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राष्ट्रपति की तजाकिस्तान कीराजकीय यात्रा के दौरान भारत-तजाकिस्तान संयुक्त वक्तव्य (7-9 अक्टूबर, 2018)

अक्तूबर 08, 2018

  • तजाकिस्तान गणराज्य के राष्ट्रपति, महामहिम श्री एमामोली रहमोनके निमंत्रण पर, भारत गणराज्य के राष्ट्रपति,महामहिम श्री राम नाथ कोविंद, 7 से 9 अक्टूबर 2018 को तजाकिस्तान की राजकीय यात्रा पर गए थे।यात्रा के दौरान, भारत गणराज्य के राष्ट्रपति, महामहिम श्री राम नाथ कोविंद और तजाकिस्तान गणराज्य के राष्ट्रपति, महामहिम श्री एमामोली रहमोन ने प्रतिबंधित और विस्तारित प्रारूपों में भेंट की।तजाकिस्तान गणराज्य की ताजिक संसद - मजलिसी नामोयन्दागोन मजलिसी ओली के अध्यक्ष,महामहिम श्री शुकुरजोन जुहुरोव और तजाकिस्तान गणराज्य के प्रधानमंत्री,महामहिम श्री कूहिर रसूलोजाडा ने भी भारत के राष्ट्रपति से भेंट की।
  • तजाकिस्तान गणराज्य के राष्ट्रपति और भारत गणराज्य के राष्ट्रपति के बीच की प्रतिबंधित बैठक एवं दोनों देशों के राष्ट्रपतियों के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल स्तरीय वार्ता,दोनों देशों की पारस्परिक समझ और विश्वासके वातावरण में हुई। इनमेंद्विपक्षीय सहयोग के कई मुद्दों औरक्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर विचार किया गया।
  • दोनों नेताओं ने, दोनों देशों के बीच के गहरे संबंधों का उल्लेख किया, जो मानवता, इतिहास, भाषा, परंपराओं, कला और संस्कृति के साझा मूल्यों पर आधारितहैं।उन्होंने दोनों गणराज्यों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना के बाद से विगत26 वर्षों में विचारों के नियमित उच्च स्तरीय आदान-प्रदान,पारस्परिक समझ और विश्वास तथा उत्कृष्ट स्तर के सहयोग पर संतुष्टि व्यक्त की।दोनों नेताओं ने शांति, स्थिरता, आर्थिक प्रगति और दोनों देशों तथा पूरे क्षेत्र की समृद्धि के लिए रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने और मजबूत करने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
  • दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय समझौतों, निर्णयों और पारस्परिक रूप से सहमत कार्यक्रमों के समय पर कार्यान्वयन के लिए द्विपक्षीय संबंधों के सभी मौजूदा आधिकारिक मंचों, अर्थात् विदेश कार्यालय परामर्श, व्यापारिक, आर्थिक, वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग पर संयुक्त आयोग, रक्षा सहयोग पर संयुक्त कार्य समूह, सुरक्षा परिषदों के बीच परामर्श और आतंकवाद-प्रतिरोध पर संयुक्त कार्य समूह पर विचार किया।
  • क्षेत्रीय और वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए, आतंकवाद, धार्मिक कट्टरवाद, अतिवाद और कट्टरपंथीकरण के बढ़ते खतरे को देखते हुए नेताओं ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में इसे समाप्त करने में लिए सहयोग करने पर जोर दिया।उन्होंने आतंकवाद कोप्रायोजित करने, उसे वित्तीय सहायता, सहायता देनो और दुनिया में कहीं भी आतंकवादियों को सुरक्षित आश्रय प्रदान करने वालों की निंदा की।उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा "अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन" कोशीघ्र अपनाने के लिए कहा और आतंकवाद, चरमपंथ और कट्टरपंथीकरण के खिलाफ लड़ाई में द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।इस संदर्भ में, दोनों नेताओं ने, दोनों देशों की सुरक्षा परिषदों और सुरक्षा एजेंसियों के बीच घनिष्ठ सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।
  • भारत की विभिन्न धर्मों, भाषाओं, संस्कृतियों और लोकतांत्रिक मूल्यों की जन्मस्थली होने की विरासत को स्वीकार करते हुए, तजाकिस्तान गणराज्य के राष्ट्रपति ने कट्टरपंथीकरण और अतिवाद का मुकाबला करने के लिए भारत द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।भारत गणराज्य के राष्ट्रपति ने अपने इलाके और क्षेत्र में चरमपंथ और कट्टरपंथीकरण के फैलाव को रोकने और तजाकिस्तान की समृद्ध संस्कृति में धर्मनिरपेक्ष शासन और जीवन के प्रगतिशील तरीके को सुनिश्चित करने में तजाकिस्तान की ऐतिहासिक उपलब्धियों को रेखांकित किया।
