मीडिया सेंटर

सरकारी प्रवक्ता द्वारा साप्ताहिक मीडिया वार्ता का प्रतिलेख (नवंबर 03, 2022)

नवम्बर 04, 2022

श्री अरिंदम बागची, सरकारी प्रवक्ता: आप सभी को बहुत-बहुत नमस्कार । इस सप्ताह की मीडिया वार्ता में हमसे जुड़ने के लिए धन्यवाद। मुझे एक घोषणा करनी है और फिर हम प्रश्नों के लिए मंच खोलेंगे। यह घोषणा विदेश मंत्री की मास्को यात्रा के संबंध में है। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर इस महीने की 7 और 8 नवंबर को रूसी संघ की आधिकारिक यात्रा करेंगे। यात्रा के दौरान, विदेश मंत्री अपने समकक्ष, रूसी संघ के विदेश मंत्री, महामहिम श्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात करेंगे। चर्चाओं में द्विपक्षीय मुद्दों की पूरी श्रृंखला के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रमों पर विचारों के आदान-प्रदान की उम्मीद है। विदेश मंत्री रूसी संघ के उप प्रधानमंत्री और व्यापार और उद्योग मंत्री, महामहिम श्री डेनिस मंटुरोव से भी मुलाकात करेंगे जो व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग पर भारत रूस अंतर-सरकारी आयोग, आईआरआईजीसी-टीईसी के उनके समकक्ष हैं। स्पष्टतः, विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। यह यात्रा दोनों पक्षों के बीच नियमित उच्च स्तरीय वार्ता के क्रम में होगी। विदेश मंत्री ने आखिरी बार जुलाई 2021 में रूस का दौरा किया था, उसके बाद इस साल अप्रैल में रूसी विदेश मंत्री की नई दिल्ली की यात्रा हुई थी। अब मैं प्रश्नों के लिए मंच को खोलता हूँ।

सिद्धांत: महोदय, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ बीजिंग की यात्रा पर थे, जहाँ चीन और पाकिस्तान द्वारा कश्मीर का उल्लेख करते हुए एक संयुक्त बयान दिया गया था, चीनी पक्ष ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संकल्प और द्विपक्षीय समझौतों का उल्लेख किया था। तो दोनों देशों द्वारा कश्मीर के मुद्दे उठाने पर भारत की क्या प्रतिक्रिया है

येशी: नमस्ते, द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से येशी सेली। मैं जानना चाहती हूँ, आप जानते हैं, आठ पूर्व नौसैनिक अधिकारी अगस्त से पिछले तीन महीनों से दोहा में हिरासत में हैं, और इस बात की कोई खबर नहीं है कि वे हिरासत में क्यों हैं। मैं जानना चाहती हूँ।

कविता जोशी : Sir मैं कविता जोशी हूँ Hari Bhoomi Newspaper से, मेरा सवाल सिद्धांत के सवाल से ही जुड़ा हुआ है, कल जो मुलाकात हुई है पाकिस्तान के प्रधानमंत्री और चीन के राष्ट्रपति के बीच में उसमें ये कहा गया joint statement में कि एक issue तो जम्मू-कश्मीर का आया, दूसरा issue था CPEC के extension को लेकर के, अफगानिस्तान, जिसमें सहमति बनी दोनों देशो के बीच में, ये भी कहा गया और आतंकवाद के मसले पर भी दोनों के बीच में बातचीत हुई है जिसमें चीन ने ये कहा है कि पाकिस्तान की जो कारवाई है अभी तक आतंकवाद को लेकर के उससे वो अभी तक सहमत है और दोनों देश जो है और आतंकवाद रोधी जो कारवाई है जैसे UN के level में हम जो प्रस्ताव लाते है आतंवादियों को प्रतिबंधित करने के लिए, चीन उनको वीटो करके रोकता है। तो, उस तरह की जो कारवाई है आतंकवादी रोधी कारवाई, उसका दोनों देश politicisation नही कर रहे है। तो इस पर विदेश मंत्रालय की क्या प्रतिक्रिया है ?

इलियाना: शुभ मध्याह्न अरिंदम। शुभ मध्याह्न साथियों डॉ जयशंकर की आगामी मास्को यात्रा की जानकारी देने के लिए धन्यवाद। मेरा प्रश्न है कि आप इस यात्रा के मुख्य उद्देश्य को कैसे देखते हैं, एक तो आप क्या चर्चा करने जा रहें हैं ठीक है, मैंने सुना की आपने कहा द्विपक्षीय मुद्दे, अंतर्राष्ट्रीय, क्षेत्रीय मुद्दे लेकिन आपका उद्देश्य क्या है? आप किस भाव के साथ मास्को जा रहे हैं? और यह भी बहुत रोचक है कि आपने कहा डॉ जयशंकर न केवल अपने रूसी समकक्ष बल्कि रूसी उपप्रधानमंत्री से भी मिलेंगे, जो कि साथ ही रूस के व्यापार मंत्रालय के प्रमुख हैं। तो इसके क्या मायने हैं?

