मीडिया सेंटर

भारत-ग्रीस का संयुक्त वक्तव्य

फरवरी 22, 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर, हेलेनिक गणराज्य के प्रधानमंत्री, महामहिम श्री किरियाकोस मित्सोटाकिस 21-22 फरवरी 2024 तक भारत के राजकीय दौरे पर हैं। अपने दौरे के अंतर्गत, प्रधानमंत्री के साथ द्विपक्षीय चर्चा करने के अलावा, उन्होंने 9वें रायसीना डायलॉग में उद्घाटन भाषण दिया। उन्होंने भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ से भी भेंट की। प्रधानमंत्री मित्सोटाकिस के साथ एक उच्चस्तरीय अधिकारी और व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल भी आया।

2. प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री मित्सोटाकिस ने रणनीतिक साझेदारी की पुष्टि की और अपनी टीमों को द्विपक्षीय एजेंडा आगे बढ़ाने और राजनैतिक, आर्थिक, सुरक्षा, प्रतिरक्षा, सामुद्रिक, जहाजरानी, और सांस्कृतिक सहयोग के सभी पहलुओं पर सहयोग बढ़ाने का निर्देश दिया। उन्होंने आपसी हितों वाली महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय गतिविधियों के संबंध में भी विचारों का आदान-प्रदान किया।

3. नेतागणों ने इस बात पर पुन: बल दिया कि लोकतंत्र, स्वतंत्रता, अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा, नियम-आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था, यूएनसीएलओएस और मानवाधिकारों सहित अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का पालन, तथा साझा ऐतिहासिक संबंधों और दीर्घकालिक संबंधों के साझा मूल्य, दोनों देशों के बीच निरंतर प्रगतिशील रणनीतिक संबंधों का आधार हैं।

4. अगस्त 2023 में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा एथेंस के राजकीय दौरे के अंतर्गत लिए गए निर्णयों को लागू करने की दिशा में प्रगति को लेकर उन्होंने सराहना व्यक्त की और पारस्परिक लाभप्रद क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के अपने संकल्प की पुष्टि की। दोनों देशों के एनएसए द्वारा सुरक्षा मुद्दों पर नियमित द्विपक्षीय बातचीत के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने को लेकर उन्होंने संतोष व्यक्त किया।

राजनैतिक, सुरक्षा और प्रतिरक्षा सहयोग

5. अंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय शांति और समृद्धि प्रोत्साहित करने के लिए मिलकर काम करने के महत्व को रेखांकित करते हुए, दोनों नेता वैश्विक और क्षेत्रीय सुरक्षा संबंधी खतरों, विशेष रूप से पूर्वी भूमध्यसागरीय और इंडो पैसेफिक क्षेत्रों में खतरों को दृष्टिगत रखते हुए, सुरक्षा संबंधी, तथा सामुद्रिक, साइबर और हाइब्रिड खतरों सहित साझा हितों वाले रणनीतिक क्षेत्रों में बातचीत को और गहन बनाने व सहयोग का विस्तार करने के लिए दोनों विदेश मंत्रालयों के बीच विचारों के आदान-प्रदान हेतु नियमित संपर्क रखने पर सहमत हुए।

6. दोनों नेतागणों ने यूएनसीएलओएस में प्रदर्शित अनुसार अंतर्राष्ट्रीय सामुद्रिक कानून के अनुरूप, सामुद्रिक सुरक्षा और अंतर्राष्ट्रीय शांति और स्थिरता के लाभार्थ, तथा संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और नेविगेशन की स्वतंत्रता का पूर्ण पालन करने के साथ, एक स्वतंत्र, उदार, और नियमों पर आधारित भूमध्य सागर और इंडो-पैसिफिक के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर बल दिया। संबंधित प्राधिकारियों द्वारा संस्थागत तरीके से सामुद्रिक सुरक्षा और यूएनसीएलओएस मुद्दों पर विधिक और तकनीकी जानकारी का आदान-प्रदान किए जाने पर सहमति हुई।

7. व्यापार, वाणिज्य, निवेश, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, लॉजिस्टिक्स, बंदरगाह और अवसंरचना आदि विषयों में क्षेत्र के देशों के बीच सहभगिता और सहयोग के माध्यम से भारत और यूरोप के बीच संपर्क सुविधाएं बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री मित्सोटाकिस ने आईएमईईसी (इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर) के दृष्टिकोण पर चर्चा की।

