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प्रधानमंत्री की फ्रांस यात्रा के अवसर पर भारत और फ्रांस की ओर से जारी संयुक्त वक्तव्य

मई 04, 2022

फ्रांस गणराज्य के राष्ट्रपति महामहिम श्री इमैनुएल मैक्रों ने 4 मई 2022 को पेरिस की अल्पावधि यात्रा पर आए भारत के प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी की मेजबानी की।

2. भारत और फ्रांस,1998 से रणनीतिक साझेदार रहे हैं। दोनों देशों की रणनीतिक साझेदारी गहरे और लगातार बने आपसी विश्वास, रणनीतिक स्वायत्तता,अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रति अटूट प्रतिबद्धता और सुधार तथा प्रभावी बहुपक्षवाद से निर्मित एक बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था पर भरोसे के ठोस आधार पर टिकी हुई है। दोनों लोकतंत्र के साझा मूल्यों, मौलिक स्वतंत्रता, कानून के शासन और मानवाधिकारों के सम्मान के लिए प्रतिबद्ध हैं।

3. महामारी के बाद के काल में वैश्विक भू-राजनीतिक चुनौतियों का सामना करते हुए, भारत और फ्रांस आपसी सहयोग को बढ़ा कर, नए क्षेत्रों में विस्तार करके और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी को और विस्तृत कर, साथ मिल कर भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार होने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हैं।

हिंद-प्रशांत क्षेत्र

4. भारत और फ्रांस ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता तथा समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए एक अहम रणनीतिक साझेदारी की है। ये दोनों देश स्वतंत्र, खुले और नियम आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र का दृष्टिकोण साझा करते हैं जो अंतरराष्ट्रीय कानून, संप्रभुता तथा क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान, नौवहन की स्वतंत्रता तथा तनाव और संघर्ष मुक्त क्षेत्र के लिए प्रतिबद्धता पर आधारित है।

5. भारत फ्रांस हिंद-प्रशांत साझेदारी में रक्षा और सुरक्षा, व्यापार, निवेश, कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य और स्थिरता कायम रखना शामिल है। द्विपक्षीय सहयोग के अलावा, भारत और फ्रांस इस क्षेत्र में अन्य क्षेत्रीय संगठनों के तहत समान विचारधारा वाले देशों के साथ विभिन्न स्वरूपों में नई साझेदारी विकसित करना जारी रखेंगे। यूरोपीय संघ परिषद की फ्रांस की अध्यक्षता के दौरान फरवरी 2022 में पेरिस में आयोजित पहले हिंद-प्रशांत मंत्रिस्तरीय फोरम ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग के लिए यूरोपीय संघ की रणनीति के आधार पर एक महत्वाकांक्षी एजेंडा शुरू किया था।

6. भारत और फ्रांस ने भारत-यूरोपीय संघ सामरिक साझेदारी को गहरा करने के लिए एक बार फिर से अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की और भारत-यूरोपीय संघ कनेक्टिविटी साझेदारी के कार्यान्वयन और मई, 2021 में पोर्टो में भारत-यूरोपीय संघ के नेताओं की बैठक में लिए गए फैसलों के कार्यान्वयन की दिशा में मिलकर काम करने की जताई।उन्होंने भारत-यूरोपीय संघ व्यापार और प्रौद्योगिकी परिषद के शुभारंभ का स्वागत किया जो व्यापार, प्रौद्योगिकी और सुरक्षा के रणनीतिक पहलुओं के साथ-साथ व्यापार, निवेश और भौगोलिक संकेतकों पर भारत-यूरोपीय संघ समझौतों पर बातचीत को फिर से शुरू करने पर उच्च स्तरीय समन्वय को बढ़ावा देगा।

यूक्रेन

7. फ्रांस ने रूसी सेनाओं द्वारा यूक्रेन के खिलाफ गैरकानूनी और अकारण किए गए आक्रमण की एक बार फिर से कड़ी निंदा की।