कादम्बिनी शर्मा : कादिम्बिनी शर्मा from NDTV INDIA, अभी कुछ ही देर पहले खबर आई है कि पाकिस्तान में वहां के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के मार्च में जो firing हुई है और खुद इमरान खान भी injured हुए है, पांव में उनको गोली लगी है। कोई प्रतिक्रिया इसपर ?

श्री अरिंदम बागची, सरकारी प्रवक्‍ता : ठीक है, मैं इस दौर के प्रश्‍नों को लेता हूँ। मैं शुरू करता हूँ, मुझे लगता है कि सिद्धांत आपने इसे उठाया था और कविता जी आपने भी उल्लेख किया था। हमने नोट किया है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की चीन यात्रा के बाद जारी किए गए संयुक्त बयान में भारतीय केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के कई अनुचित संदर्भ शामिल हैं। इसमें तथाकथित चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे, सीपीईसी के तहत परियोजनाओं और इसके तीसरे देशों तक विस्तार का भी उल्लेख है, जैसा कि मुझे लगता है कि कविता जी जिक्र कर रही थीं। देखिए, हमने ऐसे बयानों को लगातार खारिज किया है और सभी संबंधित पक्ष इन मामलों पर हमारी स्पष्ट स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ हैं। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख हमेशा भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा हैं और हमेशा रहेंगे और किसी अन्य देश के पास इस पर टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है। जहाँ तक इस तथाकथित चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का संबंध है, हमने चीन और पाकिस्तान को लगातार अपने विरोध और अपनी चिंताओं से अवगत कराया है। सीपीईसी में भारत के संप्रभु क्षेत्र पर परियोजनाएँ शामिल हैं, जो जबरन और अवैध बाहरी कब्जे में हैं। हम क्षेत्र में यथास्थिति को बदलने के लिए ऐसी परियोजनाओं का उपयोग करने के किसी भी प्रयास को दृढ़ता से अस्वीकार करते हैं। इस तरह की गतिविधियों में तीसरे पक्ष को शामिल करने का कोई भी प्रयास स्वाभाविक रूप से अवैध, नाजायज और अस्वीकार्य है और हमारे द्वारा ऐसा ही माना जाएगा। मुझे लगता है कि यह एक बयान होगा।

कविता जी आपने जिसका जिक्र किया था दोनों पक्षों, दोनों मुद्दों पे मैंने जवाब दे दिया है। इसमें भी जैसा आपने कहा CPEC के बारे में हमने अपना रवैया पहले से साफ कर रखा है इस बारें में जैसा मैंने अभी अंग्रेजी में कहा ये हमारा position है। Terrorism के मामले में ज्यादा detail में नही कहूँगा क्योकिं वो दोनों के बीच में उन्होंने क्या सफाई उनको दी है और उन्होंने क्या कहा है। हमारी जो अपेक्षा है पाकिस्तान से terrorism पर इसपर तो हम बहुत बार दोहरा चुके अपना position और listing के बारे में भी जो UN security council की listing पे भी हमने politicisation या इस तरह के कोई और नज़रिए से देखने पर भी हमने सख्त खिलाफ कहा भी है। हमारा ये मानना है कि हर कोई listing proposal को उसके dossier के ऊपर देखना चाहिए, उसके facts के ऊपर देखना चाहिए और हम भी चाहते हैं और अंतर्राष्ट्रीय community में हम सहमत है सिवाय एक-दो countries पे और हम तो यही दोहराएंगे। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री की हाल की जो चीन यात्रा के बाद एक संयुक्त वक्तव्य जारी की गई थी जिसमें भारतीय केन्द्रशासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर के बारें में कुछ अनुचित सन्दर्भ में कुछ comment किए गए थे। ये जो so called चीन-पाकिस्तान economic corridor CPEC जिसे कहते है उसके तहत projects और तीसरे देशों के इसके विस्तार का भी उल्लेख किया गया है उनके वक्तव्य में। हमने लगातार ऐसे बयानों को ख़ारिज किया है और सभी सम्बंधित पक्ष इन मामलों पर हमारी स्पष्ट स्थिति से अच्छी तरह वाकिफ है। केन्द्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और केन्द्रशासित प्रदेश लद्दाख भारत के अभिन्न और अविभाज्य अंग है और हमेशा रहेंगे, किसी अन्य देश को इसपर टिप्पणी करने का अधिकार नही है। अभी जैसा मैंने कहा जहाँ तक की चीन-पाकिस्तान economic corridor so called CPEC का संबंध है, हमने लगातार चीन और पाकिस्तान को अपना विरोध और अपनी चिंताओं से अवगत करा रखा है। CPEC में भारत के sovereign territory के जबरन और अवैध और बाहरी कब्ज़े वाले projects शामिल है। हम इस क्षेत्र में status quo को बदलने के लिए ऐसे projects का उपयोग करने के किसी भी प्रयास को ख़ारिज करते हैं। ऐसी गतिविधियों में तीसरे पक्ष को शामिल करने का कोई भी प्रयास स्वाभाविक रूप से अवैध,नाजायज और हमें अस्वीकार्य है।

