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सार्क देशों के मंत्रियों की परिषद की अनौपचारिक बैठक (वर्चुअल माध्यम से)

सितम्बर 24, 2020

1. भारतीय गणराज्य के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने 24 सितंबर 2020 को सार्क मंत्रिपरिषद की वार्षिक अनौपचारिक बैठक में भाग लिया। नेपाल की अध्यक्षता में हुई बैठक को आभासी माध्यम से आयोजित किया गया और इसमें सार्क के सभी सदस्य देशों ने भाग लिया।

2. 1997 के बाद से संयुक्त राष्ट्र की आमसभा के दौरान विदेश मंत्रियों की उपस्थिति का लाभ उठाते हुए नियमित तौर पर यह बैठक होती रही है।

3. 26 सितंबर 2019 को न्यूयॉर्क में सार्क मंत्रिपरिषद की पिछली अनौपचारिक बैठक के बाद से क्षेत्रीय सहयोग की स्थिति पर बैठक में महासचिव ने एक रिपोर्ट साझा की।

4. बैठक में कोविड-19 महामारी से निपटने के क्षेत्रीय प्रयासों की समीक्षा की गई। विशेष रूप से, प्रतिभागियों ने पूरे क्षेत्र में महामारी का मुकाबला करने के लिए सहयोगात्मक उपाय करने पर 15 मार्च 2020 को सार्क नेताओं के वीडियो सम्मेलन को आयोजित करने हेतु भारत के माननीय प्रधानमंत्री के नेतृत्व की सराहना की। इसमें सार्क सार्क-19 इमरजेंसी फंड का सृजन शामिल था, जिसमें सभी देशों ने स्वैच्छिक रुप से योगदान दिया है।

5. डॉ. जयशंकर ने अपने बयान में एक जुड़े हुए, एकीकृत, सुरक्षित तथा समृद्ध दक्षिण एशिया के निर्माण में सार्क के प्रति भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने सार्क नेताओं के वीडियो कॉन्फ्रेंस के बाद भारत द्वारा उठाए गए उपायों पर विस्तार से प्रकाश डाला, जिसमें स्वास्थ्य पेशेवरों और व्यापार अधिकारियों की आभासी बैठकें आयोजित करना, 'कोविड-19 सूचना विनिमय मंच (सीओआईएनईएक्स), विदेशी मुद्रा विनिमय समर्थन और सार्क फूड बैंक तंत्र की सक्रियता शामिल हैं। डॉ. जयशंकर ने बताया कि सार्क कोविड-19 इमरजेंसी फंड में भारत के योगदान के तहत, सार्क क्षेत्र के देशों को 2.3 मिलियन अमेरिकी डॉलर की राशि की आवश्यक दवाओं, चिकित्सा उपभोग्य सामग्रियों, कोविड सुरक्षा और टेस्टिंग किट तथा अन्य उपकरणों की आपूर्ति उपलब्ध कराई गई। उन्होंने कोविड-19 महामारी से निपटने में सार्क क्षेत्र में देशों की सहायता करने की भारत की निरंतर प्रतिबद्धता को दोहराया।

6. डॉ. जयशंकर ने सार्क के सदस्यों से सामूहिक रूप से आतंक तथा टकराव के माहौल का पोषण, समर्थन और प्रोत्साहन करने समेत आतंकवाद के संकट से निपटने हेतु सामूहिक हल तलाशने का आह्वान किया, जिसने दक्षिण एशिया में सामूहिक सहयोग और समृद्धि हेतु अपनी पूर्ण क्षमता का अनुभव करने के सार्क के उद्देश्य को बाधित किया है।

नई दिल्ली
सितंबर 24, 2020

 

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