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इटली के प्रधानमंत्री के भारत दौरे के दौरान भारत-इटली का संयुक्त वक्तव्य (30 अक्टूबर, 2018)

अक्तूबर 30, 2018

  • ”इटली के प्रधानमंत्री महामहिम गियुसेप्पे कांटे भारत के प्रधानमंत्री महामहिम नरेन्द्र मोदी के निमंत्रण पर 30 अक्टूबर, 2018 को भारत के सरकारी दौरे पर आए। इटली के प्रधानमंत्री के साथ एक उच्च स्तरीय व्यापारिक शिष्टमंडल साथ आए। दोनों नेताओं की द्विपक्षीय बातचीत हुई और इस प्रौद्योगिकी सम्मेलन के 2018 अंतिम सत्र में विदाई भाषण दिया जिसमें दोनों देशों ने संयुक्त मेजबानी की।

    बढ़ते राजनीतिक संबंध

  • इन नेताओं ने इस पर जोर दिया कि भारत और इटली संबंध लोकतंत्र, स्वतंत्रता, कानून व्यवस्था, मानवाधिकारों के प्रति सम्मान और राज्यों की प्रादेशिक अखंडता के साझा सिद्धांतों और मूल्यों पर आधारित है।
  • उन्होंने परस्पर समझ को मजबूत करने और दोनों देशों में शांति, स्थायित्व, आर्थिक प्रगति और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए द्विपक्षीय अनुबंध में विस्तार करने के प्रति प्रतिबद्धता की परिपुष्टि की।
  • उन्होंने कूटनीतिक संबंधों की स्थापना के 70वें वर्षगांठ को मनाने के लिए दोनों पक्षों द्वारा बनायी गयी योजना और शुरू किए गए वर्ष भर चलने वाले कार्यकलापों पर ध्यान दिया।
  • भारत और इटली के विदेश मंत्रियों के बीच राजनीतिक सहयोग के संबंध में वर्ष 2005 के समझौता ज्ञापन को स्मरण करते हुए दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने के लिए नियमित उच्च स्तरीय संबंधों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने जून, 2018 में रोम में भारत के विदेश मंत्री के सफल दौरे का स्वागत किया।
  • उन्होंने दोनों जीवंत लोकतंत्रों के बीच अंतर संसदीय संबंधों का स्वागत किया। उन्होंने 15-17 अक्तूबर, 2018 को रोम में भारत से सद्भावना संसदीय शिष्टमंडल द्वारा सफल दौरे को नोट किया।
  • दोनों पक्षों ने अक्तूबर, 2017 में दोनों देशों की विदेश सेवा संस्थाओं के बीच हुए समझौते ज्ञापनों को याद किया और इसे संतोष के साथ नोट किया कि भारतीय कूटनीतिज्ञों के प्रथम बैच को इटली के विदेश मंत्रालय के तत्वावधान में रोम में प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।