अगले मुद्दे पर जाते हुए, मुझे लगता है येशी आपने कतर की घटना का जिक्र किया। देखिए, हम इस विशेष मामले में वहाँ के घटनाक्रमों का अनुसरण कर रहे हैं। मैं कांसुलर व्यक्तिगत मामलों के बारे में बात करने में हमेशा थोड़ा हिचकिचाता हूँ। लेकिन मैं केवल इतना कहना चाहता हूँ कि हम आठ भारतीय नागरिकों को हिरासत में लिए जाने के बारे में जानते हैं, जो, हम समझते हैं कि कतर या उस क्षेत्र में एक निजी कंपनी के लिए काम कर रहे थे। कतर में हमारा दूतावास कतर के प्राधिकारियों के संपर्क में है। दूतावास के अधिकारियों ने हिरासत में लिए गए भारतीय नागरिकों तक कांसुलर एक्सेस बनाई और जब उनके पास वह कांसुलर एक्सेस था तो उनके सकुशल होने के बारे में पता लगाया। हिरासत में लिए गए लोगों ने कुछ मौकों पर अपने परिवार के सदस्यों से भी बात की है। हमने काउंसलर एक्सेस के एक और दौर के लिए अनुरोध किया है और इसके लिए हम कतर के प्राधिकारियों के साथ अनुवर्ती कार्रवाई कर रहे हैं। हमारा दूतावास और मंत्रालय परिवारों के संपर्क में है। वहाँ हमारा दूतावास हिरासत में लिए गए भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई और स्वदेश वापसी के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। फिलहाल मैं इसे यहीं तक सीमित रखता हूँ ।

इलियाना के सवाल पर जाने से पहले, कादम्बिनी जी आपने पूछा था इमरान खान के बारे में, जैसे ही मैं आ रहा था इस briefing के लिए हमने report देखी है, ये अभी developments है और हम इसपे नज़र बनाए रखेंगे और अभी मेरे पास और ज्यादा details में कुछ है नही कहने के लिए।

इलियाना, आपके पास आते हुए, जैसा कि मैंने कहा, मैं मुख्य तत्वों को दोहरा सकता हूँ । यह एक यात्रा है जो प्रमुख रूप से आईआरआईजीसी-टीईसी के साथ है और यही कारण है कि वे निश्चित रूप से उप प्रधानमंत्री, महामहिम श्री डेनिस मंटुरोव से मिल रहे हैं। वे इस अवसर पर अपने समकक्ष रूसी विदेश मंत्री लावरोव के साथ चर्चा करने का भी अवसर लेंगे। मैंने हमेशा रुख लिया है, मैं आज भी वही स्थिति लूँगा कि मैं यह अनुमान नहीं लगा सकता कि चर्चा क्या होगी, लेकिन आपने उल्लेख किया कि हम क्या चाह रहे हैं? हम निश्चित रूप से, आर्थिक तत्वों को देख रहे हैं क्योंकि यह उस आर्थिक, सांस्कृतिक, वैज्ञानिक सहयोग का हिस्सा है और निश्चित रूप से विदेश मंत्री लावरोव के साथ राजनीतिक मुद्दों पर विचारों और चर्चाओं का आदान-प्रदान भी है। जैसा मैंने कहा, मैं दोहराता हूँ। बैठक के दो अलग-अलग सेट हैं। एक आईआरआईजीसी-टीईसी की बैठक है, जैसा कि इसे कहा जाता है, जो व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग पर अंतर-सरकारी आयोग है। दोनों बैठकें मॉस्को में होंगी और इस अवसर पर विदेश मंत्री अपने समकक्ष महामहिम श्री सर्गेई लावरोव से मुलाकात करेंगे। शुक्रिया। ठीक है, मैं अगले दौर के प्रश्नों को लेता हूँ ।

शशांक: मिंट से शशांक मट्टू। महोदय, भारत फिर से खालिस्तान वोट के दूसरे चरण के बारे में अत्यधिक चिंतित है, जो कि कनाडा में छः को होगा । और कनाडा के राजदूत का साफ़ कहना है कि कनाडा इन चीजों को नहीं मानता है, यह निजी मामला है, बोलने की आजादी है, इससे भारत को गंभीर समस्या है। तो मेरा सवाल यह है कि नई दिल्ली विशेष रूप से क्या चाहती है कि कनाडा इन खालिस्तान जनमत संग्रह पर क्या करे? और क्या इससे भारत-कनाडा संबंधों में एक अड़चन बने रहने की संभावना है?

