मीडिया सेंटर

आधिकारिक प्रवक्ता द्वारा साप्ताहिक मीडिया वार्ता का प्रतिलेख (15 मार्च, 2024)

मार्च 15, 2024

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: देवियों और सज्जनों, शुभ दोपहर। एक बार फिर से इस प्रेस वार्ता में आपका स्वागत है। मुझे कोई घोषणा नहीं करनी है। तो आइए सीधे प्रश्नों पर आते हैं।

ऋषभ: महोदय, शुभ संध्या। मैं टाइम्स नाउ से ऋषभ हूँ। महोदय, आज सुबह ही संयुक्त राज्य अमेरिका के विदेश विभाग ने नागरिकता संशोधन अधिनियम पर एक टिप्पणी करते हुए कहा है कि अमेरिका सीएए के क्रियान्वयन को लेकर चिंतित है। क्या इस पर विदेश मंत्रालय की ओर से कोई प्रतिक्रिया है?

सिद्धांत: महोदय, इसी से जुड़ा हुआ प्रश्न मेरा भी है। मैं WION से सिद्धांत हूँ। हमने यूएन और पाकिस्तान से भी प्रतिक्रियाएं देखी हैं। सीएए कानून के मामले में कोई प्रतिक्रिया है?

हुमा: महोदय, मैं फाइनेंशियल एक्सप्रेस से हुमा सिद्दीकी हूँ। मेरे दो प्रश्न हैं। एक तो यह कि कल भारत और ब्राजील के बीच पहली 2 प्लस 2 सचिव स्तर की वार्ता हुई। यदि आप इस बारे में कोई जानकारी... विवरण दे सकते हैं। और दूसरा प्रश्न यह कि हैती में बहुत हिंसा हो रही है और वहां लगभग 40-50 भारतीय हैं। तो क्या उन्हें वापस लाने की कोई योजना बनाई जा रही है?

आयुषी: महोदय, मैं ANI से आयुषी अग्रवाल हूँ। क्या हमारे एनएसए और इजरायली प्रधानमंत्री के बीच इजरायल में हुई बैठक के बारे में कोई विवरण मिल सकता है?

एमर्सन: मैं सेंट्रल न्यूज एजेंसी, ताइवान से एमर्सन लिम हूँ। भारत और ताइवान ने हाल ही में श्रम गतिशीलता समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। और कुछ दिन पहले मोदी जी ने गुजरात में एक सेमीकंडक्टर संयंत्र के शिलान्यास कार्यक्रम के दौरान ताइवान के नेताओं का जिक्र किया था, जिसमें ताइवान के उप विदेशमंत्री ने भी वर्चुअली भाग लिया था। तो क्या ये भारत-ताइवान के बीच बढ़ती निकटता के संकेत हैं और क्या भारत को किसी देश से इस पर कोई प्रतिक्रिया मिली है? धन्यवाद।

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: ठीक है। तो क्या सीएए के संबंध में आपके कोई और प्रश्न हैं, ताकि हम इसे एक साथ जोड़ सकें?

वक्ता: महोदय, ऐसा ही एक प्रश्न है। वास्तव में तालिबान के प्रवक्ता ने भी चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि सीएए, किसी भी धर्म के सभी सताए हुए व्यक्तियों के लिए होना चाहिए। इसलिए कानून में मुसलमानों को बाहर करने को लेकर, विश्व स्तर पर भी काफी आलोचना हो रही है। तो क्या इस बारे में विशेष रूप से कोई टिप्पणी है? धन्यवाद।

