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मॉरीशस में भारतीय समुदाय को विदेश मंत्री का संबोधन

फरवरी 23, 2021

उच्चायुक्त नंदिनी सिंगला,
वाणिज्य सचिव अनूप वधावन,
विभिन्न सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों के प्रिय मित्रों,
व्यवसायिक समुदाय के सदस्य,
भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के प्रतिनिधि,
भारतीय मित्र, प्रवासी भारतीय,
नमस्ते, वणक्कम, वंदनम्, सुसंध्या!


मैंने एक राजनयिक के रूप में अपने लंबे करियर में और अब विदेश मंत्री के रूप में कई देशों की यात्रा की है, लेकिन मुझे आपसे कहना होगा कि मॉरीशस का दौरा हमेशा अलग होता है, यह वास्तव में ऐसा लगता है कि मानो घर आ गया हूं। जब भी मैं आपके इस खूबसूरत देश में आता हूं, मुझे हमारे करीबी संबंधों का एहसास होता है। आज आप लोगों के बीच यहां मौजूद होना, जो अपनी भारतीय जड़ों और परंपराओं को इतनी जीवंतता से संजोएं और जुड़े हुए हैं, एक ऐसा अनुभव है जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। चाहे महाशिवरात्रि हो, या कवड़ी थिपुसुम हो, या फिर गणेश चतुर्थी या होली हो, आपने अपने विश्वास एवं उत्साह को जीवंत बनाये रखा है। इसी तरह, चाहे गैट्यू पैंमेंट (गट्टे की सब्जी) हो या दाल-पूरी हो, मैं यहां आने पर हर बार भारत के जायके का स्वाद ले सकता हूं। और मैं ऐसा ही अनुभव मॉरीशस रेडियो और टीवी पर आने वाले हिंदी समाचारों में और गीत-गवई की धुन में भी करता हूं; और ऐसा ही अनुभव रंगीन साड़ियों, कपड़े, नृत्य, संगीत में भी देखने को मिलता है, जिनमें से कुछ का साक्षी होने का हमें अवसर मिला।

2. ऐसा इसलिए ऐसा संभव हो सका है, क्योंकि आपने अपनी मातृभाषा, अपने त्योहारों, अपनी परंपराओं और अपने जीवन जीने के तरीके को संरक्षित रखा और बढ़ावा दिया है। जैसा कि उच्चायुक्त ने कहा, मॉरीशस दुनिया का एकमात्र ऐसा देश है जहां हजारों सामाजिक-सांस्कृतिक भारतीय संगठन मौजूद हैं, और आप में से कई, आज यहां उनका प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। आप जीवन देने वाले नाभि-रज्जु की तरह कार्य करते हैं जो हमारे साझा सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विरासत को पोषित व जीवित रखता है और उन्हें भावी पीढ़ियों तक पहुंचाता है। जब मैंने मॉरीशस के राष्ट्रपति को फोन किया, तो उन्होंने मुझे बातों-बातों में यह बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारे संबंधों को एक बार "सुपर स्पेशल" बताया था, और आज मुझे इस बात पर कोई आश्चर्य नहीं है, और इसकी वजह आप लोग हैं।

3. इसलिए, न केवल इस खूबसूरत देश में अपनी पैतृक यादों को जीवंत रखने के लिए, बल्कि शांति, बहुलवाद, साझा प्रगति और सार्वभौमिक भाईचारे जैसे भारत के मूल्यों का एक बेहतरीन उदाहरण बनने के लिए भी भारत की जनता और सरकार की ओर से, मैं आज आप सभी को धन्यवाद देना चाहूंगा। दूसरे शब्दों में, हम "वसुधैव कुटुम्बकम” यानि "दुनिया एक परिवार है” में विश्वास करते हैं। आज ये मूल्य, ये मान्यताएं पहले से कहीं अधिक वास्तविक हैं। भारत ने कोविड-19 के कठिन समय में 74 से अधिक देशों को वैक्सीन की आपूर्ति करके और दुनिया के सभी संयुक्त राष्ट्र के शांति सैनिकों को वैक्सीन लगाने की प्रतिबद्धता जताते हुए, ऐसा दर्शाया भी है। और यह हमारी वैक्सीन मैत्री पहल के तहत किया गया है। हमारे सबसे करीबी दोस्तों और साझेदारों में से एक मॉरीशस के लिए, जैसे ही हमारे यहां टीकाकरण कार्यक्रम शुरू होगा, हम उन्हें वैक्सीन उपहार स्वरुप देंगे। मॉरीशस सरकार के अनुरोध पर, हमने 100,000 और वैक्सीन की आपूर्ति की है। और मैंने प्रधानमंत्री को आश्वासन दिया है कि भारत यह सुनिश्चित करेगा आने वाले हफ्तों में मॉरीशस की वैक्सीन से जुड़ी आवश्यकताएं पूरा हों। मैं आपको बताना चाहूंगा कि, भारत हर अच्छे और बुरे वक्त में मॉरीशस के साथ हमेशा खड़ा रहा है।

