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प्रश्न संख्या 1321- ग्लोबल साउथ के लिये भारत का समर्थन

फरवरी 09, 2024

लोकसभा
अतारांकित प्रश्न संख्या 1321
दिनांक 09.02.2024 को उत्तर दिए जाने के लिए

ग्लोबल साउथ के लिये भारत का समर्थन

1321. श्री हँसमुखभाई एस. पटेलः
श्री खगेन मुर्मुः

क्या विदेश मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे किः

(क) ग्लोबल साउथ के मुद्दे को आगे बढ़ाने के लिए भारत द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं; और

(ख) ग्लोबल साउथ के लिए प्रासंगिक मुद्दों के लिए भारत के समर्थन के बारे में विकासशील और विकसित देशों की धारणा और उन पर प्रभाव क्या हैं?

उत्तर
विदेश राज्य मंत्री
[डॉ राजकुमार रंजन सिंह]

(क) और (ख) भारत हमेशा साथी विकासशील देशों की जरूरतों और आकांक्षाओं पर ध्यान देने के लिए प्रतिबद्धरहा है और विकासशील देशों के समग्र मानव-केंद्रित विकास के उद्देश्य का रचनात्मक रूप से समर्थन करता रहा है।इसे ध्यान में रखते हुए, भारत सरकार ने ग्लोबल साउथ के देशों के बीच आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए कईकदम उठाए हैं जिनमें शामिल हैं:

 स्वास्थ्य, आवास, पर्यावरण और शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर अवसंरचना के विकास सेलेकर समुदाय से संबंधित परियोजनाओं तक कनेक्टिविटी और आर्थिक अंतर-संबंधों को बढ़ाना।

 साझेदार देशों को आर्थिक चुनौतियों को कम करने और संकटों से उबरने में सहायता के लिए वित्तीय,बजटीय और मानवीय सहायता प्रदान करना।

 छात्रों और पेशेवरों को छात्रवृत्ति और प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करके ग्लोबल साउथ में क्षमता निर्माण औरकौशल विकास में योगदान देना।

इसके अलावा, प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण के अनुरूप, कि भारत की जी20 अध्यक्षता को ग्लोबल साउथ में साथीभागीदारों के परामर्श से आकार दिया जाएगा, भारत ने 12-13 जनवरी 2023 को आभासी प्रारूप में दो दिवसीयवॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन की मेजबानी की। भारत ने17 नवंबर 2023 को दूसरे वॉयस ऑफग्लोबल साउथ समिट की फिर से वर्चुअल प्रारूप में मेज़बानी की । अपनी जी20 अध्यक्षता के दौरान, भारत नेयह सुनिश्चित करने के लिए काम किया कि ग्लोबल साउथ की चिंताओं और प्राथमिकताओं को जी20 के विभिन्नकार्यक्षेत्रों में उचित संज्ञान मिले, और सबसे गंभीर समकालीन वैश्विक चुनौतियों का समाधान खोजने में उन्हें उचितरूप से ध्यान में रखा जाए।

09-10 सितंबर 2023 को नई दिल्ली जी20 शिखर सम्मेलन में भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान जी20 मेंस्थायी सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ को शामिल करना और जी20 सदस्य देशों द्वारा सर्वसम्मति से अपनाई गईजी20 नई दिल्ली नेताओं की घोषणा और विकासशील देशों के लिए प्रासंगिक मुद्दों का, भारत का विकासशील औरविकसित देशों पर प्रभाव इस धारणा का प्रतिबिंब है।

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