8. प्रधानमंत्री मित्सोटाकिस ने, इंडो-पैसिफिक ओशंस इनीशिएटिव में शामिल होने के लिए ग्रीस की अभिरुचि व्यक्त की। सामुद्रिक मामलों में ग्रीस के नेतृत्व का महत्‍त्व रेखांकित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने समान विचारधारा वाले देशों के साथ इस साझेदारी में ग्रीस का स्वागत किया जो सामुद्रिक क्षेत्र के प्रबंधन, संरक्षण और धारणीयता के लिए प्रतिबद्ध हैं।

9. नेतागणों ने प्रतिरक्षा औद्योगिक सहयोग और नवप्रवर्तन सहित प्रतिरक्षा सहयोग को आगे बढ़ाने के संबंध में अपने साझा उद्देश्यों की पुष्टि की।

आर्थिक सहयोग, व्यापार और निवेश

10. 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने के उद्देश्य के अनुरूप, जिस पर एथेंस में सहमति बनी थी, प्रधानमंत्री मित्सोटाकिस ने नई दिल्ली और मुंबई में भारतीय व्यापार जगत के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें कीं। उनके साथ विभिन्न सेक्टरों से जुड़े 63 सीईओ और उद्योग जगत के नेता भी थे। प्रधानमंत्री मित्सोटाकिस ने भारतीय व्यवसायों को नवऊर्जित ग्रीक अर्थव्यवस्था द्वारा प्रदान किए गए अवसरों का लाभ उठाने के लिए, और ग्रीस में बंदरगाहों, रसद, ऊर्जा और आपूर्ति श्रृंखलाओं में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया। एंटरप्राइज ग्रीस और सीआईआई, एंटरप्राइज ग्रीस और फिक्की और एथेंस चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के बीच एमओयू संपन्न करने पर जोर दिया गया।

11. नेताओं ने दोनों अर्थव्यवस्थाओं के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे कि जहाजरानी, कृषि और फार्मास्यूटिकल्स आदि में पहले से स्थापित सहयोग को और अधिक गहन बनाने की इच्छा प्रकट की।

12. नवप्रवर्तन, डिजिटल अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में सर्वोत्तम विधियों का आदान-प्रदान करते हुए सहयोग बढ़ाने हेतु कार्य पर फोकस करने पर भी सहमति व्यक्त की गई। दोनों नेतागणों ने, भारत द्वारा विकसित यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) को ग्रीक वित्तीय प्रणाली में लागू करने की दिशा में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और यूरोबैंक और एनपीसीआई (यूपीआई) के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर होने के साथ भारत और ग्रीस के बीच सीमा पार धन हस्तांतरण सुगम बनाने की दिशा में हुई प्रगति का उल्लेख किया।

13. उन्होंने इस पर बल दिया कि अंतरिक्ष विज्ञान, नैनो-प्रौद्योगिकी, जैव-प्रौद्योगिकी और स्वच्छ प्रौद्योगिकियों/नवीकरणीय ऊर्जा में आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए भारत और ग्रीस मिलकर काम करेंगे। उन्होंने आर्थिक और सामाजिक लक्ष्यों और सहयोग के लिए, तथा ई-शिक्षण, टेलीमेडिसिन, नई और उभरती प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में युवाओं की री-स्किलिंग और अप-स्किलिंग सहित ई-गवर्नेंस और ई-सार्वजनिक सेवा डिलीवरी पर फोकस करने के साथ सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) की विशाल क्षमता पर प्रकाश डाला।

14. उन्होंने निरंतर आर्थिक विकास के लिए एक प्रमुख क्षेत्र के रूप में पर्यटन के महत्व को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री मोदी और मित्सोटाकिस ने कहा कि पर्यटकों के आवागमन से व्यक्तियों के बीच बेहतर समझ बनती है और इसे और बढ़ावा दिया जाना चाहिए। ग्रीस और भारत के बीच सीधी उड़ानें चालू करने के लिए निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने पर सहमति बनी।

प्रवासन एवं गतिशीलता

15. दोनों नेताओं ने, दोनों देशों के बीच प्रवासन और गतिशीलता साझेदारी समझौते (एमएमपीए) को शीघ्र संपन्न किए जाने पर सहमति दी, जो दोनों देशों के बीच श्रम गतिशीलता को सुविधाजनक बनाएगा।

