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"ब्रिक्स की एकजुटता और सहयोग को मजबूत करने, अंतर्राष्ट्रीय स्थिति में नई विशेषताओं और चुनौतियों का जवाब देने" पर ब्रिक्स का संयुक्त वक्तव्य

मई 20, 2022

ब्राजील संघीय गणराज्य, रूसी संघ, भारत गणराज्य, पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना और दक्षिण अफ्रीका गणराज्य के विदेश मामलों/अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के मंत्रियों की 19 मई 2022 को चीन की अध्यक्षता में वर्चुअल प्रारूप में मुलाकात हुई। उन्होंने इस बात को दोहराया कि ब्रिक्स देश तीन स्तंभों - राजनीतिक और सुरक्षा, आर्थिक एवं वित्तीय, तथा सांस्कृतिक और लोगों से लोगों के बीच आदान-प्रदान- के अंतर्गत अंतर-ब्रिक्स सहयोग के ढांचे को बढ़ाना जारी रखेंगे, ताकि एकजुटता के साथ कोविड-19 महामारी के प्रसार और प्रभावों को नियंत्रित किया जा सके, 2030 के सतत विकास एजेंडा के कार्यान्वयन में तेजी लाई जा सके, और ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग को और व्यापक व गहरा किया जा सके। मंत्रियों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि नई उभरती हुई विशेषताओं और चुनौतियों का सामना करते हुए ब्रिक्स देशों को अपनी एकजुटता और सहयोग को बढ़ाना चाहिए और उन्हें संबोधित करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए। इस संबंध में, उन्होंने 2021 में ब्रिक्स शेरपाओं द्वारा ब्रिक्स की कार्य पद्धतियों को अपनाने, जुड़ाव के दायरे और अध्यक्ष के जनादेश पर आगे बढ़ने के लिए ब्रिक्स की भागीदारी का मार्गदर्शन करने के लिए संशोधित संदर्भ की शर्तों के ब्रिक्स शेरपा द्वारा अपनाए जाने को याद किया।

2. मंत्रियों ने कोविड-19 महामारी से मानवता को हुए अभूतपूर्व आघात और कठिनाई का संज्ञान लिया। उन्होंने इससे संबंधित उन अनिश्चितताओं को स्वीकार किया जो विश्व स्तर पर सतत विकास लक्ष्यों की उपलब्धि को प्रभावित करेगी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कठिनाइयाँ संभवतः आपस में जुड़ी हुई हैं और इसलिए उन्होंने एकजुटता और सहयोग के माध्यम से लचीलापन बनाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को मिलकर काम करने की आवश्यकता की पुष्टि की।

3. मंत्रियों ने अंतरराष्ट्रीय कानून को कायम रखते हुए बहुपक्षवाद के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई, जिसमें संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में निहित उद्देश्यों और सिद्धांतों को इसकी अनिवार्य आधारशिला के रूप में शामिल किया गया है, और एक अंतरराष्ट्रीय प्रणाली में संयुक्त राष्ट्र की केंद्रीय भूमिका जिसमें संप्रभु राज्य शांति और सुरक्षा बनाए रखने, सतत विकास को आगे बढ़ाने, लोकतंत्र, मानवाधिकारों और सभी के लिए मौलिक स्वतंत्रता की रक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करने तथा आपसी सम्मान, न्याय और समानता की भावना के आधार पर सहयोग को बढ़ावा देने पर सहयोग करते हैं।

4. मंत्रियों ने एक अधिक चुस्त, प्रभावी, कुशल, प्रतिनिधि और जवाबदेह प्रणाली को बढ़ावा देकर वैश्विक शासन को बढ़ाने और सुधारने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई; विभिन्न देशों की संप्रभुता, स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता, समानता, वैध हितों और चिंताओं के सम्मान के आधार पर सभी के लाभ के लिए समावेशी परामर्श और सहयोग के प्रयोग की बात की।