देवीरूपा: मैं द वायर से देवीरूपा हूँ। महिलाओं के लिए पोशाक के अधिकार को लेकर ईरान में महीनों से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। और आप जानते ही होंगे कि कल न्यूयॉर्क में इस पूरे मामले पर यूएनएससी की अनौपचारिक बैठक हुई थी, जिसमें अमेरिका और पश्चिम ने महिलाओं की स्थिति के लिए संयुक्त राष्ट्र महिला आयोग से ईरान को हटाने की बात की थी। एक तो यह कि मूल रूप से, भारत ने अब तक ईरान में सड़कों पर विरोध प्रदर्शन पर कोई टिप्पणी नहीं की है और यह भी कि संयुक्त राष्ट्र आयोग से ईरान को हटाने के अमेरिकी प्रस्ताव पर भारत की क्या प्रतिक्रिया होगी?

ब्रह्म प्रकाश : ब्रम्हप्रकश हूँ Zee News से, मेरा सवाल है कि विदेश मंत्री की रूस यात्रा को लेकर जिस तरह से अभी युद्ध की स्थिति बनी हुई है, Ukraine crisis चल रहा है इसको लेकर लगातार अमेरिका और यूरोपियन countries मांग करते रहे है कि भारत को इसमें मुख्य भूमिका निभाना चाहिए क्योकिं भारत के रिश्ते अच्छे है रूस के साथ। तो, इस यात्रा में Ukraine संकट को लेकर कोई बातचीत होगी?

मेघना देव : मेघना देव DD News से, sir पिछली advisory जो आई थी Ukraine में जो students वापस जा रहे है तो इसके बाद क्या अभी भी students जा रहे है, reports में ऐसा था कि कुछ बच्चे वापस नही आना चाहते है और उन्होंने advisory को seriously नही लिया है तो क्या उसके बारें में कुछ comments?

अखिलेश सुमन : महोदय, मैं संसद टीवी से अखिलेश सुमन हूँ । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने हाल ही में रूस में अपने समकक्ष से भी बात की थी और अब विदेश मंत्री जयशंकर जा रहे हैं और स्वाभाविक रूप से मुझे लगता है कि यूक्रेन का मुद्दा चर्चा में आएगा और बीच में रूस ने यूक्रेन पर डर्टी बम तैयार करने का आरोप लगाया। तो इस स्थिति में, भारत का यूक्रेन के प्राधिकरण के साथ कोई संपर्क या यूक्रेन के साथ किसी आधिकारिक या अनौपचारिक जुड़ाव रहा है ताकि रूस और यूक्रेन के बीच स्थिरता के बारे में कुछ समाधान निकाला जा सके?

श्री अरिंदम बागची, सरकारी प्रवक्ता: नहीं, आपको प्रश्न को और ठोस बनाने की जरूरत है। मैं आपके प्रश्न का उत्तर नहीं देने जा रहा हूँ, लेकिन फिर भी, मैं एक टिप्पणी दूँगा, लेकिन हो सकता है कि यह आपको उत्तर न दे। ठीक। मुझे लगता है कि मैं इस दौर के सवालों को लेता हूँ।

अखिलेश सुमन: मेरा ठोस सवाल यह है कि क्या आपका यूक्रेन के प्राधिकारियों के साथ कोई संपर्क रहा है?

श्री अरिंदम बागची, सरकारी प्रवक्‍ता : मैं शशांक से अपनी बात शुरू करता हूँ। देखिए, तथाकथित खालिस्तान जनमत संग्रह के मुद्दे के बारे में । मुझे लगता है कि हमने दो बार अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है, आपने उल्लेख किया है और इसलिए, मुझे बस उस बिंदु पर शुरू करना चाहिए। तथाकथित खालिस्तान जनमत संग्रह कराने के लिए भारत विरोधी तत्वों के प्रयासों पर हमारी स्थिति सर्वविदित है। इस बारे में कनाडा सरकार को नई दिल्ली और कनाडा दोनों जगहों पर अवगत करा दिया गया है। आपने यह भी उल्लेख किया है और मैं दोहराना चाहता हूँ कि कनाडा सरकार ने सूचित किया है कि वे भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करते हैं और वे कनाडा में दो हिस्सों में होने वाले तथाकथित जनमत संग्रह को मान्यता नहीं देंगे। यहाँ कनाडा के उच्चायुक्त और उप विदेश मंत्री ने इस सप्ताह के प्रारंभ में अलग-अलग बयानों में इस दृष्टिकोण को दोहराया। तथापि, पिछली बार हमने जो कहा था, मैं उसे भी दोहराता हूँ, जो यह था कि हमें यह बेहद आपत्तिजनक लगता है कि एक मित्र देश में चरमपंथी तत्वों द्वारा राजनीति से प्रेरित अभ्यासों को होने दिया जाता है। और आप सभी इस संबंध में हिंसा के इतिहास से अवगत हैं। और हम इस मामले में कनाडा सरकार पर दबाव डालना जारी रखेंगे, उनसे उनके देश में स्थित व्यक्तियों और समूहों द्वारा भारत विरोधी गतिविधियों को रोकने और ऐसे व्यक्तियों और संस्थाओं को, जिन्हें हमारे कानून के तहत आतंकवादी घोषित किया गया है उन्हें उनके कानून के तहत आतंकवादी नामित करने का आह्वान करेंगे। तो इससे आपको पता चलता है कि हम वास्तव में उनसे क्या करने की इच्छा रखते हैं।

