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प्रधानमंत्री की संयुक्त अरब अमीरात और कतर यात्रा पर विदेश सचिव द्वारा विशेष वार्ता का प्रतिलेख (12 फरवरी, 2024)

फरवरी 12, 2024

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: देवियों और सज्जनों, नमस्कार। प्रधानमंत्री की यात्रा से पहले, इस प्रेस वार्ता में आपका स्वागत है। हमारे साथ विदेश सचिव श्री विनय क्वात्रा हैं। मंच पर हमारे साथ खाड़ी क्षेत्र के संयुक्त सचिव, श्री असीम महाजन भी हैं। इसके साथ ही, मैं विदेश सचिव को प्रारंभिक टिप्पणी देने के लिए आमंत्रित करता हूं।

श्री विनय क्वात्रा, विदेश सचिव: आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। मीडिया के मेरे दोस्तों को नमस्कार। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी 13, 14 फरवरी को संयुक्त अरब अमीरात की आधिकारिक यात्रा करेंगे, जो कल सुबह से शुरू होगी। यह प्रधानमंत्री की संयुक्त अरब अमीरात की सातवीं यात्रा होगी। 13 तारीख को, उनके आगमन के तुरंत बाद, प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के साथ एक बैठक शामिल होगी। राष्ट्रपति भवन में औपचारिक स्वागत और अभिवादन के बाद, दोनों नेता द्विपक्षीय बैठक में हिस्सा लेंगे, जिसके बाद दोनों नेताओं के बीच चर्चा के बाद समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। पिछले आठ महीनो में दोनों नेताओं की यह पांचवीं मुलाकात होगी। यह आपको भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच उच्च स्तरीय राजनीतिक आदान-प्रदान की गहराई का एहसास कराता है। उनकी सबसे हालिया मुलाकात इस साल जनवरी में वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन के मौके पर हुई थी। 13 तारीख को ही, प्रधानमंत्री संयुक्त अरब अमीरात में हमारे प्रवासी परिवार के साथ हमारे गहरे संबंध को और मजबूत करने के लिए अबू धाबी में एक सामुदायिक कार्यक्रम, अहलान मोदी में हिस्सा लेंगे। जैसा कि आप जानते हैं, संयुक्त अरब अमीरात में लगभग 35 लाख भारतीय लोगो का मजबूत समुदाय हैं।

14 तारीख को, संयुक्त अरब अमीरात के उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री और दुबई के शासक महामहिम शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम के निमंत्रण पर, प्रधानमंत्री विश्व सरकार शिखर सम्मेलन 2024 में सम्मानित अतिथि के रूप में भाग लेंगे और शिखर सम्मेलन के समापन दिवस पर विशेष मुख्य भाषण देंगे। आपको याद होगा कि इससे पहले प्रधानमंत्री ने 2018 में विश्व सरकार शिखर सम्मेलन में भाग लिया था। प्रधानमंत्री की संयुक्त अरब अमीरात यात्रा का एक मुख्य आकर्षण 14 फरवरी को अबू धाबी में BAPS हिंदू मंदिर का उद्घाटन होगा। आपको यह भी याद होगा कि प्रधानमंत्री ने 2018 में अपनी संयुक्त अरब अमीरात यात्रा के दौरान मंदिर की आधारशिला रखी थी।

जैसा कि हम सभी जानते हैं, सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है की भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच गहरे, घनिष्ठ और बहुआयामी संबंध हैं जो मजबूत राजनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंधों पर आधारित हैं, और निश्चित रूप से दोनों देशों के नेतृत्व के दृष्टिकोण और व्यक्तिगत मार्गदर्शन से प्रेरित हैं। 2015 में प्रधानमंत्री की संयुक्त अरब अमीरात की ऐतिहासिक यात्रा के बाद, भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच द्विपक्षीय संबंधों में संपूर्ण रूप से परिवर्तन आया है। इस रिश्ते को 2017 में व्यापक रणनीतिक साझेदारी स्तर तक बढ़ाया गया था। अगर मैं हमारे आदान-प्रदान में महत्वपूर्ण परिवर्तन के कुछ प्रमुख महत्वपूर्ण तत्वों की बात करूँ तो पिछला वर्ष, जैसा कि आप जानते हैं, हमारे आदान-प्रदान में अत्यधिक सफल वर्ष था। गहन उच्च-स्तरीय राजनीतिक आदान-प्रदान का उल्लेख मैं पहले ही कर चुका हूँ।