    आर्थिक अनुबंध को मजबूत करना

  • इन द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए आर्थिक सहयोग के महत्व को रेखांकित करते हुए दोनों पक्ष वर्ष 2019 में भारत में भारत-इटली संयुक्त आर्थिक सहयोग (जेसीईसी) के अगले सत्र के आयोजन पर सहमत हुए।
  • दोनों पक्ष अपने संबंधित देशों में कारोबार को सहज बनाने हेतु माहौल बनाने तथा द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग को और सुकर बनाने और बढ़ावा देने के लिए एक सतत वार्ता हेतु एक संस्थागत रूपरेखा की आवश्यकता पर सहमत हुए। इसे आगे बढ़ाने के लिए दोनों ने जेसीईसी को सीईओ फोरम गठित करने तथा दो तरफा निवेशों को बढ़ावा देने के लिए एक फास्ट ट्रेक तंत्र बनाने एवं एक दूसरे के देश में कारोबार द्वारा यदि कोई विवाद हुआ तो उन मुद्दों के समाधान का कार्य सौंपा।
  • भारत में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में विशाल कारोबारी अवसरों को पहचानते हुए दोनों पक्षों ने अधिक सहयोग की आवश्यकता की मांग की। भारत ने इटली को विशेषकर खाद्य प्रसंस्करण एककों, उपकरण निर्माण, कौशल विकास, अनुसंधान और विकास एवं गुणवता आश्वासन में समस्त खाद्य प्रसंस्करण मूल्य श्रृंखला में निवेश अवसरों की खोज करने के लिए आमंत्रित किया। नेताओं ने खाद्य प्रसंस्करण संबंधी भारत-इटली संयुक्त कार्य समूह की स्थापना का स्वागत किया जिसे परस्पर सुविधाजनक तिथि पर आयोजित किया जाएगा।
  • दोनों पक्षों ने नई दिल्ली स्थित इटली के दूतावास के तत्वावधान में भारत-इटली चैम्बर्स आफ कॉमर्स द्वारा मुम्बई में मिनर्वा नामक शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना का संज्ञान लिया। मिनर्वा इटली और भारत में उच्च शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों में प्लेसमेंट के लिए भारतीय छात्रों को अंतरराष्ट्रीय मानक शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करेगा तथा भारत व इटली की कंपनी में इंटर्नशिप और प्लेसमेंट पाने के लिए भारतीय छात्रों की सहायता करेगा।
  • इटली के पर्यावरण मंत्रालय तथा भारत के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा के बीच हस्ताक्षर किए गए नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग के ज्ञापन को स्मरण करते हुए इन नेताओं ने इस बात का संज्ञान लिया कि नवीकरणीय ऊर्जा संबंधी संगत संयुक्त कार्यकारी समूह का प्रथम सत्र पिछले फरवरी में दिल्ली में हुआ था। नवीकरणीय ऊर्जा में भारत-इटली सहयोग व समन्वय को आगे ले जाने के लिए 2019 में रोम में कार्य समूह की बैठक का आयोजन होगा।
  • दोनों पक्षों ने रेलवे क्षेत्र विशेष कर सुरक्षा, डायग्नेस्टिक, प्रौद्योगिकी प्रमाणीकरण और क्षमता संवर्धन में द्विपक्षीय सहयोग के लिए असीम क्षमता को स्वीकार किया।
  • भारत के अवसंरचना क्षेत्र विशेषकर सड़कों, पुलों, पत्तनों, सबवे आदि के निर्माण में भारत- इटली सहयोग को बढ़ाने के मद्देनजर इन नेताओं ने पीपीपी तरीके के तहत साझेदारी को विकसित करने के लिए भारतीय और इटली की कंपनियों को प्रोत्साहित किया।
  • इस तथ्य को देखते हुए कि अवसंरचना का विकास भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक प्रमुख प्रेरक बल है और विश्व स्तरीय अवसंरचना को तैयार करने के भारत सरकार के प्रयास में भाग लेने के लिए इटली की कंपनियों की बढ़ती दिलचस्पी को ध्यान में रखते हुए दोनों ही पक्ष इटली के कासा डिपोसिटी ई प्रेसिटी (सीडीपी) और भारत के राष्ट्रीय अवसंरना निवेश कोष (एनआईआईएफ) के बीच संबंधों को बढ़ाने पर सहमत हुए। ऐसी साझेदारी से एक विश्वसनीय स्थानीय साझेदार के रूप में एनआईआईएफ की उपस्थिति से लाभ होगा और इटली के निर्माण व परिचालन उत्कृष्टता पर प्रभाव पड़ेगा। सीडीपी और एनआईआईएफ के बीच सहयोग से परस्पर हित वाले क्षेत्रों में भारत-इटली संयुक्त उद्यमों का सृजन हो सकता है।
  • इन नेताओं ने भारत- यूरोपीय संघ आर्थिक साझेदारी को मजबूत करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की और एक वृहद, संतुलित एवं परस्पर लाभकारी भारत-यूरोपीय संघ व्यापक आधारित व्यापार और निवेश समझौते (बीटीआईए) को शीघ्र लागू करने की ओर सक्रिय रूप से कार्य करने हेतु दोनों पक्षों के जारी प्रयासों को नोट किया।
  • इन नेताओं ने दोनों देशों के बीच नियमित रक्षा विनियमों के महत्व को पहचाना। उन्होंने 9वीं भारत-इटली संयुक्त रक्षा समिति बैठक जो 16 मई, 2018 को रोम में हुई और रोम में ही हाल में संपन्न (11-12 अक्टूबर, 2018) 9वीं भारत-इटली सैन्य सहयोग समूह बैठक का संज्ञान लिया जिसमें दोनों ही पक्ष वर्ष 2019 में द्विपक्षीय सहयोग योजना पर सहमत हुए। दोनों ही पक्षों को व्यापक रक्षा संबंध को मजबूत बनाने की आवश्यकता तथा इसे परस्पर लाभकारी बनाने को मान्यता प्रदान की। भारत ने मेक इन इंडिया पहल के तहत भारत में निवेश करने तथा रक्षा उपकरण के डिजाइन व निर्माण के लिए भारतीय कंपनियों के साथ सहयोग करने के लिए इटली के रक्षा उपकरण का निर्माण करने वाली कंपनियों को आमंत्रित किया।

