77वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा में शिष्टमंडलों के प्रमुख हम (** जैसा कि नीचे सूचीबद्ध है) ऐसे समय में एकत्रित हुए हैं जब दुनिया तेजी से जटिल होती और परस्पर जुड़ी हुई वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रही है।
हम संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मार्गदर्शक सिद्धांतों और संप्रभुता, स्वतंत्रता, कानून के शासन, मानवाधिकारों और लोकतंत्र के सम्मान के हमारे साझा मूल्यों के द्वारा एक साथ यहाँ लाए गए हैं।
प्रभावी बहुपक्षवाद में विश्वास बहाल करने की आवश्यकता के प्रति आश्वस्त, हम सुधार समर्थक एक समान विचारधारा वाले राज्यों के एक समूह के रूप में एकजुट हैं, जो एक अधिक समावेशी, उत्तरदायी और सहभागी अंतरराष्ट्रीय शासन संरचना की दिशा में काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
हम मानते हैं कि एक लचीली दुनिया को तत्काल सुधार और प्रभावी बहुपक्षवाद की आवश्यकता है ताकि हमारे समय की बढ़ती हुई चुनौतियों, विकास संबंधी चुनौतियों, गरीबी, जलवायु परिवर्तन, महामारी, वैश्विक खाद्य सुरक्षा, अंतर्राष्ट्रीय संघर्षों और संकटों तथा अंतर्राष्ट्रीय
आतंकवाद के समाधान प्रदान किए जा सकें।
हम इस बात को फिर से दोहराते हैं कि संयुक्त राष्ट्र को समकालीन विश्व की वास्तविकताओं के अनुकूल बनाने के लिए आवश्यक रूप से सुरक्षा परिषद में तत्काल और व्यापक सुधार की आवश्यकता है, जो कि अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए यूएन का एक प्रमुख अंग है।
हम आगे मानते हैं कि सुरक्षा परिषद में सुधार में प्रगति की कमी के गंभीर निहितार्थ हैं, न केवल वैश्विक शासन संस्थानों की निरंतर प्रासंगिकता के लिए, बल्कि वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए तथा संयुक्त राष्ट्र चार्टर के उद्देश्यों, सिद्धांतों और वादों को पूरा करने
के लिए भी।
हम इस बात पर जोर देते हैं कि एक वैध सुरक्षा परिषद को विकासशील दुनिया की आकांक्षाओं और दृष्टिकोणों को प्रतिबिंबित करना चाहिए, जो संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक सदस्यता के बहुमत का निर्माण करते हैं।
हम मानते हैं कि एक सुधारित सुरक्षा परिषद को समकालीन संयुक्त राष्ट्र सदस्यता को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करना चाहिए, जिसमें छोटे विकासशील द्वीपीय राज्यों (एसआईडीएस) का बढ़ा हुआ प्रतिनिधित्व शामिल है, जो संयुक्त राष्ट्र की सदस्यता के लगभग 20% का गठन करते हैं।
हम इस बात को दोहराते हैं कि स्थायी और अस्थायी दोनों श्रेणियों में सुरक्षा परिषद का विस्तार, साथ ही साथ इसकी कार्यप्रणाली में सुधार, इस निकाय को अधिक प्रतिनिधिपूर्ण, वैध और प्रभावी बनाने के लिए अनिवार्य है।
हम आम अफ्रीकी स्थिति (Common African Position) के अनुरूप अफ्रीका के प्रतिनिधित्व के लिए अपने समर्थन की पुष्टि करते हैं, जैसा कि एजुल्विनी आम सहमति और सिर्ते घोषणा में निहित है।
हम एक औपचारिक वार्ता प्रक्रिया की आवश्यकता की पुष्टि करते हैं, जो संयुक्त राष्ट्र के चार्टर में निर्धारित कार्य पद्धतियों और निर्णय लेने के तौर-तरीकों द्वारा निर्देशित और महासभा के नियमों एवं प्रक्रियाओं के अनुरूप है।
हम पुन: सक्रिय आईजीएन प्रक्रिया सहित सुरक्षा परिषद पर ठोस प्रगति करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं।
हम महासभा के 77वें सत्र के दौरान अपने प्रयासों में "नया जीवन डालने" के लिए प्रतिबद्ध हैं, और सुरक्षा परिषद के व्यापक सुधार को प्राप्त करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य राज्यों से हाथ मिलाने का तत्काल आह्वान करते हैं।
**बहामास, बांग्लादेश, बारबाडोस, भूटान, ब्राजील, बोलीविया, बुरुंडी, काबो वर्डे, डोमिनिका, ग्रेनाडा, गुयाना, हैती, भारत, जमैका, लाइबेरिया, मालदीव, मॉरीशस, माइक्रोनेशिया, मंगोलिया, निकारागुआ, नाइजीरिया, पलाऊ, पापुआ न्यू गिनी , सेंट किट्स एंड नेविस, सेंट लूसिया,
सेंट विंसेंट और ग्रेनाडाइंस, सेशेल्स, दक्षिण अफ्रीका, तिमोर-लेस्ते, टोगो, तुवालु और वानुअतु
न्यूयॉर्क
सितम्बर 23, 2022