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: ठीक है। तो सबसे पहले मैं सीएए वाले भाग की बात करता हूँ। जैसा कि आप भलीभाँति अवगत हैं, कि नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 भारत का आंतरिक मामला है और यह भारत की समावेशी परंपराओं और मानवाधिकारों के प्रति हमारी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए लागू किया गया है। यह अधिनियम अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के उत्पीड़ित अल्पसंख्यकों को सुरक्षित आश्रय प्रदान करने के लिए है, जो 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत में आए हैं। सीएए नागरिकता देने के बारे में है, न कि यह नागरिकता छीनने के बारे में है। तो इसे रेखांकित किया जाना चाहिए। यह राज्यविहीनता के मसले का समाधान करने के लिए, मानवीय गरिमा प्रदान करने के लिए और मानवाधिकारों का समर्थन करने के लिए है। जहां तक सीएए लागू होने के बारे में अमेरिकी विदेश विभाग के वक्तव्य का संबंध है, और कई अन्य लोगों द्वारा की गई टिप्पणियां हैं, तो हमारा दृष्टिकोण यह है कि यह गलत, गलत सूचनाओं पर आधारित और अवांछित हैं। भारत का संविधान अपने सभी नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देता है। अल्पसंख्यकों के प्रति किसी भी चिंता या व्यवहार का कोई आधार नहीं है। संकटग्रस्‍त व्यक्तियों की मदद के लिए किसी प्रशंसनीय पहल के बारे में, वोट बैंक की राजनीति के आधार पर टिप्पणियां नहीं की जानी चाहिए। भारत की बहुलवादी परंपराओं के बारे में, और भारत देश के विभाजन के बाद के इतिहास के बारे में जिन व्यक्तियों की समझ सीमित है, उनके द्वारा ऐसे व्याख्यान न देना ही सर्वोत्तम होगा। भारत के भागीदारों और शुभचिंतकों को इस कदम के अभिप्राय का स्वागत करना चाहिए। तो सीएए पर आपके द्वारा पूछे गए प्रश्नों पर हमारा यही दृष्टिकोण है।

हुमा, 2 प्लस 2 पर आपके प्रश्न के संबंध में मैं बताना चाहूँगा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि हमने विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय को शामिल करते हुए ब्राजील के साथ यह वार्ता की है। जैसा कि आपको पता है, कि ब्राज़ील हमारा एक रणनीतिक साझेदार है। यह वार्ता अपर सचिव/संयुक्त सचिव स्तर पर हुई। हम अपनी रणनीतिक साझेदारी को सशक्त बनाना चाहते हैं। हम अपने रक्षा सहयोग को भी सशक्त बनाना चाहते हैं। इसके अलावा, पहले से ही सैन्य अभ्यास सहित कई गतिविधियां हो रही हैं। संयुक्त उत्पादन, व्यापार आदि को लेकर भी बातचीत चल रही है, इसलिए 2 प्लस 2 वार्ता भारत-ब्राजील रणनीतिक साझेदारी को और बढ़ावा देने के लिए है।

हैती के मामले में... हमने विदेश मंत्रालय में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। हमारे आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर हैं। डोमिनिकन गणराज्य में सेंटो डोमिंगो में हमारे दूतावास में, जिसे हैती के लिए मान्यता प्राप्त है, एक नियंत्रण कक्ष भी स्थापित किया गया है, हेल्पलाइन भी स्थापित की गई है। वहां भारतीय समुदाय के लगभग 50 से 80 सदस्य हैं। दूतावास उन सभी से संपर्क बनाए हुए है। हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। जैसा कि आप अवगत हैं, कि हैती में संकट है और यदि ज़रूरी हुआ तो हम वहाँ से अपने लोगों को निकालेंगे। हम निकालने के लिए तैयार हैं और अगर जरूरत पड़ी तो हम ऐसा करेंगे। सेंटो डोमिंगो में हमारे दूतावास द्वारा स्थिति की निगरानी की जा रही है और मंत्रालय भी स्थिति पर पूरी तरह नजर बनाए हुए है।

आयुषी, एनएसए के दौरे पर आपके प्रश्न के संबंध में, इसका एक संदर्भ है। जैसा कि आप अवगत हैं, प्रधानमंत्री स्वयं इसमें रूचि रख रहे हैं और क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए इच्छुक हैं। इस सिलसिले में वह अरब के कई नेताओं के संपर्क में हैं। एनएसए का इज़राइल दौरा, जो रमज़ान के पवित्र महीने के आरंभ में हुआ, वह इन प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए है। एनएसए ने इजरायल के प्रधानमंत्री से भेंट की। उन्होंने अपने इजरायली समकक्ष से भी भेंट की और उन्होंने कई अन्य वरिष्ठ नेताओं से भी भेंट की और गाजा में हो रही गतिविधियों पर चर्चा की। उन्होंने मानवीय मदद और सहायता के वितरण पर जोर दिया और बंधकों की रिहाई के लिए उठाए जा रहे कदमों पर चर्चा की। तो राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के इजराइल दौरे के बारे में यही कहना है।

