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भूटान के प्रधानमंत्री ल्योंचेन शेरिंग टोबगे द्वारा भारत के आधिकारिक दौरे के संबंध में संयुक्त वक्तव्य

मार्च 16, 2024

साझा समृद्धि के लिए भारत-भूटान साझेदारी

प्रधानमंत्री श्री. नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर, भूटान के प्रधानमंत्री महामहिम शेरिंग टोबगे अपनी पत्नी महामहिम ताशी डोमा के साथ 14-18 मार्च 2024 तक के लिए भारत के आधिकारिक दौरे पर हैं। जनवरी 2024 में पदभार संभालने के बाद प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे का यह प्रथम विदेश दौरा है।

2. प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे के साथ, विदेश मामलों और विदेश व्यापार मंत्री ल्योनपो डी.एन. धुंगयेल, ऊर्जा और प्राकृतिक संसाधन मंत्री ल्योनपो जेम शेरिंग, उद्योग, वाणिज्य और रोजगार मंत्री ल्योनपो नामग्याल दोरजी के अलावा भूटान की शाही सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी आए हैं।

3. प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे ने भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू से भेंट की और प्रधानमंत्री श्री. नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय सहयोग और पारस्परिक हित के क्षेत्रीय मुद्दों के पूरे विस्तार पर चर्चा की। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री. आर.के. सिंह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री. अजीत डोभाल ने भी भूटान के प्रधानमंत्री से भेंट की।

4. दोनों प्रधानमंत्रियों ने इसे रेखांकित किया कि भारत और भूटान के बीच अनुकरणीय मैत्रीपूर्ण संबंध दोनों भागीदारों के लिए, और क्षेत्र के लिए सशक्तिकरण का एक स्रोत हैं। अप्रैल और नवंबर 2023 में महामहिम द्वारा भारत के आधिकारिक दौरों का स्मरण करते हुए, दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बीच मौजूद दीर्घकालिक और असाधारण द्विपक्षीय संबंधों को और प्रगाढ़ बनाने के अपने संकल्प की पुष्टि की।

5. कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद, 12वीं पंचवर्षीय योजना (एफवाईपी) के सफल क्रियान्वयन के लिए भूटान के नागरिकों और शाही सरकार को प्रधानमंत्री मोदी ने बधाई दी, इसके अलावा दिसंबर 2023 में, सबसे कम विकसित देशों की श्रेणी से बाहर निकलने के लिए भी भूटान को बधाई दी। प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे ने भूटान की 12वीं पंचवर्षीय योजना के लिए 5000 करोड़ रुपये की विकास सहायता के लिए भारत सरकार को धन्यवाद दिया, जिसने भूटान के नागरिकों के सामाजिक-आर्थिक कल्याण में बहुत योगदान दिया है।

6. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महामहिम नरेश के दृष्टिकोण और नागरिकों तथा भूटान की शाही सरकार की प्राथमिकताओं के अनुरूप उच्च आय वाला राष्ट्र बनने की दिशा में भूटान के प्रयासों में साझेदारी करने के लिए भारत प्रतिबद्ध है।

7. प्रधानमंत्री मोदी ने आर्थिक प्रोत्साहन कार्यक्रम के अनुरोध पर विचार करने के साथ, भूटान की 13वीं एफवाईपी के लिए सहयोग बढ़ाने हेतु भारत की प्रतिबद्धता दोहराई। भारत की ओर से विकास सहायता, अवसंरचना के विकास, व्यापक रूप में संपर्क-सुविधाओं के निर्माण पर केंद्रित होगी जिसमें सड़क, रेल, वायु और डिजिटल संपर्क-सुविधा और कृषि, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, कौशल और सांस्कृतिक संरक्षण आदि क्षेत्र शामिल हैं।

8. प्रधानमंत्री मोदी ने गेलेफू माइंडफुलनेस सिटी के संबंध में महामहिम के दृष्टिकोण की सराहना की, जिससे भूटान और क्षेत्र में स्थायी रूप से आर्थिक समृद्धि और विकास होगा, और भारत और भूटान के बीच आर्थिक और निवेश संबंध और अधिक मजबूत बनेंगे।

9. प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे ने भूटान के आर्थिक विकास हेतु भारत द्वारा निरंतर सहयोग के लिए भूटान के नागरिकों और शाही सरकार की ओर से गहन आभार प्रकट किया। प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे ने भूटान की शाही सरकार की प्राथमिकताओं के बारे में अपना आकलन साझा किया।

10. जल विद्युत क्षेत्र में सहयोग, भारत-भूटान द्विपक्षीय आर्थिक साझेदारी का एक महत्वपूर्ण स्तंभ रहा है। दोनों प्रधानमंत्रियों ने जल-विद्युत सहयोग बढ़ाने के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई और अपने अधिकारियों को नई परियोजनाओं के क्रियान्वयन के उपायों पर शीघ्र विचार-विमर्श करने का निर्देश दिया।

