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प्रश्न संख्य़ा 1370 यूएनएससी का विस्तार और अन्य सुधार

सितम्बर 22, 2020

राज्यसभा
अतारांकित प्रश्न संख्य़ा 1370
दिनांक 22.09.2020 को उत्तर देने के लिए

यूएनएससी का विस्तार और अन्य सुधार

1370. श्री सुशील कुमार गुप्ता:

क्या विदेश मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि :

(क) गत तीन वर्षों के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की स्थायी और अस्थायी सीटों को बढ़ाए जाने पर जोर देने और विश्व व्यापार संगठन, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसे अंतरराष्ट्रीय निकायों में सुधार लाने के लिए भारत द्वारा क्या-क्या प्रयास किए गए हैं;

(ख) तत्संबंधी ब्यौरा क्या है; और

(ग) यदि नहीं, तो क्या सरकार इस संबंध में हर संभव प्रयास करेगी?

उत्तर
विदेश राज्य मंत्री
(श्री वी. मुरलीधरन)

(क) से (ग) सरकार ने विस्तारित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता प्राप्त करने को अत्यधिक प्राथमिकता दी है जो समकालीन वैश्विक वास्तविकताओं को परिलक्षित करती हो। भारत सुधार-समर्थक अन्य देशों के साथ मिलकर, स्थायी और गैर-स्थायी दोनों श्रेणियों में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार के लिए संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के बीच समर्थन जुटाने का निरंतर प्रयास करता रहा है।

भारत का यह कहना रहा है कि संयुक्त राष्ट्र और उसकी सुरक्षा परिषद से शुरुआत करते हुए वैश्विक संस्थाओं में सुधार लाने की आवश्यकता है। मौजूदा संगठनों के उद्देश्यपूर्ण सुधार के लिए संयुक्त राष्ट्र में सुधार लाकर उसे बहुपक्षीय बनाना हमारा आदर्श वाक्य रहा है, जो कि जारी रहना चाहिए ताकि इस जटिल और अनिश्चित समय में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की बेहतर ढ़ग से सेवा की जा सके।

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने न्यूयॉर्क में स्थित संयुक्त राष्ट्र में शुक्रवार, 17 जुलाई, 2020 को इस वर्ष की संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी) सत्र के उच्च-स्तरीय बैठक में वर्चुवल तौर पर आधार व्याख्यान दिया और कोविड-19 के बाद के विश्व में संयुक्त राष्ट्र में सुधार लाकर उसे बहुपक्षीय बनाने के भारत के आह्वान को दोहराया जो समकालीन विश्व की वास्तविकताओं को परिलक्षित करता हो।

भारत संयुक्त राष्ट्र में यूएनएससी सुधार पर चल रही अंतर-सरकारी वार्ता में सक्रिय रूप से लगा हुआ है और जी-4 (भारत, जापान, ब्राजील और जर्मनी) एवं एल.69 समूह (एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका महाद्वीप के विकासशील देशों का समूह) की सदस्यता के माध्यम से अन्य सुधार उन्मुख देशों के साथ मिलकर काम करता रहा है। यूएनएससी सुधारों के मुद्दे पर उच्चतम स्तरों सहित सभी प्रासंगिक द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकों में विचार विमर्श किया जाता है।

'न्यू ओरिएंटेशन फॉर ए रिफार्म्ड मल्टीलेट्रल सिस्टम (एनओआरएमएस)' 2021-22 में यूएनएससी के गैर स्थायी सदस्य के रूप में भारत के कार्यकाल की मुख्य प्राथमिकताओं में से एक रहेगी। बहुपक्षीय निकायों की अभिशासन संरचनाओं के तत्काल सुधार का आह्वान उच्च-स्तरीय द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संबंधों में भारत की प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक रहा है।

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