4. हमारे संबंध रक्त व अपनापन, धर्म व संस्कृति, भाषा व परंपरा पर आधारित हैं और ये हमारे लंबे समय से जारी संबंधों की नींव हैं। आज, हमने अपने संबंधों को नींव पर बनाया है और अधिक समकालीन साझेदारी का निर्माण किया है। यह हमारे साझा मूल्यों - लोकतंत्र, बहुलवाद, व्यक्तिगत स्वतंत्रता, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व एवं साझा समृद्धि - वाले दो राष्ट्रों में भी स्पष्ट तौरपर पर नज़र आते हैं। ये साझा मूल्य न केवल यह तय करते हैं कि हम आज क्या हैं, बल्कि वे यह भी तय करते हैं कि हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को किस तरह की दुनिया देना चाहते हैं। मॉरीशस और भारत दोनों ही आज एक ऐसी शांतिपूर्ण और सुरक्षित दुनिया चाहते हैं, जो कि कानून के नियमों और देशों की संप्रभुता व अखंडता के सम्मान पर आधारित हो; जहां ऐसी लोकतांत्रिक एवं न्यायसंगत वैश्विक व्यवस्था हो, जिसमें सभी देश और इसमें रहने वाले लोग समृद्ध हो सकें; और यह पर्यावरणीय रूप से स्थायी ग्रह हो, जिसमें हर तरह के जीवन को बढ़ावा मिल सके। इसलिए अपने साझा अतीत के साथ मॉरीशस और भारत आज अपने वर्तमान को बेहतर बनाने हेतु साथ मिलकर काम करने वाले मजबूत भागीदारों; और अपने भविष्य को आशाजनक बनाने हेतु एक ही टीम के सदस्यों के रूप में सभ्यतावादी संबंधों के माध्यम से पूरी तरह से एकजुट हैं।

5. यह प्रतिबद्धता हमारे संयुक्त विकास साझेदारी परियोजनाओं में दिखाई देती है, जिन्हें कई भारतीय नेताओं के सम्मान में बनाया गया है, जैसे कि-महात्मा गांधी संस्थान, या स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर। सुप्रीम कोर्ट का नया भवन, ईएनटी अस्पताल और मेट्रो एक्सप्रेस भारत द्वारा समर्थित बड़ी परियोजनाओं में से हैं। और यही प्रतिबद्धता भारत के सहयोग से बनी सामाजिक आवास इकाइयों में भी देखने को मिलती है, जिसमें मॉरीशस के स्कूली बच्चों के बीच बढ़ते डिजिटल डिवाइड को दूर करने हेतु इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज प्रदान किया जाता है। यह ध्यान देने योग्य बात है कि भारत की आधिकारिक भाषा हिंदी को दुनिया भर में बढ़ावा देने के उद्देश्य बनाया गया विश्व हिंदी सचिवालय मॉरीशस में बना है, और यह हमारे समृद्ध संबंधों का प्रतीक है। अभी हम जिस सेंटर में हैं, वह भी भारत का सबसे बड़ा सांस्कृतिक केंद्र है। दुनिया भर में करीब 2,600 से अधिक मॉरीशस के छात्र विभिन्न भारतीय कलाओं और सांस्कृतिक परंपराओं को सीख रहे हैं। यह भी हमारे संबंधों को दर्शाता है। आज हमने जो खूबसूरत प्रदर्शन देखें, वो भी हमारे विशेष जुड़ाव को दिखाते हैं।

6. क्योंकि आज हम अपने साझा अतीत का जश्न मना रहे हैं, इसलिए मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि वर्तमान में हमारे बीच का सहयोग, और भविष्य हेतु हमारी साझेदारी, हर गुजरते दिन के साथ और अधिक सुदृढ़ होती जा रही है। कल, हमने व्यापक आर्थिक भागीदारी सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसे सीईसीपीए के रूप में जाना जाता है। यह भारत द्वारा किसी अफ्रीकी देश के साथ हस्ताक्षर किया गया पहला व्यापार समझौता है, जो यह दिखाता है कि मॉरीशस हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है। हम सीईसीपीए के माध्यम से माल एवं सेवाओं के साथ-साथ निवेश में दो तरफा व्यापार को बढ़ावा देने अवसरों के खुलने को लेकर काफी उत्साहित है, जिनकी हमारी कोविड से उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं को बहुत जरुरत है। इससे पहले आज, मैं वाणिज्य सचिव और मेरे अन्य सहयोगियों से मिला, मैंने मॉरीशस के व्यापार से जुड़े अग्रणी नेताओं से मुलाकात की और उनके साथ मॉरीशस में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने और इसे "अफ्रीका का हब" बनाने में सीईसीपीए कैसे योगदान दे सकता है, इसपर चर्चा की।

7. हिंद महासागर क्षेत्र और उसके बाहरी क्षेत्रों शांति एवं समृद्धि की हमारी साझा प्रतिबद्धता को देखते हुए, हमने मॉरीशस को एयरक्राफ्ट, हेलीकॉप्टर और रक्षा से जुड़े अन्य साधन खरीदने में सक्षम बनाने हेतु 100 मिलियन डॉलर के सॉफ्ट लोन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे समुद्री सुरक्षा बढ़ाने में मदद मिलेगी। मुझे इस बात की खुशी है कि भारत ने भारतीय वायु सेना के विमान, विशेष उपकरण एवं विशेषज्ञ दल प्रदान करके दुर्भाग्यपूर्ण वकाशियो निस्तारण व तेल रिसाव संबंधी रोकथाम अभियानों में मदद की। भारत हमेशा एक ऐसा "विश्वसनीय व भरोसेमंद दोस्त" रहेगा जिसपर मॉरीशस हमेशा भरोसा कर सकता है। हम हमेशा की तरह अनिश्चित दुनिया की मौजूदा चुनौतियों से निपटने में समुद्री निगरानी और सुरक्षा के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मॉरीशस की खुद की क्षमताओं को बढ़ाने का समर्थन करेंगे। लगभग 50 वर्षों में बने इस आपसी विश्वास से भविष्य के प्रयासों में और भी अधिक आत्मविश्वास पैदा होगा।

8. आगे बढ़ते हुए, हमारे बीच कई महत्वाकांक्षी योजनाएं और कई नई परियोजनाएं हैं, जो आने वाले कुछ महीनों में शुरू होंगी। इसमें मॉरीशस में भारत का पहला सौर ऊर्जा संयंत्र, नया सिविल सेवा कॉलेज, फोरेंसिक प्रयोगशाला, नया पुस्तकालय एवं अभिलेखागार, जवाहरलाल नेहरू अस्पताल में रेनल ट्रांसप्लांट यूनिट, नया मेडिक्लिनिक्स एवं एरिया हेल्थ सेंटर और पानी की आपूर्ति पाइप को बदलने की परियोजना शामिल है। हालांकि ये भौतिक रूप से दिखाई देने वाली परियोजनाएं हैं जिन्हें जल्द ही अमल में लाना होगा, लेकिन इससे राजनीतिक, आर्थिक, सांस्कृतिक, लोगों-से-लोगों के संपर्क और वैश्विक मामलों में भी सहयोग का बढ़ना तय है।

9. पांच दिन पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 प्रबंधन पर आयोजित एक वर्चुअल कार्यशाला में हमारे पड़ोस के दस चुनिंदा देशों के विशेषज्ञों को संबोधित किया, जिसमें मॉरीशस भी शामिल था, और स्वास्थ्य से जुड़ी आपात स्थिति के दौरान त्वरित यात्रा में उन्हें सक्षम करने के लिए डॉक्टरों और नर्सों के साथ-साथ क्षेत्रीय एयर एम्बुलेंस गतिविधियों के लिए एक विशेष वीजा योजना का सुझाव दिया। उन्होंने कोविड के वैक्सीन की प्रभावशीलता से जुड़े आंकड़ों के संकलन और विश्लेषण के लिए एक क्षेत्रीय मंच और भविष्य की महामारियों को रोकने के लिए टेक्नॉलॉजी-सहायता प्राप्त एपिडेमियोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए एक क्षेत्रीय नेटवर्क बनाने का भी प्रस्ताव रखा। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि, यदि 21वीं सदी को एशियाई सदी बनाना है; तो ऐसा दक्षिण एशिया और हिंद महासागर के देशों के बीच अधिक एकीकरण के बिना संभव नहीं हो सकता। इससे भारत और मॉरीशस के लिए आने वाले वर्षों में एक साथ मिलकर काम करने के अवसर खुल सकते हैं।