प्रधानमंत्री ने 2023 में दो बार जुलाई और दिसंबर में संयुक्त अरब अमीरात का दौरा किया, COP, विश्व जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए। स्थानीय मुद्राओं में व्यापार निपटान जैसे दो परिवर्तनकारी समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए; नवीकरणीय ऊर्जा, स्वास्थ्य सेवा, रसद और खाद्य पार्क सहित कई क्षेत्रों में समझौता ज्ञापन हुए। हमने खाद्य सुरक्षा, शिक्षा, फिनटेक, रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच साझेदारी के नए क्षेत्र भी खोले हैं। संयुक्त अरब अमीरात के साथ व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते के बाद हमने भारत-संयुक्त अरब अमीरात के बीच के व्यापार संबंधों को भी मजबूत किया है। संयुक्त अरब अमीरात अब भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य और तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया है। वर्तमान में हमारा द्विपक्षीय व्यापार लगभग 85 बिलियन डॉलर का है। संयुक्त अरब अमीरात पिछले साल भारत में चौथा सबसे बड़ा FDI निवेशक भी बन गया है। इस बार माननीय प्रधानमंत्री की संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा और दोनों पक्षों के बीच चर्चा और बातचीत के तहत महत्वपूर्ण समझौते, दोनों नेताओं को उन सभी क्षेत्रों में और गति प्रदान करने में मदद करेंगे जिनमें हमारा सहयोग है। विश्व सरकार शिखर सम्मेलन के मौके पर उपस्थित अन्य वैश्विक नेताओं के साथ जुड़ने का अवसर भी मिलेगा।

14 फरवरी को अपनी संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा पूरी करने के बाद, माननीय प्रधानमंत्री 14 फरवरी की दोपहर को दोहा, कतर की यात्रा करेंगे। इस यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री कतर के आमिर, महामहिम आमिर शेख तमीम बिन हमाद अल थानी और कतर के अन्य उच्च गणमान्य व्यक्तियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे। आपको याद होगा कि प्रधानमंत्री ने आखिरी बार जून 2016 में कतर का दौरा किया था। ऐसे में यह प्रधानमंत्री की कतर की दूसरी यात्रा होगी। हाल के वर्षों में भारत और कतर के बीच कई उच्च स्तरीय आदान-प्रदान हुए हैं। आपको नवंबर 2022 में माननीय उपराष्ट्रपति की दोहा यात्रा और जून 2022 में तत्कालीन उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू जी की यात्रा याद होगी। विदेश मंत्री ने भी पिछले 3-4 साल में कतर की कई यात्राएँ की हैं।

भारत और कतर के बीच के लगातार बढ़ने वाले द्विपक्षीय संबंध में व्यापक विस्तार शामिल है, जिसमें राजनीतिक संबंध, व्यापार और निवेश संबंध, हमारी मजबूत ऊर्जा साझेदारी और संस्कृति, शिक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में संबंध भी शामिल हैं। आप जानते होंगे, हाल ही में समाप्त हुए भारत ऊर्जा सप्ताह के बाद, कतर एनर्जी और पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड ने 2028 से शुरू होकर अगले 20 वर्षों के लिए कतर से भारत में 7.5 MMTPA LNG की आपूर्ति के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। वर्तमान में भारत और कतर के बीच लगभग 20 बिलियन डॉलर का मजबूत द्विपक्षीय व्यापार है और कतर भारत में विभिन्न क्षेत्रों में एक महत्वपूर्ण निवेशक भी है। मजबूत प्रवासी समुदाय, भारत और कतर के बीच के संबंधो में समान रूप से महत्वपूर्ण संपर्क सूत्र है। लगभग 8,40,000 भारतीय लोग कतर में रहते है।

प्रधानमंत्री की कतर यात्रा दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व को हमारी बहुआयामी साझेदारी को और गहरा और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करने के साथ-साथ पारस्परिक महत्व के विभिन्न क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर प्रदान करेगी। माननीय प्रधानमंत्री अपनी दो देशों की यात्रा से 15 फरवरी को वापस दिल्ली लौटेंगे। यहाँ में अपनी चर्चा रोककर प्रश्नो का जवाब देना चाहूंगा।

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: हम आप से शुरुआत कर सकते हैं, येशी?

