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भारत-ब्रिटेन मंत्रिस्तरीय वार्ता के बाद आयोजित प्रेस वक्तव्य में विदेश मंत्री की शुरूवाती टिप्पणी

दिसम्बर 15, 2020

गुड आफ्टरनून, सबसे पहले तो मैं कहना चाहूंगा कि, ब्रिटिश विदेश सचिव डॉमिनिक राब के साथ आज मेरी बातचीत की समाप्ति के अवसर पर आप सभी से मिलकर बेहद प्रसन्नता हो रही है। वह ऐसे पहले विदेश मंत्री हैं जो महामारी के बाद से हमारे यहां द्विपक्षीय यात्रा पर आए हैं। मैं आज उनकी उपस्थिति को न केवल हमारे रिश्ते की अच्छी शुरुआत, बल्कि हमारा जीवन पहले जैसा होने की शुरुआत भी मानता हूं।

हमने आज सुबह लगभग चार घंटों तक विभिन्न मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। हमारे संबंधों को नई ऊचाइयों तक ले जाने पर विशेष चर्चा की गई। पिछले कुछ वर्षों में, जैसा कि आप सभी जानते हैं कि वैश्विक राजनीति में काफी बदलाव आए हैं और हमारा मानना है कि साथ मिलकर काम करने से ही हमारे हित पूरे हो सकेंगे। इसकी नींव न केवल हमारे ऐतिहासिक संबंध होंगे, बल्कि यह बहु-ध्रुवीय दुनिया की हमारी साझा प्रतिबद्धता को भी व्यक्त करेगा। लोकतांत्रिक राजनीति, बाजार अर्थव्यवस्थाओं व बहुलवादी समाजों के रूप में हम नियम-आधारित वैश्विक व्यवस्था बना सकते हैं, और हमें ऐसा करना भी चाहिए और हम ऐसा जरुर करेंगे।

आज हमने सहयोग को बढ़ाने और अधिक गतिविधियों व सहयोग को प्रोत्साहित करने हेतु नीतियों को कैसे तय किया जाए, इसपर अधिक विस्तार से चर्चा की। हमने पांच व्यापक विषयों: लोगों को जोड़ने, व्यापार व सम्पन्नता, रक्षा व सुरक्षा, जलवायु, और स्वास्थ्य पर चर्चा की। विदेश सचिव सहित विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा, प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार भी शामिल हुए, जिन्होंने हमारी वैक्सीन की प्रतिक्रिया को समन्वित पर बहुत विस्तार से चर्चा की। विदेश सचिव राब अपनी यात्रा के दौरान मेरे सहयोगियों पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर एवं शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल से भी मुलाकात करेंगे।

इस पूरे साल के दौरान, विदेश सचिव और मैं कोविड की चुनौतियों और उसके आर्थिक प्रभावों पर टेलीफोन के माध्यम से चर्चा करते रहे हैं। आज की बैठक में हमें इन मुद्दों पर अधिक जानकारी साझा करने का मौका मिला। यह जरुरी है कि भारत और ब्रिटेन कोविड के बाद के आर्थिक सुधार में तेजी लाने हेतु अपने सहयोग को मजबूत करें। इसके कई पहलू हैं, जिसमें व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देना, नवोन्मेष को बढ़ावा देना और प्रतिभा के प्रवाह को सुविधाजनक बनाना शामिल है। मुझे खुशी है कि विदेश सचिव अपनी यात्रा के दौरान भारतीय उद्योग के प्रतिनिधियों से भी बातचीत करेंगे।

विदेश मंत्रियों के रूप में, हमने दुनिया की मौजूदा स्थिति की भी समीक्षा की। अफगानिस्तान में मौजूदा स्थिति, इंडो-पैसिफिक का विकास और मध्य-पूर्व में हुए विकास पर चर्चा की गई। आतंकवाद एवं कट्टरवाद से उत्पन्न चुनौतियाँ दोनों देशों के लिए चिंता का विषय रही। क्योंकि, भारत अगले महीने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शामिल होने वाला है, हम वैश्विक मुद्दों पर ब्रिटेन के साथ मिलकर काम करने की उम्मीद कर रहे हैं।

मैं यह कहना चाहूंगा हमारी चर्चा काफी सकारात्मक रही। क्योंकि, हमारी साझेदारी अधिक महत्वाकांक्षी एवं महत्त्वपूर्ण हो गई है, इसलिए हम मंत्री के रुप में अपने-अपने नेतृत्व के विज़न को पूरा करने की जिम्मेदारी निभाएंगे। इसलिए, मैं आने वाले दिनों में विदेश सचिव के साथ मिलकर काम करने की उम्मीद करता हूं जो काफी महत्‍वपूर्ण होगा, क्यों होगा? यह आपको वो खुद बताएंगे। धन्यवाद।

नई दिल्ली
दिसंबर 15, 2020



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