इकोनॉंमिक टाइम्स : ऋतुपर्णा चटर्जी
वर्ष, 1992 में सिलीकॉंन घाटी में भारतीयों के एक समूह ने ‘द इंडस इंटरप्रेनेवर' (टी आई ई) की स्थापना अपने साथी भारतीयों की सहायता और मार्गदर्शन के लिए किया था। लगभग 20 वर्षों के बाद यह एक दूसरी दुनियां बन गयी है, जहां भारतीयों को अब किसी का हाथ थामने की आवश्यकता
नहीं है परन्तु टी. आई. ई. की प्रासांगिकता विद्यमान है। इसने विविधता प्राप्त करते हुए ना केवल गैर भारतीयों को अपने साथ सम्मिलित किया है बल्कि यह उनके उद्यमों को अपने टी. आई. ई. एंजिल पहल के माध्यम से वित्तीय पोषण भी अगस्त, 2010 से प्रदान करना प्रारम्भ
कर दिया है।
"उद्यमी सदैव ही धन की ताक में रहते हैं। मैं इससे चकित था कि टी. आई. ई. उद्यमियों के इस मौलिक आवश्यकता की पूर्ति नहीं करता है, टी. आई. ई. एंजिल के अध्यक्ष, श्री वेंकटेश शुक्ला ने कहा था। विशेष प्रकार की वी. सी. कंपनियों के विपरीत इसके पास कोष नहीं होता
है और इसका नेतृत्व टी. आई. ई. के व्यक्तिगत निवेशकों के एक समूह द्वारा किया जाता है। उद्यमी अपने मार्ग बनाते हैं, टी. आई. ई. का एंजिल निवेशकों से गहन पूँछ-तॉंछ करता है उसके बाद यदि उससे सहमत होता है तब उसकी योग्यता के आधार पर ना कि राष्ट्रीयता के आधार पर,
उसके उद्यम को वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
विशिष्ट प्रकार के निवेश 1 मिलियन अमरीकी डॉंलर से कम के होते है अत: उनको मापना कंपनी का दृष्टिकोण नहीं होता है। टी. आई. ई. एंजिल ने अभी तक 14 प्रराम्भिक कंपनियों में 6 मिलियन अमरीकी डॉलर का निवेश किया किया है जिनमें से 50 प्रतिशत कंपनियों का नेतृत्व वे लोग
कर रहे है, जो भारतीय मूल के नहीं हैं।
"हमारी अधिकॉंश प्रारम्भिक कंपनियों के पास इण्डिया एंजिल नहीं है। भारत एक कारण से अधिक एक आशा है क्योंकि सबके मस्तिष्क में भारत एक क्षमतावान बाजार के रूप में बसा हुआ है और आशा करते हैं कि यह समूह भारत में विस्तारित होने में सहायक होगा'' श्री शुक्ला ने कहा
था। घाटी से अलग हट कर टी. आई. ई. की बोस्टन शाखा भी एंजिल कोष की स्थापना कर रही है।
'या टाउन' (एक पड़ोसी संरचना), विजलेन्ट (उद्यमो के डाटा सेंटर के लिए एनर्जी प्रबंधन प्रणाली प्रदाता) और फोकल प्वाइंट एनर्जी (औद्योगिक स्तर पर एक सौर ताप प्रणाली का उत्पादक) आदि उन प्रारम्भिक कंपनियां में से एक है जिनका वित्तीय पोषण घाटी के टी. आई. ई.