ईरान पर देवीरूपा, मुझे लगता है कि मैंने कुछ वार्ताओं पहले इसका उत्तर दिया था। कुछ अन्य पत्रकारों ने पूछा था। उस देश के घटनाक्रमों पर मेरी कोई वास्तविक टिप्पणी नहीं है। मेरे पास इस बारे में आपसे साझा करने के लिए कुछ नहीं है। मुझे लगता है कि वह एचआरसी के संदर्भ में पूछा गया था, आप मुझसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक के संदर्भ में पूछ रही हैं, जैसा कि आपने कहा अनौपचारिक बैठक में, मेरे पास उस पर साझा करने के लिए कुछ भी नहीं है। जहाँ तक यूएस के प्रस्ताव का संबंध है, हाँ, हमने इस पर मीडिया रिपोर्ट्स देखी हैं। इस स्तर पर तो यह काल्पनिक ही है, हम पटल पर प्रस्तुत संकल्पों या प्रस्तावों पर निर्णय लेंगे और जो कि हमारे समग्र दृष्टिकोण के आधार पर होंगे । इसलिए इस पर अभी मेरा कोई बयान या स्थिति नहीं है।

ब्रम्हप्रकाश जी आपने जिक्र किया ये external affairs minister’s visit, रूस में जाएंगे Ukraine की बात आएगी, उठेगी या नही ? देखिए, मैं फिर से इस पर फिर से टिप्पणी नहीं करना चाहूँगा कि वे क्या चर्चा करेंगे। मैं इस बात का पूर्वाभास नहीं करना चाहता कि वे किस बारे में चर्चा करेंगे या किस पर सम्भावना है कि वे चर्चा कर सकते हैं या किस की सम्भावना नहीं है। मैं केवल इतना ही कहूँगा कि हाँ, जैसा कि मैंने अपने उद्घाटन वक्तव्य में कहा था, वह यह है कि हम उम्मीद करते हैं कि वे विभिन्न क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रमों पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे और मैं उसके परे अनुमान नहीं लगाने जा रहा हूँ। जहाँ तक डर्टी बम का संबंध है, मुझे आपका प्रश्न समझ नहीं आया। मैं केवल यह उल्लेख करना चाहता हूँ कि कीव में हमारा एक कामकाजी दूतावास है और निश्चित रूप से हम यूक्रेन के अधिकारियों के संपर्क में हैं। मुझे पता नहीं है कि वे इस तरह के विशिष्ट मुद्दों पर चर्चा करते हैं और न ही मैं उस पर टिप्पणी करने में सक्षम होने हूँ, लेकिन हाँ, हम निश्चित रूप से वहाँ अपने दूतावास के माध्यम से यूक्रेन के अधिकारियों के संपर्क में हैं।

मेघना जी आपका प्रश्न था students या Ukraine में क्या situation है, आपने हमारी advisory जो दो advisory हमारी embassy ने वहां दी थी, आपको मालूम होगा उसके बारें में। हमें ज्ञात है कि कुछ students वहां वापस गए थे, वो वहां पे इसलिए हमने advisory जारी की थी और पर अब वो क्या करते है, देखिए, हमारा जो कर्तव्य है Indian Government की तरफ से Indian नागरिको की तरफ कि हम उनको बताएं, सतर्क करें क्या situation है। हमारा कहना है कि वो निकल जाएं वहां से, आगे वो क्या करते है उनका decision है, हम force तो नही कर सकते। हमारी आशा है कि सब safe रहे, situation normalize रहे और बिगड़े नही situation। ठीक है, मैं इसे आगे के प्रश्नों के दौर में लूँगा ।

शैलेश कुमार : महोदय, मेरा नाम शैलेश कुमार है। मैं नेशनल डिफेंस से हूँ ।Sir recently एक incident हुआ Chinese PLA soldiers, जहाँ पे ये जो जोलारिंग करके जगह है डेमचोक में जहाँ पे चीनी soldiers जो है 25 याक हमारे भारतीयों के ले गए जो herders थे वहां पे और वो वापस नही किया ऐसा समझा जाता है और वहां पे जो local girls थी, जो रहते है resident वो उनके पीछे भागे भी but वो याक ले गए। जी sir और उसके बाद चूँकि ऐसा माना जा रहा है कि वो area हमारे under में ही था, हमारे जो graziers वो अपने याक को चराते थे, उसके बाद जो है वो काफी अंदर आ गए और उस area में जमें हुए है लगभग-लगभग कहते है कि 8 km उन्होंने अंदर buffer zone बना लिया। इस बारें में स्थिति स्पष्ट करने की request करूँगा आपसे और क्या हमने ये मुद्दा उठाया है चीन के साथ और अभी अगला round कब होने वाला है sir border talk पे और special representative talks भी होती थी border talks पे, 2020 के बाद संभवता हुई नही है अभी तक 23वाँ राउंड कब होगा Sir? अगर उसपर कुछ बता पाएं?