दोस्तों,

10. जब भी मैं मॉरीशस की यात्रा पर आता हूं, तो मुझे भारतीय प्रवासी और आप जैसे मॉरीशस के लोगों की भारत के विकास और समृद्धि में सहयोग की बात बहुत अभिभूत करती है। मुझे मॉरीशस में आज भारतीय उच्चायोग के एक नए व प्रभावशाली परिसर का उद्घाटन करने अवसर मिला और मैं आभारी हूं कि प्रधानमंत्री भी इस अवसर पर मौजूद रहें। कई दशकों तक किराए के परिसर में काम करने के बाद, भारत के पास अब एक आधुनिक, ऊर्जा-कुशल और पर्यावरण के अनुकूल नया कार्यालय एवं आवासीय परिसर होगा। यह प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भ भारत के विजन - एक ऐसा भारत जो आत्मनिर्भर हो और साथ ही अपनी क्षमताओं, अपनी सफलताओं और अपनी समृद्धि को दुनिया के साथ साझा करने हेतु हमेशा तैयार हो, को बहुत सुक्ष्म लेकिन महत्वपूर्ण तरीके से दर्शाता है। एक ऐसा भारत जो न केवल दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र हो, बल्कि इस साल 11.5% की दर के संभावित विकास के साथ दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी हो; अरबों युवाओं की जनसंख्या वाला ऐसा भारत जो सफलता की ऊंचाई पर पहुंचने के लिए उत्सुक हो; और एक ऐसा भारत जो प्रधानमंत्री मोदी के हिंद महासागर क्षेत्र के सागर विज़न - "क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा एवं विकास" में विश्वास रखता हो।

11. भारत के विकास की इस रोमांचक यात्रा में, हमारे प्रवासी भारतीय महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय मूल के 200 से अधिक व्यक्ति दुनिया के 15 देशों में शीर्ष नेतृत्व के पदों पर काबिज हैं। हालांकि मॉरीशस इसमें एक उदाहरण स्थापित करता है। हमारे राष्ट्र-निर्माण में आपका अमूल्य योगदान; भारत व इस क्षेत्र के देशों के बीच एक 'जीवित पुल' के रूप में आपकी भूमिका और आपकी कड़ी मेहनत, योग्यता एवं आत्मसात द्वारा अर्जित प्रतिष्ठा; ने दुनिया के विभिन्न हिस्सों में भारत को सम्मान दिखाने में मदद की है। भारत माता की सेवा में आपके उत्कृष्ट योगदान के लिए, मैं समस्त भारतवासियों की ओर से आप सभी को धन्यवाद देता हूं। मैं आपको और यहां मौजूद सभी सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों और व्यवसायों, और जिन तक भी यह संदेश पहुंचें; उन्हें अपने विचार, प्रस्ताव, सुझाव, प्रतिक्रिया हम तक पहुंचाने के लिए आमंत्रित करता हूं, जिससे हमें इस साझा पथ पर आगे बढ़ने में मदद मिल सकती है।

12. भारत की तरह, मॉरीशस भी इसका शानदार उदाहरण है कि कैसे एक बहु-जातीय, बहु-भाषाई और बहु-धार्मिक देश न केवल एक जीवंत व सफल लोकतंत्र वाला देश बन सकता है, बल्कि एक संपन्न, उच्च प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्था भी बन सकता है। कच्चे माल, पूंजी का अभाव, बाजारों तक पहुंच से संबंधी सभी तमाम बाधाओं के बावजूद, मात्र 52 वर्षों में एक गरीब एकल फसल वाले देश को एक उच्च आय वाले देश में बदलने की चमत्कारी उपलब्धि हासिल करने में मॉरीशस के लोगों के नेतृत्व, कड़ी मेहनत, धैर्य व दृढ़ संकल्प की भारत सराहना करता है। आज, सर्वोच्च मानव विकास सूचकांक; समूचे महाद्वीप में व्यापार करने के सबसे उपयुक्त स्थान और ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार उच्चतम पारदर्शिता के साथ मॉरीशस को अफ्रीका का अग्रणी लोकतंत्र माना जाता है। मॉरीशस ने दुनिया को दिखाया है कि अच्छी मानव पूंजी से कुछ भी संभव है, और भारत के सभी लोग आपकी इसके लिए सराहना करते हैं।

13. आप में से कई लोग शायद जानते होंगे कि, हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मॉरीशस के साथ विशेष जुड़ाव रहा है। सक्रिय राजनीति में आने से पहले भी वो कई बार मॉरीशस का दौरा कर चुके हैं और इस देश से उनका गहरा लगाव है। उन्होंने आपको और आपके परिवारों को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं एवं बधाई दी हैं। और उनके साथ-साथ मैं भी आप सभी को महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं, और आशा करता हूं कि साल 2021 में स्थिति सामान्य होगी, आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा, और जीवन में प्रसन्नता आयेगी और जैसा कि उच्चायुक्त ने कहा, 'मास्क से छुटकारा' मिलेगा। जैसा कि हम भारत में कहते हैं, "सर्वे जन सुखिनः भवन्तु" यानि "सभी समृद्ध हों और सभी प्रसन्न रहें।"

धन्यवाद।
जय हिन्द!

जय मॉरीशस!


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