एमर्सन, जहां तक ताइवान के संबंध में आपका प्रश्न है, तो उसमें हमें यह कहना है कि ताइवान के साथ हमारे आर्थिक, व्यापारिक, व्यक्तियों से व्यक्तियों के बीच संबंध हैं और जिस श्रम गतिशीलता समझौते पर हमने हस्ताक्षर किए हैं वह उस दिशा में ताज़ा क़दमों में से एक है।

अमित: महोदय, मैं इंडिया टुडे से अमित हूँ। क्या आप प्रधानमंत्री के भूटान दौरे का विवरण साझा कर सकते हैं और कल चुनावों की घोषणा होगी, जब एमसीसी लागू होगा, तो क्या इसका दौरे पर भी कोई प्रभाव पड़ेगा?

धैर्य: महोदय, मैं स्पुतनिक इंडिया से धैर्य माहेश्वरी हूँ। महोदय, मेरा प्रश्न ज़ेलेंस्की के शांति फॉर्मूले और आगामी स्विट्जरलैंड शिखर सम्मलेन के संबंध में है। महोदय, स्विट्जरलैंड के विदेश मंत्री ने कहा है कि वे रूस को आमंत्रित करना चाहते हैं जबकि पश्चिमी देश वार्ताओं में मास्को को आमंत्रित करने के विरोध में हैं। तो महोदय, इस मामले में भारत का रुख क्या रहेगा, कि क्या वह इन वार्ताओं में रूस की भागीदारी का समर्थन करता है या नहीं? और, इसके अतिरिक्त, महोदय, भारत-अमेरिका संबंधों पर मेरा एक और प्रश्न है। आतंकवाद-रोधी बैठक जो इस महीने की शुरुआत में वाशिंगटन डीसी में हुई थी। महोदय, क्या आप हमें इस बारे में नई जानकारी दे सकते हैं कि एनआईए ने सैन फ्रांसिस्को वाणिज्य दूतावास पर हमला करने वाले जिन 10 व्यक्तियों की पहचान की थी, उनकी स्थिति क्या है? क्या अमेरिका की ओर से जांच में कोई प्रगति हुई है? धन्यवाद।

संदीप: महोदय, मैं ट्रिब्यून से संदीप दीक्षित हूँ। मेरा प्रश्न, स्पुतनिक के हमारे सहयोगी के प्रश्न से जुड़ा हुआ है। क्या रूस ले जाए गए व्यक्तियों के बारे में कोई नई जानकारी है और क्या रूसी दूतावास से और व्यक्तियों को छोड़ दिया गया है और क्या यूक्रेन के बारे में भी ऐसी ही खबरें आपको मिली हैं?

रेज़ा: मैं हिंदुस्तान टाइम्स से रेज़ा हूँ। मेरा प्रश्न बॉर्डर संबंधी मामले को उचित स्थान पर रखने के बारे में चीन द्वारा बार-बार दिए जाने वाले बयान के बारे में है। मेरा मतलब है, हमने उन्हें यह बिल्कुल स्पष्ट कर दिया है कि सीमा पर शांति और स्थिरता के बिना स्थिति सामान्य नहीं हो सकती। लेकिन, फिर से, हम इस तरह का बयान देखते हैं। क्या उस बारे में आप कुछ कहना चाहेंगे?

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: धन्यवाद। तो, अमित, आपके प्रश्न के संबंध में, कल भूटान के प्रधानमंत्री ने हमारे प्रधानमंत्री से भेंट की। आपने प्रेस विज्ञप्ति अवश्य देखी होगी। उन्होंने हमारे प्रधानमंत्री को भूटान आने का निमंत्रण दिया है। जहां तक दौरे की बात है, जब इसकी घोषणा होगी और जब हम इस संबंध में निर्णय लेंगे तो आपको इसके बारे में सूचित किया जाएगा। दौरा स्वीकार कर लिया गया है, जैसा कि आपने देखा होगा यदि आप सोशल मीडिया, संबंधित हैंडल फॉलो करते हैं। तो, इस मामले में अभी यही जानकारी है। आपको उस संबंध में अधिक विवरण आगे मालूम चलेगा।

स्पुतनिक से हमारे मित्र के प्रश्न के संबंध में... हम रूस-यूक्रेन युद्ध पर अपने नज़रिए को लेकर बहुत सुसंगत रहे हैं। हम बातचीत और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान हेतु प्रोत्साहित करते रहे हैं। यह हमारी मानक स्थिति है जिसके बारे में आप जानते हैं। और हम उन सभी उपायों और साधनों में सहयोग के लिए तैयार हैं जो यह उद्देश्य प्राप्त करने में मदद कर सकते हैं। तो, आपने जो प्रश्न पूछा है उस पर हमारा दृष्टिकोण यही है।

भारत-यूएस आतंकवाद-रोधी वार्ताओं के संबंध में यह कहना है कि ये वार्ताएं आयोजित की गईं, संयुक्त सचिव स्तर पर आयोजित की गईं। वाशिंगटन में हमारी वार्ता हुई। हमने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी, इसलिए मैं आपको उसका संदर्भ देना चाहूँगा । प्रेस विज्ञप्ति में सभी जानकारियां हैं, जैसा कि आप जानते हैं, जब आप आतंकवाद-रोधी संवाद करते हैं, तो वे सभी मुद्दे जो दोनों पक्षों के लिए चिंता का विषय होते हैं, सुरक्षा से संबंधित, आतंकवाद-निरोध से संबंधित, उन सभी के बारे में चर्चा की जाती है। इसलिए, मैं आपको हमारे द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति का संदर्भ देना चाहूँगा। आपको इस बात का आभास हो जाएगा कि चर्चाएं किस प्रकार आगे बढ़ीं।

संदीप, रूस पर आपके प्रश्न के संबंध में, आपने हमारा वक्तव्य देखा होगा जो हमने जारी किया था और हम बार-बार ऐसा करते रहे हैं। हम वहां फंसे अपने नागरिकों को शीघ्र निकालने के लिए रूसी अधिकारियों पर बहुत दबाव बनाए हुए हैं। पिछली बार, हमने आपको बताया था कि वहां लगभग 20 व्यक्ति हैं, जिन्होंने हमसे संपर्क किया है। हमारे दो व्यक्तियों का निधन भी हुआ है। उस पर, मेरे पास एक नई जानकारी है। उनके पार्थिव शरीर के संबंध में कागजी कार्यवाही की जा चुकी है। जिस अंतिम संस्कार एजेंसी को हमने नियुक्त किया है, उसे शव सौंप दिए गए हैं। हम मृतकों के परिवार के संपर्क में हैं। हम रूसी अधिकारियों के भी संपर्क में हैं और आशा है कि इस सप्ताह के अंत तक अर्थात रविवार या उसके आस-पास पार्थिव शरीर भारत में होंगे। इस तरह से, आशा है कि 16 या 17 तारीख को वे यहां होंगे और फिर परिवार को सौंप दिए जाएंगे। तो, यह रूस के संबंध में नई जानकरी है।

रेजा, चीन के संबंध में आपके प्रश्न पर बात करें तो, आपने देखा होगा कि कुछ दिन पहले, हमारे विदेश मंत्री ने एक मीडिया कार्यक्रम में, भारत-चीन संबंधों पर विस्तार से बात की थी। इसलिए, मैं आपसे उनकी टिप्पणियों को देखने का अनुरोध करना चाहूँगा। आप समझ जाएंगे कि हम खुद को किस तरह से प्रस्तुत कर रहे हैं, उस पर हमारा दृष्टिकोण क्या है, हम चीजों को कैसे आगे ले जा रहे हैं। तो, कृपया, आपको वह देखना चाहिए।

निर्मला: नमस्ते, मैं स्ट्रेट्स टाइम्स से निर्मला हूँ। मैं इन 20 भारतीयों पर स्पष्टीकरण चाहती थी, क्योंकि सीबीआई ने कहा है कि 35 भारतीय हैं, उन्होंने रूस में 35 भारतीयों को चिह्नित किया है। क्या मोर्चे पर फंसे भारतीयों की संख्या के बारे में कोई नई जानकारी है?

