी 2018 में थाईलैंड में हुई आसियान-भारत पर्यटन मंत्रियों की बैठक में भाग लिया। कृषि मंत्री श्री राधा मोहन सिंह ने जनवरी 2018 में आसियान-भारत कृषि एवं वानिकी मंत्रिस्तरीय बैठक की मेज़बानी की।

नई दिल्ली
12 नवंबर, 2018



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