    प्रौद्योगिकी साझेदारी: द्विपक्षीय संबंधों को पुनर्परिभाषित करना

  • दोनों नेताओं ने 29-30 अक्‍तूबर, 2018 को प्रौद्योगिक सम्‍मेलन के सफल आयोजन को नोट किया। उन्‍होंने यह स्‍वीकार किया कि इस सम्‍मेलन में विचार विमर्श से प्रौद्योगिकी हस्‍तांतरण, संयुक्‍त उपक्रम, सहयोग पूर्ण अनुसंधान और विकास कार्यक्रमों को सुकर बनाने तथा दोनों देशों के बीच बाजार पहुंच को बढ़ावा देने के लिए महत्‍वपूर्ण सहयोग प्राप्‍त होगा। नेताओं ने आशा व्‍यक्‍त किया कि इस प्रौद्योगिकी सम्‍मेलन से हमारे साझा प्रौद्योगिकी कौशल और वैज्ञानिक ज्ञान के आधार पर परस्‍पर लाभ हेतु हमारी साझेदारी मजबूत होगी।
  • दोनों ही नेताओं ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी में दीर्घकालिक सहयोग जिसमें माइक्रो इलेक्‍ट्रो मैकेनिकल सिस्‍टम (एमईएमएस), कॉगनिटिव न्‍यूरोसाइंस, सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, पर्यावरण विज्ञान, पदार्थ विज्ञान, नवीकरणीय ऊर्जा व सांस्‍कृतिक धरोहर की सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों की कतिपय बेतरीन वैज्ञानिक और शैक्षणिक संस्‍थाएं शामिल हैं, पर अपना संतोष जाहिर किया।
  • सांस्‍कृतिक धरोहर के संरक्षण, नवीकरणीय ऊर्जा, जीव विज्ञान और भौगोलिक दृष्टि से खतरनाक जैसे चयनित क्षेत्रों में परस्‍पर संबंध को मजबूत करने में भारत- इटली उत्‍कृष्‍ट केन्‍द्रों की स्‍थापना को बढ़ावा देने और सुकर बनाने के लिए विज्ञान और नवोन्‍मेष हेतु इटली-भारत मंच की स्‍थापना के लिए नेताओं ने भारत-इटली संयुक्‍त विज्ञान और प्रौद्योगिकी समिति द्वारा लिए गए निर्णय पर ध्‍यान दिया। इसे स्‍वीकार किया गया कि इस पहल से न केवल दोनों देशों के शीर्ष विश्‍वविद्यालय, अनुसंधान संस्‍थान और उद्योग जुड़ेगे बल्कि साझा चुनौतियों के समाधान के लिए प्रौद्योगिकीय समाधान भी प्राप्‍त हो सकता है।
  • इस पर ध्‍यान दिया गया कि भारतीय अनुसंधानकर्ता त्रिएस्‍ट में इटली के सिंक्रोट्रोन सुविधा- एलेट्रा के तीसरे सबसे बड़े प्रयोगकर्ता हैं। भारत ने एलेट्रा में उन्‍नत पदार्थ अनुसंधान के लिए दो अत्‍याधुनिक डिफ्रेक्‍शन बीम लाइन- ‘एक्‍सआरडी2’ और ‘एक्‍सप्रेस’ को भी विकसित किया है जो पदार्थ विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्रों में अंतरराष्‍ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय द्वारा उपयोग के लिए उपलब्‍ध है।
  • डिजाइन के क्षेत्र में इटली को एक अंतरराष्‍ट्रीय नेता के रूप में मान्‍यता देते हुए दोनों पक्ष चर्म क्षेत्र और परिवहन व आटोमोबाइल डिजाइन (टीएडी) पर विशेष ध्‍यान देते हुए लाइफ स्‍टाइल एक्‍सेसीज डिजाइन (एलएडी) के क्षेत्रों में सहयोग की संभावना का पता लगाने पर सहमत हुए।
  • ये नेता द्विपक्षीय भारत-इटली औद्योगिक अनुसंधान और विकास सहयोग कार्यक्रम के अगले चरण को शुरू करने पर सहमत हुए। इससे उन्‍न्‍त पदार्थों; स्‍मार्ट निर्माण; साफ और स्‍वच्‍छ प्रौद्योगिकी एवं सांस्‍कृतिक धरोहर के लिए प्रौद्योगिकी को शामिल करते हुए इन क्षेत्रों में ‘’कैसे किया जाए’’ को ‘’ऐसे किया जाए’’ में परि‍वर्तित कर नए उत्‍पादों, प्रतिमानों, प्रक्रियाओं को विकसित करने में निरंतरता से साझेदारी करने के लिए दोनों ही देशों की औद्योगिक, उद्यमों और अनुसंधान संस्‍थाएं समर्थ होंगी।

