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यह प्रतिभा का ही कमाल है कि राजस्थान विश्वविद्यालय का सांख्यकी में स्नातकोत्तर वैज्ञानिक संयुक्त राज्य की एक कंपनी में व्यक्ति शरीर के अंदर रक्त शर्करा के स्तर का परीक्षण करने के लिए एक उपकरण विकसित करने वाले वैज्ञानिक दल का नेतृत्व कर रहा है। गुलाबी
शहर जयपुर ने शनिवार को ऐसे एक व्यक्ति को समारोहपूर्वक सम्मानित किया था। जिसने स्वयं के विजय उल्लास को अपने जयपुर शहर को समर्पित कर दिया है।
वास्तव में जयपुर में जन्मे श्री मनोज शर्मा ने केन्द्रीय प्रशासनिक सेवा 1983 में सफलता प्राप्त की थी और भारतीय सांख्यकी सेवाओं को 10 वर्षों तक अपनी सेवाऐं प्रदान करते रहे थे। एक बार वे अपने पी एच डी के लिए अनुसंधान करने संयुक्त राज्य के बाल्टीमोर विश्वविद्यालय
गये थे जहां के जॉंनसन एण्ड जॉंनसन के मधुमेह केयर फ्रेंचाइजी में उन्हें एक नौकरी मिल गयी थी और अंतत: वे उस दल के प्रमुख बन गये थे जिसने ‘‘वन टच सेलेक्ट सैम्पल'' नामक परीक्षण मीटर विकसित किया था। यह मीटर एक मोबाइल फोन यंत्र के आकार का है और विशेष रूप से
एशिया में उभरते बाजारों के मतलब का है।
भारत में इसे इस वर्ष के सितम्बर माह में रोगियों में उनके शर्करा स्तर को किसी भी समय घर पर मापने के लिए किफा़यती कीमत के एक यंत्र के रूप में उतारा गया था।
शहर में आगमन पर डा0 मनोज शर्मा की मेजबानी राजस्थान वाणिज्य एवं उद्योग सदन (आर सी सी आई) द्वारा की गयी थी। ‘‘क्रीयटिंग द वर्ल्ड विदआउट लिमिट फार पीपुल विद डायबेटीज'' पर बोलते हुए डा0 शर्मा ने अपनी सफलता को जयपुर शहर के लिए समर्पित किया था जहां पर वे जन्मे
थे और पले-बढ़े थे। उन्होंने यहां पर एक मंच की स्थापना की भी इच्छा व्यक्त की थी जो इस प्रकार के सरोकारों के लिए भारत और संयुक्त राज्य के बीच पुन: सेतु का काम कर सके।
"यह यंत्र बहुत ही सामान्य है इसमें किसी तरह की कोड की आवश्यकता नहीं है। इसमें कोई बटन नहीं है परन्तु एक प्रणाली है जो कम और अधिक शर्करा दोनों के स्तरों पर आलार्म देती है'', डाँ0 शर्मा ने हिन्दू से बात करते हुए कहा था। "हमने बाजार में उपलब्ध इससे पूर्व
वाले यंत्र से इसका मूल्य कम रखा है। मीटर का मूल्य मात्र 1,000 रुपये है जबकि परीक्षण के लिए उपयोग में लायी जाने वाली पट्टी 18 रूपये की आती है जो लगभग 10 रुपये कम है'' उन्होंने टिप्पणी की थी।
चार पुरस्कार
मिलपितास में आधारित जॉंनसन एण्ड जॉंनसन के मुख्यालय में डॉं0 शर्मा अनुसंधान एवं विकास के लिए प्रधान वैज्ञानिक हैं और नैदानिक किट के 6 पेटेन्ट, कैलीब्रेशन कोड, मल्टीपल कलर्ड वर्क पीसेस और मल्टीपल मेम्ब्रेन्स फार असेम्बली, मेथड्स एण्ड सिस्टम्स तथा डीटेक्टिग
हाइपोग्लायस्मिक इवेन्ट आदि पर प्राप्त कर लिया है। उनकी तिजोरी के लिए उन्हें गुणवत्ता, प्रौद्योगिकी, नेतृत्व एवं संवाद आदि के लिए चार पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं।
राजस्थान के प्रमुख सचिव, लघु उद्योग श्री अशोक सिंघवी जो मुख्य अतिथि थे उन्होंने भारत में मधुमेह से प्रभावित लोगों के निदान पर संदेह व्यक्त किया था। वर्तमान आधिकारिक ऑंकड़े के अनुसार मधुमेह से प्रभावित 5 करोड़ लोगों की संख्या कम प्रतीत होती है क्योंकि
अधिकाँश ग्रामीण जनसंख्या अनावृत बनी हुई है, उन्होंने टिप्पणी की थी।
आर सी सी आई, के महासचिव श्री के एल जैन ने कहा था कि सदन उद्योग और व्यवसाय के अतिरिक्त अपने सामाजिक दायित्वों के एक हिस्से के रूप में ऐसे और अधिक अंतर-फलकीय पहल करेगा।
(व्यक्त किये गये उपरोक्त विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं)