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प्रश्न संख्य़ा 1362 चाबहार बंदरगाह के संबंध में ईरान के साथ सहमति ज्ञापन

सितम्बर 22, 2020

राज्यसभा
अतारांकित प्रश्न संख्य़ा 1362
दिनांक 22.09.2020 को उत्तर देने के लिए

चाबहार बंदरगाह के संबंध में ईरान के साथ सहमति ज्ञापन

1362. श्री विशम्भर प्रसाद निषादः
चौधरी सुखराम सिंह यादवः
श्रीमती छाया वर्माः

क्या विदेश मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि :

(क) क्या सरकार द्वारा चाबहार बंदरगाह के निर्माण के लिए सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए थे, तत्संबंधी ब्यौरा क्या है;

(ख) क्या यह सच है कि भारत सरकार की निष्क्रियता के कारण ईरान खुद ही इस परियोजना को पूरा कर रहा है; और

(ग) क्या ऐसे कदमों के कारण भारत के संबंध मित्र देशों के साथ लगातार बिगड़ रहे हैं?

उत्तर
विदेश राज्य मंत्री
(श्री वी. मुरलीधरन)

(क) से (ग) मई, 2016 में माननीय प्रधानमंत्री की ईरान यात्रा के दौरान, भारत, ईरान और अफगानिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय परिवहन और पारगमन गलियारा स्थापित करने के लिए त्रिपक्षीय करार पर हस्ताक्षर किए थे। भारत ईरान इस्लामिक गणराज्य की सरकार के सहयोग से चाबहार में शहीद बेहेस्ती बंदरगाह के प्रथम चरण के विकास में सहभागी है।

दिसम्बर, 2018 में एक भारतीय कम्पनी, इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड ने चाबहार में शहीद बेहेस्ती बंदरगाह के प्रचालन का दायित्व संभाला और तब से अबतक 12 लाख टन के कार्गो तथा 8200 कंटेनरों का संचालन किया है। हाल के वर्षो में, चाबहार बंदरगाह के रास्‍ते अफगानिस्तान के लिए पारगमन माल में वृद्धि हुई है। भारत द्वारा अफगानिस्तान को 75,000 टन गेहूं की सहायता, जिसमें से आठ खेप पहले ही भेजी जा चुकी है, चाबहार बंदरगाह के रास्ते से ही भेजी जा रही है। चालू वित्त वर्ष के आरंभ से भारत से अफगानिस्तान को जाने वाले 53000 टन से अधिक गेहूं का परिवहन इस बंदरगाह से किया जाता है। अफगानिस्तान से भारत को निर्यात भी चाबहार बंदरगाह के रास्ते ही किया जाता है।

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