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: देखिए, हम आपको उन व्यक्तियों के आधार पर संख्या बताते हैं जिन्होंने मदद के लिए हमसे संपर्क किया है। तो, ये वे व्यक्ति हैं जिन्होंने हमसे संपर्क किया है। उनमें से कई को छोड़ दिया गया है। दरअसल उनमें से कुछ लोग वापस आ भी गये हैं। तो, यही वह आंकड़ा है जो हमारे पास है। इसके अलावा, जब भी हमें इन विवरणों के बारे में और जानकारी मिलेगी, हम आपको और अधिक जानकारी देंगे। तो अभी तक इस मामले में यही कहना है। जैसा कि आपको पता है कि सीबीआई ने जो खोजबीन की थी, उसके बाद उन्होंने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी और उन्होंने कई व्यक्तियों को चिह्नित किया था, दस्तावेजी साक्ष्य, अभियोग के साक्ष्य हासिल किए थे और उन्होंने यहां कई शहरों में खोजबीन की थी। इसलिए, कई व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है और केस खोला गया है और आगे प्रगति हो रही है। जहां तक संख्या का प्रश्न है, यह वही है जो हमने आपको पहले बताई थी, जो हमने आपको पहले दी थी। 20 से ज्यादा ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने हमसे संपर्क किया था। तो, इस मामले में हम यही जानकारी दे सकते हैं।

निर्मला: (अश्रव्य)

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: निर्मला, आपके प्रश्न के बारे में यह बताना है कि कुछ व्यक्तियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था और तलाशी ली गई थी... इसलिए, मुझे क्षमा करें, मैं सीबीआई वाले भाग में संशोधन करता हूँ।

कल्लोल: रूस संबंधी प्रश्न पर एक फॉलो-अप प्रश्न है। मैं द हिंदू से कल्लोल हूँ। वास्तव में कितने भारतीय वापस आये हैं? मेरा मतलब है, रूसियों ने कितने व्यक्तियों को छोड़ा है, और आप अब तक कितने व्यक्तियों को वापस ला सके हैं। क्या कोई आंकड़ा है महोदय?

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: तो, जैसा कि आपको पता है, कई व्यक्तियों को, हमने मुक्त करवाया है। उनमें से कितने वापस आये, हमें अंदाज़ा नहीं है, क्योंकि वे मुक्त हो गये, उनमें से कुछ वापस आना चाहते थे, कुछ वापस नहीं आना चाहते थे। वे रूस में ही रहना चाहते थे। तो, उम्मीद है कि अब जब आपने यह सटीक प्रश्न पूछा है, तो हम शीघ्र ही आपको इसका उत्तर देने की कोशिश करेंगे। लेकिन, जैसा कि आप जानते हैं, हमारे विचार में लगभग चार से छह, पांच, सात या आठ व्यक्ति वापस आ गए हैं।

विजयलक्ष्मी: महोदय विजयलक्ष्मी हूँ इंडिया टीवी से, कल्लोल ने हालांकि ये पूछा, क्या हम कोई डेडलाइन सेट करके चल पा रहे हैं कि कब तक हम जो बाकी बचे लोग वहां पर हैं, उनको भारत वापस ला पाएंगे? और रूस में, पिछली जो प्रेस वार्ता थी, आपने काफी बताया था, उसको ले कर कोई नया अपडेट?

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: विजयालक्ष्मी जी आपके इस सवाल पर हम लोगों ने काई दफा बयान जारी किए हैं, और बताया है कि हम लोग पुरजोर कोशिश कर रहे हैं कि हमारे जो लोग वहां फंसे हुए हैं, उनको निकाल के यहां लाया जाए। और इसके लिए जो रूसी अधिकारी हैं, जो सरकार है, उनकी अलग-अलग इकाई हैं, सबसे हम लोग बात कर रहे हैं। ये लोग दूरदराज के इलाके में हैं तो लाना भी थोड़ा मुश्किल होता है, तो हम लोग पुरजोर कोशिश कर रहे हैं कि वो जल्दी से जल्दी वापस आ जाएं।

सिद्धांत: महोदय, मैं WION से सिद्धांत हूँ। महोदय, मालदीव के मामले में, जो भारतीय सैनिक वहां मौजूद थे, क्या उन्हें बदल दिया गया है? डेडलाइन इसी महीने थी। तो क्या उन सभी को बदल दिया गया है या, मेरा मतलब है, क्या ऐसा कोई आंकड़ा है?

अभिषेक: महोदय, मैं सीएनएन न्यूज़ 18 से अभिषेक झा हूँ। हाल ही में अन्य देशों के कुछ नागरिकों द्वारा भी मॉस्को में भारतीय दूतावासों से कुछ याचनाएं या कुछ अनुरोध किए गए थे, जो उन्हें वहां से निकालने या मुक्त कराने या, उनके देशों में वापस जाने में मदद करने के संबंध में थे, खासकर नेपाल के नागरिकों द्वारा। क्या हम उनकी मदद करने की कोशिश कर रहे हैं या क्या उन्होंने मदद के लिए भारतीय दूतावासों से संपर्क किया है और उस बारे में हमारी क्या स्थिति है?

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: तो, हमने इस संबंध में कुछ रिपोर्टें देखी हैं। हमसे औपचारिक रूप से संपर्क नहीं किया गया है। तो, हम देखेंगे। इस समय, जैसा कि मैंने आपको बताया, रूस से हमारे व्यक्तियों या वहां फंसे व्यक्तियों को वापस लाने पर हमारा ध्यान है। इसलिए, जब भी हमसे संपर्क किया जाएगा हम इस पर आगे कार्यवाही करेंगे।

सिद्धांत, मालदीव पर आपके प्रश्न के संबंध में, हमें यह कहना है कि ALH का परिचालन करने वाले कर्मियों की पहली टीम का प्रतिस्थापन पूरा हो चुका है। तो, लोगों का पहला बैच, पहली टीम जिसे बदला जाना था, वह काम पूरा हो चुका है। और प्रतिस्थापन हो चुका है।

अमित: महोदय, रूस संबंधी प्रश्न पर मैं बस एक फॉलो-अप जोड़ना चाहूँगा। बेलारूस के विदेश मंत्री भारत आए थे और कुछ व्यक्तियों, भारतीय नागरिकों के बारे में मीडिया रिपोर्टें आई हैं, जिनमें दावा किया गया है कि उन्हें बेलारूस में हिरासत में लिया गया और रूस को सौंप दिया गया और अंततः युद्ध के मोर्चे में उतारा गया। वे मदद मांग रहे थे। तो, क्या यह मुद्दा बेलारूस के साथ उठाया गया था, क्योंकि उनकी प्रतिक्रिया यह है कि वे इन घटनाक्रमों से अनभिज्ञ हैं?

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: देखिए, बेलारूस के विदेश मंत्री हमारे निमंत्रण पर, विदेश मंत्री के निमंत्रण पर यहां आए थे। उनकी कई बैठकें हुईं। उन्होंने विदेश मंत्री से भेंट की। उन्होंने वाणिज्य मंत्री से भी भेंट की। उन्होंने उर्वरक, स्वास्थ्य और फार्मास्युटिकल मंत्री श्री मनसुख मंडाविया से भी भेंट की। कई मुद्दों पर चर्चा हुई। इस विशेष मुद्दे पर जो आपने उठाया है, मुझे नहीं पता कि यह उठाया गया था या नहीं, लेकिन जो आप कह रहे हैं, वह मेरी जानकारी में नहीं है। विश्व भर में लोगों की लगातार आवाजाही होती है। यह विशेष मुद्दा, चाहे इसे उठाया गया हो या नहीं, इसकी विशिष्ट जानकारी मेरे पास नहीं है, लेकिन मैं इस बारे में और अधिक विवरण मिलने पर आपसे बात करूँगा।

वक्ता 2: (अश्रव्य)

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: तो, हमारे लगभग 75 से 90 लोग हैं, यह मेरी जानकारी है, लेकिन लगभग 60 से अधिक व्यक्ति ऐसे हैं, 50 से 60 लोग जो हैं, उन्होंने जरूरत पड़ने पर वापस आने के लिए हमारे दूतावास में पंजीकरण कराया है। जैसा कि आप जानते हैं, ऐसे लोग भी हैं जो सिस्टर्स ऑफ चैरिटी में, मिशनरीज ऑफ चैरिटी में, नन आदि के रूप में काम कर रहे हैं; वे हों या…, यह उनकी बात है… हमने संपर्क किया गया है। तो उनमें से लगभग 30 हैं। इसलिए यदि वैसी स्थिति बनती है, तो हम उन सभी को निकालने के लिए तैयार हैं। हमने वहां एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। हमने अपने दूतावास में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है और यदि ज़रूरत पड़ी तो हम वहां से लोगों को निकलने के लिए तैयार हैं।

हुमा: महोदय, मैं हुमा सिद्दीकी हूँ, मैं सिर्फ यह पूछना चाहती थी कि 8वें व्यक्ति की स्थिति क्या है जो अभी भी कतर में है। उसके कब तक वापस आने की उम्मीद है?