एंजिल द्वारा प्रदान किया गया है।
‘'हमारे टी. आई. ई. एंजिल निवेशक के पास निश्चित ही दोनों क्षमतायें हैं भारत में हमारे व्यवसाय को बढ़ाने में सहायता करने और भारत में सौर उद्योग को आपूर्तिकर्ता के साथ सम्बद्धता प्रदान करने में भी सक्षम हैं'' फोकल प्वाइंट एनर्जी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी
श्री टाबर स्मिथ ने कहा था।
"वर्तमान में हमारी उपस्थिति भारत में नहीं है परन्तु हम भविष्य में अपने टी. आई. ई. एंजिल निवेशकों के माध्यम से वहां पर अपना विस्तार करेंगे''।
गैर भारतीय टी. आई. ई. एंजिल के पास ‘‘बौद्धिक धन'' के लिए आते हैं जिसका तात्पर्य यह है कि टी. आई. ई. के सदस्यगणों का प्रभाव का उपयोग सभी प्रकार से विशेषज्ञतापूर्ण उत्तोलक का उपयोग करना है जिसमें परामर्श, नियुक्तियां, कंपनी का संचालन और यहां तक कि मुख्य धारा
के उद्यम के पूँजीपति के लिए अगले दौर के वित्तीय पोषण का प्रबंधन आदि भी सम्मिलित है। कई महीनों तक विजलेन्ट के अध्यक्ष मार्क हौसिली का विक्रेता दल एक फार्चून 100 आई टी कंपनी के साथ उचित संपर्क के तलाश में लगा हुआ था।
जब हौसिली ने टी. आई. ई. से सहायता अनुरोध किया था तब वे लगभग तत्काल ही उस व्यक्ति से जुड़ गये थे। श्री शुक्ला ने साझा किया था कि किस प्रकार वी. सी. की दो कंपनियों द्वारा एक अन्य उद्यमी को वित्तीय सहायता प्रदान करने की पेशकस की गयी थी। पहली कंपनी अनन्यता
चाहती थी जबकि दूसरी कंपनी कम धन देना चाहती थी परन्तु उद्यमियों को टी. आई. ई. एंजिल के साथ संबंध बनाये रखने की अनुमति देती थी। उन्होंने दूसरे विकल्प को स्वीकार किया था। "अत: यह एक अमूल्य उपलब्धि है'' श्री शुक्ला ने कहा था और यह टी. आई. ई. के लिए एक आगामी
तरंग है''।
द इंडस इंटरप्राइजेज (टी आई ई) की सफलता एक ऐसी संरचना समूह के रूप में है जिसकी स्थापना दो दशकों से भी अधिक समय पूर्व घाटी में भारतीय प्रौद्योगिकी वैज्ञानिकों द्वारा की गयी थी, जिसने संयुक्त राज्य के प्रारम्भिक पारिस्थितिकी प्रणाली में एंजिल निवेशक के रूप
में भारतीयों का कद बढ़ाने के लिए बहुत कुछ किया है
श्री कंवल रेखी जैसे सुप्रसिद्ध निवेशक जिन्होंने प्रारम्भिक स्तर के उद्यम कोष इंवेंटस कैपिटल की स्थापना की थी। भागीदारों ने कहा था कि भारतीय मूल के निवेशकों के बढ़ते ग्राफ के परिणाम स्वरूप टी. आई. ई. द्वारा प्रारम्भिक लाभांश दर्ज किया गया था।
"संयुक्त राज्य स्टेट विभाग संपूर्ण विश्व से प्रतिनिधि मण्डल लेकर हमारे (टी आई ई) के पास आया था और हम लोगों का उपयोग एक आदर्श के रूप में किया था'' उन्होंने कहा था।
भारत की ओर अधिकॉंश ध्यानाकर्षण का कारण इसका एक अग्रणी प्रौद्योगिकी बाजार के रूप में तेजी से बढ़ना भी है। वर्ष, 2009 में नेक्सेस वेंचर भागीदारों ने संयुक्त राज्य में आधारित प्रारम्भिक कंपनी ‘क्लाउड.काम' का वित्तीय पोषण किया था जिसकी स्थापना शेंग लियांग
द्वारा की गयी थी, अब वह अनुभवहीन कंपनियों को भारतीय बाजारों में पहुँच के अवसर प्रदान कर रही है।
