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74-यूएनजीए - जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन (23 सितंबर, 2019)

सितम्बर 23, 2019

नौ क्षेत्रों में संभावित दूरगामी महत्वाकांक्षी समाधानों की घोषणा करने के लिए न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासचिव के जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन में आज सरकार, व्यापार और नागरिक समाज के नेता शामिल हुए: ये हैं - नवीकरणीय ऊर्जा के लिए एक वैश्विक परिवर्तन; स्थायी और लचीली आधारभूत संरचनाओं और शहरों; स्थायी कृषि और जंगलों एवं महासागरों का प्रबंधन; जलवायु प्रभावों के लिए लचीलापन और अनुकूलन; और निवल शून्य अर्थव्यवस्था के साथ सार्वजनिक और निजी वित्त का संरेखण। शिखर सम्मेलन से यह उम्मीद की जा रही है कि वह जड़ता से निकाल कर गति, कार्रवाई और वैश्विक प्रभाव में एक महत्वपूर्ण मोड़ लाएगा।

संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि विश्व द्वारा जलवायु परिवर्तन को विज्ञान द्वारा निर्धारित स्तरों – अधिक से अधिक 1.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि - पर रखने के लिए अपने प्रयासों को तीन से पांच गुना के बीच बढ़ाने की आवश्यकता होगी और विश्व भर में पहले से हो रहे जलवायु नुकसान को बढ़ाने से बचाना होगा । पेरिस समझौता देशों को अपने सकारात्मक कार्यों को लगातार जारी रखने के लिए एक स्वतंत्र अप्रतिबंधित ढांचा प्रदान करता है, और आज के शिखर सम्मेलन में दिखाया गया है कि दुनिया भर की सरकारें, व्यवसाय और नागरिक कैसे चुनौती के लिए तैयार हैं ।

यह शिखर सम्मेलन पेरिस समझौते के तहत अपनी प्रतिबद्धताओं को बढ़ाने और मध्य शताब्दी तक अनिवार्य रूप से उत्सर्जन को ख़त्म करने की दिशा में काम करने के लिए सरकार, व्यापार और नागरिक समाज के प्रयासों को प्रदर्शित करने के लिए बनाया गया है। 70 से अधिक प्रमुख घोषणाओं में से कई, ऐसे ठोस तरीके दिखाती हैं जिनसे देश, उन आवश्यक तकनीकी और वित्तीय सहायता को प्राप्त करके, जिनकी उनमें से कई को जरूरत है, जलवायु परिवर्तन के लिए बेहतर अनुकूलन और उत्सर्जन को कम कर सकते हैं । शिखर सम्मेलन के प्रतिभागियों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन को 1.5 ° C तक सीमित करने के लिए, कार्रवाई अभी शुरू करने की आवश्यकता है।

कई देशों ने अपने अगले चरणों को प्रदर्शित करने के लिए शिखर सम्मेलन का उपयोग किया कि वे 2030 तक सामूहिक रूप से उत्सर्जन को कम से कम 45 प्रतिशत तक कम करने और मध्य शताब्दी तक कार्बन तटस्थता प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय रणनीति तैयार करने के उद्देश्य से कैसे 2020 तक अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) को अपडेट करेंगे ।

प्रधान मंत्री मोदी, जो शिखर सम्मेलन में शुरुआती वक्ताओं में से एक थे, ने रेखांकित किया कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वैश्विक क्रियाएं पर्याप्त नहीं हैं । उन्होंने एक व्यापक दृष्टिकोण का आह्वान किया जो शिक्षा, मूल्यों, जीवन शैली और विकासात्मक दर्शन पर जोर देता है। उन्होंने व्यवहारिक परिवर्तन लाने के लिए जन आंदोलन का आह्वान किया।

उन्होंने कहा कि भारत मात्र एक भाषण के लिए नहीं बल्कि व्यावहारिक दृष्टिकोण और रोडमैप के साथ शिखर सम्मेलन में भाग ले रहा था। महात्मा गांधी द्वारा कार्य करने पर बल देने को याद करते हुए, प्रधान मंत्री मोदी ने कहा कि "एक छटांक अभ्यास एक मन उपदेश से अधिक होता है"।

उन्होंने कहा कि भारत 2030 तक 400 गीगावॉट से अधिक के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य प्राप्त करने का प्रयास करेगा, बिजली की गतिशीलता को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम लागू करेगा, पेट्रोल और डीजल में जैव ईंधन के अनुपात को बढ़ाएगा और कंप्रेस्ड जैव गैस के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करेगा।

प्रधान मंत्री मोदी ने स्वच्छ रसोई गैस पहल की सफलता के बारे में भी बात की, जिसने 150 मिलियन परिवारों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों के जीवन को सकारात्मक रूप से प्रभावित किया। उन्होंने जल संकट की स्थिति को सुलझाने के लिए लक्षित "जल संरक्षण अभियान" का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत जल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए लगभग 50 बिलियन डॉलर खर्च करेगा।

प्रधान मंत्री ने अवसंरचना को आपदा निवारक बनाने के लिए देशों की सहायता करने के लिए आपदा रोधी अवसंरचना गठबंधन भी शुरू किया। उन्होंने सभी सदस्य राज्यों को गठबंधन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया।

"उद्योग परिवर्तन ट्रैक" के तहत, भारत और स्वीडन के सह नेतृत्व में अन्य साझेदारों के साथ जलवायु कार्रवाई शिखर सम्मेलन के हिस्से के रूप में, पीएम ने "लीडरशिप ग्रुप" के शुभारंभ की घोषणा की, जो प्रौद्योगिकी नवाचार के क्षेत्र में सहयोग के लिए और उद्योग के लिए कम कार्बन के रास्ते विकसित करके सरकारों और निजी क्षेत्र को अवसरों के लिए एक मंच प्रदान करेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत ने सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग समाप्त करने के लिए जन-आंदोलन का आह्वान किया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि भारत के प्रयासों से वैश्विक स्तर पर सिंगल यूज प्लास्टिक के हानिकारक प्रभावों के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद मिलेगी।

जलवायु कार्रवाई पर जोर देते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा कि अपनी चेष्टा के संकेत के रूप में, भारत 1 मिलियन अमरीकी डॉलर की लागत से छत सौर पैनल स्थापित कर संयुक्त राष्ट्र भवन को हरित बना रहा है। इसका औपचारिक उद्घाटन महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती स्मारक समारोह में होगा, जिसकी मेजबानी प्रधानमंत्री मोदी 24 सितंबर 2019 को करेंगे।

न्यूयॉर्क
23 सितंबर, 2019



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