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ओमान सल्तनत के महामहिम सुल्तान हैथम बिन तारिक के राजकीय दौरे के दौरान भारत-ओमान का संयुक्त वक्तव्य

दिसम्बर 16, 2023

भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू के निमंत्रण पर ओमान के सुल्तान, महामहिम सुल्तान हैथम बिन तारिक, ने 16 दिसंबर 2023 को भारत का अपना प्रथम राजकीय दौरा किया। महामहिम सुल्तान हैथम बिन तारिक का नयी दिल्ली में राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में औपचारिक स्वागत किया गया। माननीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने महामहिम के सम्मान में रात्रि भोज का आयोजन किया।

यह दौरा विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह दिवंगत महामहिम सुल्तान काबूस द्वारा 1997 में किए गए दौरे के बाद, विगत 25 वर्षों में ओमान के सुल्तान का प्रथम भारत आगमन है। महामहिम का यह दौरा, भारत के प्रधान मंत्री श्री. नरेंद्र मोदी द्वारा फरवरी 2018 में ओमान सल्तनत के किए गए दौरे के बाद हो रहा है।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और महामहिम सुल्तान हैथम बिन तारिक ने 16 दिसंबर 2023 को प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद बंद कमरे में विचार-विमर्श किया। बैठकें बहुत गर्मजोशी और मैत्रीपूर्ण माहौल में हुईं। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों की उत्कृष्ट स्थिति पर संतोष व्यक्त किया, जो समय की कसौटी पर खरे साबित हुए हैं और ऐतिहासिक संबंधों, आपसी विश्वास और सम्मान और साझा हितों पर आधारित एक मजबूत और स्थायी साझेदारी में परिणत हुए हैं।

दोनों नेताओं ने उच्च स्तरीय यात्राओं के निरंतर आदान-प्रदान पर संतोष व्यक्त किया, जिससे सहयोग के विभिन्न क्षेत्रों में प्रगति प्राप्त करने में सहायता मिली है। दोनों नेताओं ने राजनीतिक और सुरक्षा सहयोग, रक्षा, व्यापार, ऊर्जा सुरक्षा और नवीकरणीय ऊर्जा, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, संस्कृति और व्यक्तियों से व्यक्तियों के संबंधों सहित द्विपक्षीय सहयोग के संपूर्ण आयामों पर भी चर्चा की।

महामहिम सुल्तान हैथम बिन तारिक ने विशेष अतिथि देश के रूप में जी20 में भाग लेने के लिए सल्तनत को निमंत्रण देने हेतु भारत के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने जी20 शिखर सम्मेलन और वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन के दो संस्करणों के सफल आयोजन के लिए भारत की सराहना की और महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर वैश्विक सहयोग और चर्चा के लिए एक मंच प्रदान करने में भारत की महत्त्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। महामहिम ने विभिन्न वैश्विक नज़रियोंऔर प्राथमिकताओं वाले देशों को एक साथ लाने और एकजुट करने की दिशा में तथा नयी दिल्ली नेताओं की ऐतिहासिक घोषणा को अपनाने की दिशा में भारत द्वारा जी20 अध्यक्षता की उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए भारत की और प्रधान मंत्री मोदी की सराहना की।

विजिट के दौरान 'भविष्य के लिए साझेदारी' नामक एक संयुक्त विज़न दस्तावेज़ को मान्यता दी गई, जिसमें ओमान और भारत के नेतृत्व के साझा विज़न को सम्मिलित किया गया है। यह संयुक्त विज़न ओमान विज़न 2040, और 'अमृत काल' के अंतर्गत भारत के विकासपरक उद्देश्यों के बीच उल्लेखनीय तालमेल को मान्यता देता है, और भारत व ओमान के बीच साझेदारी को गहन बनाने के लिए इन पूरकताओं का उपयोग करने की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। क्रियान्वयन के लिए दोनों देशों के बीच संबंधों को गहन बनाने के लिए भावी रूपरेखा के भाग के रूप में विशिष्ट कार्य बिंदुओं के साथ इस दस्तावेज़ में अनेक क्षेत्रों जैसे कि सामुद्रिक सहयोग और संपर्क सुविधाएं, ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरण अनुकूल ऊर्जा, अंतरिक्ष, प्रौद्योगिकियों और अनुप्रयोगों, डिजिटल भुगतान और वित्तीय सहयोग, व्यापार और निवेश, स्वास्थ्य, पर्यटन और आतिथ्य, आईटी और नवप्रवर्तन, तथा कृषि और खाद्य सुरक्षा आदि को चिन्हित किया गया है।

नेताओं ने विश्वास व्यक्त किया कि संयुक्त विज़न दस्तावेज़ विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के लिए एक भावी पथप्रदर्शक के रूप में कार्य करेगा और भारत-ओमान साझेदारी को नई ऊंचाइयों तक पहुँचाएगा।

दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि पर संतोष व्यक्त किया। यह द्विपक्षीय व्यापार 2020-21 में 5.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, जो कि 2022-23 में दोगुने से अधिक बढ़कर 12.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है।

दोनों नेताओं ने इसकी सराहना की कि भारत-ओमान व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) पर बातचीत चल रही है और इस दिशा में पर्याप्त प्रगति हासिल की जा चुकी है। दोनों पक्ष वार्ता को गति देने और निष्कर्ष तक पहुंचाने के लिए मिलकर काम करना जारी रखने पर सहमत हुए। समझौते में इस साझेदारी को आगे बढ़ाने और उच्च विकास पथ हासिल करने की संभावनाएं है जो इन ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंधों की विपुल संभावनाओं के साथ अनुरूपता में हैं।

ओमान-भारत संयुक्त निवेश कोष (ओआईजेआईएफ) की तीसरी किश्त की घोषणा की भी नेताओं ने सराहना की, जिसमें ओमान और खाड़ी क्षेत्र से भारतीय अर्थव्यवस्था के सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में निवेश लाने की इसकी संभावनाओं को ध्यान में रखा गया है। दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग के लगातार गहन होते जाने का स्वागत किया और इस क्षेत्र में आपसी सहभागिता को और बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया।

दोनों नेताओं ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की और इस क्षेत्र में हाल की द्विपक्षीय बातचीत के लिए सराहना की। उन्होंने सुदूर संवेदन, उपग्रह प्रक्षेपण और संचार और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के व्यावहारिक अनुप्रयोगों सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग की विशाल संभावनाओं को मान्यता दी, जो इन क्षेत्रों में भारत और ओमान के बीच साझा रुचि परिलक्षित करता है।

दोनों पक्षों ने नागरिक उड्डयन और हवाई संपर्क सुविधाओं के क्षेत्रों में सहयोग पर चर्चा की। ओमान पक्ष ने पारस्परिक लाभ के लिए हवाई क्षेत्र और हवाई यातायात प्रबंधन प्रणाली के अनुकूलन के लिए मिलकर काम करने में रुचि व्यक्त की। भारत पक्ष ने सहयोगात्मक तरीके से आगे बढ़ने के लिए दोनों पक्षों के नागरिक उड्डयन अधिकारियों के बीच चल रही चर्चा को जारी रखने की इच्छा व्यक्त की।

दोनों नेताओं ने स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग के महत्व को स्वीकार किया और इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को और मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने जेनेरिक दवाओं के निर्माण में अपने समकक्षों के साथ भावी साझेदारी खोजने की कंपनियों की क्षमताओं को रेखांकित किया। इसके अतिरिक्त, नेताओं ने इस क्षेत्र में पारंपरिक भारतीय चिकित्सा प्रणाली की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए, मध्य पूर्व में ओमान के आयुर्वेद का केंद्रीय स्थल बनने की संभावनाओं पर चर्चा की।

दोनों पक्षों ने स्वीकार किया कि व्यक्तियों से व्यक्तियों के बीच शताब्दियों पुराने संबंध, ऐतिहासिक भारत-ओमान संबंधों का मूलभूत आधार निर्मित करते हैं। भारतीय पक्ष ने ओमान में रहने वाले 700000 से अधिक भारतीय प्रवासियों की उत्कृष्ट देखभाल के लिए ओमान पक्ष की सराहना की। ओमान पक्ष ने ओमान के समाज और अर्थव्यवस्था में बड़ी मात्रा में भारतीय प्रवासी समुदाय के निरंतर और मूल्यवान योगदान को मान्यता देते हुए, उनके प्रति आभार व्यक्त किया।

दोनों पक्षों ने संस्कृति के संबंध में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करके सांस्कृतिक सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्‍त की। यह समझौता कलात्मक प्रदर्शन, प्रदर्शनियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों को साझा करने के साथ सांस्कृतिक गतिविधियों में सहयोग प्रेरित करेगा।

दौरे के अवसर पर, दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सांस्कृतिक, और व्यक्तियों से व्यक्तियों के बीच संबंधों के प्रतीक के रूप में एक भारत-ओमान संयुक्त स्मारक डाक टिकट जारी किया गया। यह संयुक्त डाक टिकट पारंपरिक लोक नृत्यों को दर्शाता है, जो भारत और ओमान की सांस्कृतिक विरासत को कलात्मक रूप से प्रदर्शित करता है और दोनों देशों में डाक टिकट संग्रहकर्ताओं और कला प्रेमियों द्वारा इसे संजोया जाएगा।