8. भारत और फ्रांस ने यूक्रेन में जारी संघर्ष और मानवीय संकट पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने यूक्रेन में नागरिकों की मौत की खुले शब्दों में निंदा की और लोगों की तकलीफों का तत्काल समाधान तलाशने के वास्ते शत्रुतापूर्ण कार्रवाई को तत्काल समाप्त करने के लिए सभी संबंधित पक्षों के बीच बातचीत और कूटनीति को बढ़ावा देने का आह्वान किया। दोनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतर्राष्ट्रीय कानून और राष्ट्रों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। दोनों नेताओं ने यूक्रेन में संघर्ष के क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभावों पर चर्चा की और इस मुद्दे पर समन्वय और बढ़ाने पर सहमत हुए।

9. भारत और फ्रांस वैश्विक खाद्य सुरक्षा और पोषण की वर्तमान वृद्धि के बारे में गहरी चिंता व्यक्त करते हैं और विशेष रूप से विकासशील देशों में, जो पहले से ही कोविड -19 महामारी से प्रभावित है। वे यूक्रेन में संघर्ष के कारण बढ़ते खाद्य संकट के जोखिम को दूर करने के लिए एक समन्वित, बहुपक्षीय प्रतिक्रिया को सक्षम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसमें खाद्य और कृषि लचीलापन मिशन (एफएआरएम) जैसी पहल शामिल हैं, जिसका उद्देश्य अच्छी तरह से काम करने वाले बाजारों, एकजुटता और दीर्घकालिक लचीलापन को सुनिश्चित करना है।

10. अफगानिस्तान पर, भारत और फ्रांस ने मानवीय स्थिति और मानवाधिकारों के उल्लंघन पर गंभीर चिंता व्यक्त की और शांतिपूर्ण, सुरक्षित और स्थिर अफगानिस्तान के लिए मजबूत समर्थन दोहराया, अपनी संप्रभुता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान और अपने आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करने पर जोर दिया। उन्होंने समावेशी और प्रतिनिधि सरकार और महिलाओं, बच्चों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए सम्मान का आह्वान किया। उन्होंने यूएनएससी प्रस्ताव 2593 (2021) की भी पुष्टि की और दुनिया के अन्य हिस्सों में आतंकवाद फैलाने के लिए अफगान क्षेत्र के उपयोग के लिए शून्य सहिष्णुता पर जोर दिया, और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद सहित इस संबंध में एक साथ काम करने पर सहमति व्यक्त की।

सामरिक सहयोग

11. दोनों पक्षों ने रक्षा के सभी क्षेत्रों में चल रहे गहन सहयोग का स्वागत किया। दोनों देशों की सेनाओं के बीच संयुक्त अभ्यास (शक्ति, वरुण, पेगसे, डेजर्ट नाइट, गरुड़) जहां तक संभव हो, बेहतर समन्वय और अंतःक्रियाशीलता की दिशा में प्रयासों को दर्शाते हैं। इस बीच, भारत और फ्रांस के बीच समुद्री सहयोग विश्वास के नए स्तर पर पहुंच गया है जो पूरे हिंद महासागर में अभ्यास, आदान-प्रदान और संयुक्त प्रयासों के माध्यम से जारी रहेगा।

12. भारत और फ्रांस ने इस बात को रेखांकित किया कि लंबे समय से चल रहा आयुध सहयोग दोनों पक्षों के बीच आपसी विश्वास का प्रमाण है। मुंबई में एमडीएल में निर्मित छह स्कॉर्पीन पनडुब्बियां "मेक इन इंडिया" पहल के अनुरूप फ्रांस से भारत में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के स्तर को दर्शाती हैं। कोविड महामारी के बावजूद राफेल की समय पर की गई आपूर्ति ने रक्षा के क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच बेहतर तालमेल का बेहतर उदाहरण पेश किया है। इस गति को आगे बढ़ाते हुए, और अपने आपसी विश्वास के आधार पर, दोनों पक्ष उन्नत रक्षा प्रौद्योगिकी, निर्माण और निर्यात में "आत्मनिर्भर भारत" (आत्मनिर्भर भारत) के प्रयासों में फ्रांस को गहरे जोड़ने के लिए रचनात्मक तरीके खोजने पर सहमत हुए ,जिसमें दोनों देशों की रक्षा उद्योग भागीदारी को प्रोत्साहित करना शामिल है।