5. मंत्रियों ने 2021 में बहुपक्षीय प्रणाली के सुदृढ़ीकरण और सुधार पर संयुक्त वक्तव्य को याद किया और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के सभी संबंधित पक्षों के साथ संयुक्त वक्तव्य में उल्लिखित सुधार की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की, ताकि वैश्विक शासन संस्थानों को अधिक समावेशी, प्रतिनिधि और लोकतांत्रिक बनाया जा सके और वैश्विक निर्णय लेने में उभरते हुए बाजारों और विकासशील देशों की अधिक भागीदारी को सुविधाजनक बनाया जा सके। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और बहुपक्षीय मंचों में विकासशील देशों के अधिक से अधिक प्रतिनिधित्व के आह्वान का समर्थन किया ताकि वे वैश्विक शासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकें। मंत्रियों ने 2005 के विश्व शिखर सम्मेलन के परिणामी दस्तावेज़ को याद किया और सुरक्षा परिषद सहित संयुक्त राष्ट्र के व्यापक सुधार की आवश्यकता की पुष्टि की, ताकि वैश्विक चुनौतियों का पर्याप्त रूप से जवाब देने में सक्षम बनाने के लिए इसे अधिक प्रतिनिधि, प्रभावी और कुशल बनाया जा सके और विकासशील देशों के प्रतिनिधित्व को बढ़ाया जा सके। चीन और रूस ने अंतरराष्ट्रीय मामलों में ब्राजील, भारत और दक्षिण अफ्रीका की स्थिति और भूमिका के महत्व को दोहराया और संयुक्त राष्ट्र में एक बड़ी भूमिका निभाने की उनकी आकांक्षा का समर्थन किया।

6. विश्व स्तर पर टीकाकरण के अंतर को भरने के लिए, मंत्रियों ने इस बात को दोहराया कि विभिन्न देशों विशेष रूप से विकासशील देशों के लोगों के लिए सुरक्षित, प्रभावकारी, सुलभ और किफायती निदान, दवाओं, टीकों और आवश्यक चिकित्सा उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित करना और टीकों का समान रूप से वितरण एवं शीघ्र टीकाकरण सुनिश्चित करना अनिवार्य है। उन्होंने महामारी से निपटने में डब्ल्यूएचओ की अग्रणी भूमिका का समर्थन किया, साथ ही कोवैक्स और ACT-A जैसी पहलों को भी स्वीकार किया। उन्होंने प्रासंगिक आईपी छूट प्रस्तावों के साथ-साथ विशेष रूप से विकासशील देशों में क्षमता निर्माण और टीकों एवं अन्य स्वास्थ्य उपकरणों के स्थानीय उत्पादन को मजबूत करने के लिए विश्व व्यापार संगठन में चल रही बातचीत के महत्व को मान्यता दी। उन्होंने विकास, परीक्षण विधियों, चिकित्सीय, अनुसंधान, उत्पादन और टीकों की मान्यता, कोविड-19 वायरस के नए रूपों के आलोक में उनकी प्रभावकारिता पर सहयोग को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। तथा विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय यात्रा के उद्देश्य से कोविड-19 टीकाकरण के राष्ट्रीय दस्तावेज की मान्यता और उनका परीक्षण, साथ ही ब्रिक्स देशों के बीच पारंपरिक चिकित्सा पर ज्ञान साझाकरण पर सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने ब्रिक्स वैक्सीन अनुसंधान एवं विकास केंद्र के शुभारंभ, बड़े पैमाने पर संक्रामक रोगों के जोखिम को रोकने के लिए ब्रिक्स एकीकृत प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली की स्थापना और मानव उपयोग के लिए चिकित्सा उत्पादों के विनियमन के क्षेत्र में सहयोग पर समझौता ज्ञापन को अपनाने के लिए समर्थन व्यक्त किया। उन्होंने डब्ल्यूएचओ सहित मौजूदा अंतरराष्ट्रीय ढांचे के भीतर वैज्ञानिक सिद्धांतों, साक्ष्य आधारित निर्णय लेने, निष्पक्षता, समावेशिता, पारदर्शिता और दोषारोपण या हस्तक्षेप से मुक्त होकर उत्पत्ति का पता लगाने का आह्वान किया।