येशी: मैं द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से येशी सेली हूँ। सर, जैसा कि आपने अभी बताया, प्रधानमंत्री कतर जा रहे हैं। आठ पू्र्व नौसैनिकों में से एक अभी भी कतर में है। क्या उनके जल्द ही वापस आने की संभावना है? और उनकी अचानक भारत वापसी का क्या कारण है, क्या आप बता सकते है?

श्रीधर: सर, मैं हूँ श्रीधर, एशियन एज से। सर, मैं जानना चाहता था कि प्रधानमंत्री निश्चित रूप से कतर जा रहे हैं। आपने एक बयान जारी किया कि आमिर ने रिहाई का आदेश दिया था, लेकिन क्या यह आमिर द्वारा दी गई शाही क्षमा के बराबर है? और साथ ही, क्या आप प्रधानमंत्री मोदी के इस व्यक्तिगत हस्तक्षेप के बारे में बता सकते हैं? क्योंकि जब दोनों नेताओं ने दुबई में बात की, तो आपने उस बातचीत में क्या हुआ, इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी। तो क्या आप कुछ और बता सकते है, क्योंकि जहा तक हमें पता है, केंद्रीय मंत्री प्रधानमंत्री को उनके हस्तक्षेप के लिए धन्यवाद दे रहे थे; और साथ ही, क्या आप संयुक्त अरब अमीरात यात्रा की कार्यक्रमों के क्रम के बारे में कुछ बता सकते है। क्या पहले द्विपक्षीय बैठक होगी और फिर मंदिर का उद्घाटन और उसके बाद सम्मेलन होगा? क्या आप 13 और 14 को यूएई यात्रा का क्रम स्पष्ट कर सकते हैं? तो क्या सबसे पहले, द्विपक्षीय बैठक होगी। फिर कार्यक्रमों का क्रम क्या होगा? धन्यवाद।

स्मिता: मैं हूँ स्मिता शर्मा और मैं स्वतंत्र रूप से काम करती हूं। संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा की बात करें तो चल रहे इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष और विभिन्न स्थितियों को ध्यान में रखते हुए, भारत I2U2 के लिए वर्तमान स्थिति का भविष्य कैसे देखता है? उसकी भावी स्थिति और साथ ही IMEC की भावी स्थिति क्या होगी?

मेघा: नमस्ते, मैं हूँ NewsX से मेघा। मेरा पहला सवाल यह है कि प्रधानमंत्री का कतर जाना और वहां के आमिर से मिलना, इसका कारण आठ पू्र्व नौसैनिकों की रिहाई है? दूसरा, क्या दुबई में होने वाले विश्व सरकार शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री और आमिर के बीच कोई अनौपचारिक बातचीत या द्विपक्षीय चर्चा होने की संभावना है?

हुमा: सर, मैं फाइनेंशियल एक्सप्रेस से हुमा सिद्दीकी हूं। आपने कुछ समझौतों का उल्लेख किया जिन पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। तो क्या आप बता पाएंगे कि ये किन क्षेत्रों के समझौते हो सकते हैं?

उमाशंकर: मैं हूँ उमाशंकर, NDTV से। जितने भी सात भारतीय आए हैं उन सबने कहा है कि प्रधानमंत्री के व्यक्तिगत हस्तक्षेप के बिना ये संभव नहीं था। मेरा सवाल यही है कि किस तरह से ये व्यक्तिगत हस्तक्षेप किया गया और इसका विवरण आप बता सकें कृपया?