राजेश: मेरा प्रश्न पिछले प्रश्न के समान है, विदेश मंत्री जयशंकर की रूस यात्रा के दौरान, क्या रूस यूक्रेन युद्ध को रोकने के बारे में कोई चर्चा होगी? शुक्रिया।

सृंजॉय: महोदय, टाइम्स नाउ से सृंजॉय । महोदय, ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि इमरान खान के पैर में तीन गोलियां लगी हैं। तो ठीक यही स्थिति है। वे घायल हैं, बहुत खून बह गया है, वे अस्पताल में है। इसलिए यदि आप अपनी पिछली टिप्पणी में कुछ अतिरिक्त जोड़ना चाहते हैं, तो कृपया ऐसा करें।

अभिषेक: नमस्ते, सीएनएन न्यूज 18 से अभिषेक। असम में कुछ स्वीडिश और जर्मन नागरिकों की खबरें हैं जो पर्यटक वीजा पर थे और उन्होंने यह धार्मिक उपदेश को शुरू किया और जाहिर तौर पर उन्हें निर्वासित कर दिया गया है या उन्हें हिरासत में लिया गया है। अगर आप इस पर कुछ प्रकाश डाल सकते हैं।

विनीत दीक्षित: न्यूज़गेट से विनीत दीक्षित। मुझे कुछ और details चाहिए जो आपने कहा की खालिस्तानियों का referendum हो रहा है 2nd phase जो होगा कुछ और details है कि कितने लोगो के बारें में हमलोगों ने, अभी तक कोई list दी है कि कितने लोगो को declare किया जाए terrorist। अभी तक कौन-कौन से हमलोगों के हिसाब से अभी संदिग्ध लोग anti-India activity में अभी काम कर रहे है।

श्री अरिंदम बागची, सरकारी प्रवक्ता:शैलेश जी आपने काफी statement दी मैं इसमें comment नही कर पाउँगा, i think ministry of defence would be better place कि आप कितने दूर आए, कहाँ आएं मुझे doubt है। हमने position जिस तरह से आप जानते है वहां पे तैनात है सेना और मैं इसमें मानने के लिए तैयार नही हूँ कि कहाँ आ गए। इसमें line of actual control कहाँ पे perception है, so ये मुद्दा complicated है और media reports पर मैं ऐसे comments नही करूँगा। मैंने भी media reports में ही ये देखा था पर अगर आप exactly जानना चाहते है उसमें क्या हुआ developments I think हमारे defence forces से आपको पूछना पड़ेगा उस बारें में। पर आपने generally एक comment पूछा था कि क्या होने वाला है। देखिए, हम कोशिश तो यही करते है कि LAC को strict observe किया जाए, हमारा जो perception है और both sides उसको respect करें और कोई unilateral change ना हो। आपने पूछा 25th meeting WMCC की हुई थी, 14 October को हुई थी हमने एक Press Release भी जारी की थी उसके बाद, उसमें ये decide किया गया था 17वीं round senior commanders की early date पर होगी, अभी मेरे पास कोई बयान, कोई update नही है उसके बारें में, कुछ update होगा तो जरुर आपसे share करेंगें। आपने special representative के बारें में कहा, कोई अभी ऐसा कोई date नही है share करने के मुझे लगता है कि रक्षा मंत्री बेहतर स्थिति में होंगे।

राजेश मेरे पास आपके लिए एक आसान सा जवाब है। काश मुझे स्पस्ट रूप से पता होता । मुझे नहीं पता कि वे क्या चर्चा करेंगे। यूक्रेन में संघर्ष पर हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है। मुझे नहीं पता कि मुझे इसे फिर से दोहराने की जरूरत है या नहीं। हमने हमेशा बातचीत और कूटनीति पर लौटने की जरूरत पर जोर दिया है। मुझे विश्वास है कि विदेश मंत्री निश्चित रूप से इसे दोहरा रहे होंगे। लेकिन इससे आगे, मैं यह नहीं कह सकता कि वे क्या चर्चा करेंगे या क्या नहीं।

