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ग्रीस के प्रधान मंत्री की भारत यात्रा के दौरान प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रेस वक्तव्य

फरवरी 21, 2024

योर एक्सीलेंस, प्रधानमंत्री मित्सो-ताकिस,
दोनों देशों के डेलीगेट्स,
मीडिया के साथियों,

नमस्कार!


प्रधानमंत्री मित्सो-ताकिस और उनके डेलिगेशन का भारत में स्वागत करते हुए मुझे बहुत ख़ुशी हो रही है। पिछले वर्ष मेरी ग्रीस यात्रा के बाद उनकी यह भारत यात्रा दोनों देशों के बीच मजबूत होती स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप का संकेत है। और सोलह वर्षों के बाद, इतना बड़ा अंतराल के बाद ग्रीस के प्रधानमंत्री का भारत आना, अपने आप में एक ऐतिहासिक अवसर है।

फ्रेंड्स,

हमारी आज की चर्चाएँ बहुत ही सार्थक और उपयोगी रहीं।यह प्रसन्नता का विषय है कि हम 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने के लक्ष्य की ओर तेज़ी से अग्रसर हैं। हमने अपने सहयोग को नई ऊर्जा और दिशा देने के लिए कई नए अवसरों की पहचान की। कृषि के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच करीबी सहयोग की संभावनाएं अनेक हैं। और मुझे ख़ुशी है कि पिछले वर्ष इस क्षेत्र में किए गए समझौते के कार्यान्वयन के लिए दोनों पक्ष कदम उठा रहे हैं। हमने फार्मा, मेडिकल डिवाइसेस, टेक्नोलॉजी, इनोवेशन, स्किल डेवलपमेंट, और स्पेस जैसे कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर ज़ोर दिया।

हमने दोनों देशों के स्टार्टअप को भी आपस में जोड़ने पर चर्चा की। शिपिंग और कनेक्टिविटी दोनों देशों के लिए उच्च प्राथमिकता के विषय हैं। हमने इन क्षेत्रों में भी सहयोग को बढ़ाने पर विचार विमर्श किया।

फ्रेंड्स,

डिफेन्स और सिक्योरिटी में बढ़ता सहयोग हमारे गहरे आपसी विश्वास को दर्शाता है। इस क्षेत्र में वर्किंग ग्रुप के गठन से हम डिफेन्स, साइबर सिक्योरिटी, काउंटर टेररिज्म, मैरीटाइम सिक्योरिटी जैसी साझा चुनौतियों पर आपसी समन्वय बढ़ा सकेंगे।

भारत में डिफेन्स मैन्युफैक्चरिंग में को-प्रोडक्शन और को- डेवलपमेंट के नए अवसर बन रहे हैं, जो दोनों देशों के लिए लाभदायक हो सकते हैं। हमने दोनों देशों के रक्षा उद्योगों को आपस में जोड़ने पर सहमति जताई हैं। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और ग्रीस की चिंताएं और प्राथमिकताएं समान हैं। हमने इस क्षेत्र में अपने सहयोग को और अधिक मज़बूत करने पर विस्तारपूर्वक चर्चा की।

फ्रेंड्स,

दो प्राचीन और महान सभ्यताओं के रूप में भारत और ग्रीस के बीच गहरे सांस्कृतिक और पीपल -टू -पीपल संबंधों का लम्बा इतिहास है। लगभग ढाई हज़ार वर्षों से दोनों देशों के लोग व्यापारिक और सांस्कृतिक संबंधों के साथ-साथ विचारों का भी आदान प्रदान करते रहे हैं।

आज हमने इन संबंधों को एक आधुनिक स्वरूप देने के लिए कई नए इनिशिएटिवस की पहचान की। हमने दोनों देशों के बीच माइग्रेशन एंड मोबिलिटी पार्टनरशिप एग्रीमेंट को जल्द से जल्द संपन्न करने पर चर्चा की। इससे हमारे पीपल -टू -पीपल संबंध और सुदृढ़ होंगे।

हमने दोनों देशों के उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने पर भी बल दिया। अगले वर्ष भारत और ग्रीस के डिप्लोमेटिक संबंधों की 75वीं वर्षगाँठ मनाने के लिए हमने एक एक्शन प्लान बनाने का निर्णय लिया। इससे हम दोनों देशों की साझा धरोहर, साइंस एंड टेक्नोलॉजी, इनोवेशन स्पोर्ट्स और अन्य क्षेत्रों में उपलब्धियों को वैश्विक मंच पर दर्शा सकेंगे।

फ्रेंड्स,

आज की बैठक में हमने कई क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर भी चर्चा की। हम सहमत हैं कि सभी विवादों और तनावों का समाधान डायलॉग और डिप्लोमेसी के माध्यम से किया जाना चाहिए। हम इंडो -पैसिफिक में ग्रीस की सक्रीय भागीदारी और सकारात्मक भूमिका का स्वागत करते हैं। यह ख़ुशी का विषय है कि ग्रीस ने इंडो -पैसिफिक ओसियनस इनिशिएटिव से जुड़ने का निर्णय लिया है। पूर्वी मेडिटेरियन क्षेत्र में भी सहयोग के लिए सहमति बनी है। भारत की G-20 अध्यक्षता के दौरान लॉन्च किया गया आई-मैक कॉरिडोर लम्बे समय तक मानवता के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

इस पहल में ग्रीस भी एक अहम भागीदार बन सकता है। हम UN तथा अन्य वैश्विक संस्थानों के रिफॉर्म के लिए सहमत हैं, ताकि इन्हें समकालीन बनाया जा सके। भारत और ग्रीस वैश्विक शांति और स्थिरता में योगदान देने के लिए अपने प्रयास जारी रखेंगे।

एक्सेलेंसी,

आज शाम आप रायसीना डायलॉग में चीफ गेस्ट के तौर पर शामिल होंगे। वहाँ आपका संबोधन सुनने के लिए हम सभी उत्सुक हैं। आपकी भारत यात्रा और हमारी उपयोगी चर्चा के लिए मैं आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं।

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