7. मंत्रियों ने इस बात पर जोर दिया कि सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए देशों के लिए वैश्विक आर्थिक शासन अत्यंत महत्वपूर्ण है तथा उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक निर्णय लेने और मानदंड निर्धारण प्रक्रियाओं में उभरते बाजारों और विकासशील देशों (ईएमडीसी) की भागीदारी को व्यापक और मजबूत बनाने के लिए उनके समर्थन को याद किया। उन्होंने वैश्विक आर्थिक शासन में जी20 की अग्रणी भूमिका के लिए अपना समर्थन दोहराया और इस बात को रेखांकित किया कि जी20 बरकरार रहेगा और वर्तमान वैश्विक चुनौतियों का जवाब देगा। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से साझेदारी को बढ़ावा देने का आह्वान करते हुए कहा कि विश्व अर्थव्यवस्था को संकट से बाहर निकालने और महामारी के बाद के आर्थिक सुधार को एक मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी आकार देने के लिए मैक्रो-नीति समन्वय को मजबूत करना अनिवार्य है। उन्होंने विकासशील देशों को गंभीर प्रभावों से बचाने के लिए प्रमुख विकसित देशों से आह्वान किया कि वे विस्तार की नीति का प्रबंधन करते हुए जिम्मेदार आर्थिक नीतियों को अपनाएं।

8. मंत्रियों ने सतत विकास के लिए 2030 के एजेंडा को इसके तीन आयामों- आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय– में संतुलित और एकीकृत तरीके से लागू करने का आह्वान किया।

9. मंत्रियों ने एक खुली, पारदर्शी, निष्पक्ष, समावेशी, गैर-भेदभावपूर्ण और नियम आधारित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया, ताकि विकासशील देशों के लिए विशेष और विभेदक व्यवहार के साथ एक समान अवसर सुनिश्चित किया जा सके और डब्ल्यूटीओ के नियमों के विपरीत चलने वाले एकतरफा कार्रवाई और संरक्षणवादी उपायों से बचा जा सके। उन्होंने इसके केंद्र में कोटा-आधारित और पर्याप्त संसाधन वाले आईएमएफ के साथ एक मजबूत वैश्विक वित्तीय सुरक्षा जाल का समर्थन किया।

10. मंत्रियों ने इस बात को दोहराया कि यूएनएफसीसीसी और पेरिस समझौते के उद्देश्यों, सिद्धांतों और प्रावधानों, विशेष रूप से विभिन्न राष्ट्रीय परिस्थितियों के आलोक में एक समान लेकिन अलग-अलग जिम्मेदारियों और संबंधित क्षमताओं के सिद्धांत का सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने पेरिस समझौते के कार्यान्वयन को बढ़ावा देने के लिए अपने राष्ट्रीय और संयुक्त प्रयासों की पुष्टि की और इस संबंध में, जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए विकासशील देशों की सहायता करने के लिए विकसित देशों द्वारा उन्हें प्रौद्योगिकी प्रदान करने और विश्वसनीय एवं पर्याप्त, पूर्वानुमेय और समय पर नए व अतिरिक्त जलवायु वित्तपोषण को जुटाने के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन एजेंडा के साथ सुरक्षा को जोड़ने के प्रयासों पर भी अपनी चिंता व्यक्त की और याद किया कि वार्षिक सीओपी सत्रों सहित यूएनएफसीसीसी, जलवायु परिवर्तन और इसके सभी आयामों पर विचार करते हुए, इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए उपयुक्त और वैध अंतर्राष्ट्रीय मंच है।

11. मंत्रियों ने यूएनएससी और यूएनजीए जैसे उपयुक्त मंचों पर व्यक्त यूक्रेन की स्थिति के संबंध में अपनी राष्ट्रीय स्थिति को पुन: सामने रखा। उन्होंने रूस और यूक्रेन के बीच वार्ता का समर्थन किया। उन्होंने यूक्रेन और उसके आसपास मानवीय स्थिति पर अपनी चिंता भी ज़ाहिर की और संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव 46/182 के अनुसार मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और आईसीआरसी के प्रयासों के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया।

12. मंत्रियों ने 17 मई 2022 को ब्रिक्स के उप मंत्रियों/विशेष दूतों की बैठक में चर्चा की गई मध्य-पूर्व और उत्तरी अफ्रीका (एमईएनए) की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की।