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: तो, पिछली बार, मैंने इस प्रश्न का उत्तर एक सप्ताह पहले या दो सप्ताह पहले दिया था, जिसमें बताया गया था कि उनको वहां कुछ औपचारिकताएं पूरी करनी थीं। एक बार वो औपचारिकताएं पूरी हो जाएंगी तो वो भारत लौट आएंगे।

वक्ता 3: म्यांमार के मामले में, क्या आप हमें बता सकते हैं कि क्या हो रहा है, क्योंकि हम विद्रोहियों और लड़ाई की रिपोर्टें देख रहे हैं और वहां बहुत सारे भारतीय भी फंसे हुए हैं। क्या विदेश मंत्रालय ने अपनी एडवाइजरी अपडेट की है या वहां फंसे लोगों ने निकलने में मदद के लिए विदेश मंत्रालय से संपर्क किया है, या क्या गतिविधियां चल रही हैं?

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: म्यांमार के मामले में, हमने रखाइन राज्य के लिए एक एडवाइजरी जारी की थी जहां स्थिति बहुत नाजुक है। सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति ख़राब हो गयी है। हमने सभी भारतीय नागरिकों से कहा कि वे वहां से निकल जाएं, वहां से चले जाएं और वहां या कहीं और से संबंधित हमारे नागरिकों से भी हमने कहा कि उस क्षेत्र में न जाएं। सुरक्षा व्यवस्थाओं के खराब हो जाने कारण म्यांमार की स्थिति चिंता का विषय बनी हुई है। वहां बहुत लड़ाई हो रही है और सुरक्षा स्थितियां अनुकूल नहीं हैं। लेकिन, हम सभी पक्षों से आह्वान करते हैं। हम देश में शांति और स्थिरता चाहते हैं। हम देश में रचनात्मक बातचीत देखना चाहते हैं और हम चाहते हैं कि वार्ता के माध्यम से, रचनात्मक सहयोग के माध्यम से वहां समावेशी संघीय लोकतंत्र स्थापित हो।

कल्लोल: कल्लोल, एक बार फिर से। मेरा प्रश्‍न सीएए के बारे में है। महोदय, आपने सीएए का संदर्भ समझाते हुए अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश का उल्लेख किया है। मेरा प्रश्न यह है कि जब हम घरेलू कानूनों के बारे में बात करते हैं और फिर उन्हें पड़ोसी देशों के संदर्भ में परिभाषित करते हैं, तो क्या यह हमारे आंतरिक कानूनों के माध्यम से इन देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं है, जिनका आप नाम ले रहे हैं?

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: कल्लोल, इस विशेष मुद्दे पर, मुझे जो कहना था वह कह चुका हूँ। साथ ही, मैंने विभाजन के बाद के इतिहास का भी संदर्भ दिया। इसलिए, मैं आपसे आग्रह करना चाहूँगा कि कृपया हमारा वक्तव्य देखिए। इससे आपको जवाब मिल जाएगा कि हमने ये कदम क्यों उठाया है।

संदीप: मैंने यूक्रेन के बारे में भी पूछा था, क्या आप कुछ पता कर रहे हैं क्योंकि युद्ध के मैदान में उनके पास भी सैनिकों की कमी है?

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: यूक्रेन के मामले में, हमसे संपर्क नहीं किया गया है। यूक्रेन में, या वहां फंसे किसी भी भारतीय नागरिक ने हमसे संपर्क नहीं किया है, जिसे ऐसी कोई विशेष समस्या हो। तो, उस बारे में, हमारी ओर से यही उत्तर है।

धन्यवाद। अपना ध्यान रखें।

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