सृंजॉय जैसा कि मैंने कहा कि जब मैं अंदर आया तब यह घटना चल रही थी , मेरे पास साझा करने के लिए और कुछ नहीं है। मेरे पास निश्चित रूप से यहाँ कोई अतिरिक्त जानकारी नहीं है। हम इस चल रही कहानी के घटनाक्रम का बारीकी से अनुसरण करेंगे। अभिषेक, मैंने इस पर कुछ मीडिया रिपोर्ट्स देखीं। देखो निर्वासन और आप्रवास ये मुद्दे सीधे हमारे अधीन नहीं हैं। इसलिए मैं आपको संबंधित अधिकारियों और गृह मंत्रालय या आप्रवासन ब्यूरो के पास जाने के लिए कहूँगा, क्योंकि किसी भी प्रकार के यदि, क्यों, कितने जैसे प्रश्नों पर मेरे पास साझा करने के लिए कुछ विशेष नहीं है।

विनीत जी आपका प्रश्न था about details, नही मेरे पास अभी और details होता तो मैं आपको जरुर share करता, मेरे पास अभी जो share करने के लिए है मैंने कह दिया। हमारी अपेक्षा Canadian authorities से जो है पूछा था शशांक जी ने कि हम क्या चाहते है हमारी जो concerns क्या है तो हमने कहा है कि ऐसी anti-India activities रोकी जाएं, ऐसे unfriendly जो activities हो रही है इसमें violence पहले हो चूका है। ऐसे radicals को allow नही किया जाए जिनको हमने terrorist mark कर दिया है उसके ऊपर similarly वो भी कारवाई करें, इससे ज्यादा details बोलना भी नही चाहिए।

ठीक है, मैं त्‍वरित प्रश्‍नों का अंतिम दौर लूँगा। मुझे लगता है कि मैंने पहली बार किसी और को देखा। हाँ कृपया।

वक्ता 1: महोदय, त्वरित प्रश्न यह है कि यूके के साथ एफटीए पर बातचीत कहाँ तक पहुँची है और क्या हमारे पास कोई नई समयरेखा या तारीख है?

इलियाना: क्या भारत 19 नवंबर को समाप्त होने वाले ग्रीन डील पर घटनाक्रमों, स्थिति का अनुसरण करता है? और भारत की स्थिति क्या है? तो क्या आप मानते हैं कि यह महत्वपूर्ण है, इस ग्रीन डील को आगे बढ़ाना आवश्यक है, जो 19 नवंबर को समाप्त हो रही है।

सिद्धांत: महोदय, हाल ही में एक रूसी केंद्र ने कहा कि जब परमाणु हथियारों या परमाणु की बात आती है तो पाकिस्तान और यूक्रेन के बीच एक सांठगांठ होती है। इस गठजोड़ पर भारत की क्या प्रतिक्रिया है, जबकि यह मास्को और इस्लामाबाद के बीच एक द्विपक्षीय मुद्दा है? भारत ने अतीत में इसी प्रकार पाकिस्तान से उत्तर कोरिया तक परमाणु प्रसार के बारे में चिंता व्यक्त की है।

शशांक मट्टू: अब नई दिल्ली में अमेरिकी राजदूत के बिना 18 महीने हो गए हैं, यह सबसे लंबी अवधि रही है कि हमें नई दिल्ली में कोई राजदूत नहीं मिला है। यह हमारे संबंधों को कैसे प्रभावित कर रहा है? बेशक, दोनों देशों के बीच एक मजबूत सहयोग है, लेकिन साथ ही, यहाँ किसी राजदूत का न होना द्विपक्षीय संबंधों को कैसे प्रभावित करता है?

अभिषेक: महोदय, ट्विटर के नए सीईओ एलोन मस्क ने घोषणा की है कि प्रत्येक ब्लू टिक धारक के लिए $8 का शुल्क होगा। मेरा मानना है कि विदेश मंत्रालय के पास भी ब्लू टिक है। तो क्या आप इसके लिए भुगतान करेंगे या आपने इस घोषणा पर ध्यान दिया होगा।

देवीरूपा: महोदय, इंडिया ने अगस्त में श्रीलंका पर एक बयान जारी किया था।

श्री अरिंदम बागची, सरकारी प्रवक्ता: क्या बयान ?

देवीरूपा: क्षमा करें, श्रीलंका में भारतीय पर्यटकों के लिए परामर्श। मैं सिर्फ यह जानना चाहती थी कि क्या वह परामर्श अभी भी कायम है।

येशी: द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से येशी। सीओपी 27 में भारत का प्रतिनिधित्व कौन करेगा?

श्री अरिंदम बागची, आधिकारिक प्रवक्ता: यूके एफटीए पर बातचीत के सम्बन्ध में । देखिए, यूके एफटीए पर, मुझे लगता है कि हमने इसके बारे में कुछ बार बात की है कि हमारा दृष्टिकोण कैसा है, मुझे लगता है कि आपका प्रश्न यूके में हाल ही में सरकार में बदलाव के आलोक में है, मुझे बस इतना कहना है कि एफटीए पर दोनों पक्ष ईमानदारी से काम कर रहे हैं। जैसा कि आप जानते हैं, यह मुद्दा प्रधानमंत्री और ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री के बीच फोन पर हुई बातचीत के दौरान भी आया था। जैसा कि हमने पहले कहा है, बातचीत का मामला, बेशक, व्यापार मंत्रियों और उनके अधिकारियों की टीमों पर छोड़ देना सबसे अच्छा होता है। इसलिए मैं स्थिति पर टिप्पणी नहीं कर सकता। मेरे पास निश्चित रूप से कोई नई लक्ष्य तिथि नहीं है। अभी हाल के दिनों की बात है। परंतु जैसा कि मैंने कहा, दोनों पक्ष एफटीए पर काम कर रहे हैं।