13. मंत्रियों ने आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों की कड़ी निंदा की, चाहे उसे कभी भी, कहीं भी और किसी के भी द्वारा किया गया हो। उन्‍होंने आतंकवाद, आतंकवाद के लिए अनुकूल उग्रवाद और कट्टरवाद से उत्‍पन्‍न खतरे को स्‍वीकार किया। वे आतंकवाद के सभी रूपों और अभिव्यक्तियों का मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध रहे, जिसमें आतंकवादियों के सीमा पार आंदोलन, और आतंकवाद के वित्तपोषण नेटवर्क और सुरक्षित पनाहगाह शामिल हैं। उन्होंने दोहराया कि आतंकवाद को किसी धर्म, राष्ट्रीयता, सभ्यता या जातीय समूह से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र के चार्टर और मानवाधिकारों के सम्मान के आधार पर आतंकवाद के खतरे को रोकने और मुकाबला करने के वैश्विक प्रयासों में आगे योगदान करने के लिए अपनी अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि की, इस बात पर जोर देते हुए कि राज्यों की प्राथमिक जिम्मेदारी है कि वे संयुक्त राष्ट्र के साथ मिलकर आतंकवाद का मुकाबला करें जो इस क्षेत्र में केंद्रीय और समन्वयकारी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने आतंकवादी गतिविधियों को प्रभावी ढंग से रोकने के लिए पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय के व्यापक और संतुलित दृष्टिकोण की आवश्यकता पर भी बल दिया, जो वर्तमान में महामारी के माहौल के साथ-साथ एक गंभीर खतरा पैदा कर रहा है। उन्होंने आतंकवाद और आतंकवाद के अनुकूल उग्रवाद का मुकाबला करने में दोहरे मानकों को खारिज कर दिया। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के ढांचे के भीतर अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर व्यापक सम्मेलन को शीघ्र अंतिम रूप देने और अपनाने तथा निरस्त्रीकरण सम्मेलन में रासायनिक और जैविक आतंकवाद के कृत्यों के दमन के लिए एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन पर बहुपक्षीय वार्ता शुरू करने का आह्वान किया।

14. मंत्रियों ने हथियार नियंत्रण, निरस्त्रीकरण और अप्रसार संधियों तथा समझौतों की प्रणाली को मजबूत करने और वैश्विक स्थिरता एवं अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए इसकी अखंडता को संरक्षित रखने के लिए निरंतर प्रयासों का आह्वान किया। साथ ही साथ निरस्त्रीकरण, अप्रसार और हथियार नियंत्रण के क्षेत्र में प्रासंगिक बहुपक्षीय उपकरणों की सर्वसम्मति पर आधारित प्रकृति और प्रभावशीलता तथा दक्षता को बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया।

15. मंत्रियों ने हथियार नियंत्रण, निरस्त्रीकरण और अप्रसार की प्रणाली को मजबूत करने का आह्वान किया, जिसमें बैक्टीरियोलॉजिकल (जैविक) और विषाक्त हथियारों के विकास, उत्पादन और भंडारण के निषेध और उनके विनाश (बीटीडब्ल्यूसी) पर कन्वेंशन तथा रासायनिक हथियारों के विकास, उत्पादन, भंडारण और उपयोग पर प्रतिबंध और उनके विनाश (सीडब्ल्यूसी) पर कन्वेंशन शामिल हैं। साथ ही उन्होंने वैश्विक स्थिरता और अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए उनकी अखंडता और प्रभावशीलता को बनाए रखने पर जोर दिया। उन्होंने बीटीडब्ल्यूसी का पालन करने और उसे मजबूत करने की आवश्यकता को रेखांकित किया, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ एक कुशल सत्यापन तंत्र प्रदान करने वाले कन्वेंशन के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी प्रोटोकॉल को अपनाना शामिल है। मंत्रियों ने एक प्रासंगिक कानूनी रूप से बाध्यकारी बहुपक्षीय साधन को अपनाने के लिए बातचीत के माध्यम से बाहरी अंतरिक्ष गतिविधियों की दीर्घकालिक स्थिरता और बाहरी अंतरिक्ष में हथियारों की दौड़ (PAROS) की रोकथाम और इसके शस्त्रीकरण को सुनिश्चित करने के लिए अपने समर्थन पर जोर दिया। उन्होंने 2014 में निरस्त्रीकरण सम्मेलन में प्रस्तुत किए गए बाहरी अंतरिक्ष में हथियारों के प्लेसमेंट की रोकथाम, बाहरी अंतरिक्ष वस्तुओं के खिलाफ बल के खतरे या उपयोग (पीपीडब्ल्यूटी) पर अद्यतन मसौदा संधि के महत्व को मान्यता दी। उन्होंने व्यावहारिक पारदर्शिता और विश्वास बहाली के उपाय (टीसीबीएम) पर जोर दिया, जो PAROS में भी योगदान दे सकते हैं।

