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भारत-जापान के विदेश मंत्रियों की 16वीं रणनीतिक वार्ता में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर की प्रारंभिक टिप्पणियां

मार्च 07, 2024

धन्यवाद मंत्री महोदय। सर्वप्रथम, आपको शुभ संध्या और मुझे और मेरे प्रतिनिधिमंडल के हार्दिक सत्कार हेतु आपका धन्यवाद।

मैं सबसे पहले, नोटो प्रायद्वीप में आए भूकंप में हुई जानमाल की हानि और तबाही के लिए पुन: अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूँ।

हम जापान को भारत के विकास और परिवर्तन के सफर में, तथा स्वतंत्र और उदार हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति, समृद्धि और स्थिरता हेतु हमारे प्रयासों में एक स्वाभाविक भागीदार के रूप में देखते हैं।

महामहिम,

वर्ष 2023 हमारे द्विपक्षीय संबंधों में एक ऐतिहासिक वर्ष था। हमारे बीच विभिन्न क्षेत्रों में जी2जी, बी2बी और व्यक्तियों से व्यक्तियों के बीच आदान-प्रदान हुए हैं। विशेष रूप से, प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री किशिदा ने तीन बार आपस में भेंट की हैं - मार्च में दिल्ली में, और बाद में हिरोशिमा में जी7 और नई दिल्ली में जी20 के अवसर पर।

2024 हमारे संबंधों के लिए एक और कीर्तिमान वर्ष है, क्योंकि हम अपनी विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी के 10 वर्ष पूरे कर रहे हैं। हमें नए क्षेत्रों को जोड़कर और मौजूदा सहयोग को गहन बनाते हुए अपनी साझेदारी को नई गति देने के लिए नए तरीके खोजने चाहिए। मैं इस अवसर पर विगत वर्ष जी20 की सफल अध्यक्षता के लिए जापान से प्राप्त सहयोग हेतु भी सराहना करता हूँ।

इस वर्ष के संदर्भ में, जैसा कि आपने कहा, कि यह भी एक कीर्तिमान वर्ष है क्योंकि यह विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी का 10वां वर्ष है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि हम अपनी साझेदारी को नई गति देने और समझ और सहयोग को गहरा करने के नए तरीके खोजें। मैं आज हमारी बातचीत के दौरान आपके साथ गहन चर्चा करने और प्रगति की समीक्षा करने के साथ-साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लिए भावी कदमों की रूपरेखा तैयार करने के लिए उत्सुक हूँ।

आज यहां हमारी मेजबानी हेतु पुन: आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

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