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पूर्वोत्तर भारत में पर्यटन के अवसर' विषय पर आयोजित संगोष्ठी में विदेश राज्य मंत्री डॉ. राजकुमार रंजन सिंह का संबोधन

जुलाई 30, 2022

शुभ संध्या / नमस्कार;

श्री तानेस पेट्सुवान, उप राज्यपाल, थाईलैंड पर्यटन प्राधिकरण

सुश्री सोमसोंग सचफिमुख, उपाध्यक्ष, थाईलैंड की पर्यटन परिषद

सुश्री वाचिरा विचाइवाताना, उपाध्यक्ष, थाई ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन

महामहिम सुश्री सुचित्रा दुरई, थाईलैंड में भारत की राजदूत

विशिष्ट अतिथिगण;

देवियो और सज्जनो;


थाईलैंड में पूर्वोत्तर भारत महोत्सव के दूसरे संस्करण के अंतर्गत आयोजित किए जा रहे 'भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में पर्यटन के अवसर' विषय पर आयोजित इस संगोष्ठी में आप सभी के साथ यहाँ उपस्थित होकर मुझे बहुत अधिक प्रसन्नता हो रही है। मुझे अपेक्षा है कि दोनों ओर के यात्रा एवं पर्यटन उद्योगों के प्रतिनिधियों के बीच आज आयोजित बी2बी चर्चा के दौरान उपयोगी आदान-प्रदान हुआ होगा।

2. भारत-थाईलैंड के संबंध हजारों वर्षों से चले आ रहे हैं, जिसकी जड़े मजबूत सभ्यता एवं सांस्कृतिक बंधनों पर टिकी हैं। दोनों देशों के बीच विचारों, संस्कृति, कला, ज्ञान, भाषा व धर्म का सतत आदान-प्रदान होता रहा है। रामायण व बौद्ध धर्म हमारे देशों की संस्कृतियों को जोड़ता तथा प्रभावित करता है।

3. हमारे यहां लोगों-से-लोगों के बीच अच्छा संपर्क है। हर साल लगभग 1.4 मिलियन भारतीय पर्यटक थाईलैंड आते हैं, और इसी तरह 100,000 से अधिक थाईलैंड के पर्यटक भारत आते हैं। कोविड-19 से पहले, 2019 में लगभग 1.9 मिलियन भारतीय पर्यटक थाईलैंड आये, और इसी तरह 160,000 से अधिक थाईलैड के पर्यटक भारत आए। दरअसल, इस साल थाईलैंड आने वाले भारतीय पर्यटकों की संख्या किसी भी अन्य देश की तुलना में अधिक है। अब तक ढाई लाख से अधिक भारतीय थाईलैंड आ चुके हैं।

4. पूर्वोत्तर भारत के अंतर्गत आठ राज्य आते हैं; अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, असम, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, त्रिपुरा व हिमालयी राज्य सिक्किम, जहाँ पर्यटन के अवसरों के संबंध में अविश्वसनीय विविधता देखने को मिलती है। दुनिया का सबसे बड़ा नदी द्वीप - माजुली, साथ ही सबसे छोटा बसा हुआ गांव द्वीप - उमानंद असम में है। विश्व का सबसे नम स्थान - मौसिनराम, एशिया का सबसे स्वच्छ गाँव - मावलिननॉन्ग और सबसे स्वच्छ नदी - उमंगोट मेघालय में हैं। यहाँ सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश में कई वन्यजीव अभयारण्यों, मठों के साथ-साथ गिरते पानी से चूना पत्थर में उकेरी गई दिलचस्प गुफाएं मौजूद हैं। उत्तर-पूर्व भारत अपने खूबसूरत परिदृश्य, परंपराओं, त्योहारों और सांस्कृतिक विविधता की वजह से दुनिया भर के पर्यटकों को आकर्षित करता है, जिससे इस क्षेत्र का आकर्षण बढ़ता है। उत्तर पूर्व भारत के प्रसिद्ध त्योहारों में नागालैंड के हॉर्नबिल और मणिपुर के संगाई महोत्सव शामिल हैं। गायन व संगीत बैंड के साथ-साथ शास्त्रीय एवं लोक नृत्य, वस्त्र, हस्तशिल्प तथा चाय के बागान भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

5. भारत सरकार की एक्ट ईस्ट पॉलिसी के तहत, देश के अन्य हिस्सों के साथ-साथ दक्षिण पूर्व तथा पूर्वी एशियाई क्षेत्र के साथ उत्तर पूर्वी क्षेत्र की कनेक्टिविटी बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया है। कई कनेक्टिविटी परियोजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। मणिपुर में मोरेह को थाईलैंड के मेसोट से जोड़ने वाला भारत-म्यांमार-थाईलैंड त्रिपक्षीय राजमार्ग से दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से पूर्वोत्तर भारत में आवागमन आसान हो जाएगा। इस परियोजना के पूरा होने से व्यापार एवं पर्यटन के भरपूर अवसर सृजित होंगे।

6. थाईलैंड भारतीय पर्यटकों की सबसे पसंदीदा जगह है। जहां तक​भारत में आने वाले थाईलैंड के पर्यटकों का संबंध है, उनमें से ज्यादातर पर्यटक बौद्ध स्थलों की तीर्थयात्रा के उद्देश्य से भारत आते हैं। भारत एडवेंचर, अध्यात्म तथा स्वास्थ्य को तरजीह देने वाले पर्यटन के लिए पसंदीदा गंतव्य के रूप में उभर रहा है। हमने देखा है कि, उत्तर पूर्वी राज्य थाईलैंड तथा अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई देशों, विशेषतः युवा पीढ़ी के पर्यटकों को अधिक आकर्षित कर रहे हैं। उनकी रुचि नए एडवेंचर स्थलों को देखने और बर्फ से ढके पहाड़ों, जंगलों व वन्य जीवन सहित यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता में हैं।

7. दोनों देशों के पर्यटन प्राधिकरणों के साथ-साथ टूर ऑपरेटरों ने भी पूर्वोत्तर भारत में उपलब्ध पर्यटन के विशाल अवसरों को अच्छी तरह से पेश किया है। मुझे दोनों पक्षों से आये बड़ी संख्या में एयरलाइन्स, यात्रा व पर्यटन कंपनियों के प्रतिनिधियों को देखकर खुशी हो रही है। यह देखते हुए कि हम करीबी पड़ोसी हैं, थाईलैंड से भारत आने वाले पर्यटनों की संख्या को बढ़ाने की काफी गुंजाइश है। संस्कृति, भोजन व जलवायु परिस्थितियों में समानता के साथ-साथ हमें हवाई, जमीनी व समुद्र के ज़रिए अच्छी कनेक्टिविटी का लाभ मिलता है। इससे थाईलैंड के पर्यटकों के लिए पूर्वोत्तर राज्यों की यात्रा करना कम खर्चिला होता है।

8. भारत और थाईलैंड के बीच महामारी से पहले प्रति सप्ताह लगभग 300 फ्लाइट्स के साथ अच्छी एयर कनेक्टिविटी थी। गुवाहाटी और बैंकॉक के बीच सीधा हवाई संपर्क भी स्थापित किया गया था जो अब महामारी के कारण बंद हो गया है। अब, हम थाईलैंड और भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों के बीच सीधे हवाई संपर्क को पुनः शुरु करने पर विचार कर रहे हैं। अभी, इस क्षेत्र में 2 अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे - एक गुवाहाटी में और दूसरा इंफाल में हैं।

9. भारत और थाईलैंड दोनों के खुलने से, हमें उम्मीद है कि दोनों ओर से पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी और हम पूर्वोत्तर राज्यों की यात्रा करने एवं अतुल्य भारत का अनुभव करने के लिए अधिक संख्या में भारत आने वाले थाईलैंड के पर्यटकों का स्वागत करने हेतु पूरी तरह से तत्पर हैं।

10. मैं एक बार फिर से पूर्वोत्तर भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने में आपकी भागीदारी तथा रुचि के लिए आप सभी को धन्यवाद देता हूं और श्री श्यामकनु महंता एवं ट्रेंड एमएमएस को इस महोत्सव तथा संगोष्ठी के आयोजन के लिए विशेष धन्यवाद देता हूं।

शुक्रिया।
कोब ख़ोन ख़राप (Kob Khun Khrap)

बैंकाक
जुलाई 29, 2022

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