16. मंत्रियों ने परमाणु हथियारों से मुक्त दुनिया के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की और निरस्त्रीकरण सम्मेलन के 2022 के सत्र के दौरान परमाणु निरस्त्रीकरण और इस विषय पर काम करने के लिए अपनी मजबूत प्रतिबद्धता पर जोर दिया। उन्होंने परमाणु युद्ध की रोकथाम और हथियारों की दौड़ से बचने के लिए 3 जनवरी 2022 को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ़ चाइना, फ्रांसीसी गणराज्य, रूसी संघ, ग्रेट ब्रिटेन और उत्तरी आयरलैंड तथा संयुक्त राज्य अमेरिका के नेताओं द्वारा जारी संयुक्त वक्तव्य को नोट किया और विशेष रूप से इस बात की पुष्टि की कि परमाणु युद्ध को नहीं जीता जा सकता है और इसे कभी नहीं लड़ा जाना चाहिए।

17. मंत्रियों ने एक खुले, सुरक्षित, स्थिर, सुलभ और शांतिपूर्ण आईसीटी-पर्यावरण को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की, आईसीटी और इंटरनेट के उपयोग में आम समझ और सहयोग को बढ़ाने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने आईसीटी-सुरक्षा सुनिश्चित करने पर रचनात्मक वार्ता को बढ़ावा देने में संयुक्त राष्ट्र की अग्रणी भूमिका का समर्थन किया, जिसमें आईसीटी 2021-2025 की सुरक्षा और उपयोग में संयुक्त राष्ट्र ओपन-एंडेड वर्किंग ग्रुप के भीतर, और इस दायरे में एक सार्वभौमिक कानूनी ढांचा विकसित करना शामिल है। उन्होंने आईसीटी उत्पादों और प्रणालियों के विकास और सुरक्षा के लिए एक व्यापक, संतुलित, वस्तुनिष्ठ दृष्टिकोण का आह्वान किया। उन्होंने आईसीटी के उपयोग में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग के कानूनी ढांचे की स्थापना के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने आईसीटी के उपयोग में सुरक्षा सुनिश्चित करने और आईसीटी के उपयोग में सुरक्षा पर ब्रिक्स कार्य समूह की गतिविधियों पर व्यावहारिक सहयोग के लिए ब्रिक्स रोडमैप के कार्यान्वयन के माध्यम से व्यावहारिक इंट्रा-ब्रिक्स सहयोग को आगे बढ़ाने की आवश्यकता को भी स्वीकार किया।

18. मंत्रियों ने एआई प्रौद्योगिकी पर सूचना के आदान-प्रदान और तकनीकी सहयोग का समर्थन किया। उन्होंने 7वीं ब्रिक्स संचार मंत्रियों की बैठक की घोषणा को याद किया जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रौद्योगिकियों के तेजी से विकास और उनकी विशाल क्षमता तथा आर्थिक विकास के लिए इनके महत्व को मान्यता दी गई थी। उन्होंने भरोसे, विश्वास और सुरक्षा के निर्माण के लिए एक-दूसरे के साथ सहयोग करने की आवश्यकता को स्वीकार किया, साथ ही साथ समाज और मानवता के लाभ के लिए, खासकर हाशिए पर के लोगों और कमजोर समूहों के लिए, भरोसेमंद एआई को बढ़ावा देने में पारदर्शिता और जवाबदेही पर विशेष जोर दिया ताकि इसकी क्षमता को अधिकतम बनाया जा सके। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संबंधित जोखिम और नैतिक दुविधा, जैसे कि गोपनीयता, हेरफेर, पूर्वाग्रह, मानव-रोबोट संवाद, रोजगार, प्रभाव और दूसरों के बीच विलक्षणता पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने ब्रिक्स सदस्यों को इस तरह की चिंताओं से निपटने के लिए मिलकर काम करने, सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने, एक सामान्य शासन दृष्टिकोण विकसित करने की दिशा में इस विषय पर तुलनात्मक अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित किया, जो एआई के विकास को सुविधाजनक बनाते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नैतिक और जिम्मेदार उपयोग को लेकर ब्रिक्स सदस्यों का मार्गदर्शन करेगा।