13. तकनीकी और वैज्ञानिक अंतरिक्ष सहयोग की 60 से अधिक वर्षों की एक महान परंपरा पर आधारित और अंतरिक्ष में उत्पन्न होने वाली समकालीन चुनौतियों का समाधान करने के लिए, विशेष रूप से सभी के लिए अंतरिक्ष तक पहुंच को सुरक्षित बनाए रखने के लिए, भारत और फ्रांस अंतरिक्ष मुद्दों पर द्विपक्षीय रणनीतिक वार्ता शुरू करने पर सहमत हुए हैं। यह अंतरिक्ष और रक्षा एजेंसियों, प्रशासन और विशेष पारिस्थितिकी तंत्र के विशेषज्ञों को बाह्य अंतरिक्ष में सुरक्षा और आर्थिक चुनौतियों, अंतरिक्ष पर लागू मानदंडों और सिद्धांतों के साथ-साथ सहयोग के नए क्षेत्रों का पता लगाने के लिए एक साथ लाएगा। दोनों पक्ष इस साल जल्द से जल्द ऐसी पहली वार्ता आयोजित करने पर सहमत हुए।

14. तेजी से डिजिटल होती दुनिया में, भारत और फ्रांस ने अपनी साइबर सुरक्षा एजेंसियों के बीच सहयोग को मजबूत किया है। अभिसरण के दृष्टिकोण के आधार पर, वे साइबर खतरों का मुकाबला करने के लिए साइबर मानदंडों और सिद्धांतों को बढ़ावा देने के प्रयासों में शामिल होने के लिए सहमत हैं और शांतिपूर्ण, सुरक्षित और खुले साइबर स्पेस में योगदान करने की दृष्टि से अपने द्विपक्षीय साइबर संवाद को उन्नत बनाने को तैयार हैं।

15. दोनों पक्षों ने अपने स्टार्ट-अप पारिस्थितिक तंत्र को जोड़ने के लिए कई पहलें शुरू की हैं और लोगों के जीवन में बदलाव लाने और व्यापक वैश्विक भलाई के लिए बुनियादी ढांचे और समाधान के लिए सार्वजनिक-निजी जुड़ाव का स्वागत करते हुए, अपनी-अपनी सफलताओं के आधार पर, मानकों और प्रोटोकॉल के निर्माण पर मुफ्त, समावेशी, अभिनव और खुले सार्वजनिक डिजिटल स्पेस के लिए एक साथ काम करने पर खुशी जाहिर की है। पेरिस में आयोजित होने जा रहे यूरोप के सबसे बड़े डिजिटल मेले विवाटेक में इस बार भारत वर्ष का पहला देश होगा।

16. साइबर सुरक्षा और डिजिटल प्रौद्योगिकी पर भारत-फ्रांस रोडमैप के कार्यान्वयस के साथ ही भारत और फ्रांस ने सी-डैक और एटीओएस के बीच उपयोगी सहयोग के आधार पर, एक्सस्केल प्रौद्योगिकी पर अपने सहयोग को गहरा करने की इच्छा दोहराई, जिसमें सुपर कंप्यूटर बनाना शामिल है। दोनों पक्ष अधिक सुरक्षित और संप्रभु 5जी/6जी दूरसंचार प्रणालियों के लिए मिलकर काम करने पर भी सहमत हुए।

17. दोनों पक्षों ने विश्वसनीय,किफायती और कम कार्बन उत्सर्जन वाली बिजली तक पहुंच के लिए रणनीतिक जैतापुर ईपीआर परियोजना की सफलता के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि की और इसमें पिछले महीनों हुई प्रगति का स्वागत किया। दोनों पक्षों ने आने वाले महीनों में और प्रगति हासिल करने के लिए संपर्क बढ़ाने पर सहमति जताई।

