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मालदीव के विदेश मंत्री के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर की टिप्पणियाँ

मार्च 26, 2022

विदेश मंत्री महामहिम अब्दुल्ला शाहिद,
महामहिम मंत्रीगण एवं वरिष्ठ अधिकारीगण
उच्चायुक्त,

प्रिय मित्रों,


मंत्री महोदय, सबसे पहले मैं यह बताना चाहता हूं कि मालदीव के इस अनोखे और सबसे दक्षिणी द्वीप अड्डू का दौरा करना मेरे लिए कितनी खुशी और सम्मान की बात है, और मैं बहुत सौभाग्यशाली हूं कि मेरी यात्रा के अवसर पर विदेशी आगंतुकों का स्वागत करने की यह प्रथा यहां शुरू होनी चाहिए, और इसका मतलब अड्डू के साथ एक स्थायी संबंध होगा।

मैं एक साल से अधिक समय के बाद मालदीव लौटा हूं और इस बीच, वास्तव में कोविड के बावजूद हमारे संबंधों में तेजी से प्रगति हुई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह के नेतृत्व द्वारा निर्देशित, हमारे सहयोग ने वास्तव में महामारी के चक्र और पीड़ा को एक साथ देखा और झेला है।

मैं बहुत ही सफल और प्रभावी तरीके से कोविड की प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटने के लिए राष्ट्रपति सोलिह, विदेश मंत्री, आपको और मालदीव की सरकार तथा लोगों को बधाई देता हूं। आपने अपनी आबादी का टीकाकरण किया है, और आपकी अर्थव्यवस्था ने लचीलापन और सुधार दिखाया है। और मैं आपको उस उपलब्धि के लिए बधाई देता हूं।

महामारी के दौरान हमारे सहयोग ने एकजुटता प्रदर्शित की है, एकजुटता जो डिजाइन, गति, और हमारी प्रतिक्रिया के पैमाने के संदर्भ में सामने आई है। और जब मैं कोविड से निपटने के आपके मॉडल के बारे में सुनता हूं, तो ईमानदारी से, हम आपकी संतुष्टि को साझा करते हैं। कोविड-19 प्रमाणपत्रों की पारस्परिक मान्यता पर आज का समझौता उसी दिशा में एक और कदम है और यह निश्चित रूप से हमारे बीच सुविधाजनक यात्रा में योगदान देगा।

मुझे हमारी विकास साझेदारी के बारे में भी कुछ शब्द कहना चाहिए क्योंकि मुझे लगता है कि यह हमारे संबंधों का एक केंद्रीय स्तंभ है। यह एक बहुत ही पारदर्शी साझेदारी है, जो सीधे मालदीव की जरूरतों और प्राथमिकताओं से संचालित होती है – जो आज अनुदान, रियायती ऋण, बजटीय सहायता और क्षमता निर्माण एवं प्रशिक्षण सहायता के मामले में 2.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है।

मंत्री महोदय, आपने और मैंने आज हमारी द्विपक्षीय साझेदारी पर व्यापक चर्चा की। हमने विभिन्न क्षेत्रों में चल रही परियोजनाओं और पहलों का जायजा लिया। हमने सामाजिक-आर्थिक विकास, व्यापार और निवेश, और पर्यटन को देखा।

अड्डू के संबंध में, भारत कई क्षेत्रों में परियोजनाओं का समर्थन कर रहा है - बुनियादी ढांचा, पर्यटन, मछली प्रसंस्करण और स्वास्थ्य। हम कल इनमें से कुछ परियोजनाओं का उद्घाटन और शुभारंभ देखेंगे। अड्डू सड़क परियोजनाओं के साथ-साथ 4000 आवास इकाइयों, पेयजल और स्वच्छता पर भी काम शुरू हो गया है।

आपने प्रतिष्ठित ग्रेटर मेल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट के बारे में भी बात की है जिसमें वास्तव में राजधानी के परिवहन परिदृश्य को बदलने की क्षमता है। इस परियोजना पर हमने जो प्रगति की है, उसे स्वीकार करने में मुझे बहुत खुशी हो रही है और हम दो साल से भी कम समय में अवधारणा के स्तर से बढ़कर प्रारंभिक कार्यों के स्तर तक चले गए हैं, वह भी कोविड के वर्षों के दौरान। भू-तकनीकी सर्वेक्षण जारी है। मुझे उम्मीद है कि हम आने वाले महीनों में एक नया मुकाम हासिल कर सकते हैं।

मैं इस बात पर भी ध्यान दिलाना चाहूँगा कि हनीमाधू हवाई अड्डा पुनर्विकास परियोजना, MIFCO की सुविधाओं का विस्तार, क्रिकेट स्टेडियम, - जिसके बारे में हमने बात की, और सामाजिक आवास परियोजनाओं ने पिछले एक साल में कार्यान्वयन में गति देखी है।

मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि पिछले साल फरवरी में जब मैं यहां था, तब 40 मिलियन अमेरिकी डॉलर की स्पोर्ट्स लाइन ऑफ क्रेडिट की डीपीआर की घोषणा की गई थी। इस एलओसी के तहत नेशनल स्टेडियम का जीर्णोद्धार किया जाएगा और पूरे मालदीव में खेल के बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा।

विदेश मंत्री जी, आपने और मैंने क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के क्षेत्र में की गई प्रगति को स्वीकार किया है। निश्चित रूप से, राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क (एनकेएन) के शुभारम्भ में आपके साथ शामिल होकर मुझे खुशी हो रही है। और, आज पीयरिंग समझौते पर हस्ताक्षर के साथ, 1500 से अधिक भारतीय संस्थान और सिंगापुर, यूरोप तथा संयुक्त राज्य अमेरिका के कई विश्वविद्यालय और शिक्षा केंद्र अब मालदीव से जुड़ गए हैं। एनकेएन डिजिटल और शिक्षा के क्षेत्र में हमारे सर्वोत्तम क्षेत्रीय सहयोग की वास्तविक अभिव्यक्ति है।