    बहुपक्षीय विश्‍व में साझेदार

  • इस बढ़ती अनिश्चितता भरे विश्‍व में ये नेता एक नियम आधारित अंतरराष्‍ट्रीय प्रणाली को सहायता देने के लिए एक साथ मिलकर कार्य करने पर सहमत हुए जो संयुक्‍त राष्‍ट्र के चार्टर के आधार पर बहुपक्षीय प्रणाली, वैश्विक शांति और स्‍थायित्‍व को बनाए रखे और इस अंतर संबंधित विश्‍व के सभी हिस्‍सों में सतत विकास के लिए एजेंडा 2030 के समावेशी विकास और अनुभूति को बढ़ावा दे। उन्‍होंने समकालीन वैश्विक मुद्दों पर भारत-इटली के बढ़ते अभिसरण का स्‍वागत किया और बहुपक्षीय मंचों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने पर अपनी सहमति दी।
  • दोनों ही पक्षों ने वैश्विक अप्रसार प्रयासों को मजबूत करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की अभीपुष्टि की। प्रधानमंत्री कांटे ने भारत को उसके मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण पद्धति (एमटीसीआर), हेग आचार संहिता, वासेनार व्‍यवस्‍था और आस्‍ट्रेलिया समूह में शामिल होनेपर बधाई दी। उन्‍होंने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) के साथ भारत के तीव्र अनुबंध के प्रति इटली के समर्थन को दुहराया, इससे वैश्विक अप्रसार प्रयास और मजबूत होंगे।
  • जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर दोनों नेताओं ने गरीबी उन्‍मूलन के लिए सतत विकास और प्रयासों के संबंध में जलवायु परिवर्तन के खतरे के प्रति वैश्विक प्रतिक्रिया को मजबूत करने की दृष्टि से यूएनएफसीसीसी के सिद्धांतों द्वारा निर्देशित होकर इसके उद्देश्‍यों सहित इसके कार्यान्‍वयन को बढ़ाने के लिए अपनाए गए पेरिस समझौते के पूर्ण और शीघ्र कार्यान्‍वयन के प्रति अपनी कठोर प्रतिबद्धता को दुहराया।
  • दोनों ही नेता पुरजोर तरीके से आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा करते हैं। इन नेताओं ने इस पर जोर दिया कि आतंकवादियों, आतंकी संगठनों और उन सभी लोगों के विरूद्ध कठोर उपाय किए जाने की आवश्‍यकता है जो आतंकवाद को बढ़ावा, समर्थन देते हैं और उनका वित्‍तपोषण करते हैं। उन्‍होंने सीमा पार आतंकवाद और आतंकवादियों व उनके नेटवर्क को सुरक्षित पनाहगाह देने सहित आतंकवादियों को राज्‍य समर्थन के सभी रूपों की भर्त्‍सना की।
  • दोनों नेतागण आतंकवाद और आतंकी वित्‍तपोषण को दबाने और रोकने के संबंध में संयुक्‍त राष्‍ट्र वैश्विक आतंकवाद विरोधी नीति, यूएनएससी संकल्‍प 1267 और अन्‍य संगत यूएनएससी संकल्‍पों के प्रभावी कार्यान्‍वयन के लिए बहुपक्षीय मंचों के माध्‍यम से आतंकवाद विरोधी सहयोग को मजबूत बनाने पर सहमत हुए और संयुक्‍त राष्‍ट्र संघ के सभी सदस्‍य देशों का आह्वान किया। दोनों नेता आतंकवाद विरोधी संबंधी हेमबर्ग जी20 मे नेताओं के वक्‍तव्‍य को कार्यान्वित करने तथा आगामी ब्‍युनेस आयर्स जी20 सम्‍मेलन में इस संबंध में आगे सहयोग करने के लिए साथ कार्य करने पर भी सहमत हुए। भारतीय पक्ष ने 2019 के प्रथम भाग में परस्‍पर सुविधाजनक किसी तिथि को नई दिल्‍ली में आतंकवाद से लड़ने के संबंध में दूसरे भारत-इटली संयुक्‍त कार्य समूह की मेजबानी करने का प्रस्‍ताव रखा।
