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भारत और रोमानिया के बीच व्यापक साझेदारी किए जाने संबंधी संयुक्त वक्तव्य पर हस्ताक्षर की 10वीं वर्षगांठ के पश्चात संयुक्त घोषणा

फरवरी 23, 2024

भारत और रोमानिया के बीच 1948 में राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे, और तब से मैत्री और सहयोग की एक लंबी परंपरा रही है। 2013 में, दोनों पक्षों ने व्यापक आपसी साझेदारी स्थापित करते हुए एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया।

द्विपक्षीय संबंधों की 75वीं वर्षगांठ और व्यापक साझेदारी की 10वीं वर्षगांठ के उपलक्ष में, भारत और रोमानिया, निम्नलिखित पर सहमति व्यक्त करते हैं:

इसे अभिस्वीकृत करते हैं कि पिछले दशकों के दौरान घनिष्ठ द्विपक्षीय संबंधों में तीव्र विकास हुआ और एक सुदृढ़ ऐतिहासिक बंधन, आपसी समझ, गहरा सम्मान, और व्यक्तियों से व्यक्तियों के बीच गहन संबंध बने हैं जिनसे दोनों देश एकजुट हुए हैं।

इस बात पर जोर दिया गया कि विधिक शासन पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था दबाव में है।

इसे अभिस्वीकृत करते हैं कि मानवता के सामने चुनौतियां बढ़ रही हैं, जो तीव्र भू-राजनैतिक प्रतिस्पर्धा के साथ, जटिल अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ उत्पन्न करती हैं।

संयुक्त राष्ट्र को आधार में रखते हुए नियमों पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने और सुदृढ़ करने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त करते हैं।

संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के उद्देश्य और सिद्धांतों और अंतर्राष्ट्रीय कानून के अंतर्गत अन्य सार्वभौमिक मान्यता प्राप्त मानदंडों का सुदृढ़तापूर्वक पालन करने की पुष्टि करते हैं।

साझा बुनियादी मूल्यों, मानदंडों, स्वतंत्रता के सिद्धांतों, लोकतंत्र, वैश्विक शांति और मानवाधिकारों के सम्मान के लिए समर्थन व्यक्त करते हैं।

मार्च 2013 में भारत और रोमानिया के बीच हस्ताक्षरित व्यापक साझेदारी स्थापित करने पर संयुक्त वक्तव्य की वैधता, और इसके क्रियान्वयन के लिए दोनों देशों के सक्रिय प्रयासों को पुनर्रेखांकित करते हैं।

इसे अभिस्वीकृत करते हैं कि हमारे सहयोग को ठोस तरीके से आगे विकसित किए जाने की ज़रूरत है, ताकि दोनों देश साझा चुनौतियों का बेहतर ढंग से जवाब दे सकें और द्विपक्षीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उभरते अवसरों का लाभ उठा सकें।

दोनों पक्ष

वर्तमान व्यापक साझेदारी को पूरक बनाने और दोनों देशों के लाभ के लिए सहयोग के नए उपाय खोजने के लिए अपना दृढ़ संकल्प व्यक्त करते हैं। वर्तमान क्षेत्रीय और वैश्विक वास्तविकताओं और दोनों देशों की अद्यतन प्राथमिकताओं के अनुसार, यह प्रतिबद्धता आने वाली पीढ़ियों के लिए एक विरासत रहेगी।

द्विपक्षीय सहयोग

विदेशी मामलों में सहयोग वृद्धि

दोनों पक्ष

विदेश/बाह्य मामलों के मंत्रालयों के बीच नियमित उच्च-स्तरीय बैठकों और समय-समय पर परामर्श के साथ, अपने राजनैतिक सहयोग को बढ़ाने का निर्णय लेते हैं। इससे हमारी राजनैतिक और क्षेत्रीय प्रतिबद्धताओं का उचित पालन सुनिश्चित होगा।

रक्षा उद्योग, विषम खतरों का सामना, सैन्य चिकित्सा, सैन्य इतिहास, विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान सहित रक्षा के क्षेत्र में गहन संवाद को प्रोत्साहित करेंगे।

रक्षा सहयोग पर संयुक्त समिति के शीघ्र गठन और आयोजन के लिए सहमति व्यक्त करते हैं।।

संवर्धित आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना

दोनों पक्ष आगामी वर्षों में तीन मुख्य उच्च संभावनाशील क्षेत्रों: ऊर्जा, सूचना प्रौद्योगिकी और संचार (IT&C), विनिर्माण उद्योग में द्विपक्षीय आर्थिक और वाणिज्यिक संबंधों को सुदृढ़ करने और ध्यान केंद्रित करने के अपने दृढ़ संकल्प की पुष्टि करते हैं।

ऊर्जा

दोनों पक्ष

ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाने और एसडीजी और पेरिस जलवायु समझौते के उद्देश्यों को प्राप्त करने का संकल्प लेते हैं।