हम अपने पर्यटन के निरंतर विकास से प्रसन्न हैं और मुझे लगता है कि हम 2020 और 2021 में पर्यटकों के शीर्ष स्रोतों में से एक रहे हैं। और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम आने वाले वर्ष में भी उस स्थिति को बनाए रखने के लिए सभी प्रयास करेंगे और हर तरह के प्रोत्साहन देंगे। हमें इस बात की भी खुशी है कि वैश्विक अनिश्चितता और अस्थिरता के समय में भी, हम मालदीव को आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति लगातार बनाए रखने में सक्षम रहे हैं।

मैं इस अवसर पर जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में मालदीव की सरकारों और जनता, दोनों के प्रयासों और महत्वाकांक्षाओं की सराहना करना चाहता हूं। भारत इस संबंध में मालदीव के साथ अपनी क्षमताओं को साझा करने के लिए तैयार है। हम पहले से ही एलओसी वित्तपोषण के माध्यम से 34 द्वीपों पर पानी और स्वच्छता सुविधाओं के विकास में लगे हुए हैं। द्वीपीय समुदायों के लिए बुनियादी नागरिक सुविधाओं का विस्तार करने के अलावा, वह परियोजना जो मालदीव में 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की लागत से चल रहे सबसे बड़े जलवायु अनुकूलन उपायों में से एक है, मुझे लगता है कि बहुत उल्लेखनीय है। हमने जलवायु परिवर्तन और नवीकरणीय ऊर्जा विकास को कैसे आगे बढ़ाया जाय, इस पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

हमने क्षेत्रीय सुरक्षा और समुद्री सुरक्षा के मुद्दों पर भी चर्चा की है, मुझे लगता है कि अंतरराष्ट्रीय अपराधों और आतंकवाद एवं मादक पदार्थों की तस्करी का खतरा वास्तव में बहुत गंभीर है। इस संदर्भ में, मुझे यह देखकर बहुत खुशी हो रही है कि इसमें हमारी क्षमता निर्माण और सहयोग व प्रशिक्षण का विस्तार हुआ है। मुझे लगता है कि यह हम दोनों के लिए है, और हमारी रक्षा व सुरक्षा को मजबूत करता है।

मुझे लगता है कि, नेशनल कॉलेज ऑफ पुलिसिंग एंड लॉ एनफोर्समेंट (NCPLE), जिसका कल उद्घाटन किया जाएगा, के लिए कुछ विशेष शब्दों का उल्लेख किया जाना चाहिए। यह मालदीव में और ग्रेटर मेल कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट से पहले हमारी सबसे बड़ी अनुदान वित्त पोषित परियोजना है। यह मालदीव पुलिस सेवा (एमपीएस) को अपने अधिकारियों को प्रशिक्षित करने और आने वाले वर्षों में अपराध से लड़ने की उनकी क्षमता को बढ़ाने में सहायता करेगा। हम मालदीव पुलिस और हमारी राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के बीच क्षमता निर्माण के लिए एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर कर रहे हैं। कल, हम औपचारिक रूप से तटीय राडार प्रणाली भी सौंपेंगे जो पहले से ही चालू है और समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने में मदद करेगी।

आपने आज मेरे ध्यान में टूना निर्यात का मुद्दा लाया है, और मैंने आपको बताया था कि मैं अपने व्यापार मंत्री का ध्यान इस ओर आकर्षित करूंगा, यह ऐसा मामला नहीं है जिस पर पहले हमारा सामूहिक ध्यान गया था। लेकिन मैं आपको विश्वास दिलाता हूं, जब मैं वापस जाऊंगा, तो निश्चित रूप से इसे बहुत ध्यान से देखूंगा।

अंत में, मैं इस बात पर जोर देना चाहूंगा कि समय की कसौटी पर खरा उतरा हमारा संबंध आज एक बड़ी छलांग लगाने के लिए तैयार है। हम अपने लोगों के जीवन को जिस तरह से छू रहे हैं वैसा हमने पहले कभी नहीं किया। हम विकास में भागीदार हैं, हम शांति और सुरक्षा को बढ़ावा दे रहे हैं, और हमारे संबंध, कई मायनों में, इस क्षेत्र के लिए एक मॉडल के रूप में कार्य करते हैं।

यह एक ऐसी साझेदारी है जो अपने हितधारकों- हमारे देशों के नागरिकों- के लिए अच्छे और बुरे दोनों समय में काम करती है। यह एक साझेदारी है जो क्षेत्रीय विकास की सामान्य चुनौतियों से निपटती है, जो व्यवधानों और आपदाओं को संबोधित करती है। यह एक ऐसी साझेदारी है जो इस क्षेत्र में स्थिरता के लिए एक ताकत है। और, इसे पोषित करना, इसे मजबूत करना और इसे आगे ले जाना हमारी साझा जिम्मेदारी है। और मैं इस अवसर का उपयोग आपको आश्वस्त करने के लिए करना चाहता हूं कि हम इस संबंध को आगे बढ़ाने के लिए बहुत दृढ़ता से प्रतिबद्ध हैं और अड्डू में आना विशेष रूप से इस संदेश को प्रसारित करने का एक प्रभावी तरीका रहा है।

एक बार फिर, बहुत-बहुत धन्यवाद।



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