  • दोनों नेताओं ने ईक्‍कीसवीं सदी में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने में कनेक्टिविटी की महत्‍वपूर्ण भूमिका को स्‍वीकार किया। उन्‍होंने इसको रेखांकित किया कि यह कनेक्टिविटी पहल अंतरराष्‍ट्रीय रूप से मान्‍यता प्राप्‍त मानकों और मानदंडों, सुशासन, कानून व्‍यवस्था, समावेशन, खुलापन, पारदर्शिता व समानता पर आधारित होनी चाहिए तथा राजको‍षीय, सामाजिक एवं पर्यावरण रूप से धारणीयता के मजबूत सिद्धांतों का पालन करना चाहिए।
  • अपने भावी क्रमागत जी20 अध्‍यक्षता के परिप्रेक्ष्‍य को ध्‍यान में रखते हुए दोनों नेता अपनी संबंधित अध्‍यक्षता को उत्‍पादक और चिरस्‍थायी बनाने के लिए अपने प्रयासों को समन्वित करने पर सहमत हुए। वे उन पहलों को विकसित करने पर निकटता से कार्य करने पर सहमत हुए जिनका लक्ष्‍य लोकतांत्रिक, शांति और निष्‍पक्षत के सिद्धांतों के माध्‍यम से प्रभावी बहुपक्षता को बढ़ावा देना तथा बिना किसी व्‍यक्ति को छोड़े सभी नागरिकों के लिए पूर्ण सम्‍मानजनक जीवन दशाओं को सुनिश्चित करने के लिए वैश्विक सुशासन के लिए प्रयासों में शामिल करना है।
  • इन नेताओं ने व्‍यवहारिक अंतरराष्‍ट्रीय सहयोग और तकनीकी सहयोग के माध्‍यम से सरकारी और निजी क्षेत्रों की पारदर्शिता और निष्‍ठा में सुधार करने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को दुहराया और जी20 में पारित भ्रष्‍टाचार रोधी संबंधी अधिदेश को पूर्णत: लागू करने को जारी रखने पर सहमत हुए।
  • ये नेता मुक्‍त और नियम आधारित अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यापार प्रणाली को मजबूत करने की आवश्‍यकता पर अपना ध्‍यान केन्द्रित करने पर सहमत हुए जिसका लक्ष्‍य विकास, रोजगार और धारणीय विकास लक्ष्‍य को बढ़ावा देना तथा समान अवसर सुनिश्चित करना है। उन्‍होंने डब्‍लूटीओ के और मजबूत करने और सुधार लाने की आवश्‍यकता की पुष्टि की ताकि इसे नयी चुनौतियों से निपटने एवं इसकी पारदर्शिता, निगरानी, विवाद निपटान तंत्र व इसके नियम बनाने संबंधी कार्यों में सुधार लाने में सहायता प्राप्‍त हो। उन्‍होंने समान अवसर प्रदान करने के संबंध में नि:शुल्‍क और मुक्‍त व्‍यापार को सुनिश्चित करने तथा संरक्षणवादी एकपक्षीय उपायों एवं उचित व्‍यापार प्रचलनों सहित सभी प्रकार के संरक्षणवाद से लड़ने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जतायी। इन नेताओं ने डब्‍लूटीओ के व्‍यापार सुविधा समझौते के कार्यान्‍वयन के लिए किए जा रहे कार्य सहित इसके सदस्‍य देशों द्वारा इसके तहत कार्यान्‍वयन के महत्‍व और दायित्‍वों को लागू करने को रेखांकित किया।
  • भारत और इटली ने मानवाधिकार परिषद् के हाल के चुनाव के संबंध में अपना संतोष प्रकट किया और उन्‍हें अन्‍य देशों से प्राप्‍त विशाल समर्थन की प्रशंसा की। उन्‍होंने दोनों देशों के बीच परस्‍पर सहायता की भी पहचान की। दोनों ही पक्षों ने इस परिषद् के कार्य और कार्यकलाप में सक्रिय योगदान देते हुए मानवाधिकारों और मौलिक स्‍वतंत्रता की रक्षा एवं बढ़ावा देने में उच्‍च मानकों को बनाए रखने की प्रतिज्ञा ली।

    निष्‍कर्ष

  • प्रधानमंत्री कांटे ने भारत सरकार और यहां के नागरिकों को उनके भव्‍य स्‍वागत के लिए धन्‍यवाद दिया और प्रधानमंत्री मोदी को परस्‍पर सुविधाजनक तिथि को इटली के दौरे का निमंत्रण दिया।


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