  • दुशांबे में,26 जुलाई 2018 को रक्षा सहयोग पर संयुक्त कार्यकारी समूह की बैठक में हुई सबसे उपयोगी चर्चाओं को ध्यान में रखते हुए, दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय शांति और स्थिरता में योगदान देने के लिए दीर्घकालिक द्विपक्षीय रक्षा सहयोग की आवश्यकता को रेखांकित किया।तजाकिस्तान गणराज्य के राष्ट्रपति ने रक्षा और सुरक्षा में क्षमता निर्माण तथा बुनियादी ढांचे के विकास में भारत द्वारा की गई सहायता के लिए उसके प्रति आभार व्यक्त किया और समकालीन चुनौतियों और खतरों का सामना करने के लिए क्षमता निर्माण में आगे योगदान का स्वागत किया।
  • दोनों नेताओं ने 2017 में द्विपक्षीय व्यापार में होने वाली समग्र वृद्धि पर विचार किया, लेकिन यह ङी दोहराया कि द्विपक्षीय व्यापार, निवेश और आर्थिक गतिविधियां दोनों देशों में मौजूद आर्थिक विकास की संभावनाओं और दरों से मेल नहीं खाती हैं।उन्होंने व्यापार और आर्थिक सहयोग बढ़ाने तथाद्विपक्षीय व्यापार और निवेश में आ रही कठिनाइयों को हल करने के लिए कहा।उन्होंने व्यापारिक, आर्थिक, वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग तथा भारत और तजाकिस्तान के वाणिज्य और उद्योग मंडल पर भारत-तजाकिस्तान संयुक्त आयोग की उपयोगी गतिविधियों की सराहना की।उन्होंने भारत में आयोजित व्यापार मेलों में उल्लेखनीय संख्या में ताजिक व्यापारियों और विशेषज्ञों की भागीदारी और 2016-18 में तजाकिस्तान में भारतीय व्यापार और पेशेवर प्रतिनिधिमंडलों के दौरे का उल्लेख किया।
  • नेताओं ने पूर्ण व्यापारिक और आर्थिक क्षमता प्राप्त करने के लिए व्यवहार्य परिवहन संपर्क की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए, सार्वभौमिकता और क्षेत्रीय अखंडता के संबंध में अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों के आधार पर आवश्यक परिवहन तंत्र स्थापित करने के लिए क्षेत्रीय भागीदारों के साथ मिलकर काम करने पर सहमति व्यक्त की।इस संबंध में, दोनों नेताओं ने मध्य एशिया और भारत के बीच संपर्क को बढ़ावा देने वाले पारगमन और परिवहन गलियारे का विस्तार करने के क्षेत्रीय प्रयासों के महत्व पर जोर दिया।दोनों नेताओं ने अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (आईएनएसटीसी) के विकास के लिए अपना दृढ़ समर्थन दोहराया।यह गलियारा भारत, मध्य एशिया, काकेशस और सीआईएस देशों के बीच व्यापारिक माल के परिवहन के लगने वाले समय और लागत को काफी कम कर देगा।
  • दोनों नेताओं ने भारत और तजाकिस्तान के बीच नियमित उड़ानेंबढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया।तजाकिस्तान के राष्ट्रपति ने भारतीय अधिकारियों द्वारा ताजिक हवाई प्रचालकों को दिए गए पांचवें स्वतंत्रता अधिकारों के लिए कृतज्ञता व्यक्त करते हुए दोनों पक्षों से नियमित उड़ानों को सुविधाजनक बनाने के लिए और अधिक प्रयास करने काअनुरोध किया।
  • दोनों नेताओं ने मौजूदा क्षमता को ध्यान में रखते हुए, उद्योग और कृषि में परस्पर लाभकारी निवेश करने काआह्वान किया।नेताओं ने सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों, फार्मास्यूटिकल्स व जैव प्रौद्योगिकी, बुनाई और कपड़ा, रेशम और चमड़े के उत्पादों, खनन, जल विद्युत और अक्षय ऊर्जा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में व्यापार और निवेश बढ़ाने के लिए उपलब्ध अवसरों का पता लगाने और उनका उपयोग करने के लिए संयुक्त व्यापार परिषद की स्थापना को प्रोत्साहित किया। तजाकिस्तान गणराज्य के राष्ट्रपति ने तजाकिस्तानके मुक्त आर्थिक क्षेत्रों में भारतीय निवेश आमंत्रित किया।
  • नेताओं ने लोगों के आपसी संपर्कों और सांस्कृतिक और शैक्षणिक आदान-प्रदान में उल्लेखनीय वृद्धि पर संतोष व्यक्त किया।भारत के राष्ट्रपति ने भारतीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) कार्यक्रम, भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) और अन्य प्रशिक्षण और शिक्षा कार्यक्रमों द्वारा प्रदान की जाने वाली विश्वविद्यालय छात्रवृत्तियों के अंतर्गत मानव संसाधन और क्षमता निर्माण के विकास के लिए भारत की प्रतिबद्धता दोहराई।दोनों नेताओं ने दोनों देशों के सांस्कृतिक संबंधों पर जोर दिया और प्रशिक्षण कार्यक्रमों तथा अन्य गतिविधियों के सांस्कृतिक विनिमय कार्यक्रम (सीईपी) 2016-18 का उल्लेख किया।
  • दोनों नेताओं ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के शांतिपूर्ण उपयोग के क्षेत्र में संयुक्त परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर सहमति व्यक्तकी।इस संबंध में, भारतीय पक्ष ने तजाकिस्तान को प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता प्रदान करने में अपनी तत्परता व्यक्त की।
  • दोनों नेताओं ने सूचना प्रौद्योगिकी, सौर ऊर्जा, लेजर प्रौद्योगिकी और औद्योगिक स्वचालन सहित विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए कहा।तजाकिस्तान गणराज्य के राष्ट्रपति ने तजाकिस्तान में सौर परियोजनाओं को लागू करने में भारत की तत्परता के लिएभारत काआभार व्यक्त किया।
  • दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि भारत के बारे में विस्तार से लिखने और तजाकिस्तान और भारत के लोगों के मित्रवत संबंधों की सराहना करने वाले,महान ताजिक कवि, तजाकिस्तान के नायक, मिर्जो तुर्सुनोजोडा का स्मृति उत्सव दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंधों को सुदृढ़ करने में योगदान देगा।
  • अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने में अपनीसाझा रुचि को रेखांकित करतेहुए, दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान की सभी समूहों की भागीदारी के साथ अफगानी नेतृत्व, अफगानी-स्वामित्व और अफगान द्वारा नियंत्रित शांति और सुलह प्रक्रिया के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया।उन्होंने अफगानिस्तान में सुरक्षा की स्थिति और आतंकवादी समूहों द्वारा की जा रही हिंसा के उच्च स्तर पर चिंता व्यक्त की।तजाकिस्तान और भारत अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने में द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग जारी रखेंगे।तजाकिस्तान के राष्ट्रपति ने सामाजिक और आर्थिक बुनियादीढांचे, प्रशासन संस्थानों और मानव संसाधन विकास तथा क्षमता निर्माण सहित अफगानिस्तान को विकास सहायता देने में भारत द्वारा निभाई गई सकारात्मक भूमिका की सराहना की।
  • तजाकिस्तान और भारत के राष्ट्रपतियों ने एससीओ के पूर्ण सदस्य के रूप में भारत की सक्रिय भागीदारी को स्वीकार किया।दोनों नेताओं ने एससीओ के महत्व को रेखांकित किया और साझा आर्थिक विकास और सुरक्षा के लिए एससीओ के ढांचे के भीतर काम करने की प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
  • दोनों नेताओं ने वैश्विक चुनौतियों और खतरों से निपटने में बहुपक्षवाद के प्रतिदृढ़ प्रतिबद्धता व्यक्त की और संयुक्त राष्ट्र की संयुक्त भूमिका (यूएन) की पुष्टि करते हुए, संयुक्त राष्ट्र की संरचनाओं को अधिक प्रतिनिधित्व पूर्ण बनाने और समकालीन वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने के लिए उनमें व्यापक सुधार करने कीमांग की।तजाकिस्तान गणराज्य के राष्ट्रपति ने विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के लिए भारत की उम्मीदवारी के प्रतितजाकिस्तान का समर्थन दोहराया।
  • भारत गणराज्य के राष्ट्रपति ने कार्यवाही के अंतरर्राष्ट्रीय दशक पर तजाकिस्तान कीपहल, "टिकाऊ विकास के लिए जल, 2018-2028" की सराहना की और 22 जून, 2018 को दुशांबे में आयोजित उच्चस्तरीय सम्मेलन को सतत विकास की ओर वैश्विक स्तर काअगलाकदम माना।इस संदर्भ में, उन्होंने स्वच्छ भारत (स्वच्छ भारत), नमामि गंगे (स्वच्छ गंगा परियोजना), प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (प्रधानमंत्री की कृषि सिंचाई योजना) जैसे राष्ट्रीय संसाधन कार्यक्रमों की ओर संकेत किया, जिनका उद्देश्य जल संसाधनों की सफाई करना, स्वच्छता और स्वच्छ पानी तक पहुंच बनाना है।
  • भारत के राष्ट्रपति ने परस्पर सहमति से चिह्नित और व्यवहार्य विकास परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए तजाकिस्तान को 200लाख अमरीकी डॉलर का अनुदान देने की घोषणा की। तजाकिस्तान के राष्ट्रपति ने इस सहायता के लिए भारत के राष्ट्रपति का धन्यवाद किया।
  • इस यात्रा के दौरानदोनों राष्ट्रपतियों की उपस्थिति में8 अक्टूबर 2018 को निम्नलिखित दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए गए और उनकी घोषणा की गई:
    I. विकास के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के शांतिपूर्ण उपयोग में सहयोग पर तजाकिस्तान गणराज्य सरकार और भारत गणराज्य की सरकार के बीच समझौता ज्ञापन।

    II. आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग पर तजाकिस्तान गणराज्य की सरकार और भारत गणराज्य की सरकार के बीच समझौता ज्ञापन।

    III. अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग पर तजाकिस्तान गणराज्य के ऊर्जा और जल संसाधन मंत्रालय और भारत गणराज्य के नई और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन।

    IV. युवा मामलों में सहयोग पर तजाकिस्तान गणराज्य की सरकार के अधीन युवा मामले और खेल समिति तथा भारत गणराज्य के युवा मामले और खेल मंत्रालय के बीच समझौता ज्ञापन।

    V. कृषि अनुसंधान और शिक्षा में सहयोग के लिए तजाकिस्तान गणराज्य की कृषि विज्ञान अकादमी और भारत केभारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), नई दिल्ली केबीच समझौता ज्ञापन।

    VI. यूनानी चिकित्सा में सहयोग पर, भारत गणराज्य सरकार केआयुष मंत्रालय के अधीनयूनानी मेडिसिन में शोध के एक संगठन औरयूनानी चिकित्सा में शोध के लिए ताजिक स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी "अबुअली इब्न सिनो के नाम पर स्थापित ताजिक स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी" के बीच समझौता ज्ञापन।

    VII. तजाकिस्तान गणराज्य के विदेश मंत्रालय और भारत गणराज्य के विदेश मंत्रालय के बीच 2018-2021 की अवधि के लिए सहयोग कार्यक्रम।

    VIII. तजाकिस्तान गणराज्य के संस्कृति मंत्रालय और भारत गणराज्य के संस्कृति मंत्रालय के बीच वर्ष 2019-2023 की अवधि के लिए सांस्कृतिक विनिमय कार्यक्रम।

    तजाकिस्तान गणराज्य के राष्ट्रपति के अधीन रणनीतिक शोध केंद्र और विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन, नई दिल्ली ने भी एक समझौता ज्ञापन किया।

  • भारत गणराज्य के राष्ट्रपति,महामहिम श्री राम नाथ कोविंद ने अपने और अपने प्रतिनिधिमंडल के मैत्रीपूर्ण स्वागत और उत्कृष्ट आतिथ्य के लिएतजाकिस्तान गणराज्य के राष्ट्रपति,महामहिम श्री एमामोली रहमोन और तजाकिस्तान के लोगों को धन्यवाद दिया।भारत गणराज्य के राष्ट्रपति,महामहिम श्री राम नाथ कोविंद ने तजाकिस्तान गणराज्य के राष्ट्रपति,महामहिमश्री एमामोली रहमोन को उनके सुविधाजनक समय पर भारत आने के लिएआमंत्रित किया। निमंत्रण को खुशी से स्वीकार किया गया।

दुशांबे,
8 अक्टूबर 2018


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