व्यक्तियों से व्यक्तियों के बीच संबंध

16. दोनों नेतागणों ने भारत और ग्रीस के बीच दीर्घकालीन स्थायी सांस्कृतिक आदान-प्रदान और संवर्धन को, विशेषकर ग्रीक इंडोलॉजिस्ट और भारतीय हेलेनिस्टों की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने संगीत, नृत्य, रंगमंच, फिल्म, साहित्य, संग्रहालय, अभिलेखागार और त्योहारों में द्विपक्षीय आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के प्रयासों का स्वागत किया।

17. वे इस बात पर सहमत हुए कि प्राचीन स्थलों और स्मारकों को संरक्षित करने से दोनों देशों के नागरिकों के बीच सांस्कृतिक जागरूकता बढ़ेगी। नेतागणों ने दोनों पक्षों को यूनेस्को के अंतर्गत सहयोग को सुदृढ़ बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।

18. उन्होंने ग्रीक और भारतीय विश्वविद्यालयों के बीच सहयोग आधारित शैक्षिक साझेदारी, तथा क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर केंद्रित विद्वानों और थिंक टैंकों के बीच साझेदारी, को आगे बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की ताकि रायसीना डायलॉग और डेल्फ़ी फोरम के बीच एमओयू सहित नेटवर्किंग प्रयासों की पूरी श्रृंखला का उपयोग किया जा सके।

ईयू और भारत के संबंध

19. दोनों नेतागणों ने भारत-ईयू रणनीतिक साझेदारी को और अधिक गहन बनाने तथा भारत-ईयू संपर्क-सुविधा साझेदारी के क्रियान्वयन हेतु मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता की भी पुष्टि की, और भारत-ईयू मुक्त व्यापार समझौते के लिए चल रही बातचीत के लिए अपने दृढ़ समर्थन पर फिर से जोर दिया।

वैश्विक मामले

20. प्रधानमंत्री मित्सोटाकिस ने जी20 की शानदार अध्यक्षता के लिए प्रधानमंत्री मोदी को बधाई दी, जिसने महत्वपूर्ण और जटिल वैश्विक दक्षिण मुद्दों का सफलतापूर्वक और समावेशी रूप से समाधान किया।

21. दोनों नेतागणों ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों (साइबर-आतंकवाद सहित), कभी भी, कहीं भी और किसी के भी द्वारा अपराध किया गया हो और सीमा पार आतंकवाद के लिए आतंकवादी प्रॉक्सी का उपयोग किए जाने की कड़ी निंदा की। दोनों ने सभी देशों से इस संबंध में तत्काल, निरंतर, प्रमाणन योग्य और अपरिवर्तनीय कार्यवाही करने की तत्काल ज़रूरत पर बल दिया।

22. दोनों नेता आपदा प्रबंधन में सहयोग करने के अलावा, जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता ह्रास की परस्पर संबंधित चुनौतियों का संयुक्त रूप से समाधान करने पर सहमत हुए। इस संदर्भ में, उन्होंने 16-17 अप्रैल 2024 को एथेंस में आयोजित होने वाली 9वीं अवर ओशन कॉन्फ्रेन्स के महत्व पर जोर दिया।

बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग

23. दोनों नेतागणों ने बहुपक्षवाद और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। दोनों पक्ष नियमित द्विपक्षीय परामर्श और बहुपक्षीय मंचों पर समन्वय के माध्यम से इन मूल सिद्धांतों की सुरक्षा के लिए मिलकर काम करने हेतु सहमत हुए।

24. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली को वास्तविक परिलक्षित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में व्यापक सुधार किए जाने हेतु अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की। भारत ने 2025-26 अवधि के लिए ग्रीस की यूएनएससी उम्मीदवारी के लिए अपना समर्थन दोहराया; ग्रीस ने 2028-29 अवधि के लिए भारत के दावे हेतु अपना समर्थन व्यक्त किया।

25. प्रधानमंत्री मित्सोटाकिस ने इंटरनेशनल सोलर अलायंस (आईएसए) में भारत के नेतृत्व के महत्व को रेखांकित किया। भारत ने आईएसए के लिए ग्रीस के समर्थन की सराहना की।

26. प्रधानमंत्री मित्सोटाकिस ने ग्रीस के नागरिकों के प्रति अपनी गर्मजोशी और इस दौरे में उन्हें और उनके प्रतिनिधिमंडल को दिए गए भव्य सत्कार के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया।

नई दिल्ली
22-फ़रवरी-2024

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