11. दोनों पक्षों ने 1020 मेगावाट पुनातशांगचू-II जल विद्युत परियोजना के निर्माण में प्रगति पर संतोष व्यक्त किया और 2024 में इसके चालू होने की आशा व्यक्त की। उन्होंने पुनात्सांगछू-I जल विद्युत परियोजना के संबंध में तकनीकी रूप से सुरक्षित और लागत प्रभावी उपाय खोजने की दिशा में हुई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।

12. दोनों प्रधानमंत्रियों ने भारत-भूटान के बीच मौजूदा ऊर्जा साझेदारी को सौर और पवन आदि गैर-जल आधारित नवीकरणीय ऊर्जा तथा हाइड्रोजन और ई-मोबिलिटी के लिए पर्यावरण अनुकूल कार्यक्रमों, व ऊर्जा दक्षता और संरक्षण उपायों तक विस्तारित करने पर सहमति व्यक्त की। दोनों पक्षों ने ऊर्जा क्षेत्र में घनिष्ठ सहयोग के महत्व की पुष्टि की।

13. दोनों पक्षों ने भूटान के युवाओं के कौशल और नेतृत्व विकास के लिए महामहिम नरेश द्वारा शुरू किए गए ग्यालसुंग-भूटान के राष्ट्रीय सेवा कार्यक्रम के लिए भूटान की शाही सरकार को रू. 1500 करोड़ के रियायती वित्तपोषण पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाने का स्वागत किया।

14. दोनों पक्षों ने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भारत और भूटान के बीच साझेदारी को रेखांकित किया, जिसमें भूटान की शाही सरकार के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की ओर से रिमोट सेंसिंग प्रौद्योगिकी पर तकनीकी क्षमता निर्माण जैसी हाल की पहल शामिल है। दोनों पक्षों ने अंतरिक्ष सहयोग पर संयुक्त कार्य योजना के विकास का स्वागत किया।

15. दोनों पक्षों ने भारत और भूटान के बीच संपर्क-सुविधाएं बढ़ाने के उपायों का स्वागत किया, जिसमें रेल और सड़क संपर्क-सुविधा का विकास और नागरिकों व माल की निर्बाध आवाजाही के लिए व्यापार अवसंरचना का उन्नतीकरण शामिल है। दोनों पक्षों ने अप्रवासन और व्यापारिक मार्गों के लिए अतिरिक्त बिंदु खोले जाने की दिशा में प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।

16. दोनों पक्षों ने दो रेल-लिंकों बनारहाट (पश्चिम बंगाल) - समत्से (भूटान) और कोकराझार (असम) - गेलेफू (भूटान) की स्थापना की दिशा में अब तक हुई प्रगति का उल्लेख किया। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) भूटान पक्ष के परामर्श से दो रेल-लिंक का फाइनल लोकेशन सर्वे (एफएलएस) कर रहा है।

17. दोनों पक्षों ने डिजिटल प्रौद्योगिकी, स्टार्ट-अप और एसटीईएम आदि नए व उभरते क्षेत्रों में भारत और भूटान के बीच सकारात्मक सहयोग को मजबूत करना जारी रखने की अपनी इच्छा की पुष्टि की।

18. भूटानी पक्ष ने भूटान में खेल अवसंरचनाओं के विकास हेतु भारत सरकार द्वारा सहयोग की सराहना की। दोनों पक्ष युवा और खेल विकास के क्षेत्र में संबंधों को मजबूत और समेकित करने पर सहमत हुए।

19. दोनों पक्षों ने भूटान में एसटीईएम शिक्षाविधि सशक्त बनाने की दिशा में भारतीय शिक्षकों के योगदान का उल्लेख किया। दोनों पक्ष शिक्षा क्षेत्र में भारत-भूटान साझेदारी का विस्तार करने पर सहमत हुए, जिससे नागरिकों के बीच जीवंत संबंध मजबूत बनेंगे जो कि भारत-भूटान मैत्री का केंद्र हैं।

20. प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे ने उन्हें और उनके प्रतिनिधिमंडल के हार्दिक सत्कार के लिए प्रधानमंत्री श्री. मोदी को धन्यवाद दिया। अद्वितीय सभ्यतागत और ऐतिहासिक मैत्रीपूर्ण संबंधों को रेखांकित करते हुए, उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने हेतु भारत सरकार के साथ काम करने के लिए अपनी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।

21. सभी स्तरों पर अत्यधिक विश्वास, सद्भावना और आपसी समझ, भारत-भूटान साझेदारी की विशेषताएं हैं और यह नागरिकों के बीच मजबूत संबंधों और घनिष्ठ आर्थिक और विकास साझेदारी द्वारा सशक्त है। प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे के दौरे ने भारत और भूटान के बीच नियमित उच्च स्तरीय आदान-प्रदान की परंपरा को बल प्रदान किया है।

22. भूटान के महामहिम नरेश की ओर से, प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे ने प्रधानमंत्री मोदी को शीघ्र भूटान आने का निमंत्रण दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने निमंत्रण स्वीकार कर लिया।

23. दिल्ली से प्रधानमंत्री शेरिंग टोबगे मुंबई जाएंगे जहां वह महाराष्ट्र के राज्यपाल और भारतीय व्यापारिक प्रतिनिधियों से भेंट करेंगे।

नई दिल्ली
16 मार्च 2024

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