श्री विनय क्वात्रा, विदेश सचिव: सबसे पहले मैं हुमा के प्रश्न का जवाब देना चाहूंगा, यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए जाने वाले समझौतों और सहमति ज्ञापन के बारे में। वर्तमान में, दोनों पक्ष विभिन्न सहमति ज्ञापन और समझौतों पर चर्चा करने में व्यस्त हैं, जिन्हें दोनों पक्ष इस यात्रा के दौरान अंतिम रूप दे सकते हैं, हस्ताक्षर कर सकते हैं और आदान-प्रदान कर सकते हैं। इस स्तर पर, मैं आपसे उन विशेष दस्तावेजों की सूची साझा नहीं कर सकता, लेकिन महत्व के क्षेत्रों के संदर्भ में और पिछले कुछ वर्षों में दोनों पक्षों ने जिन समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, उन पर प्रगति करते हुए ऊर्जा के क्षेत्र में ऊर्जा सुरक्षा और ऊर्जा व्यापार दोनों से संबंधित समझ शामिल होगी। बंदरगाहों, समुद्री और रसद के बड़े क्षेत्र से भी कुछ समझ और दस्तावेज़ होंगे। चूंकि हमारी दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच डिजिटल सहयोग हमारी साझेदारी का एक महत्वपूर्ण तत्व है, इसलिए हम यह भी देखना चाह रहे हैं कि क्या हम डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में निवेश पर सहमति बना सकते हैं या नहीं, दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं के बीच पूंजी प्रवाह के संरक्षण और संवर्धन की व्यवस्था पिछले 10 वर्षों में हमारे संबंधों की एक बहुत महत्वपूर्ण विशेषता बन गई है, यह कुछ ऐसा है जिस पर भी चर्चा चल रही है और इस पर ध्यान दिया जा रहा है। समुद्री विरासत, दोनों पक्ष इस क्षेत्र में कैसे सहयोग कर सकते हैं, इस पर महत्वपूर्ण चर्चाएं चल रही हैं। और फिनटेक कनेक्टिविटी पर भी यह चर्चा चल रही है कि कैसे दोनों पक्ष फिनटेक प्लेटफॉर्म के साथ-साथ फिनटेक उत्पादों पर भी, जो कि प्लेटफॉर्म से अलग है, पर सहयोग कर सकते हैं। रेलवे और संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर, सहयोग के क्षेत्र और बंदरगाह इंफ्रास्ट्रक्चर, जिनका मैं पहले ही उल्लेख कर चुका हूँ, ये कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिन पर दोनों प्रतिनिधिमंडल वर्तमान में चर्चा में लगे हुए हैं ताकि यह देखा जा सके कि किस प्रकार के समझौते और सहमति को अंतिम रूप दिया जा सकता है। जैसे-जैसे हम यात्रा की ओर आगे बढ़ेंगे हम आपको हस्ताक्षर किए जाने वाले विशिष्ट दस्तावेज़ों के बारे में जानकारी देते रहेंगे।

श्रीधर, कार्यक्रमों के अनुक्रम की बात करें तो, वर्तमान में, कार्यक्रम के क्रम को निर्धारित किया गया है लेकिन निश्चित रूप से जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते हैं, इसमें बदलाव होते रहते हैं। द्विपक्षीय बैठकें और यात्राएं 13 तारीख को होंगी, जबकि मंदिर का उद्घाटन अनिवार्य रूप से अगले दिन होगा।