नेताओं ने भारत और ओमान के बीच समुद्री व्यापार के लंबे इतिहास का उल्लेख किया, जिससे सहस्राब्दियों से वस्तुओं और विचारों का आदान-प्रदान संभव होता रहा है। उन्होंने व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को सुविधाजनक बनाने में पालचालित नौकाओं द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर विचार किया, जिनका भारतीय उपमहाद्वीप और अरब प्रायद्वीप, विशेष रूप से ओमान के बीच आपसी संपर्क के दीर्घकालिक और समृद्ध इतिहास में योगदान रहा है। नेताओं ने भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के उस प्रस्ताव की सराहना की, जिसमें भारत में प्राचीन तकनीक से तैयार किए गए स्टिचेज जहाज की समुद्री यात्रा को फिर से साकार करने की बात कही गई है। प्रस्तावित योजना के अनुसार यह जहाज 2025-26 में किसी समय गुजरात के मांडवी बंदरगाह से मस्कट तक रवाना होगा और उसके बाद अन्य क्षेत्रों की यात्राएं करेगा। दोनों नेताओं ने विश्वास व्यक्त किया कि यह यात्रा भारत और ओमान के बीच प्राचीन और ऐतिहासिक संबंधों को प्रगाढ़ बनाएगी, जिससे दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और व्यक्तियों से व्यक्तियों के संबंधों का आधार मजबूत बनेगा।

दोनों पक्षों ने पर्यटन सहयोग बढ़ाने, धारणीय पर्यटन में सर्वोत्तम विधियों की साझेदारी करने, और दोनों देशों के बीच पर्यटकों के आवागमन में वृद्धि की संभावनाएं खोजने के लिए भी अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।

दोनों नेताओं ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की कड़ी निंदा की। उन्होंने इस बारे में सहमति व्यक्त की कि किसी भी आधार पर किसी आतंकवादी कृत्य का कोई औचित्य नहीं हो सकता। उन्होंने आतंकवाद से निपटने के लिए सहयोग बढ़ाने हेतु अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की और सभी प्रकार के हिंसक उग्रवाद को त्यागने की अनिवार्यता को रेखांकित करते हुए शांति, संयम, सह-अस्तित्व और सहिष्णुता के सार्वभौमिक मूल्यों को बढ़ावा देने के महत्व को रेखांकित किया।

दोनों नेताओं ने आपसी हितों और चिंताओं वाले क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की। दोनों पक्षों ने वैश्विक स्तर पर और क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने वाले प्रयासों का समर्थन करने के लिए एक मजबूत प्रतिबद्धता व्यक्त की।

भारत और ओमान ने सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन करने, सभी देशों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने, अन्य देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने से बचने और बातचीत और कूटनीति के माध्यम से शांतिपूर्ण ढंग से संघर्षों को हल करने की आवश्यकता पर बल दिया।

यात्रा के दौरान निम्नलिखित समझौता ज्ञापनों और समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए और उनका आदान-प्रदान किया गया:

1. संस्कृति मंत्रालय के प्रतिनिधित्व में भारत गणराज्य सरकार और संस्कृति, खेल और संस्कृति क्षेत्र युवा मंत्रालय के प्रतिनिधित्व में ओमान सल्तनत की सरकार, के बीच समझौता ज्ञापन

2. परिवहन, संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, ओमान सल्तनत और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत गणराज्य के बीच सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन

3. वित्तीय आसूचना इकाई (एफआईयू) और राष्ट्रीय वित्तीय सूचना केंद्र (एफएनसीआई) के बीच, मनी लॉन्ड्रिंग, संबंधित अपराध और आतंकवाद के वित्तपोषण से संबंधित आसूचना जानकारी के आदान-प्रदान में सहयोग पर समझौता ज्ञापन।

4. ओमान सल्तनत की सरकार और भारत गणराज्य की सरकार के बीच, आधिकारिक कर्मचारियों के साथ आने वाले व्यक्तियों के लाभकारी रोजगार के संबंध में समझौता।

5. भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद और धोफ़र यूनिवर्सिटी के बीच, भारतीय अध्ययन-हिंदी भाषा के लिए आईसीसीआर पीठ की स्थापना पर समझौता ज्ञापन।

6. ओमान निवेश प्राधिकरण (ओआईए) और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के बीच, ओमान भारत संयुक्त निवेश कोष (ओआईजेआईएफ-III) में निवेश के लिए शर्तों की मदें दर्ज की जाएंगी।

दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों के भावी विकास की पर्याप्त संभावनाओं को लेकर विश्वास व्यक्त किया। महामहिम सुल्तान हैथम बिन तारिक ने सरकार और भारत के लोगों द्वारा हार्दिक और उदार सत्कार के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया। महामहिम सुल्तान हैथम बिन तारिक ने भी प्रधानमंत्री मोदी को ओमान सल्तनत का दौरा करने के लिए सौहार्दपूर्ण निमंत्रण दिया।

नई दिल्ली
दिसंबर 16, 2023



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