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प्रश्न सं. 2134 विदेशों में भारतीय प्रवासी कामगारों से प्राप्त हुई शिकायतें

अगस्त 04, 2022

राज्य सभा
अतारांकित प्रश्न सं. 2134
04.08.2022 को उत्तर देने के लिए

विदेशों में भारतीय प्रवासी कामगारों से प्राप्त हुई शिकायतें

2134. श्री नरेश बंसल


क्या विदेश मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे किः

(क) क्या सरकार ने विदेशों में भारतीय प्रवासी कामगारों की खराब जीवनयापन की स्थितियों के संबंध में कोई जाँच की है, यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं;

(ख) क्या सरकार इन कामगारों के जीवन स्तर में सुधार के लिए उपाय करने की योजना बना रही है, यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं;

(ग) मार्च, 2022 तक विदेशों में काम कर रहे भारतीय कामगारों से कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं; और

(घ) मार्च, 2022 तक कितनी शिकायतों का समाधान किया गया?

उत्तर
विदेश राज्य मंत्री
[श्री वी.मुरलीधरन]

(क) से (घ) सरकार के पास विदेशों में काम कर रहे भारतीय कामगारों की कार्यचालन स्थिति की निगरानी और शिकायत निवारण के लिए मजबूत तंत्र है। नर्सों सहित विदेश जाने वाले सभी ईसीआर श्रेणी के श्रमिकों को उत्प्रवास अधिनियम 1983 में दी गई परिभाषा के अनुसार अनापत्ति के लिए दस्तावेजों/संविदाओं की जांच के लिए ई-माइग्रेट मंच पर पंजीकरण कराना होता है। इसके अलावा, भारतीय मिशन और केंद्र नियमित रूप से फीडबैक प्राप्त करने और भारतीय कामगारों की शिकायतों को दूर करने के लिए ओपन हाउस का आयोजन करते हैं। प्रवासियों की ओर से शिकायतें प्राप्त होने पर भारतीय मिशन/केंद्र आवश्यकतानुसार कार्य स्थल का दौरा करके भी रोजगार से संबंधित मुद्दों से जुड़ी शिकायतों को शीघ्र निपटान हेतु स्थानीय श्रम विभाग तथा उस देश में अन्य संबंधित अधिकारियों के साथ उठाते हैं।

खाड़ी देशों में सभी भारतीय मिशनों में विशिष्ट लेबर विंग भी हैं। कठिनाई का सामना करने वाला कोई भी कामगार मदद पोर्टल, ई-माइग्रेट पोर्टल और प्रवासी भारतीय सहायता केंद्र (पीबीएसके) की 24x7 बहुभाषी हेल्पलाइन के माध्यम से उनसे संपर्क कर सकता है।

विदेश स्थित भारतीय मिशन/केन्द्र ईसीएनआर श्रेणी के देशों में भारतीय प्रवासी कर्मचारियों से संबंधित मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर उठाते हैं। हमारे मिशन प्रथम उपाय के रूप में मुद्दों का सौहार्दपूर्ण समाधान तलाशने के लिए विदेशी नियोक्ताओं के साथ संपर्क करते हैं। यदि अपेक्षित हो तो न्यायालय सहित स्थानीय सरकार तथा विधि प्रवर्तन प्राधिकरणों के साथ भी इन्हें उठाया जाता है।

मिशन प्रवासी भारतीय नागरिकों को संकट के समय में सहायता प्रदान करने के लिए समय-समय पर भारतीय सामुदायिक कल्याण कोष (आईसीडब्ल्यूएफ) का भी उपयोग करते हैं।

खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के छह देशों, जहां बड़ी संख्या में भारतीय कामगार रहते हैं और काम करते हैं, के साथ भारतीय कामगारों के हितों की रक्षा के लिए श्रम और जनशक्ति सहयोग समझौता ज्ञापन/करार हुए हैं। ये करार/एमओयू संयुक्त कार्य समूह (जेडब्ल्यूजी) की बैठकों के माध्यम से श्रम संबंधी मुद्दों पर व्यापक चर्चा और समीक्षा करने के लिए संस्थागत ढांचा प्रदान करते हैं।

प्रवासी भारतीय सहायता केंद्र (पीबीएसके) के आंकड़ों के अनुसार, 2020 से मार्च 2022 की अवधि के दौरान, भारतीय मिशनों/केंद्रों में कुल 3784 शिकायतें दर्ज की गई थीं।

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