दो वर्षों की अवधि में ‘क्लाउड.काम' ने भारत के विशालतम् ग्राहकों को अपनी झोली में डाल लिया है, टाटा टेलिकॉंम ने हैदराबाद में अपने विशालतम् विकास केन्द्र की स्थापना की है। "हमें लगता है कि इस रुख से उभरते बाजार में और तेजी आने की संभावना है जो अभिनव उत्पादों
और सेवाओं के एक बढ़ते प्रतिशत का अवशोषण करेगा'', नेक्सेस वेंचर पार्टनर्स के सह-संस्थापक नारेन गुप्ता ने कहा था।
इंवेन्टस के श्री रेखी सहमत थे "हम भारत में अनेकों बहुत बड़े अवसरों के प्रवेशद्वार के रूप में सेवा प्रदान कर रहे हैं और भारत में अभियंताओं की नियुक्तियों के द्वारा हम उन्हें उनकी लागत को कम करने में सहायता कर रहे हैं''। परन्तु भारतीय संबद्धता मात्र ही
एक वास्तविक तथ्य नहीं है जो वैश्विक उद्यमियों को अपनी ओर खींच रहा है। इस समुदाय को अब भली-भांति संगठित और जानकार माना जा रहा है।
कैलीफ्रोनिया में आधारित एक प्रारम्भिक कंपनी सुन्नीवाले जो लोगों को ऋण और उधार दिलाने में मदद करती है, क्रेडिट सीसम इंन कारपोरेशन के संस्थापक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री एड्रीयान ए नाजरी ने कहा था ‘‘भारतीय निवेशक और उद्यमियों की यहां पर बहुत अच्छी
प्रतिष्ठा है''।
नाजरी, जिन्होंने इस प्रारम्भिक कंपनी की स्थापना गत वर्ष नवम्बर माह में की थी, उन्होंने वर्ष 2010 में प्रथम दौर के वित्तीय पोषण और समर्थन के लिए इंवेन्टस कैपिटल पार्टनर्स का चुनाव करने कर निर्णय लिया था ‘‘कंवल और इंवेन्टस ने बहुत शीघ्रता से इस विचार को
स्वीकार कर लिया था'' श्री नाजरी ने आगे कहा था।
वित्तीय पोषण के अतिरिक्त भारतीय निवेशक परामर्श और रणनीति प्रदान करने तथा संचालन में सहायता के लिए भी सक्षम हैं। "भारतीय निवेशकों के पास एक व्यापक दृष्टिकोण है जो संयुक्त राज्य की समझ के साथ मेल खाता है। यूरोपीय नवनिर्माण और उभरता प्रगतिशील बाजार के
साथ-साथ वहां की मांगों में भी वृद्धि होगी'' नेक्सेस के श्री गुप्ता ने कहा था।
भारतीय निवेशकों में बढ़ रहे आत्मविश्वास और क्षमता की झलक उन संगठनों में भी मिलती है जो अपने धन को उन उद्यमों में लगा रहे हैं जो भारतीयों द्वारा संचालित हैं ए. टी. एण्ड टी. के पेंशन का कोष इंवेन्टस में निवेशित है, श्री रेखी ने कहा था।
भारतीय मूल के उद्यमियों की सफलता प्राप्त युवा पीढ़ी भी एंजिल निवेशकों की ओर रुख कर रही है। वर्जीनिया आधारित स्पार्कसाफ्ट कारपोरेशन के सह-संस्थापक और भारतीय एंजिल संरचना (आई ए एन) के सदस्य श्री सुन्दी नटराजन ने संयुक्त राज्य आधारित कुछ प्रारम्भिक कंपनियों
में निवेश किया है। श्री नटराजन, संयुक्त राज्य में आधारित शिक्षा की प्रारम्भिक कंपनी ‘प्राजएज इंक.' तथा भारतीय स्वास्थ्य निगरानी और खोज की प्रारम्भिक कंपनी हेल्थ जो भारतीय बाजारों के दोहन पर केंद्रित है आदि को अपना परामर्श देते हैं।
"अब वह समय लद गया है जब भारत को श्रमिक लागत का न्यायालय माना जाता था। आज हरेक व्यक्ति भविष्यवाणी कर रहा है कि व्यवसाय में 30 सा 40 प्रतिशत की वृद्धि एशिया प्रशान्त से आयेगी'' श्री नटराजन ने कहा था।
(व्यक्त किये गये उपरोक्त विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं)