यात्रायें

Detail

चेन्नई अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के समापन पर विदेश सचिव द्वारा मीडिया ब्रीफिंग का प्रतिलेख (12 अक्तूबर, 2019)

अक्तूबर 12, 2019

आधिकारिक प्रवक्ता, श्री रवीश कुमार : नमस्कार! मित्रों, शुभ दोपहर और जैसाकि वादा किया गया था हम यहां दूसरे भारत-चीन अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के बारे में जानकारी देने के लिए वापस आ गए हैं। आपने कल टेलीविजन पर दृश्यों को देखा होगा और आज मेरे पास विदेश मंत्रालय में भारत के विदेश सचिव श्री विजय गोखले, विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव श्री नवीन श्रीवास्तव हैं जो हमें दो राजनेताओं के बीच कल और आज हुई चर्चा के बारे में बताएगें। विदेश सचिव की प्रारंभिक टिप्पणी के बाद हम प्रश्नो के उत्तर देंगें। हम तीन प्रश्नों के समूह में उत्तर देंगे। कृपया अपना नाम और संगठन का नाम बताएं और कृपया अपना हाथ ऊपर करें। मैं आपकी पहचान करूंगा और फिर आप अपना प्रश्न पूछ सकते हैं। यहाँ माइक हैं, जो आपको दिए जाएंगे। महोदय, अब आपकी बारी है।

विदेश सचिव, श्री विजय गोखले :
धन्यवाद रवीश!

देवियों और सज्जनों नमस्कार!

राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उनका प्रतिनिधिमंडल दूसरे अनौपचारिक शिखर सम्मलेन के लिए रवाना हुआ है। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कल की बैठक के बाद दोनों राजनेताओं ने एक-दूसरे से 90 मिनट तक बातचीत की। और उसके बाद प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उनके प्रतिनिधिमंडल के सम्मान में दोपहर के भोजन की मेजबानी की। इसलिए, दोनों राजनेताओं ने एक-दूसरे से छह घंटे तक चर्चा की। आपने प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में दोनों राजनेताओं द्वारा की गई मीडिया टिप्पणियों को देखा होगा। प्रधानमंत्री ने चेन्नई से होने वाले इस संपर्क को वुहान भावना के अनुसरण के रूप में बताया है और मुझे विश्वास है कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग द्वारा मीडिया में की गई टिप्पणियों का भी सावधानीपूर्वक पालन किया गया है। मैं उनके द्वारा कही गई कुछ बातों को स्पष्ट करना चाहता हूं।

उन्होंने महसूस किया कि प्रधानमंत्री ने भारत में उनका निष्ठापूर्वक स्वागत किया है। उन्होंने अनौपचारिक शिखर सम्मेलन की बात करते हुए कहा कि इसमें हुई प्रगति स्पष्ट है। उन्होंने भारत में अपने अनुभव को एक यादगार बताया और कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री के साथ आनंद उठाया है। राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री दोनों ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भव्य स्वागत सहित तमिलनाडु की राज्य सरकार को उत्कृष्ट व्यवस्था के लिए अपनी प्रशंसा व्यक्त की है। राष्ट्रपति ने स्वयं चेन्नई में जनता द्वारा भव्य स्वागत की बात कही थी। चर्चा इस पर केंद्रित रही कि पिछले लगभग डेढ़ साल में वुहान शिखर सम्मेलन के बाद क्या प्रगति हुई है और दोनों राजनेताओं ने इस बात पर सहमति व्यक्त की है कि वुहान शिखर सम्मेलन के बाद गठित और पुनर्गठित अनेक वार्ताओं के फलस्वरूप दोनों क्षेत्रों के संबंधों और भारत और चीन के बीच संबंधों में गति तेज हुई है।

वे इस बात पर भी सहमत हुए कि कूटनीतिक संवाद गहरा गया है और उसे जारी रखा जाना चाहिए और इसलिए दोनों राजनेता इस बात पर सहमत हुए हैं कि अनौपचारिक शिखर सम्मेलन ने नेतृत्व को शामिल करने के लिए एक बहुत अच्छा मंच प्रदान किया है और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस विचार का समर्थन किया कि हम भविष्य में भारत और चीन के राजनेताओं के बीच यह अनौपचारिक शिखर वार्ता जारी रखनी चाहिए। व्यापार पर अच्छी बातचीत हुई क्योंकि हम जानते हैं कि यह एक ऐसा मुद्दा है जो यहां चिंता का विषय रहा है और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस मुद्दे पर हमारे प्रधानमंत्री को सुनने के बाद कहा कि चीन इस संबंध में निष्ठापूर्वक कार्रवाई करने और इस पर चर्चा करने के लिए तैयार है कि व्यापार घाटे को कैसे कम किया जाए।

अतः दोनों राजनेताओं के बीच इस पर सहमति हुई कि व्यापार निवेश और सेवाओं पर चर्चा करने के लिए एक नया तंत्र स्थापित किया जाएगा। यह उच्च स्तरीय तंत्र होगा। इसमें चीनी पक्ष की ओर से उप प्रधानमंत्री श्री हो-चुन हुआ होंगे ओर भारत की ओर से भारत की वित्त मंत्री, श्रीमती निर्मला सीता रमन होंगी। इस तंत्र को कब और कैसे सक्रिय किया जाएगा, इस बारे में निर्णय अब राजनयिक माध्यम से किया जाएगा। इसमें दोनों राजनेता दखल नहीं करेंगे। इसके बाद राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने चीन में सूचना प्रौद्योगिकी और भेषज क्षेत्रों सहित भारत के निवेश का भी स्वागत किया। दोनों राजनेताओं ने इस बात पर भी सहमति व्यक्त की कि उन्हें इस नए तंत्र के माध्यम से विनिर्माण भागीदारी स्थापित करने की संभावना का भी पता लगाना चाहिए और प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि दोनों पक्ष कुछ क्षेत्रों, कतिपय विशिष्ट उद्योगों की पहचान कर सकते हैं, जहां से निवेश आ सकता है।

व्यापार पर चर्चा करते समय एक मुद्दे जिस पर संक्षेप में चर्चा हुई वह आरसीईपी था, एक साझा क्षेत्रीय व्यापार समझौते के गठन पर सोलह देशों के बीच विचार विमर्श और प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से इस संबंध में कहा कि भारत इसके लिए तत्पर है लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि आरसीईपी संतुलित हो। वस्तुओं के व्यापार में, सेवाओं के व्यापार में और निवेश के बीच एक संतुलन बनाए रखा जाए। और राष्ट्रपति शी ने इस बात पर ध्यान दिया और कहा कि चीन और भारत इस पर और चर्चा करने के लिए तैयार हैं और भारत की चिंताओं को ध्यान में रखा जाएगा। यह एक संक्षिप्त चर्चा थी लेकिन एक महत्वपूर्ण मुद्दा था।

राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रक्षा और सुरक्षा के मुद्दे को उठाया। चीन के राष्ट्रपति ने कहा कि हमें इस क्षेत्र में आगे बढ़ने की जरूरत है। इससे दोनों सेनाओं और सुरक्षा बलों के बीच आपसी विश्वास बढ़ेगा और उन्होंने हमारे रक्षा मंत्री को चीन की यात्रा करने का निमंत्रण दिया है। तारीख और समय के निर्धारण पर राजनयिक चैनलों के माध्यम से चर्चा की जाएगी।

दोनों राजनेताओं ने लोगों के बीच संबंधों पर काफी लंबी चर्चा की और प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति शी दोनों इस बात पर सहमत हुए कि भारत और चीन के बीच हमारे संबंधों को व्यापक आधार बनाने के लिए हमें दोनों देशों में जनमत की आवश्यकता है और इस बारे में कई मुद्दों पर चर्चा की गई। पहला भारत-चीन संबंधों की 70वीं जयंती अगले वर्ष होगी। हम इस बात पर सहमत हुए हैं कि 70 कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, प्रत्येक पक्ष में 35, और लगभग यह तय किया गया है कि किस तरह के कार्यक्रम होंगे और इसका अर्थ है कि जयंती वर्ष में प्रत्येक सप्ताह में कम से कम एक कार्यक्रम होगा, चाहे भारत में हो अथवा चीन में हो और दोनों राजनेता इस बात पर सहमत हुए कि संबंधों पर दोनों पक्षों में सार्वजनिक मत लिया जाए।

प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से यह भी प्रस्ताव रखा कि हमें दोनों दिशाओं में पर्यटन पर अधिक जोर देने की आवश्यकता है और उन्होंने महसूस किया कि चीन की आजादी की 70वीं वर्षगांठ, जो इस वर्ष अभी मनाई गई थी और भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ दो मील के पत्थर वर्ष होंगे जिसमें हमें महत्वपूर्ण मौजूदा स्तर से एक नए स्तर पर पर्यटन बढ़ाने कि ओर देखना चाहिए और इस संबंध में प्रधानमंत्री ने यह भी सुझाव दिया की लोगों से लोगों का संपर्क बढ़ाने के लिए, दोनों पक्षों पर जनता के बीच संपर्क के आलावा हमें अपने लोगों कि ओर भी देखना चाहिए और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने इस विशेष सुझाव पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।

राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कैलाश मानसरोवर यात्रा में जाने वाले यात्रियों के लिए अधिक सुविधा की बात की और प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु राज्य और चीन के फुजियान प्रांत के बीच संबंध के बारे में कई सुझाव दिए। यह वह प्रांत था जिसमें क्वांझो शहर स्थित है जहां हाल ही में या पिछले दशक में या तो तमिल शिलालेख और एक शैव मंदिर के अवशेष की खोज की गई है और जहां अब इस बात के साक्ष्य मिल रहे हैं कि तमिलनाडु के व्यापारियों के साथ-साथ दक्षिणी भारत के अन्य भागों में वास्तव में समुदाय की स्थापना की थी। इसलिए इस पर संयुक्त अनुसंधान करने का निर्णय लिया गया है कि हम अपनी जनता को यह कैसे समझा सकते हैं कि तमिलनाडु और फुजियान के बीच यह संबंध है। भारत के तमिलनाडु और चीन के फुजियान और इस संबंध में विभिन्न अन्य पहलों के बीच राजकीय संबंध स्थापित करने का निर्णय लिया गया। मंतव्य यह है कि हम दक्षिण भारत और चीन के बीच संबंध को उसी प्रकार मजबूत करना हैं जिस प्रकार बौद्ध धर्म भारत के उत्तरी भाग और चीन के बीच एक जुड़ाव था।

अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर कुछ चर्चा हुई थी। राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री दोनों ने स्वतंत्र और स्वायत्त विदेश नीतियों वाले दोनों देशों के महत्व पर बल दिया। राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि इसके आलोक में दोनों पक्षों को कई और गहन विचार-विमर्श करने, प्रमुख वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर एक दूसरे के दृष्टिकोण को समझने की आवश्यकता है। वे दोनों इस बात पर सहमत हुए कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रणाली में नियम आधारित व्यवस्था को सुदृढ़ करना महत्वपूर्ण है कि विश्व व्यापार संगठन वैश्विक व्यापार प्रणाली का केंद्रीय स्तंभ है और सुधार की प्रक्रिया में दोनों पक्षों को मिलकर काम करना चाहिए।

दोनों पक्षों ने जलवायु परिवर्तन पर एक संक्षिप्त आदान-प्रदान भी किया था, जो भारत और चीन सरकार पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन के प्रति अपनी चेतना बढ़ाने में ले रही हैं। दोनों इस बात पर भी सहमत हुए हैं कि हमें अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों और क्षेत्रीय मुद्दों पर निकट संपर्क बनाए रखने की आवश्यकता है और उनमें से कुछ में अफगानिस्तान भी शामिल है।

अंत में, राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अगले अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री को चीन आमंत्रित किया है। यह स्पष्ट रूप से परस्पर सहमत समय पर होगा और प्रधानमंत्री ने खुशी के साथ इस निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है।

तो मैं निश्चित रूप से पिछले दो दिनों के कार्यक्रमों का निम्नलिखित रूप में समेकन करूँगा। पहला, दोनों राजनेताओं के बीच उत्कृष्ट चर्चा हुई और इस शिखर सम्मेलन से जो कुछ बाहर आया है, वह हमारे संबंधों को आगे की दिशा में ले जाने में दोनों देशों के नेतृत्व की भूमिका है। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति शी जिनपिंग दोनों ने कहा कि हमें भविष्य की ओर ध्यान देने की जरूरत है।

दूसरा, प्रधानमंत्री का वक्तव्य कि चेन्नई कनेक्ट, वुहान भावना का अनुवर्ती परिणाम है।

तीसरा, दोनों पक्ष इस पर सहमत हुए कि सैन्य बलों सहित परस्पर विश्वास पैदा करने के लिए हमारे पास किसी भी मुद्दे के बारे में बात करने और साझा करने के लिए कार्यनीतिक संचार को मजबूत करना होगा।

चौथा, हम इस बात पर सहमत हुए कि व्यापार संबंधों और व्यापार से संबंधित हमारी संवेदनशीलता पर अधिक सहमति होगी। हम व्यापार घाटे को दूर करने के लिए एक रास्ता खोजने का प्रयास करेंगे। व्यापार के मुद्दों के बारे में बात करने के लिए एक उच्च स्तर पर एक नया तंत्र बनाया जाएगा।

पांचवें, हम दोनों इस बात पर सहमत हुए कि दुनिया में आतंकवाद और कट्टरवाद की चुनौतियों से निपटना महत्वपूर्ण है क्योकि हमारे अपने समाज में विविधता है और दोनों राजनेता ऐसे देशों के है जो न केवल क्षेत्रफल के मामले में बड़े हैं थे बल्कि जनसंख्या के मामले में भी बड़े हैं।

अंत में, दोनों राजनेताओं के बीच लोगों से लोगों के संबंधों और समझ के लिए एक नए दृष्टिकोण पर ध्यान केंद्रित किया गया है कि दोनों देशों में जनता और हम दोनों देशों कि जनसंख्या 2.7 अरब है और दोनों देशों की जनता के बीच रिश्ते बनाए जाने चाहिए और रिश्ते इस पूर्वानुमान से प्रकार बनाए जाने चाहिए कि दोनों देशों के लोग किस प्रकार से लाभान्वित होंगे और इस पर गहन विचार-मंथन हुआ कि हम लोगों से लोगों के संबंध किस प्रकार बनाएं।

अब यह काम सरकारी स्तर का है कि दो विदेश मंत्रालयों, भारत सरकार के अन्य विभागों और चीन में उनके समकक्षों को चेन्नई शिखर सम्मेलन के परिणामों को मूर्त रूप देने और यह देखने के लिए कि हम इस संबंध को कैसे आगे ले जा सकते हैं। और मैं केवल यह कहते हुए अपनी बात समाप्त करूंगा कि शिखर सम्मेलन स्थल से कुछ ही समय पहले राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री को यह संदेश दिया था कि वे चर्चा से बहुत संतुष्ट हैं, उन्हें प्रधानमंत्री से बात करने में बहुत आनंद आया है और वे अगले वर्ष चीन में प्रधानमंत्री का स्वागत करेंगे।

धन्यवाद।



टिप्पणियाँ

टिप्पणी पोस्ट करें

  • नाम *
    ई - मेल *
  • आपकी टिप्पणी लिखें *
  • सत्यापन कोड * पुष्टि संख्या