18. आतंकवाद के खिलाफ सहयोग, विशेष रूप से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी का आधार है। दोनों देशों ने परदे के पीछे और सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों सहित सभी प्रकार के आतंकवाद की कड़ी निंदा की। उन्होंने वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होकर काम करने के अपने संकल्प को दोहराया, जिसमें आतंकवाद के वित्तपोषण , कट्टरपंथ और हिंसक उग्रवाद का मुकाबला करना, आतंकवादी या हिंसक चरमपंथी उद्देश्य के लिए इंटरनेट के दुरुपयोग को रोकना, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आंतकी संगठनों और व्यक्तियों के रूप में प्रतिबंधित किए गए संगठनों और व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करना शामिल है। दोनों पक्षों ने 2022 में भारत द्वारा आयोजित होने वाले "नो मनी फॉर टेरर" अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के तीसरे संस्करण के लिए सक्रिय रूप से समन्वय करने की इच्छा व्यक्त की।

जलवायु, स्वच्छ ऊर्जा और सतत विकास

19. पेरिस समझौते को अपनाने और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की संयुक्त शुरुआत के सात साल बाद, जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए भारत और फ्रांस की प्रतिबद्धता शमन और अनुकूलन दोनों पर पहले से कहीं अधिक मजबूत हुई है। चूंकि अक्षय ऊर्जा की दिशा में कदम बढ़ाना इस संक्रमण काल के प्रमुख समाधानों में से एक है, भारत और फ्रांस ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के उद्देश्यों के लिए दिए जा रहे अपने निरंतर समर्थन को दोहराया। भारत और फ्रांस ने अक्षय ऊर्जा और सस्ती और टिकाऊ ऊर्जा तक पहुंच के काम में तेजी लाने के लिए जी-7 के तहत संयुक्त रूप से ऊर्जा संक्रमण मार्गों पर संयुक्त रूप से काम करने के अवसरों का पता लगाने पर भी सहमति व्यक्त की। स्वच्छ ऊर्जा के प्रति इस प्रतिबद्धता में एक कदम आगे बढ़ते हुए, भारत ने फ्रांस को अपने राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन के तहत देश को हरित हाइड्रोजन हब बनाने की पहल में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। दोनों पक्षों ने औद्योगिक भागीदारी को और मजबूत बनाने के लिए ऐसे हाइड्रोजन के विनियमन, प्रमाणन और मानकीकरण से संबंधित पहलुओं सहित डीकार्बोनाइज्ड हाइड्रोजन पर सहयोग को बढ़ावा देने के लिए उत्सुकता जताई और इसके लिए जल्द ही एक रोडमैप को अंतिम रूप देने पर सहमत हुए। दोनों पक्ष एक एकीकृत आपूर्ति श्रृंखला के साथ एशियाई और यूरोपीय बाजारों में आपूर्ति के लिए अपनी सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता को सुदृढ़ करने के लिए औद्योगिक भागीदारी स्थापित करने के लिए मिलकर काम करने पर भी सहमत हुए।

20. भारत और फ्रांस ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लगातार वित्तीय मदद पहुंचाने में समर्थन बढ़ाने के लिए एएफडी और इंडिया एक्ज़िम बैंक द्वारा किए गए प्रयासों का स्वागत किया और इस क्षेत्र में अपने सहयोग को तेज करने पर सहमत हुए। इस साल फरवरी में अपनाया गया "इंडो-पैसिफिक पार्क पार्टनरशिप" संरक्षित क्षेत्रों और प्राकृतिक पार्कों के विकास के माध्यम से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक स्थायी दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए दोनों पक्षों की साझा महत्वाकांक्षा को प्रदर्शित करता है।

21. प्लास्टिक प्रदूषण के खिलाफ लड़ने के लिए भारत और फ्रांस की साझा महत्वाकांक्षा यूएनईए की हालिया प्रगति और प्लास्टिक के पूर्ण जीवन-चक्र को संबोधित करते हुए प्लास्टिक प्रदूषण पर कानूनी रूप से बाध्यकारी अंतरराष्ट्रीय समझौते पर बातचीत शुरू करने के निर्णय में अहम रही हैं। भारत और फ्रांस संयुक्त रूप से प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने के लिए एक मजबूत और महत्वाकांक्षी कानूनी रूप से बाध्यकारी नियमों को अपनाने पर जोर देना जारी रखेंगे, लेकिन इस प्रक्रिया में राष्ट्रीय परिस्थितियों और प्लास्टिक प्रदूषण से निबटने के लिए कार्रवाई करने की क्षमता का पूरा ध्यान रखा जाएगा। दोनों पक्षों ने तत्काल और निरंतर आधार पर प्लास्टिक प्रदूषण से निपटने के लिए तत्काल सामूहिक स्वैच्छिक कार्रवाई का आह्वान किया।

22. भारत और फ्रांस ने एएफडी समूह और अन्य एजेंसियों के माध्यम से भारत के सतत शहरी विकास, जैव विविधता, ऊर्जा संक्रमण और अन्य जलवायु संबंधी परियोजनाओं के लिए फ्रांस की प्रतिबद्धता का स्वागत किया।

23. भारत और फ्रांस ने नीली अर्थव्यवस्था और महासागर शासन पर द्विपक्षीय रोडमैप को अपनाने पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि वह इसके कार्यान्वयन में तेजी लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

24. भारत और फ्रांस ने कहा कि वह संयुक्त रूप से अपने राष्ट्रीय अधिकार क्षेत्रों (बीबीएनजे) से परे समुद्री जैव विविधता के संरक्षण और सतत उपयोग पर यूएनसीएलओएस के तहत कानूनी रूप से बाध्यकारी एक अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था पर अंतर सरकारी सम्मेलन की प्रगति का समर्थन करेंगे, जो सागरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

25. दोनों पक्ष जी-20 फ्रेमवर्क के तहत मजबूत समन्वय बनाए रखने पर सहमत हुए। फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता के साथ-साथ परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत के सदस्यता के दावे के प्रति अपना दृढ़ समर्थन दोहराया।

26. भारत और फ्रांस प्रवासन और गतिशीलता पर साझेदारी समझौते के कार्यान्वयन के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं, जो 1 अक्टूबर 2021 को लागू हुआ था।

27. गैरकानूनी अप्रवासन से निपटने के अपने प्रयासों को मजबूत करते हुए छात्रों, स्नातकों, पेशेवरों और कुशल श्रमिकों के लिए आवागमन की सुविधा बढ़ाने के लिए दोनों पक्ष संयुक्त रूप से काम करना जारी रखेंगे। द्विपक्षीय स्तर पर छात्रों के एक दूसरे के यहां आने जाने के लाभों के महत्व को समझते हुए फ्रांस 2025 तक 20000 भारतीय छात्रों को अपने यहां आने देने की व्यवस्था बनाए रखेगा जिससे दोनों देशों के बीच नए व्यवसायों, स्टार्ट-अप और नवाचार के अवसर पैदा होंगे।

28. एक दूसरे की कला और संस्कृति के प्रति बढ़ती रुचि को ध्यान में रखते हुए भारत और फ्रांस ने माना की दोनों देशों के कलाकार त्योहारों और आवास जैसी परियोजनाओं में सहयोग करने के लिए काफी उत्सुक हैं। भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ मार्च 2022 से बोनजोर इंडिया फेस्टिवल के माध्यम से पूरे भारत में कई कार्यक्रमों के साथ मनाई जा रही है। भारत अपनी ओर से नमस्ते फ्रांस उत्सव का आयोजन कर रहा है। भारत पेरिस बुक फेस्टिवल-2022 में गेस्ट ऑफ ऑनर था और फ्रांस अगले नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में गेस्ट ऑफ ऑनर होगा।

29. संग्रहालय और विरासत सहयोग पर 28 जनवरी 2020 को हस्ताक्षर किए गए आशय पत्र के बाद, भारत और फ्रांस दिल्ली में एक नए राष्ट्रीय संग्रहालय के निर्माण में फ्रांस के "ज्ञान भागीदार" बनने की संभावनाओं और तौर तरीकों का पता लगाएंगे।

30. प्रधानमंत्री मोदी ने यात्रा के दौरान सहयोग के जिन क्षेत्रों का उल्लेख किया उनपर विस्तृत चर्चा करने और ​चिन्हित लक्ष्यों को प्राप्त करने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप देने के लिए राष्ट्रपति मैक्रों को उनकी सुविधानुसार जल्द से जल्द भारत आने का निमंत्रण दिया।



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