ग्रीन डील पर, देखिए, मैं एक बड़ा विचार रखूँगा, ऐलेना, हम दुनिया भर के देशों, विशेष रूप से विकासशील दुनिया, वैश्विक दक्षिण में उर्वरकों, भोजन, साथ ही ऊर्जा की उच्च कीमतों के प्रभाव के बारे में बात कर रहे हैं जो विश्व भर के देशों को प्रभावित कर रहा है और जाहिर है, कुछ भी जो उपलब्धता बढ़ाने, भोजन की लागत को कम करने आदि की उस प्रक्रिया को में मदद करता है, स्वागत योग्य विकास होगा। ग्रीन डील पर मेरी कोई विशेष टिप्पणी नहीं है, क्योंकि हम इसमें सीधे तौर पर शामिल नहीं हैं। लेकिन हमने रिपोर्टें देखी हैं कि बहाली हो गई है। तो उम्मीद है कि वह उस पहलू को संबोधित करेंगे।

सिद्धांत बड़े मुद्दे पर, मैं आपसे सहमत हूँ, हाँ, हमने अतीत में पाकिस्तान से परमाणु प्रौद्योगिकी के प्रसार के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की है, लेकिन मैं इस सामान्य मीडिया रिपोर्टों या अन्य लोगों के बयानों पर टिप्पणी नहीं करना चाहूँगा। मुझे लगता है कि यह एक गंभीर विषय है जिस पर हम इसके सटीक तथ्यों को जानने के बाद ही कोई टिप्पणी करेंगे। बेशक, अगर इस तरह का कोई नेक्सस या प्रसार होता है, तो यह न केवल भारत के लिए बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय है।

शशांक, आपके प्रश्न पर, मुझे डर है कि मेरे पास यह कहने के लिए बहुत कुछ नहीं है, राजदूत या प्रतिनिधियों के भेजने का विकल्प राज्य का है। लेकिन मैं यह कहना चाहूँगा कि जैसा कि आपने भी कहा है कि मुझे लगता है कि अमेरिका के साथ हमारे जीवंत संबंध हैं और वे निरंतर मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं। हम निश्‍चित रूप से आशा करते हैं कि इस पद पर नियुक्ति हो जाए, परंतु अंतत: यह अमेरिकी पक्ष का आह्वान है।

अभिषेक, हाँ, हमने नोट किया है। मुझे नहीं पता कि क्या यह औपचारिक बयान है, मुझे नहीं पता कि प्रक्रिया क्या है, अगर यह पहले से ही चल रही है, तो हमने केवल सशुल्क सदस्यता सेवा के तंत्र के बारे में बयानों को देखा है। जैसा कि आप जानते हैं, हम ट्विटर का उपयोग करते हैं और आप सभी भी ऐसा ही करते हैं। तो मैं इस सवाल को आपकी तरफ घुमा सकता हूँ। लेकिन हम इस आधार पर निर्णय लेंगे कि सदस्यता सेवा, जब भी और जैसी होती है, की रूपरेखा क्या होगी ।

देवीरूपा आपने परामर्श के बारे में पूछा था । मुझे लगता है कि एडवाइजरी वापस नहीं ली गई थी। जहाँ तक मेरी जानकारी है, हमने इसे दोहराया नहीं है, लेकिन उस समय हमारी कुछ चिंताएं थीं। मेरे पास इस बारे में तत्काल कोई अपडेट नहीं है कि इसे दोहराने की आवश्यकता है या वह अभी भी है, हमने निश्चित रूप से इसे वापस नहीं लिया है। जमीनी स्तर पर स्थिति के संबंध में कुछ चिंताएं थीं, जब और जैसे हमें लगेगा कि हमें कुछ अद्यतन जारी करने या इसे बदलने की आवश्यकता है तो हम निश्चित रूप से ऐसा करेंगे। और सीओपी 27 पर, उच्च स्तरीय यात्राओं के बारे में, हम घोषणा करेंगे, मुझे नहीं पता कि अंततः कौन भाग लेगा और जब हम इसकी घोषणा करेंगे तो हम उसे आपके साथ साझा करेंगे। ठीक है बहुत बहुत धन्यवाद।

Write a Comment एक टिप्पणी लिखें
टिप्पणियाँ

टिप्पणी पोस्ट करें

  • नाम *
    ई - मेल *
  • आपकी टिप्पणी लिखें *
  • सत्यापन कोड * पुष्टि संख्या