अल-दहरा मामले में भारतीय नागरिकों की रिहाई से संबंधित प्रश्नों की बात करें तो हम जो कुछ भी कहना चाहते थे, हमने सुबह ही कह दिया है। हम उनकी वापसी के लिए आभारी हैं। हम उनकी वापसी पर खुश हैं। हम उन्हें रिहा करने के क़तर सरकार और आमिर के फैसले की बेहद सराहना करते हैं। हम उनमें से सात भारतीय नागरिकों के देश में लौटने से खुश हैं। आठवें भारतीय नागरिक को भी रिहा कर दिया गया है और हम कतर सरकार के साथ काम करना जारी रखेंगे ताकि उनकी भारत वापसी जल्द से जल्द संभव हो। जैसा कि हमने सुबह अपने बयान में पहले ही कहा है, और लोगों ने भी व्यक्त किया है, माननीय प्रधानमंत्री ने स्वयं व्यक्तिगत रूप से इस मामले में हो रही सभी कार्यवाही का लगातार पर्यवेक्षण किया है और भारतीय नागरिकों की घर वापसी सुनिश्चित करने की ऐसी किसी भी पहल से कभी भी पीछे नहीं हटे हैं। हम अलग-अलग तरीकों और शब्दों का उपयोग करके बात कर सकते हैं, जैसे कि श्रीधर, आपने उल्लेख किया है, चाहे यह रिहाई हो या क्षमा, लेकिन मुझे लगता है कि हमें तथ्यों को वे जैसे है वैसे ही देखना चाहिए। अल दहरा मामले के आठ भारतीय नागरिकों में से सात अपने घर वापस आ गए हैं। जैसा कि मैंने कहा, हम इससे बेहद खुश हैं और रिहाई के लिए कतर के आमिर के कदम की बेहद सराहना करते हैं और आठवें भारतीय नागरिक की वापसी पर काम करना जारी रख रहे हैं।

स्मिता, I2U2 और IMEC पर चल रहे इज़राइल-फिलिस्तीन संघर्ष के प्रभाव के संबंध में आपके प्रश्न पर मैं कहना चाहूंगा की इसमें कोई संदेह नहीं है कि जब भी नेता मिलते हैं तो गाजा में संघर्ष से संबंधित घटनाक्रम, हमेशा बातचीत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता हैं। लेकिन इसके बावजूद, संस्थागत जुड़ाव और विशिष्ट परियोजनाएं जो दोनों देशों और... IMEC के मामले में, इसमें शामिल अन्य देश और, I2U2 के मामले में, अन्य भागीदारों की भागीदारी का एजेंडा, सहयोग का एजेंडा, जो इन दो तंत्रों में उल्लिखित है, वह अच्छी तरह से आगे बढ़ रहा है। इसमें शामिल विभिन्न पक्ष प्रगति के लिए नियमित चर्चा कर रहे हैं। जैसा कि मैंने बताया, सहयोग के क्षेत्रों में बंदरगाह, समुद्री और रसद जैसे क्षेत्र भी शामिल है। आप पाएंगे कि इसमें से कई क्षेत्र IMEC गलियारे के अंतर्गत आने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्रों से भी संबंधित है।

मुझे लगता है कि NewsX की ओर से पूछा जाने वाला प्रश्न, आमिर और नेतृत्व के बीच अनौपचारिक बातचीत पर था। देखिए, हम पहले ही माननीय प्रधानमंत्री की संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा के समापन के बाद कतर की यात्रा के बारे में बता चुके हैं। विश्व सरकार शिखर सम्मेलन के मौके पर, जब भी ये कार्यक्रम रडार पर आते रहेंगे और विशिष्ट बैठकें आयोजित की जाएंगी, हम आपको जानकारी देते रहेंगे।

उमाशंकर जी, आपके प्रश्न का उत्तर जो मैंने पहले टिप्पणी की उसमें निहित है कि प्रधानमंत्री मोदी जी व्यक्तिगत रूप से इस विषय को लेकर पर्यवेक्षण करते रहे हैं, और उनके सशक्त नेतृत्व का प्रमाण ही है ये एक प्रकार से, और संबंधों की सजगता को भी दर्शाता है कि आठ भारतीय नागरिको में से, अल-दहरा मामले के, सात नागरिक इस समय अपनी भारत भूमि पर हैं।

वक्ता: [अश्रव्य]

श्री विनय क्वात्रा, विदेश सचिव: देखिए, प्रधानमंत्री की यात्राओं की, कोई भी यात्रा, न केवल यह यात्रा, बल्कि सभी यात्राओं की योजना बनाई जाती है और वे निर्धारित होती हैं और उस कार्यक्रम पर चर्चा महीनों पहले शुरू हो जाती है और कार्यक्रम तैयार हो जाने पर हम उन यात्राओं की घोषणा करते हैं।

कल्लोल: सर, मैं द हिंदू से कल्लोल हूं। मेरा प्रश्न भारतीय कैदियों के बारे में है, विशेष रूप से संयुक्त अरब अमीरात और कतर में, क्योंकि संयुक्त अरब अमीरात, जहां प्रधानमंत्री जा रहे हैं, वर्तमान में अपनी जेलों में कम से कम 2,100 भारतीय कैदियों को रखता है और अकेले क़तर में लगभग 752 भारतीय कैदी हैं, उन आठ लोगों के अलावा, जिन्हें रिहा कर दिया गया है। इसलिए मैं पूछना चाहता हूं कि क्या सरकार इन यात्राओं के दौरान किसी समय इन कैदियों के बारे में चर्चा करेगी? और जैसा की आप जानते हैं, इनमें से अधिकतर कैदी बहुत गरीब परिवार से आते हैं, वे मजदूर हैं और छोटे-मोटे अपराधों के आरोपी हैं, जिन्हें पर्याप्त कानूनी सहायता नहीं मिलती है। तो क्या सरकार उन्हें भी किसी तरह से समर्थन देने पर विचार करेगी ताकि वे भी घर वापस आ सकें?

अमिति: नमस्ते सर, मैं हिंदू बिजनेस लाइन से अमिति सेन हूं। सर, संयुक्त अरब अमीरात ने I2U2 के तहत फूड पार्क में जो 2 बिलियन डॉलर के निवेश का वादा किया है, क्या वह भी चर्चा का विषय होगा और उसकी स्थिति क्या है?

सुधि: सर मैं ब्लूमबर्ग से सुधि रंजन हूँ। कतर मामले में हम समझते हैं कि यह आमिर की ओर से क्षमा है, तो किसने दया याचिकाएँ दायर की थीं। क्या यह भारत सरकार की तरफ से थीं या फिर स्वयं उन पूर्व नौसैनिकों की तरफ से?

साहिल: सर, मैं साहिल हूँ, ANI से। इस बड़ी कूटनीतिक विजय के संबंध में मैं पूछना चाहता हूँ की भारत ने इसे कैसे संभाला और आगे की कार्यवाही कैसे की?

श्री विनय क्वात्रा, विदेश सचिव: सुनिए, जहां तक ​​कतर से संबंधित सभी प्रश्नों और भारत में वापस आए आठ भारतीय नागरिकों में से सात की वापसी का सवाल है, मुझे लगता है कि हमने पहले ही जवाब दे दिया है, एक बयान जारी कर दिया है, उस पर जो भी कुछ कहा जाना था, वह कहा जा चुका है और मेरे पास इसमें आगे कुछ भी कहने के लिए नहीं है।

कल्लोल, संयुक्त अरब अमीरात और कतर में और केवल इन दोनों देशों में ही नहीं बल्कि अन्य देशों में भारतीय कैदियों की संख्या के संबंध में आपके प्रश्न पर मैं कहना चाहूंगा की भारत सरकार के पास कांसुलर संवादों और चर्चाओं के लिए, भारतीय प्रणाली और उन देशों की प्रणालियों को शामिल करते हुए व्यापक तंत्र हैं, जिनका एक प्रमुख कार्य सभी भारतीय कैदियों की शीघ्र रिहाई की दिशा में काम करना है, चाहे वे किसी भी देश में हों। ऐसे बहुत स्थापित तंत्र और प्रणालियाँ भी मौजूद हैं जो यह सुनिश्चित करती हैं कि इन कैदियों को जो भी सहायता, जहां भी संभव हो, सरकारी तंत्र के माध्यम से उपलब्ध कराई जाए। ये वे प्रणालियाँ हैं जिन्हें काफी मजबूत किया गया है, जिनका दायरा बड़े पैमाने पर बढ़ाया गया है, जहां सरकार का मजबूत समर्थन उनमें अंतर्निहित है। इन्हें विशेष रूप से माननीय प्रधानमंत्री मोदी के प्रधानमंत्रित्व काल में पिछले 10 वर्षों में स्थापित किया गया है। जैसा कि मैंने कहा, यह वर्तमान दो देश, जहां माननीय प्रधानमंत्री यात्रा कर रहे हैं और वहां स्थापित संवाद तंत्र, जो इसे आगे बढ़ाते हैं, उन पर भी लागू होता है। मैं नेतृत्व स्तर पर होने वाली चर्चाओं के बारे में पहले से अनुमान नहीं लगाना चाहता, लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूं कि यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे भारत सरकार द्वारा प्रणाली-व्यापी आधार पर बहुत नियमित रूप से और व्यापक रूप से उठाया जाता है।