19. मंत्रियों ने वृद्धि और विकास के लिए आईसीटी की प्रबल क्षमता पर बल देते हुए, आपराधिक गतिविधियों और खतरों के लिए उनके द्वारा उत्पन्न नई संबद्ध संभावनाओं को पहचाना और आईसीटी के आपराधिक दुरुपयोग के बढ़ते स्तर और जटिलता पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने आपराधिक उद्देश्यों के लिए आईसीटी के उपयोग का मुकाबला करने के लिए एक व्यापक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को विस्तृत रूप देने के लिए संयुक्त राष्ट्र ओपन-एंडेड तदर्थ विशेषज्ञ समिति में चल रहे काम का स्वागत किया और संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव 75/282 द्वारा अपनाए गए जनादेश के कार्यान्वयन में सहयोग करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

20. मंत्रियों ने समानता और आपसी सम्मान के सिद्धांतों के तहत मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने में सभी देशों के सहयोग की आवश्यकता को दोहराया। उन्होंने विकास के अधिकार सहित सभी मानवाधिकारों को निष्पक्ष और समान तरीके से, समान स्तर पर और समान जोर के साथ जारी रखने पर सहमति जताई। वे एक गैर-चयनात्मक, गैर-राजनीतिक और रचनात्मक तरीके से तथा दोहरे मानकों के बिना, मानव अधिकारों को बढ़ावा देने, संरक्षित करने और पूरा करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, ब्रिक्स के भीतर और संयुक्त राष्ट्र महासभा तथा मानवाधिकार परिषद सहित बहुपक्षीय मंचों पर साझा हितों के मुद्दों पर सहयोग को मजबूत करने के लिए सहमत हुए।

21. मंत्रियों ने लोकतंत्र और मानवाधिकारों के सम्मान का आह्वान किया। इस संबंध में उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि उन्हें वैश्विक शासन के साथ-साथ राष्ट्रीय स्तर पर भी लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग के आधार पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए एक उज्जवल साझा भविष्य का निर्माण करने के उद्देश्य से सभी के लिए लोकतंत्र, मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता के प्रचार और संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की।

22. मंत्रियों ने "वैश्विक शासन में उभरते हुए बाजारों और विकासशील देशों की बढ़ी हुई भूमिका" विषय के तहत वार्ता सत्र की मेजबानी के लिए चीन की अध्यक्षता की प्रशंसा की।

23. मंत्रियों ने अन्य विकासशील देशों और उभरते बाजारों में अपने सहयोग का विस्तार करने के ब्रिक्स के प्रयासों को याद किया और ब्रिक्स शेरपाओं द्वारा 2021 में समावेशी और समान स्तर तथा लचीली प्रथाओं और पहल के तहत अपनाई गई अद्यतन संदर्भ की शर्तों के अनुरूप ब्रिक्स आउटरीच और ब्रिक्स प्लस सहयोग को और बढ़ावा देने का समर्थन किया।

24. मंत्रियों ने ब्रिक्स सदस्यों के बीच ब्रिक्स विस्तार प्रक्रिया पर चर्चा को बढ़ावा देने का समर्थन किया। उन्होंने इस विस्तार प्रक्रिया के लिए मार्गदर्शक सिद्धांतों, मानकों, मानदंडों और प्रक्रियाओं को स्पष्ट करने की आवश्यकता पर बल दिया।

25. ब्राजील, रूस, भारत और दक्षिण अफ्रीका ने 2022 में "उच्च गुणवत्ता वाली ब्रिक्स साझेदारी को बढ़ावा देना, वैश्विक विकास के लिए एक नए युग में प्रवेश" विषय के तहत चीन की ब्रिक्स अध्यक्षता को अपना समर्थन दिया। वे 14वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए एक साथ काम करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं।

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