ऊर्जा मिश्रण में स्वच्छ स्रोतों का अंश बढ़ाने के महत्व को व्यक्त करते हैं।

दोनों देशों की ऊर्जा दक्षता की दिशा में प्रयासों का समर्थन करने के लिए नेट जीरो और सुरक्षित, धारणीय और किफायती निम्न कार्बन ऊर्जा प्रौद्योगिकियों और परियोजनाओं, स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा, जिनमें अन्य के अलावा सौर और पवन ऊर्जा, बायोमास ऊर्जा और पर्यावरण अनुकूल हाइड्रोजन शामिल है, पर सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। विशेष रूप से सौर ऊर्जा पर, रोमानिया ने इंटरनेशनल सोलर अलायंस फ्रेमवर्क के अंतर्गत सहयोग के महत्व को दोहराया। रोमानिया ने दिसंबर 2023 में ISA के फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।

पारस्परिक सहमत शर्तों और दोनों देशों की राष्ट्रीय प्राथमिकताओं एवं आवश्यकताओं के अनुरूप, उभरते उद्योग क्षेत्रों में अपने सहयोग को आगे बढ़ाएंगे, जिनमें अन्य के अलावा पर्यावरण अनुकूल हाइड्रोजन और ऊर्जा और स्वच्छ संसाधनों से संबंधित ऊर्जा भंडारण, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और सह-विकास, निवेश के परिवेश में सुधार शामिल हैं।

नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, ऊर्जा संक्रमण और सतत विकास में सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, नेट-जीरो ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के संयुक्त अनुसंधान, विकास और परिनियोजन को बढ़ावा दिया जाएगा और स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों और इंजीनियरों के बीच ज्ञान का आदान-प्रदान प्रोत्साहित किया जाएगा।

तेल और गैस उद्योग, जैव ईंधन, बिजली और पर्यावरण अनुकूल हाइड्रोजन के क्षेत्रों में सहयोग को आगे बढ़ाने और दोनों पक्षों के बीच साझेदारी और संयुक्त उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए मौजूदा अवसरों का उपयोग करने पर सहमति देते हैं।न्यायसंगत और सुसंगठित ऊर्जा रूपांतरण साकार करते हुए ऊर्जा सुरक्षा का प्रतिमान सुदृढ़ बनाने की ज़रूरत चिह्नित करते हैं और इस संदर्भ में जैव ईंधन व अन्य क्षेत्रों में सहयोग के अवसरों का पता लगाने और चर्चा करने पर सहमति देते हैं। इस उद्देश्य से, भारतीय पक्ष ने 9 सितंबर 2023 को भारत के जी-20 अध्यक्ष पद की अध्यक्ष पहल के रूप में ग्लोबल बायोफ्यूल्स एलायंस (GBA) शुरू किए जाने के बारे में रोमानियाई पक्ष को अवगत कराया और इस गठबंधन में रोमानिया को सदस्य देश के रूप में शामिल होने के लिए निमंत्रण भी दिया। दोनों पक्ष इन चर्चाओं को करने और आगे बढ़ाने पर सहमति देते हैं।

इस बात पर सहमति देते हैं कि दोनों देशों के नोडल मंत्रालय, अर्थात नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (भारत) और ऊर्जा मंत्रालय (रोमानिया) कार्य योजनाएं विकसित करेंगे, विशिष्ट लक्ष्य निर्धारित करेंगे और चिह्नित क्षेत्रों में सहयोग आधारित कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की निगरानी करेंगे।

सूचना प्रौद्योगिकी और संचार (डिजिटल प्रौद्योगिकी सहयोग)

दोनों पक्ष

एक सुदृढ़ परिवेश बनाने की पुष्टि करते हैं, जो दोनों देशों के लाभ के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नवप्रवर्तन, आर्थिक विकास और तकनीकी विशेषज्ञता को बढ़ावा देने वाला हो।

डिजिटल प्रौद्योगिकी क्षेत्र, विशेषकर उभरती प्रौद्योगिकियों, जिनमें साइबर सुरक्षा, स्टार्ट-अप और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना के बीच कनेक्टिविटी, अनुसंधान और नवप्रवर्तन, दुष्प्रचार के खिलाफ लड़ाई और नए व उभरते खतरे शामिल हैं, में सर्वोत्तम विधियों, नीतियों और विनियमन के आदान-प्रदान के माध्यम से एक उन्नत द्विपक्षीय सहयोग को आगे बढ़ाएंगे।

निर्माण उद्योग

दोनों पक्ष

निर्माण क्षेत्र, व्यापार और मशीनरी और उपकरणों के निर्यात में अपने आर्थिक आदान-प्रदान और निवेश को बढ़ावा देने और समेकित करने के लिए उचित उपायों को चिह्नित करते हुए द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ाने पर सहमति व्यक्त करते हैं।द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने और निवेश और सेवाओं के प्रवाह को प्रोत्साहित करने पर सहमति व्यक्त करते हैं।

बहुपक्षीय सहयोग

दोनों पक्ष

नियमों पर आधारित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था पर निर्मित एक स्वतंत्र, उदार, समावेशी, शांतिपूर्ण और समृद्ध हिंद-प्रशांत के महत्व को रेखांकित करते हैं।

यूक्रेन में युद्ध और उसके दुखद मानवीय परिणामों पर गहरी चिंता व्यक्त करते हैं।

यूक्रेन में अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार और संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों के अनुरूप व्यापक, न्यायपूर्ण और स्थायी शांति की ज़रूरत पर जोर देते हैं।

वैश्विक आर्थिक व्यवस्था और खाद्य सुरक्षा पर इस युद्ध के बढ़ते प्रभाव को रेखांकित करते हैं, जिसके परिणाम मुख्य रूप से विकासशील और अल्प विकसित देशों को प्रभावित कर रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र के सुधार के लिए अपने समर्थन की पुष्टि करते हैं, ताकि संगठन को अधिक प्रभावी, कार्यवाही उन्मुख और नई वैश्विक वास्तविकताओं के अनुरूप बनाया जा सके।

संयुक्त राष्ट्र में सुधार के व्यापक एजेंडे हेतु प्रतिबद्ध रहेंगे, जिसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता की स्थायी और गैर-स्थायी श्रेणियों का विस्तार; बहुपक्षवाद, खुलेपन और पारदर्शिता की भावना और मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता के सम्मान के साथ संयुक्त राष्ट्र के कार्यों को सुदृढ़ किया जाना शामिल है।

समकालीन वास्तविकताओं को प्रतिबिंबित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता के संबंध में भारत की अभिलाषा हेतु रोमानिया के समर्थन की सराहना करते हैं।

जलवायु परिवर्तन, निर्वनीकरण, जैव विविधता ह्रास, महासागरों और समुद्रों का संरक्षण, महामारियों आदि गंभीर वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के बीच सुदृढ़ सहयोग की ज़रूरत पर जोर देते हैं।

जहाजी आवागमन और हवाई उड़ानों की स्वतंत्रता के महत्व तथा अंतर्राष्ट्रीय कानूनों, विशेष रूप से यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन ऑन द लॉ ऑफ द सी (UNCLOS) में विवादों के निपटारे के लिए शामिल प्रावधानों के अनुरूप विवादों के शांतिपूर्ण समाधान पर जोर देते हैं।

ईयू-भारत सहयोग के सभी पहलुओं में इसे बढ़ाने के महत्व को रेखांकित करते हैं। रोमानिया ईयू स्तर पर सहयोग रूपरेखा का सक्रिय रूप से समर्थन करता है।

आतंकवाद

दोनों पक्ष

इस पर पुन: जोर देते हैं कि आतंकवाद अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक है।

आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की कड़ी निंदा करते हैं और आतंकवाद से निपटने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सहयोग सुदृढ़ करने पर सहमति व्यक्त करते हैं।

आतंकवाद के विरूद्ध संघर्ष पर संयुक्त राष्ट्र के संकल्पों के अनुरूप, आतंकवाद से निपटने में एक व्यापक दृष्टिकोण का समर्थन करते हैं, जिसमें हिंसक उग्रवाद के विरूद्ध संघर्ष करना, आतंकवादियों द्वारा सोशल मीडिया, साइबर स्पेस और इंटरनेट के दुरुपयोग को रोकना, कट्टरपंथ को रोकना, विदेशी आतंकवादी लड़ाकों सहित अन्य सभी आतंकवादियों की आवाजाही को रोकना, आतंकवाद के वित्तपोषण के विरूद्ध संघर्ष करना, और आतंकवादियों के मामलों में विवेचना और अभियोजन को सुगम बनाना शामिल है।

सभी देशों से आतंकवादी नेटवर्कों, उनके सुरक्षित शरणस्थानों और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चिह्नित संस्थाओं और व्यक्तियों के विरूद्ध कार्यवाही हेतु प्रयास करने का आह्वान करते हैं।

सभी देशों के नियंत्रण वाले किन्हीं भी क्षेत्रों का आतंकवादी हमलों के लिए उपयोग न किया जाना सुनिश्चित करने के लिए, उन देशों के द्वारा तत्काल, निरंतर, प्रमाणन योग्य और अपरिवर्तनीय कार्यवाही करने की तत्काल ज़रूरत पर बल देते हैं।

इसके अलावा, दोनों पक्ष भारत और रोमानिया के बीच व्यापक साझेदारी स्थापित करने पर 2013 के संयुक्त वक्तव्य में उल्लिखित साझा हितों वाले अन्य क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए।

नई दिल्ली
23 फ़रवरी 2024

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