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फिलीपींस के विदेश मंत्री के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर की टिप्पणियाँ

मार्च 26, 2024

धन्यवाद।
मंत्री मनालो,
प्रिय मित्रों,

मनीला में फिर से आना मेरे लिए बड़ी प्रसन्नता की बात है। जैसा कि मंत्री जी ने आपको बताया, पिछले साल जून में उनके द्वारा भारत के दौरे के बाद हमारे बीच बहुत अच्छी चर्चा हुई। इस वर्ष की शुरुआत में हमें NAM शिखर सम्मेलन के दौरान कंपाला में भेंट करने का अवसर प्राप्त हुआ था।

2. जैसा कि आप सभी जानते हैं, हाल के दिनों में फिलीपींस के साथ भारत के संबंधों में बहुत उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल सितंबर में भारत-आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान राष्ट्रपति मार्कोस से भेंट की थी। और मुझे आज दोपहर बाद राष्ट्रपति से मिलने का गौरव प्राप्ता होगा, और मैं उन्हें प्रधानमंत्री की ओर से बधाई और शुभकामनाएं देने के लिए प्रतीक्षारत हूँ।

3. बैठकें और दौरे हमारे दोनों देशों के बीच बढ़ती नजदीकियों का एक प्रमाण हैं। लेकिन यह व्यापार और निवेश से लेकर स्वास्थ्य और खाद्य सुरक्षा, शिक्षा और विज्ञान और प्रौद्योगिकी, रक्षा और समुद्री सहयोग आदि तक व्यापक अनेक क्षेत्रों में समान रूप से परिलक्षित होता है। हमारा द्विपक्षीय व्यापार पिछले साल 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर के स्तर को पार कर गया है। मुझे विश्वास है कि इसमें आगे और वृद्धि होगी। मंत्री मनालो के साथ चर्चा में मेरा संदेश यह था कि भारत, वर्तमान में 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में, लगभग 7% प्रतिवर्ष की दर से वृद्धि कर रहा है, जो फिलीपींस के साथ अपनी भागीदारी बढ़ाने की तैयारी कर रहा है।

4. वीजा की सरलता, आवागमन में वृद्धि, अधिक बातचीत, और गहन सहयोग के संदर्भ में मंत्री मनालो ने जो कहा, मैं उसका स्वागत करता हूँ। हमारी बैठक में हमारे संबंधों में हाल के कुछ घटनाक्रमों को सकारात्मक रूप से रेखांकित किया गया। हम कृषि, स्वास्थ्य और क्षमता निर्माण में त्वरित प्रभाव वाली परियोजनाओं पर आगे बढ़ रहे हैं। भारतीय कंपनियाँ यहाँ डिजिटल अवसंरचना के साथ-साथ भौतिक अवसंरचना में भी सक्रिय रही हैं। इसे आगे बढ़ाने में भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र में काफी रुचि है। हमारे बीच बढ़ती सहजता और विश्वास एक असाधारण उपाय के रूप में भारत से चावल की मौजूदा आपूर्ति में भी परिलक्षित होता है।

5. हिंद-प्रशांत क्षेत्र के दो सामुद्रिक देशों के रूप में, हमारे सामुद्रिक सहयोग क्षेत्र में काफी संभावनाएं हैं। पिछले साल, हमने उन्नत सामुद्रिक सहयोग और व्हाइट शिपिंग पर समझौतों पर हस्ताक्षर किए। यह कहना उपयुक्त होगा कि आज भी, एक भारतीय तटरक्षक जहाज मनीला में बंदरगाह पर है। वैश्विक शिपिंग उद्योग में हमारे दोनों देशों का विपुल योगदान दृष्टिगत रखते हुए, मंत्री मनालो और मैंने सामुद्रिक सुरक्षा सुनिश्चित करने संबंधी हमारे साझा हितों पर चर्चा की है। मैंने उन्हें वर्तमान में बने हुए खतरों का सामना करने के लिए लाल सागर और अरब सागर में भारतीय नौसेना की तैनाती के बारे में भी जानकारी दी। और उन्होंने खुद हमारे एक जहाज आईएनएस कोलकाता द्वारा एमवी ट्रू कॉन्फिडेंस को बचाने की बात कही। और कुछ अन्य उदाहरण भी हैं, जो उस समय से, मुझे लगता है; एमवी, लीला नॉरफ़ॉक, जिसमें फिलीपींस के कुछ दल भी शामिल थे।

मित्रों,

6. आसियान के साथ सहभागिता के संदर्भ में भी फिलीपींस के साथ हमारी साझेदारी का एक बड़ा संदर्भ है। फिलीपींस इस वर्ष के अंत में भारत के कंट्री कोऑर्डिनेटर के रूप में कार्यभार ग्रहण करेगा। हम विशेष रूप से व्यापार समझौते की समीक्षा करने, संपर्क-सुविधाएं विकसित करने तथा व्यक्तियों से व्यक्तियों के बीच संपर्क गहन बनाने के संबंध में भारत-आसियान सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए तत्पर हैं।

7. अपनी एक्ट ईस्ट नीति और हिंद-प्रशांत विजन के कारण इस क्षेत्र में गहन निवेश करने वाले एक देश के रूप में भारत, सभी गतिविधियों पर बहुत रुचि के साथ नज़र रखता है। हम आसियान की केंद्रीयता, एकजुटता और एकता के पुरजोर समर्थक हैं। हम इसे लेकर भी आश्वस्त हैं कि इस क्षेत्र की प्रगति और समृद्धि नियम-आधारित व्यवस्था का दृढ़तापूर्वक पालन करने से ही संभव होगी। सामुद्रिक संविधान के रूप में UNCLOS 1982 उस संदर्भ में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। सभी पक्षों को इसका अक्षरशः और मूल भावनाओं के अनुरूप पूर्णतया पालन करना चाहिए। मैं इस अवसर पर फिलीपींस को इसकी राष्ट्रीय संप्रभुता को बनाए रखने के लिए भारत के समर्थन को दृढ़ता से दोहराता हूँ।

8. विश्व में परिवर्तन के साथ, उभरती व्यवस्था को आकार देने के लिए भारत और फिलीपींस जैसे देशों द्वारा अधिक निकटता से सहयोग किया जाना आवश्यक है। आज हमने संयुक्त राष्ट्र से लेकर गुटनिरपेक्ष आंदोलन, हिंद-प्रशांत, म्यांमार, यूक्रेन और उसके अलावा भी अनेक वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की। हम दोनों ऐसे देश हैं जो वैश्विक कार्यस्थल में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं। हमारी आपूर्ति श्रृंखलाएं अधिक लोचशील और डिजिटल साझेदारियां अधिक विश्वसनीय होनी चाहिए। हमारी गतिविधियाँ विभिन्न क्षेत्रों में वैश्विक दक्षिण के उद्देश्य को सशक्त बनाने की दिशा में सार्थक हैं। लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति हमारी गहन व स्थायी प्रतिबद्धता है। हम दोनों ही देश, निर्णय लेने की स्वायत्तता को महत्व देते हैं और एक बहु-ध्रुवीय विश्व के पक्षसमर्थक हैं, जिसके केंद्र में एक बहु-ध्रुवीय एशिया है।

9. विस्तारित द्विपक्षीय साझेदारी पर आधारित ये समामेलन, आज हमारे संबंधों को नई प्रगति की ओर ले जा रहे हैं। मंत्री मनालो के साथ आज की मेरी चर्चा, दिन में बाद में रक्षा सचिव तियोदोरो और अन्य के साथ बैठक, और राष्ट्रपति मार्कोस से भेंट, इन सभी कार्यक्रमों के माध्यम से ऐसा करने का अवसर प्राप्त होगा। हमारे राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ की ओर बढ़ते हुए, मुझे विश्वास है कि भविष्य में अनेक नई संभावनाएं हमारी प्रतीक्षा में हैं।

मुझे ध्यानपूर्वक सुनने के लिए आपका धन्यवाद।

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