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बोजर, ब्रुसेल्स में "स्वागत" के समय विदेश मंत्री की टिप्पणियां (21 जून, 2018)

जून 21, 2018

विशिष्ट अतिथिगण,
बेल्जियम में भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्यगण,
भारत के मित्रों,


देवियों और सज्जनों,

यूरोप के केंद्र में इस जीवंत, बहुसांस्कृतिक महानगर में आपको संबोधित करने के लिए आज यहां उपस्थित होने पर मुझे अत्यंत प्रसन्नता हो रही है।

भारत के विदेश मंत्री के रूप में, यह मेरी पहली बेल्जियम यात्रा है। मुझे ऐसे समय में ब्रुसेल्स आकर बहुत खुशी हो रही है जब भारत और बेल्जियम 70 वर्षों की मैत्री का उत्सव मना रहे हैं।

जब हम पिछले 70 वर्षों पर दृष्टिपात करते हैं, तब हम महसूस करते हैं कि हमारा द्विपक्षीय संबंध सफल साझेदारी का प्रतिनिधित्व करता है, यह भारत की आजादी के पूर्व के ऐतिहासिक संबंधों की गहराई से जुड़ा है।

प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, 130,000 से अधिक भारतीय सैनिकों ने बेल्जियम और उत्तरी फ्रांस के युद्धक्षेत्रों में अपने बेल्जियन भाइयों के साथ मिलकर युद्ध किया था। इस महायुद्ध के दौरान भारतीयों और बेल्जियम के लोगों ने बेल्जियम की मिट्टी पर अपना खून बहाया था, इस युद्ध में 9000 भारतीय सैनिकों ने अपनी बलि दी, और हमारी मित्रता पर रक्त और बलिदान के शाश्वत बंधन की मुहर लगाई।

एक दूसरे के साथ हमारे ऐतिहासिक संपर्कों ने हमें कई तरह से समृद्ध किया है। काली मिर्च और अदरक से लदे व्यापारिक जहाज भारत के मालाबार तट से एंटवर्प आते थे।

बेल्जियम दर्पण और झूमर भारत गए, और उत्तर में शेखावटी की हवेलियो से और दक्षिण में त्रावणकोर के महल तक अपनी चमक जड़ दी। गुजराती हीरा व्यापारियों ने एंटवर्प को अपना घर बनाने के लिए भारतीय तटों को छोड़ा और हमारी दोस्ती को एक अतिरिक्त चमक प्रदान की।

मित्रों,

मजबूत लोकतंत्र के रूप में, हम स्वतंत्रता, समानता, बहुलवाद और कानून के शासन के प्रति सम्मान के मूल्यों को साझा करते हैं।

बहुसांस्कृतिक और बहुभाषी समाजों के रूप में, भारत और बेल्जियम दोनों हमारे लोगों की विविधता और विभिन्नता का उत्सव मनाने के आदी हैं।

देवियों और सज्जनों,

मार्च 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी की ब्रसेल्स यात्रा सहित हालिया उच्चस्तरीय राजनीतिक जुड़ावों ने हमारे द्विपक्षीय एजेंडा को काफी हद तक पुनर्जीवित किया है।

भारत-बेल्जियम राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ पर, भारत को महामहिम राजा फिलिप और महारानी मथिल्डे का स्वागत करने का सम्मान मिला।

वर्षों से, हमारे द्विपक्षीय संपर्कों में काफी विस्तार और गहराई आई है। वर्तमान में, भारत बेल्जियम का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य और यूरोपीय संघ के बाहर चौथा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है।

देवियों और सज्जनों,

भारत और बेल्जियम संस्कृति के अद्वितीय संबंधों को साझा करते हैं जो सैकड़ों वर्षों से बने हुए हैं।

संस्कृत सीखने और पढ़ाने में बेल्जियम की रुचि अच्छी तरह से प्रलेखित है।. लियूवन विश्वविद्यालय में संस्कृत में पहला पाठ्यक्रम 1841 में शुरू किया गया था और मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि बेल्जियम के छात्रों में संस्कृत सीखने की चाह बनी हुई है।

बेल्जियनों ने दशकों पहले अपने जीवन में योग का स्वागत किया और आज यह बेल्जियम और भारत के बीच संस्कृति का एक बड़ा पुल है। बेल्जियम की रानी एलिज़ाबेथ से योग की कोई बेहतर छवि नहीं है, 85 वर्ष की आयु में, श्री बी. के. एस आयंगर के निर्देशन में उन्होंने 'शीर्षासन' या हेडस्टैंड प्रदर्शन किया हैं।

आज भारत, यूरोप के साथ मिलकर यूरोपीय संसद में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मना रहा है। मुझे यह जानकर खुशी हो रही है कि बेल्जियन के लोग भारतीय संगीत और नृत्य भी सीख कर रहे हैं। हाल ही में, मुझे बेल्जियम के संगीतकार द्वारा सितार पर संगीत संगतता के साथ बेल्जियम कलाकार को भारतीय शास्त्रीय नृत्य ओडिसी का प्रदर्शन करते देखकर प्रसन्नता हुई।

मैं भारत और बेल्जियम के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान के बारे में बोलने के लिए बोज़ार से अधिक उपयुक्त स्थान के बारे में नहीं सोच सकती ।

मुझे पता चला है कि बोजार यूरोपीय संघ के अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के एक महत्वपूर्ण तत्व के रूप में संस्कृति को बढ़ावा देने के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते थे।

देवियों और सज्जनों,

एंटवर्प का भारतीय भारतीय प्रवासी समुदाय भारत-बेल्जियम मैत्री का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। भारत को अपने इन बेटों और बेटियों पर बहुत गर्व है जिन्होंने दुनिया में हीरा व्यापार के केंद्र के रूप में बेल्जियम की निरंतर सफलता में योगदान दिया है।

भाईयों और बहनों,

आपने कई दशकों पहले भारतीय तटों को छोड़ दिया था। फिर भी आपकी मातृभूमि के स्वाद और गानों ने आपके दिल और गले को नहीं छोड़ा है।

आपने एंटवर्प की सड़कों को भारत की भावना और ऊर्जा से प्रेरित किया है। आप समान उत्साह के साथ दीवाली और क्रिसमस मनाते हैं। आप समान विशेषज्ञता के साथ वैफल्स और ढोकला बनाते हैं। आप बराबर जुनून के साथ बेल्जियम के रेड डेविल्स और भारत के पुरुषों में ब्लू के लिए उत्साहित हैं।

एंटवर्प और पूरे बेल्जियम में रहने वाले भारतीय मूल के परिवारों के लिए, मैं कहना चाहूँगी कि हम आपको अपने सर्वोत्तम और चमकीले नगीनों में गिनते हैं।

बेल्जियम भी ऐसा ही करता है। अगर आपको इस देश में सफलता मिली है, तो इसलिए मिली है कि बेल्जियम के मित्रता पूर्ण लोगों द्वारा आपकी प्रतिभाओं को अपनाया गया और आपका स्वागत किया गया।

देवियों और सज्जनों,

चौदहवां भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन अक्टूबर 2017 में आयोजित किया गया था और हमें भारत में महामहिम, श्री डोनाल्ड तुस्क और श्री जीन क्लाउड जुनेकर का स्वागत करने का अवसर प्राप्त हुआ था।

इस एक वर्ष में, हमने अपने सहयोग के कई क्षेत्रों में काफी प्रगति की है। आज, वैश्विक शांति और सुरक्षा की जटिल चुनौतियों के बीच, भारत और यूरोपीय संघ कंधे के कंधे मिलाकर खड़े हैं, जो हमारे साझा मूल्यों और सिद्धांतों की एकजुटता है।

भारत अक्टूबर 2018 में आयोजित होने वाले एएसईएम शिखर सम्मेलन की प्रतीक्षा कर रहा है, उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू इस शिखर सम्मेलन में हमारे प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। हमें विश्वास है कि उच्चतम राजनीतिक स्तर पर भारत और यूरोपीय संघ के बीच इस तरह के नियमित जुड़ाव हमारी उत्कृष्ट साझेदारी को और बढ़ाएंगे।

देवियों और सज्जनों,

ब्रुसेल्स की यह पहली यात्रा काफी फलप्रसु रही है।

मैं अत्यंत उत्साह और हार्दिकता के साथ अपना स्वागत करने के लिए बेल्जियम सरकार और यहां के लोगों को धन्यवाद देती हूँ। मैं यूरोपीय संघ, विशेष रूप से यूरोपीय संसद के अपने सहयोगियों को भारत के निरंतर समर्थन के लिए धन्यवाद देना चाहती हूँ।

मैं बेल्जियम के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों और यूरोपीय संघ के साथ रणनीतिक साझेदारी के उज्ज्वल भविष्य के प्रति आश्वस्त होकर भारत लौटूंगी।

भारत-बेल्जियम मित्रता दीर्घजीवी हो!
भारत-यूरोप मैत्री दीर्घजीवी हो!


धन्यवाद!



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