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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की भारत यात्रा के दौरान प्रधान मंत्री का प्रतिभाशाली छात्रों को सम्बोधन

अक्तूबर 05, 2018

फ्रेंड्स,

राष्ट्रपति पुतिन के साथ मेरी बहुत घनिष्ठ दोस्ती है लेकिन अब तक उनसे जो मुझे मिला है, उसमें अगर मैं कहूँगा कि सर्वश्रेष्ठ उपहार मुझे मिला, तो पिछले दिनों वो मुझे सोची ले गए, और सोची ले गए उतना ही नहीं, उन्होंने बड़ा आग्रह कर के मुझे Sirius कैंपस में ले गए, और आप सब बच्चों के साथ मुझे मिलाने का अवसर दिया। अगर वो मुझे वहाँ नहीं ले जाते, सिर्फ़ मैं सुनता की, जैसे श्रीमान पुतिन ने ऐसी इंस्टीट्यूट खड़ी की है जहाँ बच्चे आते हैं, तो मुझे इतना अंदाज़ नहीं आता जितना वहाँ देखकर के मुझे आया।

शायद रूस के भविष्य के लिए राष्ट्रपति पुतिन का ये सबसे बड़ा इन्वेस्टमेंट है, मुझे लगता है। उनकी पूरी इंटेलेक्चुअल कैपबिलिटी को, कमिटमेंट को, इमोशंस को इस काम में उन्होंने खपा दिया है।और जब मैं वहाँ आया तो मैंने सब बच्चों से कहा कि आप में से हिंदुस्तान कौन आना चाहता है और मैंने देखा कि सबने हाथ ऊपर किया, तो उस दिन मैंने कहा था कि मैं आपको बुलाऊंगा।

राष्ट्रपति पुतिन जी जब मुझे जोहानसबर्ग में मिले तब मैंने उनसे आग्रह किया था कि आप आइए लेकिन अगर बच्चों को लेकर आते हैं तो मुझे अच्छा लगेगा। मेरी बात को उन्होंने माना और आप सब को यहाँ लेकर के आए और पिछले एक सप्ताह से भारत के प्रतिभावान बच्चे, रूस के प्रतिभावान बच्चे, लैंग्वेज का कोई बैरियर नहीं है, उनका इन्टेलेक्ट काम कर रहा है, उनका साइंटिफिक टेम्पर काम कर रहा है और दुनिया की समस्याओं को समझते हुए, इस उम्र में हम क्या दे सकते हैं, इस पर आप लोगों ने अपना समय दिया।

आज पाँच प्रोजेक्ट देखने का जो मुझे अवसर मिला वाकई मुझे लगा आप समस्याओं और संवेदनाओं को भलीभांति अपने में समाए हुए हैं, और तब जाकर इस प्रकार के इनोवेशन का विचार आता है। आज जो प्रोजेक्ट बनाने वाले और पूरी टीम को, मैं रोज़ पूछता था कि भाई इन बच्चों का कैसा है, कम्फर्टेबल है कि नहीं है, मुझे बताया हमारे एम्बेसडर ने कि जब आपको मॉस्को में बुलाया और आपसे पूछा, तो आप लोगों ने बताया कि हमारा तो व्हाट्सएप्प ग्रुप बन गया है, हम तो पहले से ही एक दूसरे के संपर्क में आ गए हैं।

मैं चाहूँगा कि आप इसको आगे बनाए रखिये। मैं भी भविष्य में भारत के ऐसे होनहार बच्चे, आपके इंस्टीट्यूट में आयें, आप भी यहाँ लगातार आयें और भारत के और रूस के होनहार बच्चे मिलकर के मानवजाति के लिए क्या कर सकते हैं। मानवजाति की ज़िन्दगी को सरल बनाने के लिए क्या कर सकते हैं, जो ज़िन्दगी में बड़ी मुसीबत से गुज़रते हैं ऐसे लोगों के लिए हम क्या कर सकते हैं। मैं समझता हूँ कि ये एक बहुत बड़ा योगदान हमारी तरफ से हो सकता है।

और अटल टिंकरिंग लैब, अटल इनोवेशन मिशन, उनके लोगों से भी आपका परिचय हुआ होगा। हम कौन से रिसर्च करें कौन सी ना करें, सबसे बड़ी बात है हम हर पीढ़ी में साइंटिफिक टेम्पर तैयार करें। हर चीज़ को साइंटिफिकली देखने की आदत बने। वो साइंटिस्ट बने या ना बने लेकिन उसका टेम्पर साइंटिफिक होना चाहिए। इनोवेशन के बिना दुनिया ठहर जाती है। जब इनोवेशन बंद हो जाएगा दुनिया वहीँ अटक जाएगी।

हमने देखा है मानवजाति का विकास इनोवेशन के कारण संभव हुआ है। इनोवेशन होते रहने वाले हैं, चैलेंजेज आते रहने वाले है, हर पल नया लोग देते रहने वाले हैं। उसमें से नया करते चलें और हम भावी पीढ़ी को, मानवजाति को क्या कुछ दे सकते हैं, गरीब से गरीब व्यक्ति की ज़िन्दगी एक प्रकार से उसके ईज़ ऑफ़ लिविंग के लिए हम क्या कर सकते हैं। ये अगर हमारा समय और शक्ति लगेगा तो हमें भी जीवन में संतोष मिलेगा। मुझे ख़ुशी हुई कि मुझे दोनों देश की नई पीढ़ी को मिलने का मौका मिला। मैं आप सबको ह्रदय से बहुत बहुत शुभकामनाएं देता हूँ।

बहुत बहुत धन्यवाद।


नई दिल्ली
अक्टूबर 05, 2018



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