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जिनेवा में भारत की चौथी सार्वभौमिक आवधिक समीक्षा

नवम्बर 09, 2022

सार्वभौमिक आवधिक समीक्षा (यूपीआर) कार्य समूह का 41 वां सत्र जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में 7-18 नवंबर 2022 तक आयोजित किया जा रहा है। इस सत्र के दौरान, चौथे यूपीआर चक्र के लिए भारत की राष्ट्रीय रिपोर्ट की समीक्षा 10 नवंबर 2022 को की जाएगी।

2. भारत के सॉलिसिटर जनरल श्री तुषार मेहता भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसमें सचिव (पश्चिम) श्री संजय वर्मा, भारत के स्थायी प्रतिनिधि श्री इंद्र मणि पांडे, भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल श्री केएम नटराज और विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय, ग्रामीण विकास मंत्रालय और नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारी और राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, दिल्ली के कुलपति शामिल हैं।

3. भारत मानवाधिकारों के वैश्विक संवर्धन और संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाता है। संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए हमारी मजबूत प्रतिबद्धता, 'वसुधैव कुटुंबकम' या "विश्व एक परिवार है" के हमारे सभ्यतागत लोकाचार से प्रेरित है, एक नींव प्रदान करती है जिस पर मानवाधिकारों के लिए हमारे संवैधानिक और कानूनी ढांचे का निर्माण किया गया है।

4. भारत विश्व स्तर पर मानवाधिकारों को बढ़ावा देने और उनकी रक्षा करने के लिए यूएनएचआरसी के सदस्यों और संयुक्त राष्ट्र के अन्य मित्र सदस्य देशों के साथ रचनात्मक रूप से जुड़ा हुआ है। हमने विभिन्न हितधारकों के बीच संवाद, सहभागिता और सहयोग पर जोर दिया है। हमने मानवाधिकार दायित्वों को पूरा करने में राज्यों की प्रधानता को रेखांकित किया है। हमने परिषद के एजेंडे के विभिन्न मुद्दों पर आम सहमति बनाने का प्रयास किया है और हमने रचनात्मक तरीके से परिषद में विचार-विमर्श में भाग लिया है।

5. यूपीआर एक महत्वपूर्ण तंत्र है जिसका भारत पूरी तरह से समर्थन करता है। यह मानवाधिकार परिषद की एक अनूठी सहकर्मी समीक्षा प्रक्रिया है जिसके तहत संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश मित्र सदस्य देशों के मानवाधिकार प्रदर्शन की समीक्षा करते हैं। यह अपने सार्वभौमिक चरित्र, रचनात्मक और परामर्शी दृष्टिकोण और सदस्य देशों के बीच संवाद और सहयोग पर महत्व देने के कारण सफल मानवाधिकार तंत्रों में से एक के रूप में उभरा है। यूपीआर तंत्र अपने मानवाधिकार दायित्वों को मानने और पूरा करने में देशों की केंद्रीयता को भी सुदृढ़ करता है। भारत ने अन्य देशों की समीक्षा में सक्रिय रूप से भाग लिया है और हम बदले में उन 131 सदस्य देशों का स्वागत करते हैं जिन्होंने हमारी सहकर्मी समीक्षा में संलग्न होने के लिए पंजीकरण कराया है। समीक्षाधीन देशों को प्राप्त सभी यूपीआर सिफारिशों का समर्थन करके या उन्हें नोट करके स्थिति अपनानी होगी। हमारी यूपीआर परिणाम रिपोर्ट मार्च 2023 में मानवाधिकार परिषद के 52 वें सत्र में अपनाई जाएगी।

6. 5 अगस्त 2022 को प्रस्तुत भारत की राष्ट्रीय रिपोर्ट, 2017 में भारत के तीसरे यूपीआर चक्र में हमारे द्वारा स्वीकार की गई सिफारिशों के कार्यान्वयन सहित मानवाधिकारों के संवर्धन और संरक्षण की दिशा में हमारे कदमों को रेखांकित करती है। भारत की रिपोर्ट राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, दिल्ली के सहयोग से विभिन्न हितधारकों के साथ परामर्श के बाद तैयार की गई थी, जिसमें न्यायपालिका, राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्थान, शिक्षाविदों, नागरिक समाज संगठनों और आम जनता के प्रतिनिधि शामिल थे।

नई दिल्ली
नवंबर 09, 2022

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