फ़ूड पार्क पर 2 अरब डॉलर के निवेश पर हिंदू बिजनेस लाइन द्वारा किए गए प्रश्न पर में बताना चाहूंगा की जैसा कि मैंने आपको पहले के प्रश्नों के उत्तर में बताया था, I2U2 के तहत पहचानी गई सभी परियोजनाएं, और फ़ूड पार्क परियोजना I2U2 से भी पहले की हैं, संयुक्त अरब अमीरात और भारतीय पक्ष के संबंधित हितधारकों के बीच इस पर चर्चा जारी है, क्योंकि भारतीय पक्ष और संयुक्त अरब अमीरात की ओर से इनमें से कुछ पक्ष निजी क्षेत्र के पक्ष हैं। इसलिए दोनों पक्षों के बीच परियोजना और उन परियोजनाओं के तहत चर्चाएं होती रहती हैं।

मधुरेंद्र: सर, मधुरेंद्र, मैं न्यूज नेशन से हूँ। जैसा कि प्रधानमंत्री अबू धाबी में BAPS मंदिर के उदघाटन के लिए जा रहे हैं, मैं जानना चाहूंगा कि इस पूरे ही कार्यक्रम का प्रारूप क्या होगा, खास तौर पर प्रधानमंत्री वहां पर जब उदघाटन करेंगे तो जो पूजा-पाठ की श्रृखंला होगी वो क्या होगी और साथ ही कि क्या मंदिर से प्रधानमंत्री संबोधित भी करेंगे?

श्री विनय क्वात्रा, विदेश सचिव: देखिये BAPS मंदिर का जो उद्घाटन का कार्यक्रम है, वो प्रधानमंत्री जी की संयुक्त अरब अमीरात यात्रा का एक प्रमुख अंग है, उसकी विस्तृत जानकारी जो उद्घाटन से पहले है, उसकी क्या रूपरेखा होगी वहां पे कितने लोग उपस्थित होंगे, अभी तक की जानकारी ये है कि लगभाग दो हजार से पांच हजार श्रद्धालुओं की उपस्थति की अपेक्षा है वहां पर। कार्यक्रम काफ़ी विस्तृत है, उसकी जो प्रत्यक्ष रूप से रूपरेखा है, उस रूपरेखा की समय सारणी क्या रहेगी, उसके क्या भाग रहेंगे, वो हम आपको उद्घाटन से यथापूर्वक और यथोचित समय पर, अवश्य सूचित करेंगे।

मधुरेन्द्र: [अश्रव्य]।

श्री विनय क्वात्रा, विदेश सचिव: देखिए मैंने आपसे कहा कि उस कार्यक्रम का जो स्वरूप है, उसकी जो रूपरेखा है उसके बारे में हम आपको पूरी तरह से सूचित करेंगे।

श्री रणधीर जायसवाल, आधिकारिक प्रवक्ता: धन्यवाद। अब कोई प्रश्न नहीं है। हम इस सत्र को समाप्त करते हैं। आपकी भागीदारी के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद और हम आपसे जुड़े रहेंगे। मुझे यकीन है कि आप में से कुछ लोग संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा कर रहे हैं या आपकी टीमें यात्रा कर रही हैं। हम संपर्क में रहेंगे। धन्यवाद।

श्री विनय क्वात्रा, विदेश सचिव: धन्यवाद।

 

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