आई ए एन एस वाया साइफी.कॉंम
भारतीय मूल के एक प्रोफेसर के नेतृत्व में संयुक्त राज्य में किया गया एक नया अनुसंधान, उस दिन का संदेश वाहक है जब एक व्यक्ति अपने घर के बाहरी दीवारों पर रंग की एक परत चढ़ायेगा और उस पर पड़ने वाली सूर्य की रोशनी से विद्युत उत्पादित होगी जिसका उपयोग वह अंदर
के उपकरणों और उपस्करों को ऊर्जा प्रदान करने के लिए करेगा।
संयुक्त राज्य में नोटरे डैम विश्वविद्यालय के एक अनुसंधानकर्ता दल ने एक ही सस्ता सौर रंग विकसित किया है जो ऊर्जा उत्पादन के लिए अर्धचालित सूक्ष्मतम कण का उपयोग करेगा।
रसायन शास्त्र के प्रो0 श्री प्रशान्त कामत के नेतृत्व में नोटरे डैम के नैनो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी केन्द्र ने अमेरिकन केमिकल सोसाइटी द्वारा प्रकाशित एक पत्रिका ‘ए सी एस नैनो' में व्याख्या की थी। वैज्ञानिकों ने अपने उत्पाद को ‘सूर्य विश्वसनीय रंग'
के रूप में समुचित ढंग से इसका नामकरण किया था।
'अर्धचालक में हाल में किये गये उन्नति का उपयोग करते हुए नैनो क्रिस्टल पर अनुसंधान किया गया है हमने मात्र बिन्दु सौर सेलों के अभिकल्प हेतु एक परत के सौर रंग को अब विकसित कर लिया है' श्री कामत और उनके एक सहकर्मी ने कहा था।
अनुसंधानकर्ताओं ने कहा था कि वे कुछ ऐसा करना चाहते हैं जो वर्तमान सिलीकॉंन आधारित सौर प्रौद्योगिकी को बहुत आगे तक रूपान्तरित कर दें।
'ऊर्जा उत्पादक सूक्ष्मतम अणु जिसे मात्रा बिन्दु कहा जाता है को फैलने योग्य मिश्रण में समायोजित करते हुए हमने सौर रंग के एक परत का निर्माण किया है जिसे बिना किसी विशेष उपकरण के किसी भी सुचालक सतह पर लगाया जा सकता है।‘
अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार उनके रंग सूक्ष्मतम आकार के टाइटेनियम डायोक्साइट या तो कैडमियम सेलिफाइड अथवा कैडमियम सेलिनाइड के साथ परत वाले अणुओं पर आधारित होते हैं। कार्य की व्याख्या करते हुए उन लोगों ने कहा था कि बंधन मुक्त लेप का सृजन करने के लिए अणुओं
को, जल और सुरासार के मिश्रण में घोला जाता है जिसे उसके बाद संचालक कांच के सतह पर लगाया जाता है और 200 डिग्री सेंटी ग्रेट के तापमान पर ताव दिया जाता है।
'जब लेप को पारदर्शी संचालक पदार्थ पर लगाया जाता है और उस पर प्रकाश डाला जाता है तब वह विद्युत का सृजन करता है'।
सूक्ष्मतम अणु के लेप को जब एक परम्परागत सामान्य ब्रुस का उपयोग करते हुए सतहों पर लगाया जाता है तब यह विशाल सतह सौर सेलों में परिवर्तित हो जाते हैं, नोटरे डैम विश्वविद्यालय द्वारा जारी एक वक्तव्य में कहा गया था।
प्रकाश से ऊर्जा में परिवर्तित होने की दक्षता अभी तक मात्र 1 प्रतिशत पर पहुँची है जो वाणिज्यिक सिलीकॉंन सौर सेलों की सामान्य दक्षता 10 से 15 प्रतिशत से बहुत कम है परन्तु यह रंग सस्ता और अधिक मात्रा में बनाया जा सकता है, अनुसंधानकर्ताओं ने दावा किया है।
'यदि हम किसी प्रकार दक्षता में सुधार ला सकते हैं तब हम भविष्य के ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति करने में वास्तविक अंतराल बना पाने में सक्षम होंगे।‘
'जबकि एक विशाल क्षेत्र के लिए पुन: सुधार आवश्यक है जिसके लिए रणनीति विकसित करनी होगी, सौर रंग तैयार करने के यह प्रारम्भिक प्रयास सामान्य अभिकल्प और अगली पीढ़ी के वाणिज्यिक दृष्टि से साध्य सौर सेलों को लाभ प्रदान करेंगे' अनुसंधानकर्ताओं ने कहा था।
कामत और उनका दल नये पदार्थ की स्थिरता में सुधार लाने के तरीकों का अध्ययन करने पर भी विचार कर रहा है।
(व्यक्त किये गये उपरोक्त विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं)