डेक्कन क्रानिकल
"मुझे बतायें, क्या हैदराबादी बिरयानी सदैव इसी ही प्रकार महान रही है?” एक शरारत भरी मुस्कान के साथ सुप्रसिद्ध तबला वादक जाकिर हुसैन ने पूँछा था।
17 दिसम्बर को एक कार्यक्रम के लिए शहर में वापस आने के लिए उत्तेजित उस्ताद कहते हैं मुझे हैदराबाद बहुत प्रिय है क्योंकि इस शहर का कलाकृतियों का पोषण और उनका संरक्षण करने का इतिहास रहा है। "जिस बारे में बहुत सारे लोग अनभिज्ञ हैं वह यह है कि हैदराबाद भारतीय
कलाकृतियों का प्राचीन काल से संरक्षक रहा है और यहां के नबाव युगों से संगीत घरानों को संरक्षण प्रदान करते आ रहे हैं''।
"हैदराबाद ने एक बहुत ही बेहतरीन तबला वादक श्री शेख दाऊद खान को जन्म दिया था। मैं उनके प्रदर्शन से मंत्रमुग्ध हो जाता था वे इतने अच्छे थे कि यहां तक कि भीम सेन जोशी और गंगूबाई हंगल जैसे गायक उनके तालों पर गाना चाहते थे'' तबला के आकर्षक उस्ताद कहते हैं।
वर्तमान में कलाकार भारतीय संस्कृति के एक संरक्षण मिशन पर हैं और अखिल भारतीय संगीत समूह (ए आई एम जी) के तत्वावधान में इस पुनीत कार्य के लिए धर्म युद्ध कर रहे हैं। "हम लोगों ने मानव संसाधन विकास विभाग और सूचना प्रसारण विभाग के साथ बैठक की थी। हम यह सुनिश्चित
करने की प्रक्रिया में हैं कि परम्परागत कलाकारों को वित्तीय सहायता प्रदान कर समर्थन दिया जाय'' उन्होंने आगे जोड़ते हुए कहा था।
उस्ताद का कहना हैं कि यद्यपि कलाकारगण सबसे अधिक जनता का प्यार और समर्थन चाहते हैं। ‘‘हमारे समारोहों में लोगों के आने मात्र से ही कलाकार को संदेश मिल जाता है कि लोग उनका अनुभूति और समर्थन करना चाहते हैं, ठीक उसी प्रकार जिस प्रकार अन्ना हजारे का अभियान दिनोदिन
व्यापक होता गया था''।
जाकिर हुसैन, भारतीय संगीत के शायद अब तक के सबसे महान राजदूत रहे हैं। वे कहते हैं कि संस्कृति के संरक्षण का अर्थ इसे जमाना कदापि नहीं है क्योंकि हमने मिक्की हार्ट आफ दी ग्रेटफुल डेड और जॉंन मेक्लॉंगलिन जैसी अनेकों विधाओं के साथ इण्डो-जैज परियोजनाओं पर संगत
की है।
"भारतीय शास्त्रीय संगीत पश्चिम में बीटेल्स और रोलिंग स्टोन्स जैसे बैण्डों और यहां तक कि पं0 रवि शंकर तथा मेरे पिता श्री अल्ला राखा जैसे उस्तादों के माध्यम से लोकप्रिय हुई है। आज भारतीय संस्कृति परम पूजनीय हो गयी है जिसकी समानता अथवा बराबरी विश्व
में कोई नहीं कर सकता है''।
उस्ताद जाकिर हुसैन को पं0 रवि शंकर के साथ अनेकों बार प्रदर्शन करने का सम्मान प्राप्त हुआ है। "वे एक मजेदार व्यक्ति हैं। सामान्य रूप से हम लोग महान व्यक्तियों को गम्भीरता से जोड़ते हैं परन्तु पं0 रवि शंकर इसका अपवाद हैं। वे एक स्नेही, दयालु और प्यारे
इंसान हैं'' वे कहते हैं।
(व्यक्त किये गये उपरोक्त विचार लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं)